Current Affairs – 11 December, 2021
श्री प्रणब मुखर्जी
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द ने पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी को आज (11 दिसंबर, 2021) उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उत्तराखंड स्थित राज भवन में श्री प्रणब मुखर्जी के चित्र पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किये।
प्रणव कुमार मुखर्जी जन्म : 11 दिसम्बर 1935, पश्चिम बंगाल-मृत्यु 31 अगस्त 2020 दिल्ली) भारत के तेरहवें राष्ट्रपति रह चुके हैं। 26 जनवरी 2019 को प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया। सीधे मुकाबले में उन्होंने अपने प्रतिपक्षी प्रत्याशी पी.ए. संगमा को हराया। उन्होंने 25 जुलाई 2012 को भारत के तेरहवें राष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। प्रणब मुखर्जी ने किताब ‘द कोलिएशन ईयर्स : 1996-2012’ लिखा है
सम्मान और विशिष्टता
- न्यूयॉर्क से प्रकाशित पत्रिका, यूरोमनी के एक सर्वेक्षण के अनुसार, वर्ष 1984 में दुनिया के पाँच सर्वोत्तम वित्त मन्त्रियों में से एक प्रणव मुखर्जी भी थे।
- उन्हें सन् 1997 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का अवार्ड मिला।
- वित्त मन्त्रालय और अन्य आर्थिक मन्त्रालयों में राष्ट्रीय और आन्तरिक रूप से उनके नेतृत्व का लोहा माना गया। वह लम्बे समय के लिए देश की आर्थिक नीतियों को बनाने में महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। उनके नेत़त्व में ही भारत ने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के ऋण की 1 अरब अमेरिकी डॉलर की अन्तिम किस्त नहीं लेने का गौरव अर्जित किया। उन्हें प्रथम दर्जे का मन्त्री माना जाता है और सन 1980-1985 के दौरान प्रधानमन्त्री की अनुपस्थिति में उन्होंने केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल की बैठकों की अध्यक्षता की।
- उन्हें सन् 2008 के दौरान सार्वजनिक मामलों में उनके योगदान के लिए भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से नवाजा गया।
- प्रणव मुखर्जी को 26 जनवरी 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1
स्टैंड-ऑफ एंटी टैंक मिसाइल
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने 11 दिसंबर 2021 को पोखरण रेंज में स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित हेलीकॉप्टर लॉन्च स्टैंड-ऑफ एंटी-टैंक (एसएएनटी) मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह परीक्षण सभी मायनों में सफल रहा है और इसने सभी उद्देश्यों को पूरा किया। मिसाइल के रिलीज मैकेनिजम, एडवांस गाइडेंस सिस्टम, ट्रैकिंग एल्गोरिदम और एकीकृत सॉफ्टवेयर के साथ सभी वैमानिकी प्रणालियों ने संतोषजनक ढंग से प्रदर्शन किया और ट्रैकिंग सिस्टम ने मिशन से जुडी सभी घटनाओं की निगरानी की। मिसाइल एक अत्याधुनिक एमएमडब्ल्यू तकनीक से लैस है जो सुरक्षित दूरी बनाए रखते हुए उच्च परिशुद्धता के साथ हमला करने की क्षमता प्रदान करती है। यह हथियार 10 किलोमीटर तक की सीमा में लक्ष्य को नष्ट करने की काबिलियत रखता है।
स्टैंडऑफ एंटीटैंक मिसाइल को हैदराबाद के अनुसंधान केंद्र (आरसीआई) और डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं के समन्वय एवं उद्योगों की भागीदारी के साथ डिजाइन तथा विकसित किया गया है। भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता और ज्यादा मजबूत बनाते हुए लंबी दूरी के बम तथा स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार के बाद हाल के दिनों में परीक्षण किए जाने वाले स्वदेशी स्टैंड-ऑफ हथियारों की श्रृंखला में यह तीसरी मिसाइल है। उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए इन सभी प्रणालियों का स्वदेशी विकास रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मिशन से जुड़ी टीम को बधाई दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कहा है कि इस मिसाइल के सफलतापूर्वक परीक्षण से स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया है। इससे “एक सूर्य एक विश्व एक ग्रिड” को प्रोत्साहन मिलेगा। यह विश्व के लिए न्यायोचित ऊर्जा समाधान प्रस्तुत करने में सहायक होगा।
