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सब्जियों की सप्लाई बनाए रखने में ‘ऑपरेशन ग्रीन’ सफल

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सब्जियों की सप्लाई बनाए रखने मेंऑपरेशन ग्रीनसफल

  • सब्जियों की सप्लाई को बनाए रखने मेंऑपरेशन ग्रीनको सफलता मिलने लगी है जिससे बाजार में पूरे वर्ष मूल्यों में बहुत उतारचढ़ाव को रोकने में मदद मिली है।
  • ऑपरेशन ग्रीन की लगभग तीन दर्जन परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है, जिसके नतीजे भी किसानों के खेतों से लेकर जिंस बाजार में दिखने लगे हैं
  • इन परियोजनाओं पर तकरीबन ढाई हजार करोड़ से अधिक की धनराशि के खर्च होने का अनुमान है। किसानों और उपभोक्ताओं से जुड़ी इन परियोजनाओं में दूसरे मंत्रालयों की भी मदद ली जा रही है।

ऑपरेशन ग्रीन स्कीम:

  • कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओज), कृषि लॉजिस्टिक्स, प्रसंस्करण सुविधाओं तथा व्यावसायिक प्रबंधन के प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बजट 2018-19 के बजट भाषण मेंऑपरेशन फ्लडकी तर्ज पर 500 करोड़ रुपए के परिव्यय से एक नई स्कीमऑपरेशन ग्रीन्सकी घोषणा की गई थी

  • तद्नुसार, मंत्रालय ने टमाटर, प्याज एवं आलू (टॉप) की मूल्य श्रृंखला के एकीकृत विकास के लिए एक स्कीम का निरूपण किया है।
  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) की ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के दो प्रमुख कंपोनेंट में पहला अल्पकालिक है, जिसमें कीमतों को स्थिर बनाए रखने के लिए किसानों के खेतों से उपज को बाजार तक पहुंचाने के ढुलाई खर्च का 50 फीसद सरकारी सब्सिडी दी जाती है, जबकि दूसरे कंपोनेंट में दीर्घकालिक रणनीति अपनाई जा रही है। इसमें विभिन्न कच्ची फसलों और फलों को बाजार तक पहुंचाने के साथ उसे लंबे समय तक संरक्षित करने पर जोर है।
  • ऑपरेशन ग्रीन को सफल बनाने में कृषि, खाद्य, उपभोक्ता मामले, खाद्य प्रसंस्करण, रेल और नागरिक उड्डयन मंत्रालय संयुक्त रूप से प्रयास कर रहे हैं। ऑपरेशन ग्रीन में फिलहाल पूर्व की निर्धारित तीन प्रमुख सब्जियों टमाटर, प्याज और आलू (टॉप) के साथ 22 अन्य फसलों को भी इसकी सूची में शामिल किया गया है।
  • ऑपरेशन ग्रीन के दोनों कंपोनेंट के लिए तैयार प्रोजेक्ट के बाबत नवंबर 2022 में प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को आमंत्रित किया गया, जिसमें 56 आवेदन आए, लेकिन पहले चरण में 46 को मंजूर कर लिया गया है। इन परियोजनाओं की कुल लागत 2200 करोड़ रुपये से अधिक आने का अनुमान है। इनमें प्राइवेट सेक्टर का निवेश 1752 करोड़ से अधिक का हुआ है। इससे कुल 8.25 लाख टन खाद्य प्रसंस्करण की क्षमता बढेगी, जबकि 1.81 लाख टन कच्ची उपज (पेरसेबल) की कोल्ड स्टोरेज क्षमता का विस्तार होगा।

ऑपरेशन ग्रीन से लाभ:

  • ऑपरेशन ग्रीन के अमल में आने के बाद से देश के एक छोर से दूसरे छोर तक फल और सब्जियों की सप्लाई में सहूलियत हुई हैढुलाई में 50 फीसद की सब्सिडी से कीमतें काबू में रही हैं।
  • इसके अलावा उत्पादन के समय कीमतों को घटने से रोकने के लिए बाजार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र की सक्रियता बढ़ी है।
  • किसान रेल, किसान उड़ान और अन्य संसाधनों से ढुलाई पर भी रियायत दी जा रही है।
  • इसके अलावा कोल्ड चेन की सुविधा बढ़ने से भी बाजार को नियंत्रित करने में मदद मिली है। इससे किसानों के साथ उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है।

PMKSY:

  • वर्ष 2018 में पीएमकेएसवाई की शुरुआत हुई थी, जिसके नतीजे अब दिखने लगे हैं। आलू, प्याज और टमाटर में अप्रत्याशित उतारचढ़ाव को रोकने में मदद मिली है।
  • इसके तहत वैल्यू चेन विकास वाली परियोजनाओं पर 35 से 50 फीसद तक की सब्सिडी का प्रावधान है।
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