Current Affairs – 2 November, 2021
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2021
- राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2021 की थीम : ‘पोषण के लिए आयुर्वेद’।
- एनआईए के पंचकुला, हिमाचल प्रदेश स्थित उपग्रह केंद्र के बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए 260 करोड़ करोड़ रुपये का बजट तय किया गया।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर ने ‘पोषण के लिए आयुर्वेद’ थीम (विषय) के अनुरूप स्वास्थ्य और उपचार के आयुर्वेदिक सिद्धांतों को प्रोत्साहित करने के लिए दो दिवसीय कार्यक्रम की मेजबानी करके छठा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत धनवंतरी पूजन से हुई। भारत पारंपरिक चिकित्सा का वैश्विक केंद्र बनने का प्रयास कर रहा है और आयुष के क्षेत्र में प्रगति करने के लिए देश में राज्यों और केंद्र सरकार के बीच सहयोग बढ़ रहा है।
केंद्रीय आयुष,पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस अवसर पर कहा, “आयुर्वेद आम जनता के बीच शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से रोग मुक्त, स्वस्थ और लंबे जीवन जीने की आवश्यकता और महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने और भारत में गैर-संचारी रोगों के बोझ को कम करने में आयुर्वेद में महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता है। आयुर्वेद उपचार की ताकत के बारे में जागरूकता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि भारत में आयुर्वेद शास्त्र के अभ्यास के प्राचीन गौरवशाली इतिहास के साथ-साथ पौधों पर आधारित दवाओं के लिए एक समृद्ध संसाधन है। एनआईए की जबरदस्त उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए, आयुष मंत्रालय ने पंचकुला में एनआईए के बुनियादी ढांचे का विस्तार करने के लिए एनआईए को 260 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और उम्मीद है कि एनआईए विश्व स्तर पर आयुर्वेद के अभ्यास का महिमामंडन करेगा।”
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
केंद्र ने उपभोक्ताओं से इस धनतेरस और दिवाली पर सिर्फ हॉलमार्क किए गए
आभूषण ही खरीदने का अनुरोध किया
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने उपभोक्ताओं से धनतेरस और दिवाली पर्व के अवसर पर उपभोक्ताओं से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि वे हॉलमार्क ज्वैलरी ही खरीदें।
माना जाता है कि ऐसे अवसरों पर सोना खरीदने से परिवार में संपन्नता और खुशी का आगमन होता है और इसे बहुत शुभ माना जाता है। इसे देखते हुए, खरीदे जा रहे सोने की शुद्धता और पैसे का सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त करने की जानकारी होना महत्वपूर्ण है। खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
23 जून, 2021 से प्रभावी, हॉलमार्किंग को देश के 256 जिलों में 14, 18 और 22 कैरेट के स्वर्ण आभूषणों/कलाकृतियों के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है। ये 256 जिले ऐसे जिले हैं, जहां कम से कम एक जांच और हॉलमार्किंग केंद्र है।
ग्राहकों से अनुरोध और इन बातों के प्रति जागरूक किया गया हैः
- बीआईएस पंजीकत ज्वैलर्स से सिर्फ हॉलमार्क स्वर्ण/चांदी के आभूषण ही खरीदें।
- आंखों से हॉलमार्क स्पष्ट रूप से नहीं दिखने की स्थिति में, ज्वैलर से एक मैग्नीफाइंग ग्लास मांगें।
- हॉलमार्क किए गए स्वर्ण आभूषण/ कलाकृति पर निम्नलिखित निशान देखें।
1 जुलाई, 2021 से प्रभावी छह अंक के अल्फान्यूमेरिक कोड की पेशकश के साथ, हॉलमार्क स्वर्ण आभूषण में तीन निशान दिखाई देते हैं।
हॉलमार्क है अहम
