Current Affair 1 May 2021

CURRENTS AFFAIRS – 1st MAY

गुजरात और महाराष्ट्र के स्थापना दिवस

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात और महाराष्ट्र के स्थापना दिवस पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में कहा, “आज गुजरात और महाराष्ट्र अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं। दोनों राज्य ऐसे लोगों की जन्मस्थली हैं, जिन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि दोनों राज्य कोविड-19 से लड़ाई में सफल होंगे। उन्होंने दोनों राज्य के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।

गुजरात स्थापना दिवस 1 मई को मनाया जाता है। भारत के स्वतंत्र होने के समय यह प्रदेश मुम्बई राज्य का अंग था। अलग गुजरात की स्थापना 1 मई, 1960 को हुआ। महाराष्ट्र की स्थापना के पचास साल पूरे हो गये हैं। महाराष्ट्र और गुजरात का स्थापना दिवस 1 मई को मनाया जाता है कभी ये दोनों राज्य मुंबई का हिस्सा थे। जब मुंबई राज्य से महाराष्ट्र और गुजरात के गठन का प्रस्ताव आया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मुंबई को अलग केन्द्रशासित प्रदेश बनाने की वकालत की। उनका तर्क था कि अगर मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी बने रहना है तो यह करना आवश्यक है।

गुजरात

प्राचीनता एवं ऐतिहासिकता की दृष्टि से गुजरात, भारत का अत्यंत महत्त्वपूर्ण राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से लगी है। गुजरात का क्षेत्रफल 1,96,024 वर्ग किलोमीटर है। यहाँ मिले पुरातात्विक अवशेषों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस राज्य में मानव सभ्यता का विकास 5 हज़ार वर्ष पहले हो चुका था। कहा जाता है कि ई. पू. 2500 वर्ष पहले पंजाब से हड़प्पा वासियों ने कच्छ के रण पार कर नर्मदा की उपत्यका में मौजूदा गुजरात की नींव डाली थी।

SOURCE-PIB

 

सड़क निर्माण

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई )मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार आधारभूत ढ़ांचे के विकास को भरसक प्राथमिकता दे रही है और अगले दो वर्षों में 15 लाख करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा है।

श्री गडकरी ने विश्वास जताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय चालू वित्त वर्ष में 40 किलोमीटर प्रतिदिन राजमार्ग निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार सड़क निर्माण क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश( एफडीआई) की अनुमति दे रही है।

मंत्री ने कहा कि भारत में साल 2019-2025 के लिए नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन जैसी परियोजनाएं अपनी तरह की पहली योजना है और सरकार अपने नागरिकों को विश्व स्तर का इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एनआईपी के तहत कुल 7,300 से अधिक परियोजनाएं कार्यान्वित की जानी हैं। इन परियोजनओं को पूरा करने में वर्ष 2025 तक 111 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने कहा कि एनआईपी का उद्देश्य परियोजना की तैयारी में सुधार करना है और राजमार्ग, रेलवे, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, मोबिलिटी, ऊर्जा और कृषि और ग्रामीण उद्योग जैसे बुनियादी ढांचे में निवेश को आकर्षित करना है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत-अमेरिका भागीदारी विजन समिट को संबोधित करते हुए श्री नितिन गडकरी ने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के नए युग में भारत और अमेरिका के राष्ट्रीय हित पूरे हो रहे हैं। इससे दोनों देशों के प्रशासन के बीच विश्वास बढ़ रहा है जिससे सभी लंबित व्यापार मुद्दों को हल जल्द निकाला जाएगा और जल्द ही बड़े व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री ने अमेरिकी कंपनियों को भारत में बुनियादी ढांचे और एमएसएमई क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।

SOURCE-PIB

 

Global Forest Goals Report, 2021

संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में Global Forest Goals Report, 2021 जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, COVID-19 ने जंगलों के प्रबंधन में देशों के सामने आने वाली चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

COVID-19 के दौरान वन आश्रित आबादी को आय में कमी, नौकरी में कमी, बाज़ारों और सूचना तक कम पहुंच का सामना करना पड़ा। अधिकांश वन आश्रित आबादी को स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी सेवाओं तक पहुँचने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ा।

