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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार

भारत ने वैश्विक प्रोत्साहन और मानवाधिकारों के संरक्षण और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारों के समर्थन के लिए अपनी प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में चार स्वैच्छिक ट्रस्ट फंडों में चार लाख अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया है।

इसके बारे में:

  • संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन, जिनेवा ने एक ट्वीट में कहा कि योगदान इस संबंध में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • जिन चार ट्रस्ट फंडों में योगदान दिया गया है, उनमें अत्याचार के पीड़ितों के लिए स्वैच्छिक कोष, तकनीकी सहयोग के लिए स्वैच्छिक कोष, सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता के लिए स्वैच्छिक कोष, और स्वैच्छिक तकनीकी सहायता ट्रस्ट फंड शामिल हैं। परिषद के काम में कम से कम विकसित देशों (एलडीसी) और छोटे द्वीप विकासशील राज्यों (एसआईडी) की भागीदारी का समर्थन करते हैं।

परिचय:

  • मानवाधिकार परिषद संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर एक अंतर-सरकारी निकाय है जो विश्व भर में मानवाधिकारों के संवर्द्धन और संरक्षण को मज़बूटी प्रदान करने के लिये उत्तरदायी है।

गठन:

  • इस परिषद का गठन वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा किया गया था। इसने पूर्ववर्ती संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग का स्थान लिया।
  • संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) मानव अधिकार परिषद के सचिवालय के रूप में कार्य करता है।
  • इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है।

सदस्य:

  • इसका गठन 47 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से मिलकर हुआ है जो संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा चुने जाते हैं।
    • संयुक्त राष्ट्र संघ मानवाधिकारों के संवर्द्धन और संरक्षण में भागीदार राज्यों के योगदान के साथ-साथ इस संबंध में उनके द्वारा की गई स्वैच्छिक प्रतिज्ञाओं और प्रतिबद्धताओं को भी ध्यान में रखता है।
  • परिषद की सदस्यता समान भौगोलिक वितरण पर आधारित है। इसकी सीटों का वितरण निम्नलिखित प्रकार से किया गया है:
    • अफ्रीकी देश: 13 सीटें
    • एशिया-प्रशांत देश: 13 सीटें
    • लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन देश: 8 सीटें
    • पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देश: 7 सीटें
    • पूर्वी यूरोपीय देश: 6 सीटें
  • परिषद के सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है और लगातार दो कार्यकाल की सेवा के बाद कोई भी सदस्य तत्काल पुन: चुनाव के लिये पात्र नहीं होता है।

प्रक्रिया और तंत्र:

  • सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा: सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा (Universal Periodic Review- UPR) यूपीआर सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों में मानवाधिकार स्थितियों का आकलन का कार्य करता है।
  • सलाहकार समिति: यह परिषद के “थिंक टैंक” के रूप में कार्य करता है जो इसे विषयगत मानवाधिकार मुद्दों पर विशेषज्ञता और सलाह प्रदान करता है।
  • शिकायत प्रक्रिया: यह लोगों और संगठनों को मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़े मामलों को परिषद के ध्यान में लाने की अनुमति देता है।
  • संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रक्रिया: ये विशेष प्रतिवेदक, विशेष प्रतिनिधियों, स्वतंत्र विशेषज्ञों और कार्य समूहों से बने होते हैं जो विशिष्ट देशों में विषयगत मुद्दों या मानव अधिकारों की स्थितियों की निगरानी, जाँच करने, सलाह देने और सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट करने का कार्य करते हैं।

SOURCE-AIR

PAPER-G.S.2

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