केंद्रीय बिजली तथा एमएनआरई मंत्री श्री आर. के. सिंह ने एक बधाई ट्वीट में कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को पर्यवेक्षक का दर्जा देने का ऐतिहासिक निर्णय माननीय प्रधानमंत्री के एक सूर्य एक विश्व एक ग्रिड के विजन को आगे बढ़ाने में एक प्रारंभिक प्रयास होगा। श्री सिंह ने इस अवसर पर ट्वीट किया और कहा कि इससे सौर ऊर्जा की तैनाती के माध्यम से उचित और न्यायसंगत ऊर्जा समाधान प्रस्तुत करने की पहल को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबन्धन (अंग्रेज़ी : International Solar Alliance; इण्टरनेशनल सोलर अलायंस) (पुराना नाम : हिन्दी : अंतर्राष्ट्रीय सौर प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अभिकरण, अंग्रेज़ी : International Agency for Solar Technologies and Applications; इण्टरनेशनल अजेंसी फ़ॉर सोलर टेक्नोलॉजीज़ एण्ड एप्लिकेशंस, INSTA) सौर ऊर्जा पर आधारित 121 देशों का एक सहयोग संगठन है। जिसका शुभारम्भ भारत व फ़्रांस द्वारा 30 नवम्बर 2015 को पैरिस में किया गया। यह भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा की गयी पहल का परिणाम है। जिसकी घोषणा उन्होंने सर्वप्रथम लन्दन के वेम्बली स्टेडियम में अपने उद्बोधन के दौरान की थी। यह संगठन कर्क व मकर रेखा के बीच स्थित राष्ट्रों को एक मंच पर लाएगा। ऐसे राष्ट्रों में धूप की उपलब्धता बहुलता में है। इस संगठन में ये सभी देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
इस संगठन का अन्तरिम सचिवालय राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान, ग्वालपहाड़ी, गुरुग्राम जनपद में बनाया गया है। इसका उद्घाटन 25 जनवरी 2016 को हुआ था। मुख्यालय के निर्माण हेतु भारत सरकार ने राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान कैम्पस के भीतर पाँच एकड़ जमीन आवण्टित की है। 25 जनवरी 2016 को भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी और फ़्रांस के राष्ट्रपति श्री फ्रांस्वा ओलान्द ने संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबन्धन मुख्यालय की आधारशिला रखी।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
कैथरीन रसेल
महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कैथरीन रसेल (Catherine Russell) को संयुक्त राष्ट्र बच्चों की एजेंसी यूनिसेफ के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है।
मुख्य बिंदु
- कैथरीन रसेल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सहायक हैं।
- वह White House Office of Presidential Personnel की प्रमुख हैं।
- 2013-2017 से, उन्होंने वैश्विक महिलाओं के मुद्दों के लिए विदेश विभाग के राजदूत के रूप में भी काम किया है।
- रसेल हेनरीटा फोर (Henrietta Fore) का स्थान लेंगी, जिन्होंने जुलाई 2021 में पारिवारिक स्वास्थ्य समस्या के कारण इस्तीफा दे दिया था।
यूनिसेफ (UNICEF)
यूनिसेफ को “संयुक्त राष्ट्र बाल कोष” के रूप में भी जाना जाता है। यह एक संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है, जो दुनिया भर में बच्चों को मानवीय और विकासात्मक सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। यह दुनिया के सबसे व्यापक सामाजिक कल्याण संगठनों में से एक है। यह 192 देशों और क्षेत्रों में मौजूद है।
यूनिसेफ की गतिविधियां
यूनिसेफ की मुख्य गतिविधियों में शामिल हैं :
- टीकाकरण और रोगों की रोकथाम
- HIV वाले बच्चों और माताओं के लिए उपचार का प्रबंध करना
- बचपन और मातृ पोषण को बढ़ावा देना
- स्वच्छता में सुधार, शिक्षा को बढ़ावा देना और आपदाओं के जवाब में आपातकालीन राहत प्रदान करना।
सबसे बड़ा वित्तपोषक
