Current Affairs – 1 September, 2021
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में पोषण वाटिका का उद्घाटन किया
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने महीने भर चलने वाले पोषण माह 2021 के तहत कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत करते हुए कहा कि राष्ट्र की पोषण की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आयुर्वेद के उपयोग के प्राचीन ज्ञान का प्रभावी ढंग से प्रयोग कैसे किया जा सकता है, इस बारे में ज्ञान प्रदान करना समय की आवश्यकता है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने आज अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में पोषण माह – 2021 की शुरुआत के अवसर पर पोषण वाटिका का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री ने आईसीएमआर के साथ सहयोगात्मक उद्यम के माध्यम से एनीमिया की घटनाओं को कम करने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने वैज्ञानिक आंकड़ों के प्रकाशन की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि दुनिया आयुर्वेद के योगदान को स्वीकार कर सके। पोषण के दो मुख्य घटक हैं, अर्थात् वहन करने योग्य और समग्र कल्याण के लिए आसानी से उपलब्धता। यहीं पर आयुर्वेद काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। उन्होंने डब्ल्यूसीडी मंत्रालय के माध्यम से स्वस्थ संतान और सरल तथा उत्कृष्ट व्यंजनों के लिए आयुष कैलेंडर को लोकप्रिय बनाने पर भी विचार किया।
इस अवसर पर शतावरी, अश्वगंधा, मूसली और यष्टिमधु जैसे पौधों का रोपण अभियान आयोजित किया गया तथा रोगियों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों के बीच स्वास्थ्य और पोषण का लाभ वाले इन पौधों का वितरण भी किया गया। आम जनता को पोषक मूल्य वाले चयनित पौधों की सूचना पुस्तिका भी प्रदान की गई। सत्तू पेय, तिल के लड्डू, झंगौर की खीर, नाइजर के बीज के लड्डू, आमलकी पनाका आदि जैसे विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले आयुर्वेदिक पौष्टिक व्यंजनों को भी कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित किया गया।
पोषण अभियान देश के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण में सुधार के लिए भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। 8 मार्च, 2018 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजस्थान के झुंझुनू से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारंभ किया गया, पोषण अभियान कुपोषण की समस्या और मिशन-मोड में इसको खत्म करने की ओर देश का ध्यान केन्द्रित करती है। इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा ही कि इस बार पूरे सितंबर महीने में पोषण माह ‘साप्ताहिक विषय’ के आधार पर मनाया जाएगा।
क्या है अभियान का उद्देश्य
पोषण अभियान के उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, 2021-2022 के बजट में मिशन पोषण 2.0 (सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0) को एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम के रूप में घोषित किया गया है, ताकि पोषण सामग्री, वितरण और पहुंच को मजबूत किया जा सके। विकासशील कार्यप्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ऐसे परिणामों पर पहुंचा जा सके जो रोग एवं कुपोषण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हुए स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करते हैं।
हर सितंबर में मनाया जाता है पोषण माह
पोषण अभियान एक “जन आंदोलन” है जिसमें स्थानीय निकायों, राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों की समावेशी भागीदारी शामिल है। सामुदायिक लामबंदी को सुनिश्चित करने और लोगों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए, हर वर्ष सितंबर महीने को पूरे देश में पोषण माह के रूप में मनाया जाता है।
इस वर्ष, जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है ऐसे में त्वरित और गहन पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए, समग्र पोषण में सुधार की दिशा में पूरे महीने को साप्ताहिक विषयों में विभाजित किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर पूरे महीने कई गतिविधियों की योजना बनाई है।
