Current Affairs – 23 July, 2021
लोकमान्य तिलक की जयंती
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महान लोकमान्य तिलक को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी है।
ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा;
“मैं महान लोकमान्य तिलक को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। उनके विचार और सिद्धांत वर्तमान परिस्थितियों में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं, जब 130 करोड़ भारतीयों ने एक आत्मनिर्भर भारत बनाने का फैसला किया है जो आर्थिक रूप से समृद्ध और सामाजिक रूप से प्रगतिशील है।
लोकमान्य तिलक भारतीय मूल्यों और लोकाचार में दृढ़ विश्वास रखते थे। शिक्षा और महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर उनके विचार बहुत से लोगों को प्रेरणा देने का कार्य कर रहे हैं। वह एक संस्थान निर्माता थे, जिन्होंने कई उच्च-गुणवत्ता वाले संस्थानों को विकसित किया, जिन्होंने वर्षों में अग्रणी रूप से कार्य किया है।
बाल गंगाधर तिलक
बाल गंगाधर तिलक (अथवा लोकमान्य तिलक, मूल नाम केशव गंगाधर टिळक, २३ जुलाई १८५६ – १ अगस्त १९२०), एक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। ये भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता हुए; ब्रिटिश औपनिवेशिक प्राधिकारी उन्हें “भारतीय अशान्ति के पिता” कहते थे। उन्हें, “लोकमान्य” का आदरणीय शीर्षक भी प्राप्त हुआ, जिसका अर्थ हैं लोगों द्वारा स्वीकृत (उनके नायक के रूप में)।
लोकमान्य तिलक जी ब्रिटिश राज के दौरान स्वराज के सबसे पहले और मजबूत अधिवक्ताओं में से एक थे, तथा भारतीय अन्तःकरण में एक प्रबल आमूल परिवर्तनवादी थे। उनका मराठी भाषा में दिया गया नारा “स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच” (स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूँगा) बहुत प्रसिद्ध हुआ। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कई नेताओं से एक क़रीबी सन्धि बनाई, जिनमें बिपिन चन्द्र पाल, लाला लाजपत राय, अरविन्द घोष और वी० ओ० चिदम्बरम पिल्लै शामिल थे।
लोकमान्य तिलक का जन्म 23 जुलाई 1857 को ब्रिटिश भारत में वर्तमान महाराष्ट्र स्थित रत्नागिरी जिले के एक गाँव चिखली में हुआ था। ये आधुनिक कालेज शिक्षा पाने वाली पहली भारतीय पीढ़ी में से एक थे। इन्होंने कुछ समय तक स्कूल और कालेजों में गणित पढ़ाया। अंग्रेजी शिक्षा के ये घोर आलोचक थे और मानते थे कि यह भारतीय सभ्यता के प्रति अनादर सिखाती है। इन्होंने दक्कन शिक्षा सोसायटी की स्थापना की ताकि भारत में शिक्षा का स्तर सुधरे।
लोकमान्य तिलक ने इंग्लिश मेमराठा दर्पण व मराठी में केसरी नाम से दो दैनिक समाचार पत्र शुरू किये जो जनता में बहुत लोकप्रिय हुए। लोकमान्य तिलक ने अंग्रेजी शासन की क्रूरता और भारतीय संस्कृति के प्रति हीन भावना की बहुत आलोचना की। उन्होंने माँग की कि ब्रिटिश सरकार तुरन्त भारतीयों को पूर्ण स्वराज दे। केसरी में छपने वाले उनके लेखों की वजह से उन्हें कई बार जेल भेजा गया।
लोकमान्य तिलक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए लेकिन जल्द ही वे कांग्रेस के नरमपंथी रवैये के विरुद्ध बोलने लगे। 1907 में कांग्रेस गरम दल और नरम दल में विभाजित हो गयी। गरम दल में लोकमान्य तिलक के साथ लाला लाजपत राय और श्री बिपिन चन्द्र पाल शामिल थे। इन तीनों को लाल-बाल-पाल के नाम से जाना जाने लगा। 1908 में लोकमान्य तिलक ने क्रान्तिकारी प्रफुल्ल चाकी और क्रान्तिकारी खुदीराम बोस के बम हमले का समर्थन किया जिसकी वजह से उन्हें बर्मा (अब म्यांमार) स्थित मांडले की जेल भेज दिया गया। जेल से छूटकर वे फिर कांग्रेस में शामिल हो गये और 1916 में एनी बेसेंट जी और मुहम्मद अली जिन्ना के साथ अखिल भारतीय होम रूल लीग की स्थापना की।
