Current Affair 25 August 2021

Current Affairs – 25 August, 2021

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई)
और इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल अकाउंटेंट्स ऑफ रूस
(आईपीएआर) के बीच

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल अकाउंटेंट्स ऑफ रूस (आईपीएआर) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दी है।

विवरण :

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल अकाउंटेंट्स ऑफ रूस (आईपीएआर) के बीच इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी से प्रोफेशनल अकाउंटेंसी प्रशिक्षण, प्रोफेशनल नीतिशास्त्र (एथिक्स), तकनीकी अनुसंधान, एडवांसमेंट ऑफ अकाउंटिंग नॉलेज, पेशेवर और बौद्धिक विकास के क्षेत्रों में आपसी सहयोग स्थापित करने में मदद मिलेगी।

कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य :

इस प्रस्तावित समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य प्रोफेशनल अकाउंटेंसी प्रशिक्षण, प्रोफेशनल नीतिशास्त्र (एथिक्स), तकनीकी अनुसंधान, अकाउंटेंट्स के पेशेवर विकास के संबंध में विचारों और जानकारी के आदान-प्रदान के माध्यम से अकाउंटेंसी पेशे के मामलों में सहयोग को मजबूत बनाना है। इस एमओयू का उद्देश्य सेमिनारों, सम्मेलनों और दोनों पक्षों के लिए आपस में लाभकारी संयुक्त गतिविधियों के माध्यम से आपसी सहयोग को बढ़ावा देना तथा विश्व में इस पेशे को बढ़ावा देने के लिए भारत और रूस में अकाउंटेंसी पेशे के विकास के बारे में नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराना है। दोनों पक्ष सूचना सहायता के माध्यम के रूप में एक-दूसरे की वेबसाइट्स को आपस में जोड़ेंगे।

प्रमुख प्रभाव :

आईसीएआई और आईपीएआर के बीच इस समझौता ज्ञापन से आईसीएआई सदस्यों और दोनों संबंधित संगठनों के सर्वोत्तम हितों के लिए आपस में लाभकारी संबंध विकसित करने हेतु आईसीएआई सदस्यों की संभावनाओं के संबंध में अतिरिक्त प्रोत्साहन उपलब्ध होने की उम्मीद है। इस समझौता ज्ञापन से आईसीएआई अकाउंटेंसी के पेशे में सेवाओं के निर्यात द्वारा रूस के साथ साझेदारी को मजबूती प्रदान करने में सक्षम होगा।

लाभ :

आईसीएआई के सदस्य अनेक देशों के विभिन्न संगठनों में मध्यम से लेकर शीर्ष स्तर के पदों पर कार्यरत हैं, जो किसी देश के संबंधित संगठनों के निर्णय/नीति निर्माण की रणनीतियों को प्रभावित कर सकते हैं। आईसीएआई विश्व के 45 देशों के 68 शहरों में चैप्टरों और प्रतिनिधि कार्यालयों के अपने विशाल नेटवर्क के माध्यम से संबंधित देशों में प्रचलित प्रथाओँ को साझा करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे भारत सरकार विदेशी निवेश आकर्षित करने और उन्हें भारत में अपना सेटअप स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु इन प्रथाओं को अपना सके। इस समझौता ज्ञापन से कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल अकाउंटेंट्स ऑफ रूस (आईपीएआर) लाभान्वित होंगे।

पृष्ठभूमि :

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के पेशे के नियमन के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट्स अधिनियम, 1949 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है। आईसीएआई ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के पेशे को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा, पेशेवर विकास, उच्च अकाउंटिंग के रख-रखाव, लेखा-परीक्षा और नैतिक मानकों के क्षेत्र में व्यापक योगदान दिया है,  जिसे वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त है। इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल अकाउंटेंट्स ऑफ रूस (आईपीएआर) अकाउंटेंट्स का सबसे बड़ा गैर-लाभकारी संघ है।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

 

भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास

कजाकिस्तान के साथ बढ़ रहे रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने और सैन्य कूटनीति के  एक हिस्से के रूप में ‘भारत-कजाकिस्तान संयुक्त प्रशिक्षण प्रयास का 5वां संस्करण’ ट्रेनिंग नोड, आइशा बीबी, कजाकिस्तान में 30 अगस्त से 11 सितम्बर, 2021 तक आयोजित किया जाएगा। यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच एक संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास है जो भारत और कजाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा। इस अभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व बिहार रेजिमेंट की एक बटालियन करेगी, जिसमें एक टुकड़ी कमांडर की अगुवाई में कुल 90 सैन्य कर्मी शामिल हैं और कजाकिस्तान सेना का एक प्रतिनिधित्व एक कंपनी समूह द्वारा किया जाएगा। यह सैन्य अभ्यास भारत और कजाकिस्तान के सशस्त्र बलों को संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत पहाड़ी, ग्रामीण क्षेत्रों में उग्रवाद और आतंकवाद निरोधी अभियानों में दक्ष करने का एक अवसर प्रदान करेगा। इस संयुक्त अभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं के बीच पेशेवर रणनीतिक कौशल, उप इकाई स्तर पर आतंकवाद विरोधी माहौल में अभियानों की योजना और उनके क्रियान्वयन, हथियार चलाने संबंधी कौशल और आतंकवाद तथा उग्रवाद संबंधी अभियानों के अनुभवों को साझा किया जाएगा। यह सैन्य अभ्यास 48 घंटों के दीर्घकालीन अभ्यास के समापन के बाद समाप्त होगा, जिसमें आतंकवादियों के अर्धग्रामीण ठिकाने को नष्ट करने का परिदृश्य शामिल होगा।

इस सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी विश्वास को बढ़ावा मिलेगा और अंतर संचालन तथा बेहतर विधियों को अपनाने में सक्षम होने का अवसर मिलेगा।

कज़ाख़िस्तान

कज़ाख़िस्तान (क़ज़ाख़: Қазақстан / Qazaqstan, रूसी : Казахстан / Kazakhstán) यूरेशिया में स्थित एक देश है। क्षेत्रफल के आधार से ये दुनिया का नवाँ सबसे बड़ा देश है। एशिया में एक बड़े भूभाग में फैला हुआ यह देश पहले सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के उपरांत इसने सबसे अंत में अपने आपको स्वतंत्र घोषित किया। सोवियत प्रशासन के दौरान यहाँ कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ संपन्न हुईं, जिसमें कई रॉकेटों का प्रक्षेपण से लेकर क्रुश्चेव का वर्ज़िन भूमि परियोजना शामिल हैं। देश की अधिकाँश भूमि स्तेपी घास मैदान, जंगल तथा पहाड़ी क्षेत्रों से ढकी है।

यहाँ के मुख्य निवासी क़ज़ाख़ लोग हैं जो तुर्क मूल के हैं। अपने इतिहास के अधिकांश हिस्से में कज़ाख़स्तान की भूमि यायावर जातियों के साम्राज्य का हिस्सा रही है। इसकी राजधानी सन १९९८ में अस्ताना को बनाई गई जो सोवियत कालीन राजधानी अल्माती से बदलकर बनाई गई थी। यहां की क़ाज़ाक़ भाषा और रूसी भाषा मुख्य- और राजभाषाएँ हैं।

कज़ाख़िस्तान का अधिकांश भूभाग (जैसा कि ऊपर कहा जा चुका है) स्तेपी, पहाड़, जंगल या मरुस्थलों से ढका है। मरुस्थल तो पड़ोसी तुर्कमेनिस्तान तथा उज्बेकिस्तान तक फैले हैं। दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम में कैस्पियन सागर स्थित है, जबकि अरलसागर की सीमा उज्बेकिस्तान के साथ सम्मिलित है। देश के मध्य में स्थित बलख़श झील विशालकाय झीलों में से एक है। उत्तरी तिएन शान क्षेत्र की कोलसाई झीलें पर्वतीय झीलों की श्रेणी में आती हैं।

यहाँ की प्राकृतिक सम्पदा क्षेत्रों में अक्सू-ज़बागली, अलमाटी, बरसा-केल्मेस, बयान-आउल, मारकोकल उस्तिर्त तथा पश्चिमी अल्ताई के नाम प्रमुखता से गिनाए जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की विश्व धरोहरों में स्टेपी क्षेत्र सर्यरका का नाम 2008 में शामिल हुआ है। नम क्षेत्रों में गुलाबी फ्लेमिंगो, साइबेरियाई व्हाइट क्रेन, डलमाटियन पेलिकन तथा पलाशी फिश ईगल जैसी पक्षियाँ पाई जाती हैं।