अमेरिका यूनिसेफ का सबसे बड़ा वित्तपोषक है।
पृष्ठभूमि
इसकी स्थापना 11 दिसंबर 1946 को न्यूयॉर्क में हुई थी। यह द्वितीय विश्व युद्ध से प्रभावित बच्चों और माताओं को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत पुनर्वास प्रशासन द्वारा स्थापित किया गया था। उसी वर्ष, UNGA ने युद्ध के बाद के राहत कार्यों को संस्थागत बनाने के लिए UNICEF की स्थापना की।
यूनिसेफ की शासी निकाय
यूनिसेफ का संचालन 36 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड द्वारा किया जाता है। यह बोर्ड नीतियों को स्थापित करता है, प्रशासनिक और वित्तीय योजनाओं की देखरेख करता है और कार्यक्रमों को मंजूरी देता है। बोर्ड में सरकारी प्रतिनिधि शामिल होते हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद द्वारा चुना जाता है। वे तीन साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1PRE
विश्व प्रतिभा रैंकिंग
IMD वर्ल्ड कॉम्पिटिटिव सेंटर ने 9 दिसंबर, 2021 को अपनी “वर्ल्ड टैलेंट रैंकिंग रिपोर्ट” (World Talent Ranking Report) प्रकाशित की।
मुख्य बिंदु
- यह रिपोर्ट IMD World Competitive Centre द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित की जाती है।
- यह रिपोर्ट 64 अर्थव्यवस्थाओं निम्नलिखित कारकों की एक श्रृंखला के आधार पर ग्रेड करती है :
- अर्थव्यवस्थाएं कैसे स्थानीय कर्मियों में निवेश करती हैं और उनका विकास करती हैं
- कुशल श्रमिकों को आकर्षित करने और बनाए रखने की उनकी क्षमता
- घरेलू प्रतिभा पूल की गुणवत्ता
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- इस रिपोर्ट में 2021 में रैंकिंग में यूरोप का दबदबा रहा है। इस सूची में टॉप 10 देश इसी क्षेत्र से हैं।
- स्विट्जरलैंड ने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है।
- यूएई ने अपनी वैश्विक प्रतिभा रैंकिंग में सुधार जारी रखा है। इसकी रैंकिंग एक स्थान से सुधरकर 23वें स्थान पर आ गई है। 2019 में, इसे 30वें स्थान पर रखा गया था।
- अरब जगत में यूएई ने अपना शीर्ष स्थान बनाए रखा।
- मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में, संयुक्त अरब अमीरात ने इज़रायल (इस क्षेत्र में पहला) के बाद अपना दूसरा स्थान बनाए रखा है।
- इजरायल 22वें स्थान पर है।
- ताइवान को एशिया में तीसरे स्थान पर जबकि कुल मिलाकर 16वें स्थान पर रखा गया है। 2020 की तुलना में इसकी रैंकिंग में चार स्थान का सुधार हुआ है।
- एशिया में, ताइवान को हांगकांग (11) और सिंगापुर (12) से पीछे रखा गया है, लेकिन यह दक्षिण कोरिया (34), चीन (36), और जापान (39) से आगे है।
प्रबंधन विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थान (International Institute for Management Development – IMD)
IMD एक स्वतंत्र शैक्षणिक संस्थान है। इसकी स्थापना 75 साल पहले बिजनेस लीडर्स द्वारा बिजनेस लीडर्स के लिए की गई थी। यह नेताओं में निर्माण में एक अग्रणी शक्ति रही है।
SOURCE-THE HINDU
PAPER-G.S.1 PRE
स्पंज शहर
चेन्नई नवीन जल प्रबंधन रणनीतियों (water management strategies) को अपनाने और शहरी बाढ़ को रोकने के लिए स्पंज सिटी में बदलने के लिए पूरी तरह तैयार है।
मुख्य बिंदु
- स्पंज सिटी अवधारणा शहरी क्षेत्रों को अधिक पारगम्य (permeable) बनाने का प्रयास करती है, वर्षा जल को स्टोर करने के लिए और साथ ही इसे एक्वीफर्स में प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए अधिक खुली जगह प्रदान करती है।
- चेन्नई में जल संसाधन विभाग शहर भर के छोटे जल निकायों में पुनर्भरण शाफ्ट (recharge shafts) खोदने की संभावना तलाश रहा है।
- इन रिचार्ज शाफ्ट को 80-90 फीट की गहराई तक खोदा जा सकता है। यह जल स्तर को फिर से भरने में मदद करेगा।
- इस योजना के अनुसार, छोटे जलाशयों और मंदिर के टैंकों को तीव्र बारिश के दौरान अतिरिक्त पानी के भंडारण के लिए संरचनाओं के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्पंज सिटी क्या है?