लोकमान्य तिलक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से 1890 में जुड़े। हालांकि, उसकी मध्य अभिवृत्ति, खासकर जो स्वराज्य हेतु लड़ाई के प्रति थी, वे उसके ख़िलाफ़ थे। वे अपने समय के सबसे प्रख्यात आमूल परिवर्तनवादियों में से एक थे।[5]
अल्पायु में विवाह करने के व्यक्तिगत रूप से विरोधी होने के बावजूद, लोकमान्य तिलक 1891 एज ऑफ़ कंसेन्ट विधेयक के खिलाफ थे, क्योंकि वे उसे हिन्दू धर्म में अतिक्रमण और एक खतरनाक उदाहरण के रूप में देख रहे थे। इस अधिनियम ने लड़की के विवाह करने की न्यूनतम आयु को 10 से बढ़ाकर 12 वर्ष कर दिया था।
राजद्रोह के आरोप
केसरी का
लोकमान्य तिलक ने अपने पत्र केसरी में “देश का दुर्भाग्य” नामक शीर्षक से लेख लिखा जिसमें ब्रिटिश सरकार की नीतियों का विरोध किया। उनको भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए के अन्तर्गत राजद्रोह के अभियोग में 27 जुलाई 1897 को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें 6 वर्ष के कठोर कारावास के अंतर्गत माण्डले (बर्मा) जेल में बन्द कर दिया गया।
भारतीय दंड संहिता में धारा 124-ए ब्रिटिश सरकार ने 1870 में जोड़ा था जिसके अंतर्गत “भारत में विधि द्वारा स्थापित ब्रिटिश सरकार के प्रति विरोध की भावना भड़काने वाले व्यक्ति को 3 साल की कैद से लेकर आजीवन देश निकाला तक की सजा दिए जाने का प्रावधान था।” 1898 में ब्रिटिश सरकार ने धारा 124-ए में संशोधन किया और दंड संहिता में नई धारा 153-ए जोड़ी जिसके अंतर्गत “अगर कोई व्यक्ति सरकार की मानहानि करता है यह विभिन्न वर्गों में नफरत फैलाता है या अंग्रेजों के विरुद्ध घृणा का प्रचार करता है तो यह भी अपराध होगा।”
माण्डले में कारावास
ब्रिटिश सरकार ने लोकमान्य तिलक को ६ वर्ष के कारावास की सजा सुनाई, इस दौरान कारावास में लोकमान्य तिलक ने कुछ किताबो की मांग की लेकिन ब्रिटिश सरकार ने उन्हे ऐसे किसी पत्र को लिखने पर रोक लगवा दी थी जिसमे राजनैतिक गतिविधियां हो। लोकमान्य तिलक ने कारावास में एक किताब भी लिखी, कारावास पूर्ण होने के कुछ समय पूर्व ही बाल गंगाधर तिलक की पत्नी का स्वर्गवास हो गया, इस ढुखद खबर की जानकारी उन्हे जेल में एक ख़त से प्राप्त हुई। और लोकमान्य तिलक को इस बात का बेहद अफसोस था की वे अपनी म्रतक पत्नी के अंतिम दर्शन भी नहीं कर सकते।
मण्डले के बाद का जीवन
आल इण्डिया होम रूल लीग
बाल गंगाधर तिलक ने एनी बेसेंट जी की मदद से होम रुल लीग की स्थापना की |होम रूल आन्दोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक को काफी प्रसिद्धी मिली, जिस कारण उन्हें “लोकमान्य” की उपाधि मिली थी। अप्रैल 1916 में उन्होंने होम रूल लीग की स्थापना की थी। इस आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य भारत में स्वराज स्थापित करना था। यह कोई सत्याग्रह आन्दोलन जैसा नहीं था। इसमें चार या पांच लोगों की टुकड़ियां बनाई जाती थी जो पूरे भारत में बड़े-बड़े राजनेताओं और वकीलों से मिलकर होम रूल लीग का मतलब समझाया करते थे। एनी बेसेंट जी जो कि आयरलैंड से भारत आई हुई थीं। उन्होंने वहां पर होमरूल लीग जैसा प्रयोग देखा था, उसी तरह का प्रयोग उन्होंने भारत में करने का सोचा।
SOURCE-PIB
अलेक्जेंडर डेलरिम्पल पुरस्कार
