CURRENTS AFFAIRS – 14th MAY 2021
वनधन योजना पहल
जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन ट्राइफेड ने जनजातीय आबादी की आजीविका में सुधार और वंचित व कमजोर जनजातियों का जीवन बेहतर बनाने का मिशन शुरू किया है। इसे ध्यान में रखकर ट्राइफेड ने कई पहलें की हैं, जो प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के अनुरूप हैं। विभिन्न पहलों द्वारा जनजातियों को आर्थिक तंगी से निजात मिली है। इन पहलों में वनधन जनजातीय स्टार्ट-अप और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आधार पर लघु वनोत्पाद (एमएफपी) को बेचने की प्रणाली शामिल है। इसके अलावा एमएफपी योजना के लिये मूल्य-श्रृंखला के विकास को भी इसमें रखा गया है, जिसके जरिये वनोत्पाद को इकट्ठा करने वाली जनजातियों को उनके उत्पाद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता है। इन उत्पादों की बिक्री जनजातीय समूहों द्वारा की जाती है। इन कार्यक्रमों को देशभर में स्वीकृति मिली है।
खासतौर से वनधन जनजातीय स्टार्ट-अप को बहुत सफलता मिली है।
ट्राइफेड ने हाल में 1 अप्रैल, 2021 से “संकल्प से सिद्धि”–गांव एवं डिजिटल संपर्क अभियान की शुरूआत की। इस दौरान अहम टीमों ने गांवों का दौरा किया। इसमें पता चला कि विभिन्न राज्यों में सफलता के तमाम वृत्तांत मौजूद हैं। सफलता के इन वृत्तांतों में कर्नाटक के भी वृत्तांत थे।
पिछले वर्ष, जिन 585 वीडीवीके को 39 वीडीवीकेसी में शामिल किया गया था, वे सभी कर्नाटक में स्थापित किये गये थे। इनसे लगभग 11,400 जनजातीय लाभार्थियों को मदद मिल रही है। राज्य जनजातीय कल्याण विभाग एक नोडल विभाग है, जबकिवृहद क्षेत्र बहुउद्देश्यीय सहकारी समाज(एलएएमपीएस-लैम्पस) संघ, मैसूर इस कार्यक्रम के लिये राज्य का साझीदार है।
संजीवनी प्रधानमंत्री विकास केंद्र पाकशिराजपुरा, हुनसुरु, मैसूर जिले में एक वनधन विकास केंद्र समूह है, जो अब शुरू हो चुका है। इस वीडीवीके समूह में जनजातीय लोग जिन उत्पादों का प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन कर रहे हैं, उनमें जड़ी-बूटियों से बना बालों में लगाने वाला तेल (हर्बल ऑयल), मलाबार इमली और शहद शामिल हैं। जनजातियों की दिग्गज उद्यमी श्रीमती नीमा श्रीनिवास के नेतृत्व में जनजातियों ने डिब्बाबंद हर्बल ऑयल ट्राइफेड के अधिकारियों को सौंपा दिया है। इस उत्पाद को ट्राइफेड के ट्राइब्स इंडिया के विस्तृत नेटवर्क और tribesindia.comके जरिये बाजार में उतारा जायेगा।
वनश्री प्रधानमंत्री वनधन विकास केंद्र समूह, कोटे, मैसूर को अभी हाल में शुरू किया गया है। इसके जरिये जंगल में पैदा शहद का प्रसंस्करण करके और उसे कांच की बोतलों में पैक करने की प्रक्रिया चल रही है। ट्राइफेड के जरिये इसे भी जल्द बाजार में उतारा जायेगा।
प्रधानमंत्री चैतन्य वनधन विकास केंद्र समूह में जनजातीय सदस्य फूल की झाड़ू का उत्पादन कर रहे हैं। विभिन्न केंद्रों के सदस्य अन्य वस्तुओं का भी उत्पाद कर रहे हैं, जिनमें शहद, दालचीनी, शीकाकाई और अडिके की पत्तियों से बनी प्लेट शामिल हैं। आशा की जाती है कि ये सभी उत्पाद मई 2021 में आ जायेंगे और ट्राइफेड इन्हें खरीदकर बाजार में उतारेगा।
यह भी उम्मीद की जाती है कि वनधन योजना पहल के बल पर आने वाले दिनों में कामयाबी की ज्यादा से ज्यादा दास्तानें सुनने को मिलेंगी। इससे आत्मनिर्भर भारत की भावना को ताकत मिलेगी तथा जनजातीय लोगों की आजीविका, आय और जीवन में सुधार आयेगा।
SOURCE-PIB
National Bamboo Mission
राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) हाल ही में घरेलू अगरबत्ती उद्योग को मजबूत करने के प्रबंधन सूचना प्रणाली (Management Information System – MIS) का शुभारंभ किया।
MIS मॉड्यूल के बारे में