कज़ाकिस्तान दुनिया का नौवां सबसे बड़ा देश है, क्षेत्र में 2.7 मिलियन वर्ग किलोमीटर (1.05 मिलियन वर्ग मील) पर है। उस क्षेत्र का लगभग एक-तिहाई सूखा मैदान है, जबकि देश के बाकी हिस्सों में घास के मैदान या रेतीले रेगिस्तान हैं। उत्तर में रूस पर कज़ाखस्तान सीमाएं, पूर्व में चीन, और किर्गिस्तान, उजबेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान दक्षिण में सीमाएं हैं। यह पश्चिम में कैस्पियन सागर पर सीमा भी है। कजाकिस्तान में सबसे ऊंचा बिंदु खान तांगिरी शिनजी है, जो 6,995 मीटर (22, 9 4 9 फीट) पर है। निम्नतम बिंदु वपदीना कुंडा है, समुद्र तल से 132 मीटर (-433 फीट) पर।

कज़ाखस्तान में शुष्क महाद्वीपीय जलवायु है, जिसका अर्थ है कि सर्दी काफी ठंडी होती है और गर्मी गर्म होती है। सर्दियों में कम -20 डिग्री सेल्सियस (-4 डिग्री फारेनहाइट) हिट हो सकता है और बर्फ आम है। ग्रीष्मकालीन ऊंचे 30 डिग्री सेल्सियस (86 डिग्री फ़ारेनहाइट) तक पहुंच सकते हैं, जो पड़ोसी देशों की तुलना में काफी हल्का है।

महत्वपूर्ण संयुक्त सैन्य अभ्यास

सैन्य अभ्यास देश
इंद्र भारत और रूस
सिम्बैक्स भारत और सिंगापुर
अग्नि योद्धा भारत और सिंगापुर
बोल्ड कुरुक्षेत्र भारत और सिंगापुर
सैल्वेक्स भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका
युद्ध अभ्यास भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका
वज्र प्रहार भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका
स्लिनेक्स भारत और श्रीलंका
मित्र शक्ति भारत और श्रीलंका
सम्प्रिती भारत और बांग्लादेश
नोमैडिक एलिफैंट भारत और मंगोलिया
खान क्वेस्ट भारत और मंगोलिया
वरुण भारत और फ्रांस
शक्ति भारत और फ्रांस
सूर्य किरण भारत और नेपाल
जाइमैक्स भारत और जापान
सहयोग कैजिन भारत और जापान
गरुड़ शक्ति भारत और इंडोनेशिया
समुद्र शक्ति भारत और इंडोनेशिया
लमित्ये भारत और सेशेल्स
नसीम अल बहर भारत और ओमान
अल नागाह भारत और ओमान
हैंड इन हैंड भारत और चीन
औसिंडिक्स भारत और ऑस्ट्रेलिया
प्रबल दोस्तीक भारत और कजाखस्तान
खन्‌जर भारत और किर्गिस्तान
मैत्री भारत और थाईलैंड
अजय योद्धा भारत और यूनाइटेड किंगडम
कोंकण भारत और यूनाइटेड किंगडम
डेसर्ट इगल भारत और संयुक्त अरब अमीरात
एकुवेरिन भारत और मालदीव
विंबैक्स भारत और वियतनाम
हरिमऊ शक्ति भारत और मलेशिया
डस्तलिक भारत और उज़बेकिस्तान
मिलान हिंद महासागर में बहु-राष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास
दोस्ती 1991 से 2011 तक भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय तटरक्षक अभ्यास, 2012 से भारत, श्रीलंका और मालदीव के बीच त्रिपक्षीय तटरक्षक अभ्यास
मालाबार 2015 से भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास; 1992 से 2014 तक भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.2

 

सुजलमअभियान

जल शक्ति मंत्रालय ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के अंतर्गत ‘सुजलम’ की शुरुआत की है, जिसके द्वाराग्रामीण स्तर पर अपशिष्ट जल प्रबंधन करते हुए, विशेष रूप से दस लाख सोख-गड्ढों का निर्माण करके और अन्य ग्रेवॉटर प्रबंधन गतिविधियों के माध्यम से, ज्यादा से ज्यादा गावों को ओडीएफ प्लस गांवों में परिवर्तित किया जा सके। इस अभियान के प्रयास को कम से कम समय में त्वरित रूप से पूरे देश के गांवों के लिए ओडीएफ प्लस वाली स्थिति प्राप्त करने की दिशा में संचालित किया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत आज यानी 25 अगस्त, 2021 को हुई है और यह अगले 100 दिनों तक चलेगा।