जंगलों पर निर्भरता

इस रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 1.6 बिलियन लोग वनों पर निर्भर हैं। यह वैश्विक जनसंख्या का 25% है।

दुनिया में ग्रामीण क्षेत्रों में, 40% से अधिक सवाना और जंगलों में रहते हैं।यह वैश्विक जनसंख्या का 20% है।

रिपोर्ट द्वारा पहचाने गए प्रमुख लक्ष्य

ऑस्ट्रेलिया: 2020 तक 20 मिलियन पेड़ लगाएगा। इसे 2030 तक बढ़ाकर एक बिलियन प्लांटेशन किया जायेगा

ब्राजील: पौध रोपण क्षेत्रों को दो मिलियन हेक्टेयर तक बढ़ाया जायेगा

भारत: प्रति वर्ष 2,00,000 हेक्टेयर वृक्ष और वन आवरण को जोड़ा जायेगा

केन्या: वृक्ष कवर को 10% तक बढ़ाया जायेगा

म्यांमार: वन आवरण को 30% तक बढ़ाया जायेगा

जापान: 25 मिलियन हेक्टेयर वन क्षेत्र में वृद्धि की जाएगी

न्यूजीलैंड: 2028 तक 1 बिलियन पेड़ लगाये जायेंगे

थाईलैंड: वन कवर को 55% तक बढ़ाया जायेगा

श्रीलंका: वन आवरण को 32% तक बढ़ाया जायेगा

नाइजीरिया: 2030 तक वन कवर को 6% से बढ़ाकर 25% किया जायेगा

पृष्ठभूमि

इस रिपोर्ट में राष्ट्रीय वन योजना के 26 लक्ष्यों में से 6 ग्लोबल फॉरेस्ट गोल्स का अवलोकन किया गया है। 6 लक्ष्य इस प्रकार हैं:

  • वन आवरण के नुकसान की भरपाई
  • वन लाभ और आजीविका में सुधार
  • वनों की रक्षा करना और वन उत्पादों का सतत उपयोग
  • संसाधनों को जुटाना
  • समावेशी वन प्रशासन को बढ़ावा देना
  • सभी क्षेत्रों में सहयोग

वनों के लिए संयुक्त राष्ट्र सामरिक योजना (United Nations Strategic Plan for Forests) को स्थायी वन प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। इसे 2017 और 2030 के बीच लागू किया जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य 2030 तक दुनिया में वन क्षेत्र को 3% तक बढ़ाना है। अर्थात, 120 मिलियन हेक्टेयर भूमि को वन आवरण के अंतर्गत लाना है।

करेन विद्रोही

करेन विद्रोहियों (Karen Rebels) ने हाल ही में म्यांमार में एक सैन्य पोस्ट को जब्त कर लिया। यह पोस्ट उत्तर पश्चिमी थाईलैंड की सीमा के करीब स्थित है।

करेन विद्रोही कौन हैं? (Who are Karen Rebels?)

वे म्यांमार में सबसे पुराने विद्रोही समूह हैं। उन्होंने करेन नेशनल यूनियन (Karen National Union – KNU) का गठन किया है। वे 1949 से म्यांमार सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं। वे एक स्वतंत्र राज्य के लिए लड़ रहे हैं जिसे “कावथूलेई” (Kawthoolei) कहा जाता है। यह दुनिया में सबसे लंबे समय तक चलने वाले नागरिक युद्धों में से एक है।

करेन समुदाय एक जातीय अल्पसंख्यक है।

इस संघर्ष के कारण, दो लाख से अधिक लोग पड़ोसी देश थाईलैंड को भाग गए हैं। उन्हें थाईलैंड में शरणार्थी शिविरों तक सीमित कर दिया गया है।

करेन लोग म्यांमार के सबसे बड़े जातीय अल्पसंख्यकों में से एक हैं। उनकी आबादी पांच से सात मिलियन है। करेन द्वारा बोली जाने वाली 20  से अधिक अलग-अलग बोलियाँ हैं, Pwo और Sgaw सबसे व्यापक रूप से बोली जाती हैं।