आभूषणों की खरीदारी में धोखाधड़ी को देखते हुए सरकार ने सोने के आभूषणों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हॉलमार्क चिह्न अनिवार्य कर दिया है। इसकी सहायता से हम आभूषणों की गुणवत्ता को पहचानते हैं। हॉलमार्किंग का तरीका बहुत पुराना है। अलग-अलग देश में इसका अपने ढंग से इस्तेमाल किया जाता है। भारत में सोने के आभूषणों में हॉलमार्क की शुरुआत 2000 से हो गई थी। हॉलमार्क वाले आभूषण अंतरराष्ट्रीय मानक के होते हैं। इस पर भारत सरकार की गारंटी होती है।
अगर ग्राहक हॉलमार्क गहने खरीदना चाहते हैं तो उन्हें 10 से 15 फीसदी ज्यादा मूल्य चुकाना होगा क्योंकि हॉलमार्किंग गहनों में मेकिंग चार्ज ज्यादा लगता है, लेकिन इससे वे सोने की शुद्धता के लिए आश्वस्त हो सकते हैं। ज्यादातर सुनारों के पास हॉलमार्क उपलब्ध रहते हैं लेकिन कम मुनाफा होने की वजह से वह इसे ग्राहक को नहीं दिखाते।
हॉलमार्क पहचानने के तरीके
- भारत में आमतौर पर 22 कैरट सोने का इस्तेमाल किया जाता है। इसका मतलब ये कि सोना 6% होना चाहिए। अगर ऐसा है तो उस आभूषण पर 916 का ठप्पा लगा होगा। आप सोने की शुद्धता इन्हीं अंकों से पहचान सकते हैं।
- बीआईएस का लोगो
- सोने की हॉलमार्किंग का काम भारतीय मानक ब्यूरो, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को सौंपता है। जांच-पड़ताल करते समय हॉलमार्किंग करने वाली इन्हीं एजेंसियों के नाम होंगे।
अगर आपको हॉलमार्किंग होने के साल के बारे में पता करना हो तो आप इसकी जांच अंग्रेजी अल्फाबेट के आधार पर कर सकते हैं। हॉलमार्किंग की शुरुआत 2000 में हुई इसलिए 2000 में हॉलमार्क किए गए आभूषण पर ‘ए’ लिखा होगा। इसी तरह अगर हॉलमार्किंग 2013 में की गई है तो ‘एन’ लिखा होगा।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
‘आयुष्मान सीएपीएफ’ योजना
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में ‘आयुष्मान सीएपीएफ’ योजना की राष्ट्रिय स्तर पर शुरुआत की। गृह मंत्री ने इसकी शुरुवात NSG के जवान को आयुष्मान कार्ड सौंप कर की, साथ ही NSG के महानिदेशक को ‘आयुष्मान सीएपीएफ’ योजना के स्वास्थ्य कार्ड सौंपे, ताकि ये कार्ड सभी एनएसजी कर्मियों को दिया जा सकें । आज ‘धन्वंतरि पूजा’ के शुभ अवसर पर, जो ‘चिकित्साशास्त्र के देवता’ के सम्मान में मनाई जाती है, सीएपीएफ कर्मियों को स्वास्थ्य कार्ड वितरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आज से सभी सीएपीएफ में स्वास्थ्य कार्ड वितरण किया जाएगा और वितरित किए गए कार्डों की संख्या का दैनिक ब्यौरा गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रदर्शित होगा। लगभग 35 लाख कार्डों का वितरण का कार्य दिसंबर, 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा।
द्रीय गृह मंत्री ने सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों और उनके आश्रितों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 23 जनवरी, 2021 को असम राज्य में पायलट आधार पर ‘आयुष्मान सीएपीएफ’ योजना शुरू की थी। यह योजना गृह मंत्रालय तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की एक संयुक्त पहल है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सदैव देश के सुरक्षा बलों के हितों को सर्वोपरि रखा है और सीएपीएफ कर्मी व उनके परिवारों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए उनके कल्याण की दिशा में अनेक क़दम उठाए हैं। गृह मंत्री ने कहा कि आप बिना किसी चिंता के देश की सुरक्षा करे आपके परिवार की चिंता मोदी सरकार करेगी। इस योजना को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि इसके तहत गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, अर्थात्, असम राइफल्स (AR), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के सभी सेवारत कर्मी और उनके आश्रित कवर होंगे। सीएपीएफ कर्मी और उनके परिवार के सदस्य अब आयुष्मान भारत पीएम-जय या सीजीएचएस के तहत सूचीबद्ध सभी अस्पतालों में कैशलेस इन-पेशेंट और आउट-पेशेंट स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1 PRE
