Current Affairs – 25 September, 2021
रत्नश्री – आरोग्यधाम
केंद्रीय आयुष, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज उडुपी, कर्नाटक स्थित श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर आयुर्वेद हॉस्पिटल की एक नई इकाई रत्नश्री आरोग्यधाम का उद्घाटन किया।
इस नई इकाई में एस्थेटिक मेडिसिन यूनिट- श्रृंगार, डीलक्स वार्ड- हेल्थ कॉटेज यूनिट, ध्यान मंदिर, पंचकर्मा सेंटर और स्पेशल वार्ड शामिल है।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री सोनोवाल ने समग्र स्वास्थ्य को प्रोत्साहन देने में आयुर्वेद की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उपचार की आयुष प्रणाली को अपनाकर भारतीयों के स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है और इस प्रकार एक स्वस्थ भारत का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने आयुर्वेद की वैश्विक स्वीकार्यता के लिए इस क्षेत्र में व्यापक अनुसंधान कराने पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “आत्म निर्भर भारत” के विजन को साकार करने के लिए, इस नए शुरू हुए अस्पताल से मानव जाति की सेवा की कामना की।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1 PRE
सूचना एवं लोकतंत्र से संबंधित शिखर सम्मेलन
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कल फ्रांस, न्यूयॉर्क के महावाणिज्य दूतावास में आयोजित यूएनजीए के सौजन्य से आयोजित समिट फॉर इन्फॉर्मेशन एंड डेमोक्रेसी यानी सूचना एवं लोकतंत्र संबंधित शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। मंत्री महोदय ने लेह, लद्दाख से एक राउंड टेबल परिचर्चा में भाग लिया।
राउंड टेबल परिचर्चा के अंत में अपने संबोधन में मंत्री ने कहा, ‘दुनिया वैश्विक महामारी से जूझ रही है लेकिन इस दौरान उतने ही नुकसानदेह इंफोडेमिक से मुकाबला करने का कार्य भी सदस्य देशों के लिए एक चुनौती है। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि इन्फोडेमिक की समस्या से सर्वोच्च स्तर पर निपटाया जाए। हमें इंटरनेशनल पार्टनरशिप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड डेमोक्रेसी यानी सूचना एवं लोकतंत्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी के संस्थापक सदस्य एवं हस्ताक्षरकर्ता बनकर खुशी हो रही है।’
पृष्ठभूमि
इंटरनेशनल पार्टनरशिप फॉर इंफॉर्मेशन एंड डेमोक्रेसी को 26 सितंबर 2019 को एलायंस फॉर मल्टीलेटरलिज्म के ढांचे में न्यूयॉर्क में लॉन्च किया गया था। अब तक 43 देशों द्वारा इस पर हस्ताक्षर किए गए हैं और इसका उद्देश्य राय जाहिर करने एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ एक मुक्त, बहुलवादी एवं भरोसेमंद सूचना तक पहुंच को बढ़ावा देना है।
पार्टनरशिप के सिद्धांतों को लागू करने के लिए रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और 10 स्वतंत्र नागरिक समाजिक संगठनों द्वारा 10 नवंबर 2019 को सूचना एवं लोकतंत्र पर एक फोरम बनाया गया था। 12 नवंबर 2020 को इस फोरम ने इन्फोडेमिक्स के खिलाफ लड़ाई पर अपनी पहली रिपोर्ट प्रकाशित की थी। उसके बाद 16 जून 2021 को पत्रकारिता की आर्थिक स्थिरता (अ न्यू डील फॉर जर्नलिज्म शीर्षक के तहत) पर अपनी दूसरी रिपोर्ट प्रकाशित की।
उद्देश्य
यह शिखर सम्मेलन निम्नलिखित प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने का एक अवसर था :
- मुक्त, बहुलवादी एवं विश्वसनीय सूचनाओं तक पहुंच को बढ़ावा देना जो राय जाहिर करने एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक अनिवार्य पहलू है।
- फोरम की सिफारिशों पर चर्चा करना, उनके कार्यान्वयन को बढ़ावा देना और आगामी कार्य का समर्थन करना।
- वैश्विक सूचना रुझानों का विश्लेषण करने और पार्टनरशिप के हस्ताक्षरकर्ता देशों एवं नागरिक समाजिक संगठनों के लिए एक नियमित रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए जिम्मेदार इंटरनेशनल ऑब्जर्बेटरी ऑन इन्फॉर्मेशन एंड डेमोक्रेसी की स्थापना पर विचार करना।
- जागरूकता और हिमायत के माध्यम से राज्यों व जनता के साथ साझेदारी के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए फोरम से जुड़े एक नागरिक समाज गठबंधन (लगभग 50 गैर-सरकारी संगठन) की शुरुआत करना।