म्यांमार में वर्तमान परिदृश्य

फरवरी 2021 में, म्यांमार की सेना ने एक सैन्य तख्तापलट के माध्यम से देश पर नियंत्रण कर लिया। इसने सत्ताधारी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी और स्टेट काउंसिलर आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) को भी बाहर कर दिया। म्यांमार के वर्तमान नेता जनरल मिन आंग हलिंग (Min Aung Hlaing) हैं।

आसियान के नेताओं ने हाल ही में म्यांमार में हिंसा को समाप्त करने के लिए एक सम्मेलन आयोजित किया। वे सैन्य नेता के साथ पांच-बिंदुओं की सहमति के साथ आए हैं। भारत ने म्यांमार पर आसियान की पहल का स्वागत किया है।

SOURCE-G.K.TODAY

 

भारतरूस 2+2 संवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने हाल ही में “2 + 2 मंत्रिस्तरीय संवाद” स्थापित करने के लिए सहमति व्यक्त की है। रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच “2 + 2 मंत्रिस्तरीय” संवाद होता है।

2+2 संवाद (2+2 Dialogue)

भारत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ 2+2 संवाद का आयोजन करता है।

रूस ऐसा पहला गैर-QUAD सदस्य है जिसके साथ भारत इस तरह के संवाद का आयोजन करेगा।

2021 में, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए भारत का दौरा करेंगे। इस शिखर सम्मेलन को बारी-बारी से भारत और रूस में आयोजित किया जाता है।

भारत-रूस (India-Russia)

वर्तमान में, रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता है। साथ ही, भारत की प्रमुख रक्षा प्रणाली जैसे S-400 को रूस से खरीदा गया है।

दोनों देश शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) और ब्रिक्स (BRICS) के सदस्य हैं।

रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में सदस्यता के लिए भारत का समर्थन करता है।

दोनों देशों ने पहले 2025 तक 30 बिलियन डालर के व्यापार का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस संवाद से उन्हें इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।इससे पहले, दोनों देशों ने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (North-South Transport Corridor), यूरेशियन आर्थिक संघ (Eurasian Economic Union) और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री गलियारे (Chennai-Vladivostok Maritime Corridor) में सहयोग स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है।

भारत द्वारा मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों को रूस द्वारा प्रशिक्षित किया गया था।

तमिलनाडु के कुडनकुलम में बनने वाला परमाणु ऊर्जा संयंत्र रूसी सहयोग से बनाया गया है।

भारत ने हाल ही में रूस के स्पुतनिक वी वैक्सीन को मंजूरी दी है। यह COVAXIN और COVISHIELD के बाद देश में मंज़ूरी प्राप्त करने वाला तीसरा टीका है।

भारत-रूस संबंधों पर समझौते

1971 में, भारत और रूस ने शांति और मित्रता की संधि पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता देशों के बीच साझा लक्ष्यों की अभिव्यक्ति था। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद, भारत और रूस ने सैन्य-तकनीकी सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

गुरु तेग बहादुर जयंती

‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी का आज 400वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। यह प्रकाश पर्व उस समय आया है जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी के दौर से गुजर रही है और हर किसी को एक दूसरे की मदद की जरूरत है। श्री गुरु तेग बहादुर के प्रकाश पर्व का इस दौर से क्या संबंध हो सकता है, इस बात पर विचार करना होगा।

गुरु से जुड़े स्थल

जन्म गुरुद्वारा श्री गुरु के महल, अमृतसरअमृतसर में नौवें गुरू श्री गुरु तेग बहादुर जी का जन्म एक मई, 1621 में हुआ था। गुरुद्वारा साहिब के अंदर स्थित भोरा साहिब वही जगह है जहां गुरु जी का जन्म हुआ था।

विवाह गुरुद्वारा ब्याह और निवास स्थान, करतारपुर (जालंधर)करतारपुर में श्री गुरु तेग बहादुर जी और माता गुजरी जी का विवाह हुआ था। जिस जगह उनका विवाह हुआ अब वहां पर गुरुद्वारा ब्याह और निवास स्थान स्थित है। गुरु हरगोबिंद साहिब जी की हजूरी में वर्ष 1632 में श्री गुरु तेग बहादुर जी का विवाह हुआ था।

