Current Affairs – 30 November, 2021
‘इनफिनिटी-फोरम’
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तीन दिसंबर, 2021 को सुबह 10 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इनफिनिटी फोरम का उद्घाटन करेंगे। इनफिनिटी फोरम, फिन-टेक पर एक विचारशील नेतृत्वकारी मंच है।
इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) द्वारा किया जा रहा है। आयोजन में गिफ्ट-सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) और ब्लूमबर्ग सहयोग कर रहे हैं। कार्यक्रम तीन और चार दिसंबर, 2021 को होगा। फोरम के पहले आयोजन में इंडोनीशिया, दक्षिण अफ्रीका और यूके साझीदार देश हैं।
इनफिनिटी-फोरम के जरिये नीति, व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व की जानी-मानी प्रतिभायें एक साथ आयेंगी तथा इस बात पर गहन विमर्श करेंगी कि कैसे प्रौद्योगिकी और नवाचार को फिन-टेक उद्योग में इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि समावेशी विकास हो तथा बड़े पैमाने पर सबकी सेवा हो।
फोरम का एजेंडा ‘बियॉन्ड’ (सर्वोच्च) विषय पर केंद्रित है। इसमें विभिन्न उप-विषय शामिल हैं, जैसे ‘फिन-टेक बियॉन्ड बाऊंड्रीज,’(वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च सीमा तक), जिसके तहत सरकारें और व्यापार संस्थायें वित्तीय समावेश को प्रोत्साहित करने के लिये भौगोलिक सरहदों के परे ध्यान देंगी, ताकि वैश्विक समूह का विकास हो सके; ‘फिन-टेक बियॉन्ड फाइनेन्स’ (वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च वित्त तक), जिसके तहत स्पेस-टेक, ग्रीन-टेक तथा एग्री-टेक जैसे उभरते क्षेत्रों में एकरूपता लाई जा सके और सतत विकास हो सके; और ‘फिन-टेक बियॉन्ड नेक्सट’ (वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च अग्रिम तक), जिसके तहत इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि कैसे क्वॉन्टम कंप्यूटिंग, भावी फिन-टेक उद्योग तथा नये अवसरों को प्रोत्साहित करने के लिये प्रभावी हो सकता है।
फोरम में 70 से अधिक देश हिस्सा लेंगे। इस वर्ष के फोरम में नीति आयोग, इनवेस्ट इंडिया, फिक्की और नैसकॉम मुख्य साझीदारों में से हैं।
आईएफएससीए के बारे में –
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी) का मुख्यालय गिफ्ट-सिटी, गांधीनगर, गुजरात में स्थित है। इसकी स्थापना अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम, 2019 के तहत की गई थी। यह संस्था भारत में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के नियमन तथा विकास के लिये एक एकीकृत प्राधिकार के रूप में काम करती है। इस समय गिफ्ट-आईएफएससी भारत में पहला अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
एडमिरल आर. हरि कुमार
एडमिरल आर. हरि कुमार, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी ने आज (30 नवंबर 2021) नौसेना स्टाफ के 25वें प्रमुख के रूप में भारतीय नौसेना की कमान संभाली। उन्होंने एडमिरल करमबीर सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी का स्थान ग्रहण किया है, जो भारतीय नौसेना में 41 साल से अधिक के अपने शानदार करियर के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं।
एडमिरल आर. हरि कुमार प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला के पूर्व छात्र रहे हैं। उन्हें 01 जनवरी, 1983 को भारतीय नौसेना में कमीशन मिला था। अपने 38 वर्ष से अधिक के शानदार करियर के दौरान उन्होंने तटरक्षक जहाज सी-01, भारतीय नौसेना जहाज के निशंक, कोरा, रणवीर तथा विमान वाहक आईएनएस विराट की कमान संभाली है। एडमिरल आर. हरि कुमार तोपखाना विशेषज्ञ रहे हैं। उन्होंने पश्चिमी बेडे के फ्लीट ऑपरेशंस ऑफिसर और फ्लीट गनरी ऑफिसर, आईएनएस विपुल के कार्यकारी अधिकारी (ईएक्सओ), आईएनएस रंजीत के गनरी ऑफिसर (जीओ), आईएनएस कुठार के कमीशनिंग जीओ और आईएनएस रणवीर के कमीशनिंग क्रू सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया है। उनकी तटवर्ती नियुक्तियों में मुख्यालय डब्ल्यूएनसी में कमांड गनरी ऑफिसर, सेशेल्स में सरकार के नौसेना सलाहकार, मोगादिशु सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनओएसओएम-II), आईएनएस द्रोणाचार्य के प्रशिक्षण कमांडर शामिल हैं। फ्लैग ऑफिसर के रूप में, उन्होंने नेवल वॉर कॉलेज, गोवा में कमांडेंट, फ्लैग ऑफिसर सी-ट्रोनिंग (एफओएसटी), फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वेस्टर्न फ्लीट (एफसोसीडब्ल्यूएफ), चीफ ऑफ स्टाफ, पश्चिमी नौसेना कमान, कंट्रोलर पर्सनेल सर्विसेज और नौसेना मुख्यालय में कार्मिक प्रमुख (सीओपी) के रूप में काम किया है। उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) संस्थान के निर्माण के दौरान महत्वपूर्ण संयोजन में चेयरमैन चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के चीफ ऑफ इंटीग्रेटिट डिफेंस स्टाफ प्रमुख के रूप में तथा सैन्य मामलों के विभाग में भी काम किया है।