भारत सरकार के चीफ हाइड्रोग्राफर वाइस एडमिरल विनय बधवार, एवीएसएम, एनएम ने आज नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायुक्त श्री एलेक्स एलिस के आवास पर आयोजित एक प्रस्तुति समारोह में उनसे अलेक्जेंडर डेलरिम्पल पुरस्कार प्राप्त किया। वाइस एडमिरल विनय बधवार को 2019 में प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, लेकिन जारी महामारी के कारण पुरस्कार समारोह में देरी हुई। अलेक्जेंडर डेलरिम्पल पुरस्कार का नाम एडमिरल्टी के पहले हाइड्रोग्राफर के नाम पर रखा गया है और इसे 2006 में स्थापित किया गया था।
एडमिरल को न केवल भारत सरकार के चीफ हाइड्रोग्राफर के रूप में बल्कि पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में हाइड्रोग्राफी और नॉटिकल कार्टोग्राफी के विषयों में उनके अद्वितीय समर्पण, व्यावसायिकता और नेतृत्व को मान्यता प्रदान करने के लिए अलेक्जेंडर डेलरिम्पल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हिंद महासागर में कौशल और आउटपुट को जारी रखने में एडमिरल के अथक उत्साह ने पूरे क्षेत्र के लिए सुरक्षा, सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और विकास और पर्यावरण संरक्षण में वृद्धि की है।
प्रस्तुति समारोह के दौरान चीफ हाइड्रोग्राफर ने कहा कि “हमारे प्रधान मंत्री के सागर- सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फ़ॉर ऑल इन द रीजन- नज़रिए के अलावा हमारे महासागरों की स्थिरता के लिए संयुक्त राष्ट्र का प्रयास हायड्रोग्राफिक विभाग के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में तटवर्ती देशों को क्षमता निर्माण सहित हर संभव सहायता देने में प्रेरक रहा है और मैं इन लक्ष्यों की दिशा में इस विभाग का नेतृत्व करने में भाग्यशाली रहा हूं । मैं इस प्रयास को पहचान देने के लिए यूकेएचओ की कार्यकारी समिति को भी धन्यवाद देता हूं।”
SOURCE-PIB
न्यूज़ ऑन एयर रेडियो लाइव-स्ट्रीम की वैश्विक रैंकिंग
विश्व स्तर पर (भारत को छोड़कर) शीर्ष देशों की नवीनतम रैंकिंग में जहां न्यूज़ ऑन एयर ऐप पर ऑल इंडिया रेडियो लाइव-स्ट्रीम सबसे अधिक लोकप्रिय हैं, ऑस्ट्रेलिया दूसरे पायदान पर पहुंच गया है, जबकि फिजी चौथे स्थान पर खिसक गया है। इंग्लैंड इस रैंकिंग में तीसरे पायदान पर पहुंच गया है।
विश्व स्तर पर (भारत को छोड़कर) ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) स्ट्रीम की शीर्ष रैंकिंग में बड़ा बदलाव आया है। एआईआर कोडाईकनाल ने 8वें स्थान से उछलकर छठे स्थान पर पहुंच गया है, जबकि रेनबो कन्नड़ कामनबिलु ने एआईआर तमिल को शीर्ष 10 से बाहर करते हुए 10वां स्थान हासिल किया है।
इस सप्ताह के नए बदलाव में शीर्ष एआईआर स्ट्रीम के लिए विभिन्न देशों (भारत को छोड़कर) की रैंकिंग में भी बदलाव हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि एफएम गोल्ड दिल्ली और एफएम रेनबो दिल्ली, दक्षिण प्रशांत में द्विपीय देश कुक आइलैंड्स में काफी लोकप्रिय हैं। आकाशवाणी की कन्नड़ सेवाएं अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में काफी लोकप्रिय हैं। यह भी आश्चर्य की बात नहीं है कि विविध भारती और आकाशवाणी पंजाबी पाकिस्तान में भी बहुत लोकप्रिय हैं। मध्य पूर्व में प्रवासी भारतीयों के कारण एआईआर मलयालम संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, सऊदी अरब, ओमान, बहरीन और कतर में इस चार्ट में शीर्ष स्थान पर है।
ऑल इंडिया रेडियो की 240 से अधिक रेडियो सेवाएं प्रसार भारती के आधिकारिक ऐप न्यूज़ ऑन एयर पर लाइव-स्ट्रीम की जाती हैं। न्यूज़ ऑन एयर ऐप पर इन ऑल इंडिया रेडियो स्ट्रीम्स के केवल भारत में श्रोता है, बल्कि दुनिया के 85 से अधिक देशों और 8000 शहरों में भी बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद हैं।