तपस्या गुरुद्वारा बाबा बकाला साहिब (अमृतसर) बाबा बकाला में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने 26 साल, 9 महीने 13 दिन तपस्या की और इस पवित्र नगरी को बसाया। गुरु जी को यहीं पर गुरता गद्दी मिली और जहां पर उन्होंने तपस्या की वहां पर अब गुरुद्वारा बाबा बकाला साहिब स्थित है।

शहादत गुरुद्वारा शीशगंज साहिब, नई दिल्ली11 नवंबर 1675 को चांदनी चौक में श्री गुरु तेग बहादुर जी ने अद्वितीय बलिदान दिया था। उनकी शहादत वाली जगह पर गुरुद्वारा शीशगंज साहिब स्थित है। औरंगजेब ने गुरु जी को इस्लाम धर्म अपनाने को कहा था लेकिन गुरु जी नहीं माने तो औरंगजेब ने उनका सिर कलम करने का आदेश दिया था।

अंतिम संस्कार (1) गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब, नई दिल्लीइस पवित्र स्थान पर हिंद दी चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के पाíथव शरीर (धड़) का अंतिम संस्कार किया गया था। औरंगजेब ने गुरु जी के अंतिम संस्कार पर भी रोक लगा दी थी। गुरु जी का एक शिष्य लखी शाह बंजारा अंधेरे में गुरु जी के शरीर को अपने घर लेकर पहुंचा और अंतिम संस्कार करने के लिए घर को जला दिया। वर्ष 1783 में बाबा बघेल सिंह के दिल्ली फतेह करने के बाद इस स्थान पर गुरुद्वारा साहिब का निर्माण करवाया था।

गुरुद्वारा अकाल बूंगा साहिब, श्री आनंदपुर साहिबनई दिल्ली के चांदनी चौक में गुरु जी के बलिदान के बाद भाई जैता जी गुरु साहिब का शीश नीम के पत्तों में छुपाकर श्री आनंदपुर साहिब पहुंचे थे। यहां पर गुरु जी के शीश का अंतिम संस्कार हुआ था। अब यहां गुरुद्वारा अकाल बूंगा साहिब स्थित है।

SOURCE-PIB

 

Net Zero Producer Forum

सऊदी अरब ने हाल ही में घोषणा की कि वह नेट जीरो प्रोड्यूसर्स फोरम शामिल होगा, इसमें कनाडा, अमेरिका, कतर और नॉर्वे  शामिल हैं।

नेट ज़ीरो प्रोड्यूसर्स फोरम (Net Zero Producers Forum)

जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के कार्यान्वयन का समर्थन करने हेतु चर्चा करने के लिए तेल और गैस उत्पादकों के लिए इस फोरम का गठन किया गया है।

इसका उद्देश्य व्यावहारिक शुद्ध शून्य उत्सर्जन रणनीतियों (net zero emission strategies) को विकसित करना है।

साथ ही, यह वृत्ताकार कार्बन अर्थव्यवस्था (circular carbon economy) के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने पर भी कार्य करेगा।

यह स्वच्छ ऊर्जा के विकास और तैनाती को बढ़ावा देगा।

यह कार्बन कैप्चर और स्टोरेज प्रौद्योगिकियों के विकास का समर्थन करेगा।

इन सबसे ऊपर, यह हाइड्रोकार्बन राजस्व पर निर्भरता से विविधता लाने की ओर अग्रसर होगा।

देशों के लक्ष्य क्या हैं?

अमेरिका ने 2005 के स्तरों की तुलना में उत्सर्जन के स्तर को 50% से 52% तक कम करने का लक्ष्य रखा है। अप्रैल 2021 में आयोजित लीडर्स समिट ऑन क्लाइमेट (Leaders Summit on Climate) के दौरान इसकी घोषणा की गई।

सऊदी अरब 2030 तक अक्षय ऊर्जा से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50% उत्पन्न करके अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने का प्रयास करेगा। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा कच्चा तेल निर्यातक है।

कनाडा ने 2005 के स्तरों की तुलना में अपने ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को 30% तक कम करने का लक्ष्य रखा है।

नॉर्वे के जलवायु लक्ष्य

नॉर्वे ने यूरोपीय संघ के जलवायु कानून के तहत यूरोपीय संघ के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते में कानून के तीन टुकड़े हैं। वे इस प्रकार हैं:

यूरोपीय संघ के उत्सर्जन ट्रेडिंग सिस्टम (EU Emissions Trading System)

गैर-ईटीएस उत्सर्जन के लिए प्रयास साझा विनियमन

भूमि-उपयोग, भूमि-उपयोग परिवर्तन और वानिकी विनियमन

यूरोपीय संघ ने 1990 के स्तर की तुलना में ग्रीन हाउस गैसों को 55% तक कम करने का लक्ष्य रखा है। नॉर्वे यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है। हालाँकि, यह यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र (European Economic Area) की सदस्यता के माध्यम से यह यूरोपीय संघ से जुड़ा हुआ है।

SOURCE-GK TODAY

 

अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस

हर साल 1 मई को पूरे विश्व में आर्थिक और सामाजिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिए श्रमिकों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस (International Workers Day) के रूप में मनाया जा रहा है।

इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labours Day) और मई दिवस (May Day) के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन, दुनिया भर के श्रमिक संघ सेमिनार, रैलियां और परेड का आयोजन किया जाता है।

पृष्ठभूमि

आठ घंटे के कार्य दिवस की आवश्यकता को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस मनाया जा रहा है। पहले के समय में, मजदूरों की काम करने की स्थिति बहुत गंभीर थी और काम के घंटे दिन में 10 से 16 घंटे तक चलते थे यहां तक ​​कि असुरक्षित परिस्थितियों में भी, जिससे कई लोगों कि मृत्यु हुई, श्रमिकों की चोटें भी आती थीं।

1886 में, शिकागो (अमेरिका) में श्रमिकों ने मांग करना शुरू कर दी कि सप्ताह में आठ घंटे काम करना और एक दिन की छुट्टी होनी चाहिए।

श्रमिकों के संघर्ष के बाद, 1886 में अमेरिकन फेडरेशन ऑफ लेबर द्वारा शिकागो में राष्ट्रीय सम्मेलन में श्रमिकों के लिए कानूनी समय घोषित किया गया था। 1889 में, पेरिस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय श्रमिकों की महासभा की दूसरी बैठक हुई और एक प्रस्ताव पारित किया गया कि 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। भारत में, इस दिन को 1923 से राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है।

Global Electric Vehicle Outlook, 2021

अंतर्राष्ट्रीय उर्जा एजेंसी (International Energy Agency) ने हाल ही में Global Electric Vehicle Outlook जारी किया है।

रिपोर्ट के  मुख्य बिंदु

2020 में तीन मिलियन नई इलेक्ट्रिक कारें पंजीकृत की गईं। यह 2019 में पंजीकृत कारों की तुलना में 41% अधिक था।

इस रिपोर्ट के अनुसार, यदि सरकारें अंतर्राष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर देंगी, तो वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 2030 तक बढ़कर 230 मिलियन हो जाएगी।

वर्तमान में, सड़क पर 10 मिलियन इलेक्ट्रिक कारें हैं।

कोरिया में दुनिया में हाइड्रोजन कार वितरण की सबसे बड़ी संख्या है।

इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री

COVID-19 के कारण 2020 में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में 16% की कमी आई है। हालाँकि, यह 2021 की पहली तिमाही में बढ़ना शुरू हो गयी है।

इलेक्ट्रिक कारों पर उपभोक्ता व्यय

2020 में इलेक्ट्रिक कारों पर उपभोक्ता व्यय 120 बिलियन अमरीकी डालर का था। 2019 की तुलना में इसमें 50% की वृद्धि हुई है।

भारत के बारे में रिपोर्ट ने क्या कहा गया है?

इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2030 में नए वाहन की बिक्री में 30% इलेक्ट्रिक वाहन शामिल होंगे।

देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की वृद्धि इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स और इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के नेतृत्व में होगी।

इस रिपोर्ट यह भी कहा गया है कि बसों का विद्युतीकरण कम होगा।यह 2030 तक वाहनों की कुल बिक्री का 15% होगा। इसका मुख्य कारण FAME II योजना के तहत दोपहिया और तिपहिया वाहनों का आसान पंजीकरण है।

SOURCE-GK TODAY

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