इरेडा ने ‘व्हिसल ब्लोअर’ पोर्टल प्रारंभ किया
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा), नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के अंतर्गत आने वाले एक पीएसयू, ने आज ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2021’ के एक भाग के रूप में एक ‘व्हिसल ब्लोअर पोर्टल’ का प्रारंभ किया। इस पोर्टल के माध्यम से, इरेडा के कर्मचारी धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और सत्ता का दुरुपयोग आदि मामलों से संबंधित चिंताओं चिंताओं को उठा सकते हैं। इस पोर्टल को कंपनी की आईटी टीम द्वारा विकसित किया गया है।
भारत में व्हिसलब्लोइंग की परिभाषा
- कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार- व्हिसलब्लोइंग (Whistleblowing) एक ऐसी कार्रवाई है जिसका उद्देश्य किसी संगठन में अनैतिक प्रथाओं (जैसे कि अनियमित लेखांकन) के लिये हितधारकों का ध्यान आकर्षित करना हैं। केंद्रीय कानून के तहत, यह लोक सेवकों के विरुद्ध कथित भ्रष्टाचार या शक्ति या स्वविवेक के दुरुपयोग से संबंधित शिकायतों को प्राप्त करने का एक तंत्र है। व्हिसलब्लोअर कोई भी व्यक्ति हो सकता है जो गलत प्रथाओं को उजागर करता है। ये संगठन के भीतर या बाहर से हो सकते हैं, जैसे- वर्तमान और पूर्व कर्मचारी, शेयरधारक, बाहरी लेखा परीक्षक और अधिवक्ता।
व्हिसलब्लोअर की सुरक्षा के प्रावधान
- भारत में व्हिसलब्लोअर को व्हिसलब्लोअर्स संरक्षण अधिनियम, 2014 (WhistleBlowers Protection Act, 2014) द्वारा संरक्षित किया जाता है। कानून में उनकी पहचान की सुरक्षा के साथ-साथ उत्पीड़न को रोकने के लिये कठोर मानदंडों को शामिल किया गया है।
- व्हिसलब्लोअर लगाये गए आरोपों की जाँच लंबित रहने तक उसके खिलाफ संगठन द्वारा कोई भी कार्यवाही शुरू नहीं कर सकती है।
- कंपनी अधिनियम तथा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के गवर्नेंस मानदंडों द्वारा इन प्रावधानों को अपनाया गया है।
- यह अधिनियम सभी सूचीबद्ध और सार्वजनिक क्षेत्र की फर्मों से व्हिसलब्लोअर नीति की अपेक्षा रखता है, जो शिकायतकर्त्ताओं के लिये प्रक्रियाओं को रेखांकित करती हो और उनका मार्गदर्शन करती हो।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2 AND 4
International Methane Emissions Observatory (IMEO)
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने G20 शिखर सम्मेलन में “International Methane Emissions Observatory (IMEO)” को लॉन्च किया है।
मुख्य बिंदु
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने पर कार्रवाई करने के लिए मीथेन ऑब्जर्वेटरी शुरू की गई है।
- इसे यूरोपीय संघ के समर्थन से लॉन्च किया गया है।
International Methane Emissions Observatory (IMEO)
- इसे इसलिए लॉन्च किया गया क्योंकि मीथेन जलवायु के लिए सबसे खतरनाक गैसों में से एक है।
- IMEO सैटेलाइट के जरिए मीथेन उत्सर्जन की निगरानी करेगा।
- यह ऑब्जर्वेटरी अनुभवजन्य रूप से सत्यापित मीथेन उत्सर्जन का एक वैश्विक सार्वजनिक डेटासेट तैयार करेगी।
- यह शुरू में जीवाश्म ईंधन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगी, क्योंकि यह मानवजनित उत्सर्जन के एक तिहाई के लिए जिम्मेदार है। इस क्षेत्र में कटौती की सबसे अधिक संभावना है।
IMEO कैसे मदद करेगा?
