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भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और आयुष मंत्रालय ने ‘आयुर्वेद आहार’ उत्पादों के लिए नियम तैयार किए

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आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत खाद्य विनियमन के लिए भारत के शीर्ष संगठन भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने ‘आयुर्वेद आहार’ श्रेणी के तहत खाद्य उत्पादों के लिए सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों के नियम तैयार किए हैं। यह व्यापक पहल गुणवत्ता वाले आयुर्वेद खाद्य उत्पादों का विनिर्माण सुनिश्चित करेगी और मेक-इन-इंडिया उत्पादों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार का विस्तार करने में मदद करेगी। आयुष मंत्रालय को विश्वास है कि ये नियम आयुष प्रणाली के संरक्षक के रूप में भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करेंगे।

विनियमन के अनुसार, ‘आयुर्वेद आहार’ उत्पादों का उत्पादन और विपणन अब सख्त खाद्य सुरक्षा और मानक (आयुर्वेद आहार) विनियम, 2022 के नियमों का पालन करेगा और एफएसएसएआई से लाइसेंस/अनुमोदन के बाद ही बाजार में उपलब्ध होगा। “आयुर्वेद आहार” श्रेणी के लिए एक विशेष लोगों बनाया गया है, जो आयुर्वेद खाद्य उत्पादों में आसानी से पहचान और गुणवत्ता को सुदृढ़ करेगा।

आयुष मंत्रालय इस समझ के साथ कि खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता निर्माताओं, उपभोक्ताओं के बीच एक साझा जिम्मेदारी है और हमारे द्वारा उपभोग किए जाने वाले भोजन को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए सभी की भूमिका है। कोविड-19 महामारी के फिर से शुरू होने के बाद भोजन, पोषण, स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने के बाद इसे और मजबूत किया गया है।

नियमों के अनुसार, आयुर्वेद की आधिकारिक पुस्तकों में वर्णित व्यंजनों/अवयवों/प्रक्रियाओं के अनुसार तैयार किए गए सभी भोजन को “आयुर्वेद आहार” माना जाएगा। स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए खाद्य व्यंजनों और सामग्री, विशिष्ट शारीरिक आवश्यकताओं और निर्दिष्ट बीमारियों के दौरान या बाद में उपभोग के लिए निर्दिष्ट खाद्य पदार्थ, आयुर्वेद में पथ्य के रूप में संदर्भित विकार इन नियमों के तहत आते हैं।

आयुर्वेद आहार की लेबलिंग में इच्छित उद्देश्य, लक्षित उपभोक्ता समूह, उपयोग की अनुशंसित अवधि और अन्य विशिष्ट आवश्यकताएं निर्दिष्ट होंगी। ‘आयुर्वेद आहार’ की विभिन्न श्रेणियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी दावे और रोग संबंधी जोखिम में कमी के दावे तथा उनकी स्वीकृति प्रक्रिया विनियमों में निर्दिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार होगी। हालांकि, ‘आयुर्वेद आहार’ में आयुर्वेदिक दवाएं या प्रोपराइटरी आयुर्वेदिक दवाएं और औषधीय उत्पाद, सौंदर्य प्रसाधन, नारकोटिक या साइकॉट्रॉपिक पदार्थ तथा जड़ी-बूटियां शामिल नहीं होंगी। इसके अलावा, 2 साल से कम उम्र के छोटे बच्चों के लिए आयुर्वेद आहार की भी सिफारिश नहीं की जाती है।

‘आयुर्वेद आहार’ को पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता है, यह खाद्य सुरक्षा और मानकों (गैर-विशिष्ट खाद्य और खाद्य सामग्री के लिए अनुमोदन) विनियम, 2017 के अनुसार होगा। एफएसएसएआई आयुष मंत्रालय के तहत दावों और उत्पादों के अनुमोदन पर सिफारिश प्रदान करने के लिए एफएसएसएआई के प्रतिनिधियों सहित संबंधित विशेषज्ञों से मिलकर एक विशेषज्ञ समिति का गठन करेगा और यह समिति “आयुर्वेद आहार” से संबंधित पंजीकरण या लाइसेंस या प्रमाणन या प्रयोगशाला मान्यता या परीक्षण या गुणवत्ता के मुद्दों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए भी सशक्त होगी।

खाद्य व्यवसाय संचालक को खाद्य सुरक्षा और मानक विनियमों, प्रासंगिक बीआईएस विनिर्देशों के तहत परिभाषित मानदंडों के अनुसार सामग्री के लिए गुणवत्ता मानकों का पालन करना होगा।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के बारे :

  • केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण का गठन किया।
  • इसका संचालन भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत किया जाता है।
  • इसका मुख्‍यालय दि‍ल्ली में है, जो राज्‍यों के खाद्य सुरक्षा अधिनियम के विभिन्‍न प्रावधानों को लागू करने का कार्य करता है।
  • FSSAI मानव उपभोग के लिये पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात की सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करने का कार्य करता है।
  • इसके अलावा यह देश के सभी राज्‍यों, ज़िला एवं ग्राम पंचायत स्‍तर पर खाद्य पदार्थों के उत्पादन और बिक्री के निर्धारित मानकों को बनाए रखने में सहयोग करता है।
  • यह समय-समय पर खुदरा एवं थोक खाद्य-पदार्थों की गुणवत्ता की भी जाँच करता है।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.2

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