प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2022 में लिथुआनिया में एक नए भारतीय मिशन को खोलने की मंजूरी दी है।
लिथुआनिया में भारतीय मिशन के खुलने से भारत की राजनयिक उपस्थिति का विस्तार करने; राजनीतिक संबंधों और रणनीतिक सहयोग को मज़बूत करने; द्विपक्षीय व्यापार, निवेश व आर्थिक संपर्क में वृद्धि को सक्षम करने; लोगों के बीच परस्पर संपर्क को और मज़बूत करने के लिए सुविधा प्रदान करने; बहुपक्षीय मंचों पर राजनीतिक आउटरीच को अधिक निरंतरता प्रदान करने की अनुमति देने तथा भारतीय विदेश नीति के उद्देश्यों के लिए समर्थन जुटाने में मदद मिलेगी। लिथुआनिया में भारतीय मिशन भारतीय समुदाय की बेहतर सहायता करेगा और उनके हितों की रक्षा करेगा।
लिथुआनिया में एक नया भारतीय मिशन खोलने का निर्णय, विकास की हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता व ‘सबका साथ सबका विकास’ की दिशा में एक अग्रगामी कदम है। भारत की राजनयिक उपस्थिति को बढ़ाने, अन्य बातों के साथ-साथ, भारतीय कंपनियों के लिए बाजार तक पहुंच प्रदान करेगी और वस्तुओं व सेवाओं के भारतीय निर्यात को बढ़ावा देगी। आत्मनिर्भर भारत’ के हमारे लक्ष्य के अनुरूप घरेलू उत्पादन और रोजगार को बढ़ाने में इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा।
लिथुआनिया
लिथुआनिया यूरोप महाद्वीप के उत्तरी भाग में बाल्टिक सागर के किनारे स्थित एक देश है। यह तीन बाल्टिक देशों (लिथुआनिया, लातविया और ऍस्तोनिया) में से सबसे बड़ा है।
लिथुआनिया (Lithuania), आधिकारिक तौर पर लिथुआनिया गणराज्य (Republic of Lithuania), यूरोप के बाल्टिक क्षेत्र में स्थित एक देश है। यह तीन बाल्टिक राज्यों में एक है, जो बाल्टिक सागर के पूर्वी तट पर स्थित है। लिथुआनिया उत्तर में लातविया, पूर्व और दक्षिण में बेलारूस, दक्षिण में पोलैंड और दक्षिण-पश्चिम में रूस के साथ भूमि सीमा साझा करता है (Lithuania Neighboring Countries)। लिथुआनिया की 2.8 मिलियन आबादी है (Lithuania Population)। यह राष्ट्र 65,300 वर्ग किलोमीटर में फैला है (Lithuania Area)। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर विनियस है (Capital of Lithuania)। लिथुआनियाई बाल्ट्स के जातीय-भाषाई समूह से संबंधित हैं और लिथुआनियाई भाषा बोलते हैं
लगभग एक सहस्राब्दी तक बाल्टिक सागर के दक्षिणपूर्वी तट पर विभिन्न बाल्टिक जनजातियों का बसेरा था। 6 जुलाई 1253 को, मिंडागस ने लिथुआनियाई भूमि को एकजुट करके लिथुआनिया साम्राज्य की स्थापना की। 14वीं शताब्दी में, लिथुआनिया का ग्रैंड डची यूरोप का सबसे बड़ा देश था। वर्तमान लिथुआनिया, बेलारूस, यूक्रेन, और पोलैंड और रूस के सभी हिस्से ग्रैंड डची की भूमि थे। 1569 में, ल्यूबेल्स्की संघ ने पोलैंड और लिथुआनिया के राष्ट्रमंडल को स्थापित किया। राष्ट्रमंडल दो शताब्दियों से अधिक समय तक चला। पड़ोसी देशों ने 1772-1795 में इसे नष्ट कर दिया, रूसी साम्राज्य ने लिथुआनिया के अधिकांश क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया (History of Lithuania)।
16 फरवरी 1918 को आधुनिक लिथुआनिया गणराज्य की स्थापना हुई। द्वितीय विश्व युद्ध में, लिथुआनिया पर पहले सोवियत संघ और फिर नाजी जर्मनी ने कब्जा किया। 1944 में, युद्ध के अंत में, जर्मन पीछे हट गए, जिसके बाद सोवियत संघ ने लिथुआनिया पर फिर से कब्जा कर लिया (Soviet Union Reoccupied Lithuania)। 11 मार्च 1990 को, सोवियत संघ के औपचारिक विघटन से एक साल पहले, लिथुआनिया ने लिथुआनिया राज्य के पुनर्स्थापन का अधिनियम पारित किया। यह अपनी स्वतंत्रता की घोषणा करने वाला पहला सोवियत गणराज्य था (First Soviet Republic to Proclaim its Independence)।
लिथुआनिया एक विकसित देश है, जिसकी उच्च आय वाली उन्नत अर्थव्यवस्था है। मानव विकास सूचकांक में इसकी उच्च रैंकिंग है (Lithuania Economy)। यह नागरिक स्वतंत्रता, प्रेस स्वतंत्रता, इंटरनेट स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक शासन और शांति के मामले में भी अच्छी पोजीशन पर है (Lithuania Governance)।
लिथुआनिया यूरोपीय संघ, यूरोप की परिषद, यूरोजोन, नॉर्डिक निवेश बैंक, शेंगेन समझौते, नाटो और ओईसीडी का सदस्य है (Lithuania in World Forums)।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2