यह अगरबत्ती उत्पादन, कच्चे माल की उपलब्धता, छड़ी बनाने वाली इकाइयों का स्थान, उत्पादन क्षमता, इकाइयों के कामकाज आदि के बारे में डेटा एकत्र करेगा। यह प्रणाली उत्पादन इकाइयों और अगरबत्ती उद्योग के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करेगी। यह सूचना अंतराल को भरने में मदद करेगी।
राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission)
राष्ट्रीय बांस मिशन 2018-19 में लांच किया गया था।
यह वर्तमान में 21 राज्यों में लागू किया जा रहा है।
बीमा बाँस (Beema Bamboo)
मई 2021 में, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय ने कोयंबटूर में अपने परिसर में बीमा बांस के साथ “ऑक्सीजन पार्क” डिजाइन किया। बीमा बांस बम्बुसा बालकोआ (Bambusa balcooa) से चयनित एक क्लोन है। यह एक उच्च बायोमास उपज देने वाली बांस की प्रजाति है। साथ ही, यह सबसे तेजी से बढ़ने वाले पौधों में से एक है। यह दिन में डेढ़ फीट की ऊंचाई तक बढ़ता है।
इसके अलावा, वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने के लिए बीमा बांस सबसे अच्छा कार्बन सिंक (carbon sink) है।
बीमा बांस का महत्व
उन्हें हर फसल चक्र के बाद दोबारा उगाने की आवश्यकता नहीं होती है।
वे ऊतक संस्कृति के माध्यम से उत्पन्न होते हैं जो इसे विभिन्न मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों के ढलने की सुविधा प्रदान करते हैं।
बांस का कैलोरी मान कोयले के लगभग बराबर है।इस प्रकार, सीमेंट उद्योगों ने इस बांस को अपने बॉयलरों के लिए खरीदना शुरू कर दिया है।
ओशन रिवाइल्डिंग
COP26 में ओशिन रिवाइल्डिंग के पेश होने की उम्मीद है। 86 यूरोपीय संगठनों का एक नेटवर्क पृथ्वी के समुद्री जीवन को पुनर्जीवित करने के तरीके खोजने के लिए मिलकर काम कर रहा है।
रिवाइल्डिंग (rewilding) का अर्थ प्राकृतिक अप्रभावित स्थिति को बहाल करना है। यह जानवरों या पौधों की प्रजातियों को पेश करके किया जाता है जिन्हें किसी क्षेत्र में नष्ट कर दिया गया है। ओशिन रिवाइल्डिंग का अर्थ फिर से महासागरों में पौधों और जानवरों को पेश करना है और उन्हें मानवीय हस्तक्षेप के बिना बढ़ने की अनुमति देना है।
ओशिन रिवाइल्डिंग महत्वपूर्ण क्यों है?
आज महासागरों ने नीले कार्बन (blue carbon) को संग्रहीत करने की अपनी क्षमताओं को खो दिया है। तटीय प्रणालियों और महासागरों द्वारा पकड़े जाने वाले कार्बन को नीला कार्बन कहा जाता है। यह भूमि द्वारा कैप्चर किये जाने कार्बन से अधिक है।
जैव पुनर्स्थापना परियोजना (Bio Restore Project)
यह एक ओशिन रिवाइल्डिंग परियोजना है जिसे 2012 में फ्रांस द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य तटीय मछली की आबादी को बहाल करना है। इस कार्यक्रम के तहत, फ्रांसीसी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में मछलियों की 80 से अधिक प्रजातियां फिर से पेश की गई हैं।
Sea Grass Restoration Project
इसे यूके द्वारा 2020 में लॉन्च किया गया था। यह भी एक ओशन रिवाइल्डिंग प्रोजेक्ट है। इस परियोजना के तहत इंग्लैंड के दक्षिणी तट पर आठ अलग-अलग समुद्री घास लगाई जाएँगी।
कार्बन पृथक्करण (Carbon Sequestration)
यह एक कृत्रिम प्रक्रिया है जिसके द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड को वायुमंडल से हटा दिया जाता है और तरल या ठोस रूप में धारण किया जाता है।
COP26
संयुक्त राष्ट्र ग्लासगो में COP26 की मेजबानी करेगा। यह जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते और संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लक्ष्यों में तेजी लाने के लिए पार्टियों को एक साथ लाएगा।
Source –GK TODAY
हार्टबीट बिल
टेक्सास ने हाल ही में हार्टबीट बिल (Heartbeat Bill) पारित किया है। यह अमेरिका में एक विवादास्पद विधेयक है। यह बिल भ्रूण के दिल की धड़कन का पता चलने के बाद गर्भपात पर रोक लगाता है। भ्रूण के दिल की धड़कन का पता आमतौर पर गर्भधारण के 6 सप्ताह के बाद चलता है।
हार्टबीट बिल किन राज्यों ने पारित किया है?