इस अभियान के माध्यमसे न केवल गांवों में ग्रेवॉटर प्रबंधन के लिए वांछित बुनियादी संरचनाअर्थात् सोख गड्ढों का निर्माण किया जाएगा बल्कि वाटरबॉडीजके सतत प्रबंधन में भी सहायता प्राप्त होगी। गांवों में या गांवों के बाहरी इलाकों में गंदे पानी का निष्कासन और वाटरबॉडीज का निस्तारण एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। इस अभियान से अपशिष्ट जल प्रबंधन में सहायता प्राप्त होगी और बदले में वाटरबॉडीज को पूर्वरूप में लाने मेंसहायता मिलेगी।

इसके अलावा, इस अभियान के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी के द्वारा एसबीएमजी फेज II की गतिविधियों को तीव्रताप्राप्त होगी और इससे ओडीएफ-प्लस गतिविधियों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा। इसलिए निर्मित बुनियादी संरचना का दीर्घकालिक रखरखाव और स्थिरता सुनिश्चित करना आवश्यक है।

इस अभियान में एसबीएमजी फेज I के दौरान प्राप्तकिए गए जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन वाले मंच का उपयोग किया जाएगा और एसएलडब्ल्यू प्रबंधन के माध्यम से दृश्य स्वच्छता की प्राप्ति के साथ-साथ इसकी निरंतरता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

इस अभियान के अंतर्गत गांवों में आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं :

  • वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करने के लिए सामुदायिक परामर्श, खुली बैठक और ग्राम सभा की बैठकों का आयोजन।
  • ओडीएफ की निरंतरता बनाए रखने और ग्रेवॉटर प्रबंधन करने के लिए सोख गड्ढों की आवश्यक संख्या की प्राप्ति के लिए संकल्प पारित करना।
  • निरंतरता बनाए रखने और सोख गड्ढों के निर्माण संबंधी गतिविधियों की शुरुआत करने के लिए 100 दिवसीययोजना विकसित करना।
  • आवश्यक संख्या मेंसोख गड्ढों कानिर्माण करना।
  • आईसी के माध्यम से जहां आवश्यक हो वहां पर शौचालय को पुर्ननिर्मित करना।
  • सुनिश्चित करना कि गांव के सभी नए परिवारों को शौचालय की सुविधा प्राप्त हो।

25 अगस्त 2021 से प्रारंभ होने वाला सुजलाम अभियान साधारण भाषा में कहें तो स्वच्छ भारत मिशन का एक अंग है, इसके अंतर्गत यह एक ऐसा अभियान है, जिसमें प्रत्येक ग्राम पंचायत में आबादी क्षेत्र के घरों का गंदा पानी जो कि मुख्यतय नहाने और रसोई के कार्यों से आता है, उसका फैलाव गली/रोड़ के उपर ना हो इसके लिए ऐसे गड्ढे तैयार किए जाएंगे!

जिनमें आसपास के तीन से चार घरों का पानी उस सोक पिट यानी सोख गड्ढे में चला जाएगा, जिससे अपशिष्ट गंदे पानी की समस्या का समाधान होगा एंवम साथ ही इसमें भूगर्भ जल स्तर में भी वृद्धि होगी! इसमें प्रत्येक घर के अपशिष्ट गंदे पानी को घर से लेकर सोख गड्ढे तक प्लास्टिक पाइप के द्वारा पहुंचाया जाएगा, इस अभियान यह योजना में एक सोख गड्ढे में 4 घरों के लगभग यह जोड़ा जाएगा!

इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर की सभी घरों के अंदर आवश्यक रूप से शौचालय जरूर बनाया जाए, व इसके अंदर शौचालयों के पुनर्निर्माण को भी शामिल किया जाना है, जिसका निर्णय ग्राम सभा की बैठक द्वारा या यूं कहें कि सामुदायिक निर्णय द्वारा किया जा सकेगा।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

 

ऑब्जर्वेशन व्हील

दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ऊंचा ऑब्जर्वेशन व्हील, जिसे आइन दुबई (Ain Dubai) कहा जाता है, 21 अक्टूबर, 2021 को संयुक्त अरब अमीरात में खोला जाएगा।