नीचे भारत के अलावा शीर्ष देशों की एक झलक दी गई है, जहां न्यूज़ ऑन एयर ऐप पर एआईआर लाइव-स्ट्रीम और दुनिया के अन्य हिस्सों में न्यूज़ ऑन एयर ऐप पर ऑल इंडिया रेडियो स्ट्रीम बहुत लोकप्रिय हैं। नीचे की तालिका में इसे देश वार देखा जा सकता है। ये रैंकिंग 1 जुलाई से 15 जुलाई, 2021 तक पाक्षिक डाटा पर आधारित हैं। इस डाटा में भारत शामिल नहीं है।
SOURCE-PIB
डिजिटल और सतत व्यापार सुविधा पर
UNESCAP का वैश्विक सर्वेक्षण
United Nation Economic and Social Commission for Asia Pacific (UNESCAP) के Global Survey on Digital and Sustainable Trade Facilitation में भारत ने 90.32% स्कोर किया है।
सर्वे में भारत का प्रदर्शन
- वैश्विक स्तर पर 143 अर्थव्यवस्थाओं का मूल्यांकन करने के बाद, इस वर्ष के सर्वेक्षण में सभी 5 प्रमुख संकेतकों पर भारत के महत्वपूर्ण स्कोर सुधार पर प्रकाश डाला गया है।
- 2021 में पारदर्शिता 100% है (2019 में यह 33% थी)
- 2021 में औपचारिकताएं 83% दर्ज की गई हैं (2019 में यह 5% थी)
- 2021 में संस्थागत व्यवस्था और सहयोग 89% है (2019 में यह 67% था)
- 2021 में पेपरलेस ट्रेड 3% है (2019 में यह 48% था)
- 2021 में क्रॉस-बॉर्डर पेपरलेस ट्रेड 67% (2019 में यह 56% था)
- दक्षिण और दक्षिण पश्चिम एशिया क्षेत्र (12%) और एशिया प्रशांत क्षेत्र (85%) की तुलना में भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
- इस सर्वेक्षण में पाया गया है कि भारत का समग्र स्कोर कई OECD देशों से अधिक है जिसमें यूके, फ्रांस, नॉर्वे, कनाडा और फिनलैंड आदि शामिल हैं।
- सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत का समग्र स्कोर यूरोपीय संघ के औसत स्कोर से बेहतर है।
- पारदर्शिता सूचकांक के लिए भारत ने 100% स्कोर हासिल किया है।
सर्वेक्षण के बारे में
यह सर्वेक्षण हर दो साल में UNESCAP द्वारा आयोजित किया जाता है। वर्ष 2021 के लिए वर्तमान सर्वेक्षण में 58 व्यापार सुविधा उपायों का आकलन शामिल है जिसे विश्व व्यापार संगठन के व्यापार सुविधा समझौते द्वारा कवर किया गया है। इस सर्वेक्षण यह पता लगाता है कि व्यापार सुविधा उपायों का वांछित प्रभाव है या नहीं और यह देशों के बीच तुलना करने में भी मदद करता है।
SOURCE-GK TODAY
लोकसभा में जनसंख्या नियंत्रण पर
4 विधेयक पेश किये गये
लोकसभा में शुक्रवार को जदयू का एक सदस्य और भाजपा के तीन सदस्यों ने जनसंख्या नियंत्रण पर निजी सदस्य विधेयक सदन में पेश किये।
मुख्य बिंदु
- चार में से रवि किशन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बीजेपी सांसद हैं। उत्तर प्रदेश हाल ही में ख़बरों में रहा है क्योंकि यह राज्य के लिए जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में है।
- बिहार के सुशील कुमार सिंह ने एक विधेयक पेश किया है जिसमें राष्ट्रीय जनसंख्या योजना प्राधिकरण और जिला जनसंख्या योजना समिति स्थापित करने का प्रयास किया गया है। जनसंख्या को नियंत्रण में रखने के लिए परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसे राष्ट्रीय और जिला स्तर पर स्थापित किया जाएगा।
- जद (यू) के डॉ. आलोक कुमार सुमन, जो बिहार से भी हैं, एक विधेयक पेश कर रहे हैं जो लंबे समय में राष्ट्र की प्रगति को प्रभावित करने वाली अधिक जनसंख्या के निहितार्थ पर ध्यान आकर्षित करता है। इस विधेयक में दो बच्चों तक के छोटे परिवार के मानदंडों को बढ़ावा देने की आवश्यकता का उल्लेख है।
