साइबर सुरक्षा अभ्यास “सिनर्जी”
- भारत सरकार के इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के तहत इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी–इन) ने सिंगापुर की साइबर सुरक्षा एजेंसी (सीएसए) के सहयोग से आज 13 देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय रैनसमवेयर विरोधी पहल– रिजीलियन्स वर्किंग ग्रुप – के हिस्से के रूप में साइबर सुरक्षा अभ्यास “सिनर्जी” की रूपरेखा तैयार करके उसका सफलतापूर्वक संचालन किया।
- रिजीलियन्स वर्किंग ग्रुप का नेतृत्व भारत द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) के नेतृत्व में किया जा रहा है।
- इस अभ्यास का विषय “रैनसमवेयर हमलों से निपटने के लिए सुदृढ़ नेटवर्क बनाना“ था।
- इस अभ्यास परिदृश्य वास्तविक जीवन की साइबर घटनाओं से लिया गया था, जिसमें घरेलू स्तर की रैनसमवेयर की एक घटना बड़ी होकर वैश्विक साइबर सुरक्षा संकट का रूप ले लेती है।
- सीईआरटी-इन द्वारा अभ्यास “सिनर्जी” का आयोजन अभ्यास से संबंधित अपने सिमुलेशन प्लेटफॉर्म पर किया गया था।
उद्देश्य:
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- इस अभ्यास का विशिष्ट उद्देश्य रैनसमवेयर और जबरन वसूली की नीयत से किए गए साइबर हमलों के खिलाफ सुदृढ़ नेटवर्क बनाने हेतु सदस्य-देशों के बीच विभिन्न रणनीतियों एवं कार्यप्रणालियों का आकलन व आदान – प्रदान करना और उन्हें बेहतर बनाना था।
- अभ्यास “सिनर्जी” अपने उद्देश्यों को पूरा करने में सफल रहा और इसने सीआरआई के सदस्य देशों के बीच बेहतर समन्वय एवं सहयोग से संबंधित अंतर्दृष्टि प्रदान की ताकि नेटवर्क को सुदृढ़ बनाया जा सके और रैनसमवेयर हमलों से कारगर तरीके से निपटा जा सके।
क्या होता है रैनसमवेयर?
- रैनसमवेयर एक तरह का मालवेयर होता है, जो किसी कंप्यूटर में घुसकर एक्सेस हासिल कर लेता है तथा सभी फाइल को इन्क्रिप्टेड कर देता है। डेटा और एक्सेस वापस देने के एवज में फिरौती की मांग करता है।
- आसान भाषा में इसे किडनैपिंग समझ सकते हैं। कोई लुटेरा आपके सिस्टम और डेटा को कैद कर लेता है और उसके बदले फिरौती मांगता है।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS -3, के “संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।