मुख्य बिंदु

  • आइन दुबई लंदन आई से लगभग 5 मीटर लंबा है। दुबई के सुरम्य क्षितिज के सुन्दर दृश्य का आनंद लेने के लिए यह आगंतुकों को 250 मीटर की ऊंचाई तक ले जाएगा।
  • यह दुबई मरीना के पास ब्लूवाटर्स द्वीप पर स्थित है।
  • यह दुबई मरीना, बुर्ज अल अरब, पाम जुमेराह और बुर्ज खलीफा के दृश्य प्रदान करते हुए, अपने 48 कैप्सूल में 1,400 यात्रियों को ले जा सकता है।
  • इसका बेस एंटरटेनमेंट जोन की तरह काम करेगा।
  • इसमें प्रसारण, विज्ञापन और अन्य सूचनाओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म बनाने के लिए 80 मीटर की एलईडी स्क्रीन भी शामिल होगी।

पैकेज

  • यह ऑब्जर्वेशन व्हील आकाश में भोजन और कॉर्पोरेट और इवेंट के लिए अन्य विशेष उत्सव पैकेज पेश करेगा।
  • यह लगभग 38 मिनट के एक रोटेशन और लगभग 76 मिनट के दो रोटेशन जैसे अनुभव प्रदान करेगा।
  • आगंतुकों के पास अपने निजी केबिन तक भी पहुंच होगी।
  • यह सगाई, जन्मदिन, शादियों और व्यावसायिक कार्यों के लिए अद्वितीय उत्सव पैकेज भी प्रदान करेगा।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.1

TOPIC –CURRENT

 

अमेरिका को पछाड़ कर भारत बना दूसरा सबसे
आकर्षक विनिर्माण केंद्र

रियल एस्टेट कंसल्टेंट कुशमैन एंड वेकफील्ड के अनुसार, भारत अमेरिका को पछाड़ कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा सबसे आकर्षक विनिर्माण गंतव्य (attractive manufacturing destination) बन गया है।

प्रमुख बिंदु

  • भारत का सुधार मुख्य रूप से लागत प्रतिस्पर्धात्मकता से प्रेरित है।
  • चीन 2021 ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग रिस्क इंडेक्स के अनुसार अपना नंबर एक स्थान बनाए हुए है।
  • इस सूचकांक ने यूरोप, एशिया-प्रशांत और अमेरिका के 47 देशों में वैश्विक विनिर्माण के लिए सबसे फायदेमंद स्थानों का आकलन किया।
  • साल 2020 में अमेरिका दूसरे और भारत तीसरे नंबर पर था।
  • अमेरिका तीसरे स्थान पर खिसक गया है। इसके बाद कनाडा, चेक गणराज्य, इंडोनेशिया, लिथुआनिया, थाईलैंड, मलेशिया और पोलैंड का स्थान है।

यह क्या दर्शाता है?

भारत की रैंकिंग में सुधार से संकेत मिलता है कि निर्माता अमेरिका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों सहित अन्य देशों की तुलना में भारत में एक पसंदीदा विनिर्माण केंद्र के रूप में बढ़ती रुचि दिखा रहे हैं।

रैंकिंग कैसे निर्धारित की जाती है?

इस रिपोर्ट में रैंकिंग चार प्रमुख मापदंडों के आधार पर निर्धारित की जाती है :

  1. विनिर्माण को फिर से शुरू करने के लिए देश की क्षमता।
  2. कारोबारी माहौल जैसे प्रतिभा या श्रम की उपलब्धता और बाजारों तक पहुंच।
  3. परिचालन लागत
  4. राजनीतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय जोखिमों सहित जोखिम।

SOURCE-THE HINDU

PAPER-G.S.3

 

पंजशीर घाटी

पूरी दुनिया में हाल ही के दिनों में चर्चा का विषय बना हुआ है अफगानिस्तान का मुद्दा अफगानिस्तान के हालात बहुत ही बुरे हैं वहां पर आतंकवादी संगठन तालिबान ने सभी 34 प्रांत पर कब्जा कर लिया है लेकिन एक प्रांत जब तक वह कब्जा नहीं कर पाया वह प्रांत है पंजशीर प्रांत जिसे लोग पंजशीर घाटी के नाम से भी जानते हैं!