निष्कर्ष
हाल ही में, जनसंख्या नियंत्रण विधेयक ख़बरों में रहा है, क्योंकि इस विधेयक को पारित करने और बनाने के संबंध में विभिन्न दलों के दृष्टिकोण समान नहीं हैं।
SOURCE-GK TODAY
राष्ट्रीय प्रसारण दिवस
23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस प्रतिवर्ष देश भर में मनाया जाता है।
मुख्य बिंदु
- आज ही के दिन 1927 में इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (IBC) ने बॉम्बे स्टेशन से रेडियो प्रसारण शुरू किया था।
- भारत में, रेडियो प्रसारण सेवाएं वर्ष 1923 में ब्रिटिश शासन के दौरान रेडियो क्लब ऑफ बॉम्बे की पहल के तहत शुरू हुईं थी।
- 1930 में, ब्रिटिश सरकार ने रेडियो प्रसारण को अपने हाथ में ले लिया और उनके द्वारा भारतीय राज्य प्रसारण सेवा (ISBS) शुरू की गई।
- IBC, एक निजी संस्था, को ब्रिटिश सरकार द्वारा देश में दो रेडियो स्टेशन संचालित करने की अनुमति दी गई थी।
- मई, 1932 के महीने में, IBC को स्थायी रूप से भारतीय राज्य प्रसारण सेवा (ISBS) के रूप में बदल दिया गया था।
- बाद में 8 जून, 1936 भारतीय राज्य प्रसारण सेवा (ISBS) ऑल इंडिया रेडियो (AIR) में बदल गया था और यह साल 1957 में आकाशवाणी बन गया।
प्रसार भारती और ऑल इंडिया रेडियो
प्रसार भारती भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक प्रसारण एजेंसी है और इसे संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था। वर्तमान में, ऑल इंडिया रेडियो की सेवा में देश भर
में स्थित 414 स्टेशन शामिल हैं और यह देश के लगभग 92% क्षेत्र और देश की कुल आबादी का लगभग 99.19% तक पहुंचता है। आकाशवाणी 23 भाषाओं और 146 बोलियों में प्रसारण करता है और प्रसारित भाषाओं के संदर्भ में, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक विविधता के मामले में यह दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण संगठनों में से एक है।
SOURCE-GK TODAY
दुनिया का पहला 3D प्रिंटेड स्टील ब्रिज एम्स्टर्डम
एम्स्टर्डम ने दुनिया के पहले 3D-प्रिंटेड स्टील पैदल यात्री पुल का अनावरण किया है। यह परियोजना एम्सटर्डम शहर में औदेज़िज्ड्स आचटरबर्गवाल नहर (Oudezijds Achterburgwal Canal) पर खोली गई है। इस पुल के उद्घाटन समारोह में नीदरलैंड की रानी मैक्सिमा ने भाग लिया था।
3D प्रिंटेड स्टील ब्रिज
- इस पुल की लंबाई करीब 40 फीट है।
- यह 6 टन स्टेनलेस स्टील की संरचना है।
- इस ब्रिज का निर्माण एम्सटर्डम बेस्ड 3D मेटल प्रिंटिंग कंपनी MX3D ने किया है।
- चार रोबोट की मदद से पूरी प्रिंटिंग की प्रक्रिया में सिर्फ छह महीने लगे।
- इस पुल को जोरिस लार्मन लैब (Joris Laarman Lab) द्वारा डिजाइन किया गया है और पहली बार वर्ष 2018 में डच डिजाइन वीक के दौरान इसका अनावरण किया गया था।
- 2019 में कई लोड-टेस्टिंग राउंड किए जाने के बाद 2020 की शुरुआत में संरचना को स्थापित करने की योजना थी। हालांकि, नहर में चल रहे कार्य ने इस पुल की स्थापना में देरी की।
पुल का कार्यकाल
स्टेनलेस स्टील के ढांचे को MX3D Smart Bridge नाम दिया गया है और यह कम से कम दो साल तक बना रहेगा, जबकि नहर पर फैले पिछले फुटब्रिज का नवीनीकरण किया जा रहा है। अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान यह पुल एक जीवित प्रयोगशाला के रूप में कार्य करेगा और एलन ट्यूरिंग इंस्टीट्यूट के डेटा-सेंट्रिक इंजीनियरिंग प्रोग्राम, इंपीरियल कॉलेज लंदन और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा वास्तविक समय में इसके प्रदर्शन का विश्लेषण और निगरानी की जाएगी।
SOURCE-THE HINDU