पूरे माह की जाएंगी विभिन्न गतिविधियां
इस वर्ष पोषण माह के दौरान गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला आंगनवाड़ियों, स्कूल परिसरों, ग्राम पंचायतों और अन्य स्थानों पर उपलब्ध स्थलों में सभी हितधारकों द्वारा पोषण वाटिका के लिए वृक्षारोपण अभियान पर केंद्रित होगी। पौधरोपण गतिविधियां पौष्टिक फलों के वृक्ष, स्थानीय सब्जियों और औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों के पौधे लगाने पर केंद्रित होगी। कोविड टीकाकरण और कोविड प्रोटोकॉल के पालन के लिए संवेदीकरण/जागरूकता अभियान का भी आयोजन किया जाएगा। पोषण माह के दौरान (6 वर्ष से कम आयु के) बच्चों के लिए ऊंचाई और वजन माप के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। गर्भवती महिलाओं के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध पौष्टिक भोजन की जानकारी को सामने लाने के लिए स्लोगन लेखन और इसे पकाने की विधि की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। सरकार और कॉर्पोरेट निकायों के कर्मचारियों के लिए विभिन्न कार्यस्थलों पर “5-मिनट योग प्रोटोकॉल” पर सत्र होंगे। इसके अलावा क्षेत्रीय/स्थानीय भोजन के महत्व पर जागरूकता अभियान, पोषण किटों का वितरण जिसमें क्षेत्रीय पोषक तत्व से भरपूर भोजन (जैसे सुकड़ी-गुजरात, पंजीरी-पंजाब, सत्तू-बिहार, चिक्की- महाराष्ट्र) शामिल होंगे। साथ ही एनीमिया शिविर, एसएएम बच्चों की ब्लॉकवार पहचान के लिए अभियान, बच्चों में एसएएम के प्रसार से निपटने के लिए एक पहल के रूप में 5 वर्ष की आयु तक के एसएएम बच्चों के लिए पर्यवेक्षण पूरक आहार कार्यक्रम, तीव्र कुपोषण के सामुदायिक प्रबंधन के लिए संवेदीकरण और एसएएम बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन का वितरण भी किया जाएगा।
ये लोग देंगे पोषण का संदेश
पोषण माह के दौरान, पोषण जागरूकता से संबंधित गतिविधियों को सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में जमीनी स्तर तक संचालित किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग जैसे कार्यान्वयन विभाग/एजेंसियां आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के माध्यम से आशा, एएनएम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, स्कूलों के माध्यम से स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, पंचायतों के माध्यम से पंचायती राज विभाग, और ग्रामीण विकास के माध्यम से स्वयं सहायता समूह इन गतिविधियों को अंजाम देंगे और महिलाओं एवं बच्चों का एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए पूरे महीने समग्र पोषण का संदेश फैलाएंगे।
समाज में पोषण व्यवहार को बढ़ावा देना है उद्देशय
एक विशिष्ट और समग्र लक्ष्य के साथ प्रारंभ किया गया, पोषण अभियान कुल मिलाकर छोटे बच्चों, किशोर लड़कियों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ-साथ पति, पिता, सास और समुदाय के सदस्यों, स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं (एएनएम, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता) सहित परिवार के सदस्यों के बीच महत्वपूर्ण पोषण व्यवहार को बढ़ाने का सकारात्मक इरादा रखता है। पोषण माह का उद्देश्य पोषण अभियान के समग्र लक्ष्यों को एक सामंजस्यपूर्ण तरीके से अर्जित करना है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
TOPIC-SOCIAL JUSTICE
जैपेड 2021
भारतीय सेना का 200 सैनिकों का एक दल दिनांक 03 से 16 सितंबर 2021 तक रूस के निझनी में आयोजित होने वाला एक बहुराष्ट्रीय अभ्यास जैपेड 2021 में भाग लेगा।
जैपेड 2021 रूसी सशस्त्र बलों के थिएटर स्तर के अभ्यासों में से एक है और यह मुख्य रूप से आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन पर केंद्रित होगा। इस युद्धाभ्यास में यूरेशियन और दक्षिण एशियाई क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक देश भाग लेंगे।
अभ्यास में भाग लेने वाली नागा बटालियन में एक ऑल आर्म्स कंबाइंड टास्क फोर्स होगी। अभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाले देशों के बीच सैन्य और रणनीतिक संबंधों को बढ़ाना है, भाग लेने वाले देश इस अभ्यास की योजना और निष्पादन करते हैं।