अहमद शाह मसूद के समय में बनाया गया नॉर्दन एलायंस हमेशा से अफगानिस्तान में अपने अस्तित्व को जिंदा रख पाया है, आज से पहले, व आज तक कभी भी उसने हार नहीं मानी, फिल्हाल के दिनों में तालिबान के खिलाफ विद्रोह का झंडा उठाया है, पंजशीर घाटी के कमांडर अहमद मसूद ने जिसे समर्थन प्राप्त है अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्हा सालेह का, जो कि अफगानिस्तान के बेहतरीन जासूस भी रहे हैं, इसके अलावा अफगान आर्मी चीफ भी नॉर्दन एलायंस की तरफ से तालिबान के खिलाफ लड़ाई में अहमद मसूद का साथ दे रहे हैं!

अहमद मसूद कहते हैं कि, तालिबान के इस प्रकार देश में कब्जा कर लेने से अफगानिस्तान आतंकवाद का गढ़ बन जाएगा और यहां पर लोकतंत्र विरोधी ताकतें देश की जनता का जीना मुश्किल कर देगी!

पंजशीर घाटी के कमांडर अहमद मसूद ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता मांगी है, उन्होंने अमेरिकी Washington Post  में इस बारे में लिखा है, ‘मैं पंजशीर घाटी से ये दुनिया को लिख रहा हूं,की मैं अपने पिता के दिखाए गए नक्शेकदम पर चलने को हर तरह से तैयार हूं, हमारे साथी मुजाहिदीन लड़ाके इस बार फिर से तालिबान से भिड़ने व चुनौती देने के लिए  तैयार हैं। हमारे पास आवश्यकतानुसार गोला-बारूद और हथियारों के विशाल भंडार हैं, जिसको मैं अपने पिता के जिंदा रहते हुए समय से बढ़ाता रहा हूं, क्योंकि मुझे ये अंदेशा था की, लड़ाई का ये दिन कभी भी आ सकता है!

उन्होंने आगे कहा है की, ‘तालिबान सिर्फ अफगानिस्तानी नागरिकों के लिए ही नहीं है, तालिबान के नियंत्रण में आने से अफगानिस्तान पूरी दुनिया के लिए कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद का मैदान बना दिया जाएगा एवम् यहां पर एक बार दोबारा लोकतंत्र के समर्थन की आवाजों को कुचल दिया जाएगा!

पंजशीर घाटी का नाम कैसे पड़ा?

पंजशीर घाटी को 5 शेरों की घाटी कहा जाता है इसका नामकरण पांच भाइयों के सम्मान व प्रेरणा से हुआ है, जिन्होंने इस घाटी के लिए बलिदान दिया और लड़ाई लड़ी, यह घटिया पाकिस्तान के उत्तर मध्य में स्थित है जो कि अफगानिस्तान की राष्ट्रीय राजधानी काबुल से 150 किलोमीटर उत्तर दिशा में हिंदू कुश पर्वत के नजदीक स्थित है पंजशीर घाटी मुख्य तौर पर पंचशील प्रांत में आती है और इस घाटी से एक ख्याति प्राप्त नदी पंचशीर यहां से गुजरती है! इस स्थान पर एक अनुमान के मुताबिक 140000 लोग यहां पर रहते हैं जिनमें से अफगानिस्तान के ताजिक लोगों का बड़ा समुदाय भी यहां पर निवास करता है!

पंजशीर नाम का अर्थ क्या है?

मुख्य तौर पर पंजशीर शब्द का तात्पर्य 5 शहरों से होता है पंजशीर शब्द फारसी लहजे से संबंधित है जिसमें शेर का तात्पर्य बाद से ना होकर बब्बर शेर से होता है! यहां के पंचशील पांच भाइयों को कहा गया है जिन्होंने एक दुर्गम स्थान की नदी के ऊपर बांध का निर्माण मोहम्मद गजनी के समय कर डाला था!

यहां की यह वादी बहुत पुराने समय से ही यहां पर मिलने वाले अमूल्य मूल्यवान रत्नों की ख्याति से जानी जाती है, यहां के खदानों से 30 ग्राम तक के बड़े पन्ना रत्नों की प्राप्ति हुई है वह भी 110 कैरेट के पन्ने की, इसके अलावा एक जानकारी के अनुसार मध्य काल के समय में यहां से चांदी को निकाला जाता था इस संधि का उपयोग सफारी साम्राज्य एवं सामानी साम्राज्य में सिक्कों को गढ़ने के लिए होता था!

SOURCE-DANIK JAGARAN

PAPER-G.S.1 AND 2

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