हाइड्रोजन सेंसिंग और विश्लेषण प्रौद्योगिकी
- केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने हाइड्रोजन सेंसिंग और विश्लेषण प्रौद्योगिकी के स्वदेश में विकास के लिए महाराष्ट्र से एक हाइड्रोजन स्टार्टअप को 29 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है।
- हाइड्रोजन स्टार्टअप के लिए वित्तीय सहायता प्रधानमंत्री राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (एनएचएम) की उस परिकल्पना के अनुरूप है जिसकी 15 अगस्त 2021 को घोषणा की गई थी।
- राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (एनएचएम) का लक्ष्य अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने एवं भारत को हरित हाइड्रोजन हब बनाने में सरकार की सहायता करना है। इससे 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने और अक्षय ऊर्जा क्षमता से संबंधित विकास में सहायता मिलेगी।
क्या है हाइड्रोजन ईंधन (Hydrogen Fuel) ?
- आवर्त सारणी पर हाइड्रोजन पहला और सबसे हल्का तत्त्व है। चूंकि हाइड्रोजन का वजन हवा से भी कम होता है, अतः यह वायुमंडल में ऊपर की ओर उठती है। इसलिए यह शुद्ध रूप में बहुत कम ही पाई जाती है।
- ऑक्सीजन के साथ दहन के दौरान हाइड्रोजन एक शून्य-उत्सर्जन ईंधन(जलवाष्प) है।
- इसका उपयोग फ्यूल सेल या आंतरिक दहन इंजन में किया जा सकता है।
- यह अंतरिक्ष यान प्रणोदन के लिए ईंधन के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
- अतः अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) से बिजली का उपयोग करके ऐसे हाइड्रोजन ईंधन का उत्पादन करना, जिसे हरित हाइड्रोजन कहा जाता है, अब राष्ट्र की पर्यावरणीय रूप से स्थायी ऊर्जा सुरक्षा के लिए प्रमुख आवश्यकताओं में से एक है।
- नीति आयोग की एक रिपोर्ट’ ‘हार्नेसिंग ग्रीन हाइड्रोजन : अपॉर्चुनिटीज फॉर डीप डीकार्बोनाइजेशन इन इंडिया’ शीर्षक के अनुसार हाइड्रोजन ईधन एक हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के उद्भव में तेजी लाने के लिए एक मार्ग प्रदान करेगा, जो वर्ष 2070 तक भारत के लिए अपनी शुद्ध-शून्य महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
- स्वदेशी रूप से हाइड्रोजन संवेदक (सेंसर) के निर्माण का समर्थन करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अंतर्गत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) तथा मेसर्स मल्टी नैनो सेंस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, महाराष्ट्र के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर ।
- इन सेंसरों की प्रमुख गुणवत्ता 1 पीपीएम से 100% शुद्ध हाइड्रोजन तक विश्लेषण कर सकते हैं।
Note: यह सूचना प्री में एवं मेंस के GS-3, के “विज्ञान और प्रौद्योगिकी–विकास” वाले पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ है।