- सूचना एवं लोकतंत्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी और मुक्त, बहुलवादी एवं विश्वसनीय सूचनाओं तक पहुंच के मामलों से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच संबंधों को बढ़ावा देना।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
एम्बिशन टू इम्पैक्ट
ऊर्जा पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय संवाद (एचएलडीई) 2021 में ‘एम्बिशन टू इम्पैक्ट : भारत की स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था में वैश्विक सहयोग के अवसर’ पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय; न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन और ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) द्वारा कल किया गया था।
वेबिनार में नागरिक केंद्रित ऊर्जा प्रबंधन के माध्यम से वर्ष 2030 सतत विकास एजेंडा प्राप्त करने के लिए भारत के प्रयासों को प्रदर्शित किया गया और वैश्विक सहयोग के माध्यम से भारत की स्वच्छ ऊर्जा परिनियोजन की गति को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस कार्यक्रम में अनुकूल अंतरराष्ट्रीय नीतियों, प्रौद्योगिकियों के सह-विकास, प्रदर्शनों के लिए संगठित वित्त और बाजार बनाने तथा उपलब्धता को बढ़ाने हेतु निवेश के माध्यम से वितरण के वास्ते आवश्यक बहुपक्षीय प्रयासों पर चर्चा की गई।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और रसायन एवं उर्वरक केंद्रीय राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा ने कार्यक्रम में मुख्य भाषण दिया और कहा कि भारत गैर-जीवाश्म स्रोतों से 40 प्रतिशत स्थापित बिजली क्षमता के अपने पेरिस समझौते एनडीसी को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से ट्रैक पर है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक साल 2005 के स्तर से इसके सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता में 33-35 प्रतिशत की कमी आई है।
इस आयोजन के दौरान ब्राजील के राजदूत एच.ई. श्री आंद्रे अरन्हा कोरा दो लागो और डेनमार्क के राजदूत एच.ई. श्री फ्रेडी स्वेन ने भारत की स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई पहल के लिए हरसंभव सहायता व समर्थन व्यक्त किया। दोनों गणमान्य व्यक्तियों ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में लक्षित उद्देश्यों को लेकर भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के तरीकों के बारे में चर्चा की। ब्राजील और डेनमार्क दोनों ही संयुक्त राष्ट्र के एनर्जी ट्रान्ज़िशन के वैश्विक चैंपियन हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि श्री टी.एस. तिरुमूर्ति ने एक वीडियो संदेश में कहा कि भारत का लक्ष्य कई नागरिक केंद्रित उपायों के माध्यम से तर्कसंगत कीमतों पर सार्वभौमिक रूप से सुलभ और दीर्घकालिक ऊर्जा प्रदान करना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वैश्विक पहल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय समुदायों के साथ लगातार जुड़ रहा है। एमएनआरई के सचिव श्री इंदु शेखर चतुर्वेदी ने भारत की अक्षय ऊर्जा उपलब्धियों तथा भविष्य की महत्वाकांक्षाओं के रोडमैप के बारे में जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में भारत सरकार और भारत से संयुक्त राष्ट्र के सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के अन्य भागीदारों द्वारा प्रस्तुत ऊर्जा कॉम्पैक्ट पर एक प्रस्तुति तथा एक वृत्तचित्र भी शामिल था। भारत सरकार के अलावा, भारतीय हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला द्वारा ऊर्जा कॉम्पैक्ट प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें उपयोगिताओं, स्मार्ट शहरों और बायोएनर्जी, नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली, ई-गतिशीलता, दूरसंचार, उपभोक्ता वस्तुओं और एफएमसीजी, खाद्य, सीमेंट तथा हार्ड-टू-एबेट सेक्टर को शामिल किया गया है।
ऊर्जा काम्पैक्ट प्रस्तुत करने वालों में ये शामिल हैं; रेल मंत्रालय; एनटीपीसी लिमिटेड; राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड; और स्मार्ट सिटी अयोध्या, उत्तर प्रदेश; इंदौर, मध्य प्रदेश; न्यू टाउन कोलकाता, पश्चिम बंगाल; पिंपरी-चिंचवड, महाराष्ट्र; राउरकेला, ओडिशा; और सूरत, गुजरात।
