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संकल्प से सिद्धि : नया भारत नया संकल्प पर सम्मेलन का आयोजन

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संस्कृति मंत्रालय, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और इंडिया@75 फाउंडेशन ने आज नई दिल्ली में सुषमा स्वराज भवन में संयुक्त रूप से नया भारत नया संकल्प विषय के साथ संकल्प से सिद्धि पर सम्मेलन का आयोजन किया।

आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन में तीन सत्र हुए। ‘सेलिब्रेटिंग इंडिया@75 एंड मेकिंग वे फॉर इंडिया@100’ विषय के साथ उद्घाटन सत्र में श्रीमती मीनाक्षी लेखी, राज्य मंत्री विदेश और संस्कृति मंत्रालय; श्री गोविंद मोहन, सचिव, संस्कृति मंत्रालय और श्री संजीव बजाज, नामित अध्यक्ष, सीआईआई की सक्रिय भागीदारी दर्ज की गई।

देश की भलाई के लिए एक नए पहल के रूप में केंद्र सरकार ने संकल्प से सिद्धि नामक एक एकीकृत योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत प्रमुख आर्थिक और सामाजिक मुद्दों का निराकरण करने की कोशिश की जाएगी। इस योजना की शुरुआत भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अगस्त 2017 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा शुरू की गयी है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नागरिकों को आन्दोलन में शामिल होने के साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों के सपने का भारत बनाने के लिए एक आम प्रयास करने का आग्रह किया है। इस तरह की पहल दूसरों को प्रोत्साहित करके मजबूत, समावेशी और समृद्ध भारत बनाने के लिए प्रतिज्ञाबद्ध करती है. यह योजना 5 साल के लिए 2017 से 2022 तक कायम रहेगी। इस योजना के कार्यक्रमों के देखरेख का कार्य किसान कल्याण मंत्रालय को सौंपा गया है।

संकल्प से सिद्धि योजना

संकल्प से सिद्धि योजना का उद्देश्य (Sankalp Se Siddhi Yojana Objectives)

संकल्प से सिद्धि अर्थात संकल्प के माध्यम से प्राप्ति योजना का उद्देश्य 2022 तक नए भारत के निर्माण का वचन लेना और निभाना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था, नागरिकों और समाज में सुधार लाने के लिए देश में कई बदलाव लाने का है।

संकल्प से सिद्धि योजना कार्यक्रम के तहत कृषि क्षेत्र में 7 सूत्री कार्यक्रम लागू किया जा रहा है और 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम को प्रायोजित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगस्त के महीने को क्रांति के महीने के रूप में वर्णित किया है क्योंकि 1 अगस्त 1920 को असहयोग आंदोलन शुरू हुआ था। 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ों आंदोलन शुरू हुआ था और 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ था। इस तरह देश में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए जो भी क्रांति हुई है, उस वजह से अगस्त का महीना नए बदलाव के संकल्प के लिए महत्वपूर्ण बन जाता है।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.1

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