नॉर्थ डकोटा (North Dakota) हार्टबीट बिल पास करने वाला अमेरिका का पहला राज्य बना। हालाँकि, अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने इस कानून को असंवैधानिक ठहराया है।बाद में कई अन्य राज्यों ने कानून पारित किया। इसमें ओहायो, लुइसियाना, जॉर्जिया, अलबामा, मिसौरी, केंटकी शामिल हैं। हालांकि, राज्यों की संघीय अदालतों ने कानून को अस्थायी रूप से अवरुद्ध कर दिया है। ये राज्य अमेरिका की बाइबिल बेल्ट (Bible Belt) में हैं।
अमेरिका की बाइबिल बेल्ट क्या है?
अमेरिका के दक्षिणी क्षेत्र सामाजिक रूप से रूढ़िवादी हैं। इन राज्यों में, चर्च की उपस्थिति देश के औसत से अधिक है।
विवाद
कई महिलाएं 6 सप्ताह तक अपनी गर्भावस्था से अनजान होती हैं। उनमें से ज्यादातर का गर्भपात छह सप्ताह के बाद होता है।Center for Reproductive Rights का कहना है कि यह कानून असंगत हैं। यह एक वैश्विक कानूनी वकालत संगठन है जिसका उद्देश्य प्रजनन अधिकारों (जैसे गर्भपात) को आगे बढ़ाना है। यह संस्था प्रजनन स्वतंत्रता को मौलिक मानव अधिकार बनाने के लिए काम करती है।
नोक संस्कृति
ब्रिस्टल विश्वविद्यालय (University of Bristol) और गोएथ विश्वविद्यालय (Goethe University) के वैज्ञानिकों ने नाइजीरिया में पाए गए मिट्टी के बर्तनों में मधुमक्खी के मोम (bee wax) के निशान पाए हैं। ये मिट्टी के बर्तन नोक संस्कृति (Nok Culture) के हैं।
अनुमान
इन बर्तनों से यह निष्कर्ष निकाला गया है कि मधुमक्खी और मधुमक्खी उत्पाद 40,000 वर्षों से पहले उपलब्ध थे।
मधुमक्खी पालन की प्रथा 2600 ईसा पूर्व की है।
नोक संस्कृति (Nok Culture)
1500 ईसा पूर्व में मध्य नाइजीरिया में यह संस्कृति विकसित हुई।
500 ईस्वी में संस्कृति गायब हो गई।
नोक संस्कृति के लोग लौह युग से सम्बंधित थे।
मूर्तियाँ
नोक संस्कृति अपनी टेराकोटा मूर्तियों के लिए जानी जाती है।
नोक संस्कृति के लोग अपनी मूर्तियां बनाने के लिए मिट्टी का इस्तेमाल करते थे।सभी मूर्तियों में प्रयुक्त मिट्टी समान थी। इससे पता चला कि मिट्टी एक ही स्रोत से आई थी और एक केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित की गई थी।
उपकरण
नोक कल्चर में गलाने (smelting) और धातुओं को आकार देने (forging) वाले औजारों का इस्तेमाल किया जाता था।
वे पत्थर के औजारों का भी प्रयोग करते थे।
उनके खेती के उपकरण लोहे के बने होते थे।
पुरातत्वविदों द्वारा लगभग 13 लोहे की गलाने वाली भट्टियां मिली हैं।वे एक प्रोटॉन मैग्नेटोमीटर का उपयोग करते हुए पाई गयी थीं।
प्रोटॉन मैग्नेटोमीटर (Proton Magnetometer)
यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में भिन्नता को मापता है। यह जमीन और समुद्र पर लौह वस्तुओं का पता लगाने में सहायता करता है। इसका उपयोग दुर्घटनाग्रस्त जहाज का पता लगाने के लिए भी किया जाता है।
SOURCE-GK TODAY
शावोत
हिब्रू में शावोत का अर्थ है सप्ताह। सिनाई पर्वत (Mount Sinai) तक पहुँचने के लिए रेगिस्तान से होते हुए ट्रेकिंग में सात सप्ताह का समय लगता था। इसे “पर्वों का पर्व” कहा जाता है। यह एक यहूदी अवकाश है जो कि हिब्रू महीने सिवान में होता है, यानी 15 मई से 14 जून के बीच।
शावोत
बाइबिल के अनुसार, शावोत इजरायल की भूमि में गेहूं की फसल कटाई का प्रतीक है।
इसके अलावा, यह माउंट सिनाई में टोरा के देने की सालगिरह को याद करता है।
यह यहूदी धर्म के तीन तीर्थ त्योहारों में से एक है।
