अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency – IEA) ने द्वि-वार्षिक ‘Electricity Market Report’ के अपने प्रारंभिक 2022 संस्करण को जारी किया।
रिपोर्ट के मुख्य तथ्य
- इस रिपोर्ट के अनुसार, बिजली की मांग में वृद्धि को पूरा करने के लिए देश बड़े पैमाने पर जीवाश्म ईंधन की ओर रुख कर रहे हैं।
- 2021 में वैश्विक बिजली की मांग में साल-दर-साल 6% की वृद्धि हुई। यह 2008 की आर्थिक मंदी के बाद से IEA द्वारा दर्ज की गई साल-दर-साल की सबसे बड़ी वृद्धि थी।
- वैश्विक ऊर्जा तीव्रता (energy intensity) में साल-दर-साल 9% की कमी आई है। 2050 तक नेट-जीरो की नींव रखने के लिए आवश्यक स्तर की तुलना में यह गिरावट केवल आधी थी।
- 2021 में, नवीकरणीय ऊर्जा से बिजली उत्पादन में साल-दर-साल 6% की वृद्धि हुई। कोयले से उत्पादन में 9% की वृद्धि हुई। इस वृद्धि का नेतृत्व चीन और भारत जैसे बाजारों ने किया।
- गैस से चलने वाले उत्पादन में 2% की वृद्धि हुई। इस वृद्धि के परिणामस्वरूप बिजली क्षेत्र से उत्सर्जन में साल-दर-साल 7% की वृद्धि हुई।
IEA की चिंताएं
- IEA के अनुसार बढ़ते शुद्ध-शून्य आंदोलन (net-zero movement) के बावजूद, देश बढ़े हुए उत्सर्जन से बढ़ी हुई बिजली की मांग को कम करने में विफल हो रहे हैं।
- IEA के अनुसार, अगले तीन वर्षों तक बिजली क्षेत्र का उत्सर्जन समान स्तर पर रहेगा।
- IEA के 2050 तक नेट-शून्य, 2019 बेसलाइन के विपरीत, 2030 तक क्षेत्रीय उत्सर्जन में 55% की कमी का आह्वान करता है।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी
- स्थापना : IEA एक स्वायत्त अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना (वर्ष 1974 में) वर्ष 1973 के तेल संकट के बाद हुई थी।
- जनादेश : समय के साथ IEA के जनादेश को प्रमुख वैश्विक ऊर्जा रुझानों पर नज़र रखने और उनका विश्लेषण करने, ध्वनि ऊर्जा नीति को बढ़ावा देने और बहुराष्ट्रीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिये विस्तारित किया गया है।
- लक्ष्य : इसका लक्ष्य सदस्य देशों के लिये विश्वसनीय, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करना है।
- कार्यक्षेत्र के प्रमुख बिंदु : इसका लक्ष्य चार मुख्य क्षेत्रों (4E) द्वारा निर्देशित है-
- ऊर्जा सुरक्षा
- आर्थिक विकास
- पर्यावरणीय जागरूकता
- विश्व को सहयोगी के तौर पर शामिल करना
- मुख्यालय (सचिवालय) : पेरिस (फ्राँस)।
- शासी बोर्ड IEA का मुख्य निर्णय लेने वाला निकाय है।
- यह प्रत्येक सदस्य देश के ऊर्जा मंत्रियों या उनके वरिष्ठ प्रतिनिधियों से मिलकर बना है।
- सदस्य : वर्तमान में इसके 30 सदस्य हैं।
- इसका सदस्य बनने के लिये उम्मीदवार देश को OECD का सदस्य देश होना चाहिये, लेकिन सभी OECD के सदस्य IEA के सदस्य नहीं हैं।
सदस्यता के लिये पात्रता :
- कच्चे तेल और/या उत्पाद का भंडार पिछले वर्ष के 90 दिनों के शुद्ध आयात के बराबर हो।
- भारत क्रूड ऑयल रिज़र्व के मानदंडों को पूरा नहीं करता है। वर्तमान में भारत देश की कच्चे तेल की आवश्यकताओं के अनुसार 10 दिनों के क्रूड ऑयल को संग्रहीत करता है, साथ ही घरेलू रिफाइनरी भी 65 दिनों के क्रूड स्टोरेज को संग्रहीत करती हैं। सरकार कच्चे तेल की अन्य 12 दिनों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये ‘सामरिक कच्चे तेल भंडार’ का निर्माण भी कर रही है।
- एक राष्ट्र द्वारा तेल की खपत को 10% तक कम करना।
- राष्ट्रीय आधार पर ‘समन्वित आपातकालीन प्रतिक्रिया उपाय’ (Coordinated Emergency Response Measures-CERM) के संचालन के लिये विधानों और संगठनों का निर्माण करना।
- IEA की सामूहिक कार्रवाई में अपने हिस्से का योगदान करने की क्षमता सुनिश्चित करने के लिये किये गए उपाय।
रिपोर्ट्स :
- वैश्विक ऊर्जा और CO2 स्थिति रिपोर्ट
- वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक
- वर्ल्ड एनर्जी स्टैटिक्स
- वर्ल्ड एनर्जी बैलेंसेज़
- एनर्जी टेक्नोलॉजी पर्सपेक्टिव्स
SOURCE-THE HINDU
PAPER-G.S.3