स्पंज सिटी बाढ़ प्रबंधन और पारिस्थितिक बुनियादी ढांचे और जल निकासी प्रणालियों को मजबूत करने के लिए एक नया शहरी निर्माण मॉडल है। इस अवधारणा को 2000 में चीनी शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तावित किया गया था। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और राज्य परिषद ने 2014 में इस अवधारणा को “शहरीकरण नीति” के रूप में स्वीकार किया था। यह प्रणाली शहरी बाढ़, शहरी गर्मी द्वीप प्रभाव (urban heat island effect) और जल संसाधनों की कमी को कम करने में मदद करती है। यह बारिश के पानी को अवशोषित और कैप्चर करके और बाढ़ को कम करने के लिए इसका उपयोग करके पारिस्थितिक पर्यावरण और जैव विविधता में सुधार करता है। स्पंज सिटी नीतियां प्रकृति आधारित समाधान हैं, जो पानी को कैप्चर करने, भंडारण और सफाई के लिए प्राकृतिक परिदृश्य का उपयोग करती हैं।
भारत में स्पंज सिटीज मिशन
स्पंज सिटी का मुख्य विचार शहरों को उस पर गिरने वाले पानी को भंडारित करने और उपयोग करने के लिए अधिक पारगम्य बनाना है। इन सभी को राष्ट्रीय विरासत शहर विकास और वृद्धि योजना (National Heritage City Development & Augmentation Yojana – HRIDAY), कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (Atal Mission for Rejuvenation & Urban Transformation – AMRUT) और स्मार्ट सिटी मिशन की तर्ज पर एक शहरी मिशन द्वारा प्रभावी ढंग से वितरित किया जा सकता है।
भारत में स्पंज सिटी मिशन की क्या आवश्यकता है?
भारत में स्पंज शहरों की आवश्यकता है क्योंकि,
- भारतीय महानगरों में शहरी बाढ़ एक आम घटना बन गई है।
- भारत की भूमि नीति शहरी क्षेत्रों में बाढ़ की पुनरावृत्ति के प्रबंधन या नियंत्रण में प्रभावी नहीं रही है।
- शहरों में उचित जल निकासी नेटवर्क का अभाव है।
- शहरों में कंक्रीट के ढांचे से पानी की बर्बादी हो रही है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1
मध्य प्रदेश ने भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्तालय प्रणाली
9 दिसंबर 2021 को मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली (Police Commissionerate System) लागू करने के लिए अधिसूचना जारी की।
मुख्य बिंदु
- मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा की गई घोषणा के साथ, दोनों शहरों को अब ADG रैंक के पुलिस आयुक्त मिलेंगे।
- दोनों जिलों के पुलिस आयुक्तों को दो आईजी रैंक के अधिकारी और नौ एसपी रैंक के अधिकारी सहायता करेंगे।
- इस प्रणाली के तहत महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों से निपटने और महिला सुरक्षा के लिए एसपी रैंक की एक महिला अधिकारी को भी तैनात किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अप्रैल 2012 में भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का वादा किया था।
- इस प्रक्रिया ने दोनों शहरों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद की शुरुआत की थी।
- लेकिन फरवरी 2014 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन गृह मंत्री ने इन शहरों में इस प्रणाली को लागू करने की संभावना से इनकार करते हुए कहा था कि यह प्रणाली अधिक आबादी वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम क्या है?
पुलिस आयुक्तालय प्रणाली अनिवार्य रूप से एक जिले को पुलिस की दृष्टि से दो भागों में विभाजित करती है। इस प्रणाली के तहत, शहर का वह हिस्सा जो बड़े शहरीकृत बस्तियों का निर्माण करता है, एक भौगोलिक क्षेत्र बना दिया जाता है जहां जिला पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारियां पुलिस आयुक्त को स्थानांतरित कर दी जाती हैं। इसके अलावा, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), और अपराध, कानून और व्यवस्था के कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियां भी पुलिस आयुक्त को हस्तांतरित हो जाती हैं।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1