Current Affairs – 28 October, 2021
भारत-आसियान शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज आसियान के वर्तमान अध्यक्ष ब्रुनेई के महामहिम सुल्तान हाजी हसनअल बोल्किया के निमंत्रण पर 18वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लिया। यह शिखर सम्मेलन वर्चुअल ढंग से आयोजित किया गया और इसमें आसियान के सदस्य देशों के राजनेताओं ने भाग लिया। भारत-आसियान साझेदारी की 30वीं वर्षगांठ की उल्लेखनीय उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए इन सभी राजनेताओं ने वर्ष 2022 को ‘भारत-आसियान मैत्री वर्ष’ के रूप में घोषित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ और व्यापक हिंद-प्रशांत विजन के लिए भारत के विजन में आसियान की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित किया। हिंद-प्रशांत के लिए आसियान आउटलुक (एओआईपी) और भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) के बीच सामंजस्य पर पूरा भरोसा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और आसियान के राजनेताओं ने इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के लिए सहयोग पर ‘भारत-आसियान संयुक्त वक्तव्य’ का अनुमोदन किए जाने का स्वागत किया।
दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन
दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (अंग्रेज़ी : एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस, लघु:आसियान) दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह है, जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भी कार्य करते हैं। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है। आसियान की स्थापना ८ अगस्त, १९६७ को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी। इसके संस्थापक सदस्य थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे। ब्रूनेई इस संगठन में १९८४ में शामिल हुआ और १९९५ में वियतनाम। इनके बाद १९९७ में लाओस और बर्मा इसके सदस्य बने। १९७६ में आसियान की पहली बैठक में बंधुत्व और सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किए गए। १९९४ में आसियान ने एशियाई क्षेत्रीय फोरम (एशियन रीजनल फोरम) (एआरएफ) की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ावा देना था। अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और उत्तरी कोरिया सहित एआरएफ के २३ सदस्य हैं।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
सेब महोत्सव
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पहली बार आयोजित सेब महोत्सव का वर्च्युअली शुभारंभ आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं उप राज्यपाल श्री %A