- IMEO चार धाराओं से डेटा को एकीकृत करेगा, अर्थात् :
- वैज्ञानिक अध्ययनों से प्रत्यक्ष माप डेटा
- रिमोट सेंसिंग डेटा
- राष्ट्रीय सूची
- तेल और गैस से रिपोर्टिंग
- यह लगभग 30 देशों की प्रतिबद्धताओं की निगरानी करेगा जो अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा ग्लोबल मीथेन प्लेज (Global Methane Pledge) पहल में शामिल हुए हैं। यह पहल 2030 तक मीथेन उत्सर्जन में 30% की कटौती करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
- यह मानव-जनित मीथेन उत्सर्जन की सटीकता और सार्वजनिक पारदर्शिता में सुधार करने में भी मदद करेगा।
मीथेन साझेदारी 2.0 (Methane Partnership 2.0)
मीथेन पार्टनरशिप 2.0 एक संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के नेतृत्व वाली जलवायु पहल है। इसमें 62 कंपनियां शामिल हैं, जो दुनिया के 30% तेल और गैस उत्पादन का प्रतिनिधित्व करती हैं।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
मझगांव डॉक (Mazagon Dock) ने पहला डिस्ट्रॉयर डिलीवर किया
28 अक्टूबर, 2021 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (Mazagon Dock Shipbuilders Limited – MDL) ने भारतीय नौसेना को “प्रोजेक्ट 15बी क्लास डिस्ट्रॉयर विशाखापत्तनम” (Project 15B Class Destroyer Visakhapatnam) का पहला जहाज डिलीवर किया।
मुख्य बिंदु
- इस जहाज के नवंबर में कमीशन होने की संभावना है।
- इसका निर्माण स्वदेशी स्टील का उपयोग करके किया गया है।
- यह भारत में निर्मित सबसे बड़े डिस्ट्रॉयर में से एक है।
- इसकी कुल लंबाई 164 मीटर और विस्थापन लगभग 7,500 टन है।
जहाज की विशेषताएं
- यह जहाज एक शक्तिशाली मंच है जो समुद्री युद्ध के पूर्ण स्पेक्ट्रम पर कई कार्यों और मिशनों को पूरा करने में सक्षम है।
- यह बराक-8 लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस है।
- यह स्वदेशी रूप से विकसित पनडुब्बी रोधी हथियारों के साथ-साथ पानी के भीतर युद्ध क्षमता के लिए सेंसर से सुसज्जित है।
- इसमें हैवीवेट टारपीडो ट्यूब लॉन्चर और रॉकेट लॉन्चर के साथ-साथ हल-माउंटेड सोनार हमसा एनजी शामिल हैं।
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL)
MDL मुंबई के मझगांव में स्थित एक शिपयार्ड है। यह भारतीय नौसेना के लिए युद्धपोत और पनडुब्बियां बनाती है। यह अपतटीय तेल ड्रिलिंग के उद्देश्य से अपतटीय प्लेटफार्मों और संबद्ध सहायक जहाजों के निर्माण में शामिल है। यह टैंकरों, यात्री जहाजों और कार्गो वाहक का भी निर्माण करता है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1 PRE