कॉरपोरेट एनर्जी कॉम्पैक्ट्स में अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी ट्रांसमिशन; एथर एनर्जी; भारती एयरटेल; हीडलबर्ग सीमेंट; आईटीसी लिमिटेड; जे के सीमेंट; जेएसडब्ल्यू सीमेंट; पंजाब रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टम्स लिमिटेड; रिन्यू पावर और अल्ट्राटेक सीमेंट सम्मिलित हैं।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
सौभाग्य योजना
सौभाग्य योजना के प्रारंभ होने के बाद से 2.82 करोड़ घरों का विद्युतीकरण किया गया है। ये आंकड़े इस वर्ष 31 मार्च तक के हैं। मार्च 2019 तक देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 2.63 करोड़ इच्छुक अविद्युतीकृत घरों को 18 महीने के रिकॉर्ड समय में बिजली का कनेक्शन प्रदान किया गया। इसके बाद सात राज्यों-
असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मणिपुर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुई सूचना के अनुसार 31.03.2019 से पहले लगभग 18.85 लाख अविद्युतीकृत घरों की पहचान की गई, जो पहले बिजली कनेक्शन लेने में अनिच्छुक थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की और फिर वे भी इस योजना के अंतर्गत शामिल हुए हैं।
सौभाग्य दुनिया के सबसे बड़े घरेलू विद्युतीकरण अभियानों में से एक है। इस योजना की घोषणा 25 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने की थी। इस योजना का उद्देश्य देश में अंतिम छोर तक पहुंचकर संचार के माध्यम से सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण प्राप्त करना और ग्रामीण क्षेत्रों में अविद्युतीकृत घरों व शहरी क्षेत्रों में बिना बिजली के गरीब लोगों तक विद्युत ऊर्जा की पहुंच उपलब्ध कराना था। सौभाग्य की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने नए युग के भारत में सभी को बिजली तक पहुंच प्रदान करने और समानता, दक्षता तथा स्थिरता की दिशा में काम करने का संकल्प लिया था।
मंत्रालय द्वारा के एक अनुमान के मुताब़िक देश में अभी भी 1.5 लाख घर ऐसे हैं जहाँ बिजली कनेक्शन नहीं पहुँचा है।
प्रमुख बिंदु :
- केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य एक निश्चित समयावधि में देश के सभी घरों तक बिजली पहुँचाना था।
- इस योजना को सर्वप्रथम सितंबर 2017 में आरंभ किया गया था और इसे दिसंबर 2018 तक पूरा किया जाना था, लेकिन बाद में इसकी समयावधि को 31 मार्च 2019 तक बढ़ा दिया गया।
- पूर्व में राजस्थान सरकार ने यह सूचित किया था कि वहाँ के सभी इच्छुक लोगों को बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है, लेकिन राजस्थान में अभी भी कुछ घर ऐसे हैं जो बिजली कनेक्शन चाहते हैं, लेकिन अब तक उनके पास बिजली की व्यवस्था नहीं है।
- इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ में भी 24000 घर ऐसे हैं जहाँ बिजली कनेक्शन अभी तक उपलब्ध नहीं है। छत्तीसगढ़ प्रशासन के अनुसार, उग्रवाद के कारण अब तक इन घरों में बिजली कनेक्शन नहीं दे पाया है।
- कनेक्शन से वंचित सभी घरों को अब इस योजना के तहत बिजली कनेक्शन नहीं दिया जाएगा, क्योंकि हाल ही में पेश हुए बजट में इस योजना के लिये कोई भी राशि आवंटित नहीं की गई है।
- बिजली कनेक्शन से वंचित घरों को अन्य योजनाओं जैसे- एकीकृत बिजली विकास योजना (Integrated Power Development Scheme-IPDS), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (Deen Dayal Upadhyaya Gram Jyoti Yojana-DDUGJY) आदि के माध्यम से बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा।
सौभाग्य योजना :
- सौभाग्य योजना का शुभारंभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण सुनिश्चित करने के लिये किया गया था।
- इस योजना के तहत केंद्र सरकार से 60% अनुदान राज्यों को दिया गया, जबकि राज्यों ने अपने कोष से 10% धन खर्च किया और शेष 30% राशि बैंकों ने बतौर ऋण के रूप में प्रदान की।
- विशेष राज्यों के लिये केंद्र सरकार द्वारा योजना का 85% अनुदान दिया गया, जबकि राज्यों को अपने पास से केवल 5% धन ही लगाना था और शेष 10% राशि बैंकों ने बतौर ऋण के रूप में प्रदान की।
- ऐसे सभी चार करोड़ निर्धन परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान किया गया जिनके पास उस वक्त कनेक्शन नहीं था।