भारतीय दल को एक कठिन प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद रखा गया है जिसमें मशीनीकृत, हवाई और हेलीबोर्न, आतंकवाद रोधी, कॉम्बैट कंडीशनिंग एवं फायरिंग समेत पारंपरिक अभियानों के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
“यूब्रीद लाइफ”
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ और कानपुर के नवोदित वैज्ञानिकों, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संकाय ने एक पौधे पर आधारित वायु शोधक “यूब्रीद लाइफ” को विकसित किया है। यह भवन के भीतर के (इनडोर – स्थानों में वायु शोधन प्रक्रिया को बढ़ाता है। ये भीतरी स्थान अस्पताल, स्कूल, कार्यालय और आपके घर भी हो सकते हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ की स्टार्टअप कंपनी, अर्बन एयर लेबोरेटरी, जिसने यह उत्पाद विकसित किया है, का दावा है कि यह दुनिया का पहला, अत्याधुनिक ‘स्मार्ट बायो-फ़िल्टर’ है जो साँसों को ताज़ा कर सकता है। इसे आईआईटी रोपड़ में ऊष्मायित (इनक्यूबेट) किया गया है, जो भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, सरकार द्वारा एक नामित आईहब– अवध (आई–एडब्ल्यूएडीएच) (कृषि और जल प्रौद्योगिकी विकास हब) है।
इसकी तकनीक हवा को शुद्ध करने वाले प्राकृतिक पत्तेदार पौधे के माध्यम से काम करती है। कमरे की हवा पत्तियों के साथ संपर्क करती है और मिट्टी-एवं जड़ वाले क्षेत्र में जाती है जहां अधिकतम प्रदूषक शुद्ध होते हैं। इस उत्पाद में उपयोग की जाने वाली नई तकनीक ‘अर्बन मुन्नार इफेक्ट’ है, जिसमे “ब्रीदिंग रूट्स” द्वारा पौधों की फाइटोरेमेडिएशन प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाना है, के लिए पेटेंट आवेदन की प्रक्रिया जारी है। पौधों में फाइटोरेमेडिएशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा वे पौधे हवा से प्रदूषकों को प्रभावी ढंग से हटाते हैं।
‘यूब्रीद लाइफ’ एक विशेष रूप से डिजाइन लकड़ी के बक्से में फिट फिल्टर है जिसे विशिष्ट पौधों, अल्ट्रा वायलेट (यूवी) कीटाणुशोधन और प्री-फिल्टर, चारकोल फिल्टर और उच्च दक्षता पार्टिकुलेट वायु (एचईपीए) के समग्र उपयोग से बनाया गया है। यह किसी भी भवन के भीतर ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाते हुए गैसीय पार्टिकुलेट कणों और जैविक संदूषकों (कन्टेमिनेंटस) को हटाकर उस भवन के भीतर की वायु गुणवत्ता में प्रभावी रूप से सुधार करता है। इसमें एक केन्द्रापसारक (सेंट्रीफ्यूगल) पंखा है जो वायु शोधक के अंदर एक चूषण दबाव बनाकर हर दिशा (360 डिग्री) में निकासी के माध्यम से जड़ों में बनी शुद्ध हवा को छोड़ता है। वायु-शोधन के लिए जिन विशिष्ट पौधों का परीक्षण किया गया था उनमें पीस लिली, स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट आदि शामिल हैं और इन सभी ने परिसर की के अंदर की वायु को शुद्ध करने में अच्छे परिणाम दिए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार किसी पेसर के भीतर के (इनडोर) वायु स्थान बाहरी वायु स्थानों की तुलना में पांच गुना अधिक प्रदूषित हैं। वर्तमान कोविड महामारी के समय में यह विशेष रूप से चिंता का कारण है। एक शोध जिसे हाल ही में द जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में प्रकाशित किया गया है, सभी देशों की सरकारों से प्रति घंटे वायु परिवर्तन (बाहरी हवा के साथ कमरे के भीतर वायु संचरण का एक उपाय) को ठीक करके भवन के वास्तुशिल्प और डिजाइन को बदलने का आह्वान करता है। ‘यूब्रीद लाइफ’ इस चिंता का एक समाधान हो सकता है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
अफ्रीकी मूल के लोगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस
संयुक्त राष्ट्र 31 अगस्त, 2021 पर अफ्रीकी मूल के लोगों के लिए पहली बार अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया गया।
पृष्ठभूमि
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2020 में अफ्रीकी मूल के लोगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस की स्थापना के प्रस्ताव को अपनाया था। UNGA ने इस दिन की स्थापना समाज के विकास के लिए अफ्रीकी मूल के लोगों की विविध विरासत, संस्कृति और योगदान के लिए अधिक मान्यता और सम्मान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की थी। यह दिन उनके मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान को बढ़ावा देने का भी प्रयास करता है।
