शाहीन बाग के आयोजन के पीछे थी PFI व SDPI
- दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की पृष्ठभूमि में शाहीन बाग में किया गया विरोध–प्रदर्शन स्वतंत्र आंदोलन नहीं था।
- न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ के समक्ष पुलिस ने कहा कि पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) शाहीन बाग के पीछे थी।
- नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध–प्रदर्शन में पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़की थी, जिसमें 52 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से अधिक घायल हो गए थे।