- इस योजना का लाभ गाँव के साथ-साथ शहर के लोगों को भी प्रदान किया गया।
- केंद्र सरकार द्वारा बैटरी सहित 200 से 300 वाट क्षमता का सोलर पावर पैक दिया गया, जिसमें हर घर के लिये 5 LED बल्ब, एक पंखा भी शामिल था।
- बिजली के इन उपकरणों की देख-रेख 5 सालों तक सरकार अपने खर्च पर करेगी।
- बिजली कनेक्शन के लिये 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना को आधार माना गया था। जो लोग इस जनगणना में शामिल नहीं थे, उन्हें 500 रुपए में कनेक्शन दिया गया और इसे 10 किश्तों में वसूला जाएगा।
- सभी घरों को बिजली पहुँचाने के लिये प्री-पेड मॉडल अपनाया गया था।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली दिवस
पेंशन नियामक पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) 1 अक्टूबर, 2021 को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) दिवस मनाने के लिए तैयार है।
मुख्य बिंदु
- पेंशन और सेवानिवृत्ति योजना को बढ़ावा देने के लिए NPS ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत एक अभियान भी शुरू किया।
- NPS सब्सक्राइबर लाभ, चक्रवृद्धि की शक्ति का आनंद लेंगे और सेवानिवृत्ति के बाद कई लाभ प्राप्त करेंगे।
अभियान का उद्देश्य
- PFRDA प्रत्येक नागरिक को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय रूप से मजबूत भविष्य सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय कुशन बनाने की योजना बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अभियान आयोजित करेगा।
- यह अभियान जनता के बीच पेंशन योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने का भी प्रयास करता है।
- इसका उद्देश्य भारत के लिए पेंशनभोगी समाज के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए सभी पात्र नागरिकों को पेंशन योजना के तहत कवर करना है।
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA)
PFRDA वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में काम करने वाली नियामक संस्था है। यह पूरे भारत में पेंशन के समग्र पर्यवेक्षण और विनियमन को देखती है। यह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का नियामक है और पेंशन बाजार के व्यवस्थित विकास को सुनिश्चित करता है।
PFRDA के सदस्य
इसमें एक अध्यक्ष और छह सदस्य होते हैं। 6 सदस्यों में से कम से कम तीन पूर्णकालिक सदस्य होंगे। सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार करती है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.3
अंतर्राष्ट्रीय स्टार्ट-अप हब रैंकिंग 2021
इंटरनेशनल स्टार्ट-अप हब रैंकिंग 2021 को हाल ही में स्टार्ट-अप जीनोम (Start-up Genome) द्वारा अपनी वार्षिक Global Start-up Ecosystem Report 2021 के लिए संकलित और प्रकाशित किया गया था।
मुख्य बिंदु
- अंतर्राष्ट्रीय स्टार्ट-अप की व्यापक रैंकिंग के अनुसार लंदन, मुंबई और बैंगलोर को दुनिया के शीर्ष स्टार्ट-अप केंद्रों में शामिल किया गया है।
- ब्रेक्सिट और कोरोना वायरस महामारी के बावजूद लंदन ने लगातार दूसरे वर्ष न्यूयॉर्क के साथ दूसरे स्थान की रैंकिंग बनाए रखी।
- बैंगलोर ने 23वां स्थान हासिल किया गया।
- दिल्ली 36वें स्थान रहा।
- इमर्जिंग इकोसिस्टम रैंकिंग में मुंबई को पहले स्थान पर रखा गया है।
- कर्नाटक दुनिया का चौथा सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी और नवाचार क्लस्टर भी है और 400 से अधिक वैश्विक अनुसंधान एवं विकास केंद्रों का घर है।
सबसे आकर्षक गंतव्य
इस रिपोर्ट के अनुसार, सिलिकॉन वैली के बाहर टेक स्टार्ट-अप स्थापित करने के लिए लंदन सबसे आकर्षक गंतव्य है। इसके समग्र पारिस्थितिकी तंत्र का मूल्य 142.7 अरब अमेरिकी डॉलर है। लंदन विश्व स्तर पर निवेश पारिस्थितिकी तंत्र में वित्त पोषण, गुणवत्ता और गतिविधि तक पहुंच के लिए सबसे अच्छे शहरों में से एक है।
भारतीय स्टार्ट-अप कहां खड़े हैं?
इस रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय स्टार्ट-अप ने वर्ष 2021 की पहली छमाही में 12.1 बिलियन अमरीकी डालर जुटाए हैं। यह तकनीक और नवाचार के वैश्विक केंद्र के रूप में भारत के तेजी से विकास को प्रदर्शित करता है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3