महत्व
डरबन घोषणा और कार्रवाई कार्यक्रम (Durban Declaration and Programme of Action) के 20 साल बाद, नस्लवाद को समाप्त करने की दिशा में बढ़ती गति के आलोक में यह दिन महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, लैटिन अमेरिका में, अफ्रीकी विरासत के लगभग 134 मिलियन लोग हैं और वे गरीबी, बुनियादी सेवाओं तक पहुंच की कमी और असमानता से पीड़ित हैं। ब्राजील में कुल गरीबी दर 11.5% है जबकि अफ्रीकी मूल के लोगों में गरीबी 25.5% है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1(PRE)
भारत की GDP वृद्धि दर 20.1% रही
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जून 2021 तक भारत की आर्थिक वृद्धि तिमाही में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई।
मुख्य बिंदु
- यह 2020 में एक बहुत ही कमजोर आधार, उपभोक्ता खर्च में पलटाव और कोविड मामलों की दूसरी लहर के बीच बेहतर विनिर्माण को दर्शाता है।
- आंकड़ों के अनुसार, 2020 में इसी तिमाही में 4% के संकुचन की तुलना में सकल घरेलू उत्पाद तीन महीने की अवधि में बढ़कर 20.1% हो गया है।
- 2021-22 की पहली तिमाही में GDP स्थिर कीमत (2011-12) पर 38 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि 2020-21 की पहली तिमाही में यह 26.95 लाख करोड़ रुपये थी।
- तिमाही आंकड़े जारी होने के बाद से यह भारत की सबसे तेज वृद्धि है।
- यह वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान (4%) से थोड़ी धीमी है।
सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product – GDP)
एक अर्थव्यवस्था के भीतर उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का बाजार मूल्य सकल घरेलू उत्पाद कहलाता है। इसकी गणना दो तरह से की जाती है :
- नाममात्र जीडीपी – मौजूदा बाजार कीमतों पर जीडीपी को नॉमिनल जीडीपी कहा जाता है। जीडीपी की गणना उस वर्ष के बाजार मूल्यों के अनुसार की जाती है जिसके लिए जीडीपी की गणना की जाती है।
- वास्तविक जीडीपी – आधार वर्ष की कीमतों पर जीडीपी को वास्तविक जीडीपी कहा जाता है। इसकी गणना आधार वर्ष में बाजार मूल्य के अनुसार की जाती है। यह वस्तुओं और सेवाओं में मुद्रास्फीति को भी नकारता है।
SOURCE-DANIK JAGARAN
PAPER-G.S.3
लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क का उद्घाटन किया गया
लेह को पैंगोंग झील (Pangong Lake) से जोड़ने वाली एक सड़क का उद्घाटन 31 अगस्त, 2021 को लद्दाख के सांसद जम्यांग त्सेरिंग नामग्याल (Jamyang Tsering Namgyal) ने किया था।
मुख्य बिंदु
- 18,600 फीट की ऊंचाई पर केला दर्रे (Kela Pass) से गुजरने वाला सड़क का यह हिस्सा दुनिया का सबसे ऊंचा मोटर मार्ग है।
- इस सड़क का निर्माण भारतीय सेना की 58 इंजीनियर रेजिमेंट द्वारा किया गया है।
- यह सड़क लेह (ज़िंगराल से तांगत्से) और पैंगोंग झील के बीच की दूरी 41 किलोमीटर कम कर देगी।
सड़क का महत्व
यह सड़क मुख्य रूप से लद्दाख के लालोक क्षेत्र के लोगों के लिए स्थानीय निवासियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे पर्यटन को सुविधा होगी और पर्यटक दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क, दुर्लभ औषधीय पौधे, स्नो स्पोर्ट गतिविधियों में भाग लेंगे आदि।
पैंगोंग त्सो या पैंगोंग झील (Pangong Tso or Pangong Lake)
यह पूर्वी लद्दाख और पश्चिमी तिब्बत में फैली हुई एक झील है। यह 4,225 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील 134 किमी लंबी है और पांच उप झीलों में विभाजित है, पैंगोंग त्सो, रम त्सो (जुड़वां झीलें), त्सो नायक और नायक त्सो। कुल झील की लंबाई का 50% तिब्बत (चीन) में स्थित है जबकि 40% लद्दाख भारत में। झील का 10% हिस्सा विवादित है और इसे भारत और चीन के बीच वास्तविक बफर जोन माना जाता है। यह झील अपने सबसे चौड़े बिंदु पर 5 किमी. चौड़ी है। खारा पानी होने के बावजूद यह सर्दियों के दौरान पूरी तरह से जम जाता है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1