स्पेस-एक्स के संस्थापक और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की नज़र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर टिक गई है। मस्क ट्विटर को खरीदने की खुलकर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ट्विटर का बोर्ड उन्हें रोकने के लिए अपने अंतिम विकल्प तक आ गया है।
कंपनी के बोर्ड ने एलन मस्क के जबरन अधिग्रहण (हॉस्टाइल टेकओवर) की कोशिशों से कंपनी को बचाने के लिए ‘पॉइज़न पिल’ का तरीक़ा अपनाया है।
‘पॉइज़न पिल’ किसी कंपनी को जबरन अधिग्रहण से बचाने का एक तरीक़ा है। यह एक सीमित अवधि की शेयरधारक अधिकार योजना है जो किसी को कंपनी में 15 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी खरीदने से रोकती है।
इसमें कंपनी कुछ छूट के साथ दूसरों को कंपनी के अतिरिक्त शेयर खरीदने की अनुमति दे देती है। इससे अधिग्रहण करने की कोशिश करने वाले के शेयरों की क़ीमत कम हो जाती है और अधिग्रहण मुश्किल हो जाता है। साथ ही कंपनी का अधिग्रहण करने की कीमत बढ़ जाती है।
किसी कंपनी के टेकओवर को जबरन तब माना जाता है जब कंपनी को उसके प्रबंधन की मर्ज़ी के बिना अधिग्रहित करने की कोशिश की जाए। ट्विटर के मामले में एक्ज़िटिव बोर्ड उसके प्रबंधन की भूमिका में है।
प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग के पूर्व वित्तीय अर्थशास्त्री जोश व्हाइट ने बीबीसी को बताया कि ‘पॉइज़न पिल’ किसी कंपनी को “जबरन अधिग्रहण से बचाने के लिए बचाव की आख़िरी कोशिश होती है। इसे परमाणु विकल्प की तरह देखा जाता है।”
जोश व्हाइट कहते हैं कि कंपनी के बोर्ड ने ये साफ़ कर दिया है कि “उन्हें नहीं लगता कि कंपनी के लिए इतना मूल्य काफ़ी नहीं है।”
एलन मस्क ने पहले ही ये स्पष्ट कर दिया है कि वो कंपनी के लिए इससे ऊंची क़ीमत पर बात नहीं करेंगे। इसके बाद बोर्ड ने ‘पॉइज़न पिल’ का तरीक़ा अपना लिया है।
SOURCE-BBC NEWS
PAPER-G.S.3