वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 पेश करते हुए ऐलान किया कि सरकार चिप आधारित ई-पासपोर्ट (e-Passport) जारी करेगी। इसके साथ ही ई-पासपोर्ट की चर्चा तेज हो गई। हालांकि, ई-पासपोर्ट को लेकर काफी पहले से बातें हो रही हैं लेकिन अब यह बातें और तेज हो गई हैं।
ई-पासपोर्ट क्या है?
ई-पासपोर्ट में स्मार्ट कार्ड प्रौद्योगिकी है, जिसमें एक ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ (आरएफआईडी) चिप लगी होगी। यह चिप उन्नत सुरक्षा विशेषताओं से लैस होगी। ई-पासपोर्ट धारक का पूरा व्यक्तिगत (नाम, पता आदि- जो भी सामान्य पास पोर्ट में होता है) विवरण चिप के अंदर डिजिटल रूप में डाला गया होता है, जो उसकी पहचान कराता है। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने 3 फरवरी को राज्यसभा में बताया था कि चिप की विशेषताएं, संयुक्त राष्ट्र की विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसी अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) के दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं, जो ई-पासपोर्ट सहित अंतरराष्ट्रीय यात्रा दस्तावेजों के मानकों को परिभाषित करती है। इसमें कागज और चिप दोनों पर जानकारी होगी।
ई-पासपोर्ट कैसे काम करता है?
जैसा कि हमने बताया कि ई-पासपोर्ट धारक का पूरा व्यक्तिगत विवरण चिप के अंदर डिजिटल रूप से मौजूद होगा, जिसे पासपोर्ट बुकलेट में शामिल किया जाएगा। इसी से व्यक्ति की पहचान होगी। वी मुरलीधरन ने राज्यसभा में यह भी बताया कि अगर कोई उस चिप के साथ छेड़छाड़ करेगा तो प्रणाली उसकी पहचान कर लेगी और पासपोर्ट का प्रमाणीकरण प्रमाणीकरण नाकाम हो जाएगा। इसका आसान शब्दों में मतलब है कि आपके ई-पासपोर्ट का कोई दूसरा व्यक्ति गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
ई-पासपोर्ट कब तक जारी होंगे?
एस जयशंकर ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताय था कि ई-पासपोर्ट के संबंध में प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 4.5 करोड़ चिप के लिए आशय-पत्र (एलओआई) भी जारी हो चुके हैं। जयशंकर ने कहा था अगले कुछ दिनों में इसके लिए अनुबंध दिये जाने के बाद छह महीने के अंदर ई-पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इस समय नमूना पासपोर्ट का परीक्षण किया जा रहा है।
ई-पासपोर्ट से डेटा चोरी का खतरा?
एस जयशंकर का कहना है कि डेटा को एक विशिष्ट प्रक्रिया के जरिए चिप में डाला जाता है और विशेष प्रिंटर से छापा जाता है। यह प्रक्रिया कई चरणों में होती है। उन्होंने कहा, “हम डेटा चोरी (स्किमिंग) होने के खतरों को लेकर बहुत सतर्क हैं। इसलिए नमूना पासपोर्ट परीक्षण प्रक्रिया (टेस्टबेड) से गुजर रहा है। जब तक पासपोर्ट को अधिकारी के हाथ में नहीं सौंपा जाता, डेटा चोरी होने की आशंका नहीं है।”
ई-पासपोर्ट के फायदे?
ई-पासपोर्ट से यात्रा को सुगम और त्वरित हो पाएगी। इसी उद्देश्य से ई-पासपोर्ट लाए जा रहे हैं। 4 फरवरी को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में कहा था कि ई-पासपोर्ट जारी करने का उद्देश्य यात्रा को सुगम, त्वरित बनाना और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चत करना है।
ई-पासपोर्ट कौन बनवा सकता है?
ई-पासपोर्ट सेवा सभी भारतीय नागरिकों के लिए होगी। इस कोई भी वह व्यक्ति बना सकेगा, जो सामान्य पासपोर्ट बनवाने के लिए योग्य है। इसमें किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
SOURCE-DANIK JAGRAN
PAPER-G.S.1PRE