यह पारंपरिक रूप से इज़रायल में मनाया जाता है।
महत्व
यरूशलेम के मंदिर में, यहूदी किसान अपने “बिक्कुरिम” (Bikkurim) को देवता के सामने पेश करते थे। भगवान को धन्यवाद देने वाला पहला पका हुआ फल बिक्कुरिम है।
यरूशलेम का मंदिर (Temple of Jerusalem)
यह संरचनाओं की एक श्रृंखला थी जहां अल-अक्सा मस्जिद और चट्टान का गुंबद खड़ा है।
सिनाई पर्वत (Mount Sinai)
यह वह पर्वत है जहाँ ईश्वर द्वारा मूसा को “दस आज्ञाएँ” (Ten Commandments) दी गई थीं। मूसा यहूदी धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पैगंबर हैं। वह इस्लाम और ईसाई धर्म में एक महत्वपूर्ण पैगंबर भी हैं।
इज़राइल के तीन तीर्थ त्योहार
शावोत (Shavuot), पेसाच (Pesach) और सुकोट (Sukkot) इज़राइल में तीन प्रमुख तीर्थ उत्सव हैं। प्राचीन काल में, इज़रायली इन तीन त्योहारों के दौरान यरूशलेम के मंदिर के लिए तीर्थयात्रा करते थे। दूसरे मंदिर के विनाश के बाद, तीर्थयात्रा अब यहूदियों के लिए अनिवार्य नहीं है।
राष्ट्रीय रक्षा ओपीडी
विशेषज्ञ चिकित्सकों की अपर्याप्त उपलब्धता को कम करने के लिए भूतपूर्व / वयोवृद्ध रक्षा चिकित्सक ई-संजीवनी मंच पर निःशुल्क ऑनलाइन परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए आगे आए हैं। इससे देश के नागरिकों के लिये अनुभवी और पेशेवर रक्षा चिकित्सकों का अमूल्य अनुभव उपलब्ध होगा।
ई-संजीवनी ओपीडी भारत सरकार का प्रमुख टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म है जो भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में सी-डैक, मोहाली द्वारा विकसित किया गया है। यह भारत के सभी नागरिकों के लिए निःशुल्क ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श की सुविधा प्रदान करता है एवं साथ ही दवाओं के ऑनलाइन प्रिस्क्रिप्शन की व्यवस्था भी करता है।
रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक एवं सर्जन वाइस एडमिरल रजत दत्ता द्वारा चरणबद्ध तरीके से दिनांक 07 मई 2021 को ‘एक्स-डिफेंस ओपीडी’ का शुभारंभ किया गया। शुरू में यह सेवा उत्तर प्रदेश के लिए उपलब्ध थी। अधिक संख्या में भूतपूर्व रक्षा स्वयंसेवक डॉक्टर जुड़ने के बाद इसे 10 मई को राजस्थान और 11 मई को उत्तराखंड तक विस्तारित किया गया। अब तक 85 वयोवृद्ध रक्षा चिकित्सक पोर्टल पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उन्होंने 1000 से अधिक मरीजों को ऑनलाइन परामर्श प्रदान किया है।
3 राज्यों में इस सेवा के सफल संचालन के बाद पूर्व-रक्षा ओपीडी जिसका नाम अब रक्षा राष्ट्रीय ओपीडी में बदल दिया गया है को दिनांक 14 मई 2021 को अखिल भारत में शुरू किया गया है और यह www.esanjeevaniopd.in पर उपलब्ध है।
भारत सरकार के इस मंच पर अनुभवी रक्षा चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता ने घर पर ही ओपीडी सेवा लेने को अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया है। उनके विशाल अनुभव और विशेषज्ञता का देश भर के रोगियों द्वारा अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। यह पहल रोगियों के घरों के सुरक्षित वातावरण में आवश्यक चिकित्सा सलाह और परामर्श उपलब्ध कराने, अस्पतालों में अनावश्यक यात्राओं से बचने और कोविड से संक्रमित होने और सीमित स्वास्थ्य संसाधनों पर अधिक बोझ बढ़ने का खतरा कम करने की दिशा में लंबा रास्ता तय करेगी।
SOURCE-PIB