प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की शासन संबंधी क्षमताओं को विकसित करने के लिए संशोधित केंद्र प्रायोजित योजना-राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) को 01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2026 की अवधि (15वें वित्त आयोग की अवधि) के दौरान कार्यान्वयन जारी रखने की मंजूरी दे दी है।
तत्कालीन वित्त मंत्री ने 2016-17 के अपने बजट भाषण में, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने के लिए पंचायती राज संस्थानों की शासन संबंधी क्षमताओं को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की नई पुनर्गठित योजना शुरू करने की घोषणा की। इस घोषणा के अनुपालन में और नीति आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में समिति की सिफारिशों के तहत, आरजीएसए की केंद्र प्रायोजित योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 21 अप्रैल 2018 को वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक (01 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2022) लागू करने के लिए अनुमोदित किया गया था।
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की शुरुआत 1 अप्रैल, 2018 को की गई। इस में निम्नलिखित प्रावधान हैं:
- इस योजना का विस्तार देश के सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों तक है।
- योजना में केंद्र तथा राज्य दोनों घटकों को शामिल किया गया है। राज्य सरकारों में केंद्र तथा राज्य की हिस्सेदारी क्रमश: 60:40 के अनुपात में होगी। पूर्वोत्तर तथा पर्वतीय राज्यों में केंद्र-राज्य वित्तपोषण का अनुपात 90:10 होगा। सभी केंद्रशासित प्रदेशों के लिये केंद्रीय हिस्सेदारी 10 प्रतिशत होगी।
- ग्राम स्वराज अभियान ऐसे गाँवों को लक्षित करता है जहाँ दलित तथा जनजातीय लोगों का आधिक्य है। इसका लक्ष्य सामाजिक सौहार्द्र को बढ़ाना, गरीबों हेतु चलाए जा रहे सरकारी कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और उन्हें इन योजनाओं के विषय में परिचित कराना है।
प्रभाव
- इस योजना से ग्राम सभाओं को मजबूती मिलेगी।
- यह योजना राष्ट्रीय, राज्य तथा ज़िला स्तर पर पर्याप्त मानव संसाधन तथा संरचना के साथ पंचायती राज संस्थाओं की सृजन के लिये संस्थापक ढाँचे की स्थापना करेगी।
- पंचायतों को राष्ट्रीय आधार पर प्रोत्साहन देकर मजबूत बनाया जाएगा।
- स्थानीय स्वशासन को मजबूती प्रदान करने के लिये राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की स्थापना की गई। इसके तहत राष्ट्रीय महत्त्व के उन विषयों को प्राथमिकता दी जाएगी जो वंचित समूहों को प्रभावित करते हैं, जैसे- गरीबी, प्राथमिक, स्वास्थ्य सेवा आहार, टीकाकरण, स्वच्छता, शिक्षा, जल संरक्षण, डिजिटल लेन-देन आदि।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.2