एडमिरल आर. हरि कुमार 30 नवंबर, 2021 को नौसेना स्टाफ के प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण करने से पहले मुंबई में पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ थे।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1 PRE
भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
श्रम ब्यूरो, श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का संकलन सम्पूर्ण देश में फैले हुए 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है। सूचकांक का संकलन 88 औद्योगिक केंद्रों एवं अखिल भारत के लिए किया जाता है और आगामी महीने के अंतिम कार्य दिवस पर जारी किया जाता है। इस प्रेस विज्ञप्ति में अक्टूबर, 2021 का सूचकांक जारी किया जा रहा है।
अक्टूबर, 2021 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू 1.6 अंकों की वृद्धि के साथ 124.9 (एक सौ चौबीस दशमलव नौ) पर रहा। 1 महीने के प्रतिशत परिवर्तन पर, इसमें पिछले महीने की तुलना में 1.30 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसी महीने के बीच 1.19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
वर्तमान सूचकांक में दर्ज वृद्धि में अधिकतम योगदान खाद्य और पेय समूह से आया है, जो कुल परिवर्तन में 1.31 प्रतिशत अंक का योगदान देता है। मदों के स्तर पर सरसों का तेल, टमाटर, प्याज, बैंगन, पत्ता गोभी, फूलगोभी, भिंडी, मटर, आलू, रसोई गैस, वाहन के लिए पेट्रोल आदि सूचकांक में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि, इस वृद्धि को मूंग दाल, फ्रेश फिश, सेब, अंगूर, संतरा, अदरक, आदि द्वारा काफी हद तक नियंत्रित किया गया, जिससे सूचकांक पर दबाव पड़ा।
श्रम और रोजगार मंत्रालय के प्रधान सलाहकार श्री डी.पी.एस. नेगी (सी) ने बताया कि केंद्र स्तर पर उधम सिंह नगर में अधिकतम 5.8 अंक की वृद्धि दर्ज की गई, जिसके बाद रामगढ़ और विश्वनाथ-चारियाली में क्रमश: 4.6 अंक और 4.0 अंक की वृद्धि दर्ज की गई। साथ ही 5 केंद्रों में 3 से 3.9 अंक, 22 केंद्रों में 2 से 2.9 अंक, 39 केंद्रों में 1 से 1.9 अंक और 16 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच वृद्धि देखी गई। इसके विपरीत, लुधियाना में सबसे अधिक 0.3 अंक की गिरावट दर्ज की गई, इसके बाद इडुक्की और दार्जिलिंग में 0.2 अंक की गिरावट दर्ज की गई।
साल-दर-साल मुद्रास्फीति पिछले महीने के 4.41 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने के दौरान 5.91 प्रतिशत की तुलना में 4.50 प्रतिशत रही। इसी तरह, खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने के 2.26 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने के दौरान 8.21 प्रतिशत के मुकाबले 2.20 प्रतिशत रही।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (अंग्रेज़ी : consumer price index या CPI) घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे गये सामानों एवं सेवाओं (goods and services) के औसत मूल्य को मापने वाला एक सूचकांक है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की गणना वस्तुओं एवं सेवाओं के एक मानक समूह के औसत मूल्य की गणना करके की जाती है। वस्तुओं एवं सेवाओं का यह मानक समूह एक औसत शहरी उपभोक्ता द्वारा खरीदे जाने वाली वस्तुओं का समूह होता है। भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आँकड़े केन्द्र सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मासिक आधार पर प्रति माह जारी किए जाते हैं। इस सूचकांक हेतु वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य संबंधी आँकड़े राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन NSSO द्वारा चुनिंदा शहरों से संग्रहित किए जाते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आँकड़ों का संग्रहण डाक विभाग द्वारा किया जाता है। औद्योगिक श्रमिकों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का नया आधार वर्ष 2016 है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
पराग अग्रवाल
भारतीय मूल के पराग अग्रवाल (Parag Agrawal) को ट्विटर का सीईओ नियुक्त किया गया है। सीईओ के रूप में उन्होंने जैक डोर्सी की जगह ली है।
पराग अग्रवाल (Parag Agrawal)
पराग अग्रवाल के जन्म मुंबई में वर्ष 1984 में हुआ था। उन्होंने IIT बॉम्बे से बी.टेक. की पढ़ाई की है। बाद में वे पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चले गये थे। वर्ष 2017 में उन्होंने ट्विटर में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर के रूप में कार्य करना शुरू किया था।
ट्विटर (Twitter)
ट्विटर एक अमेरिकी माइक्रोब्लॉगिंग और सोशल नेटवर्किंग सेवा है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से, यूजर्स ट्वीट्स कहे जाने वाले संदेशों को पोस्ट और इंटरैक्ट करते हैं। पंजीकृत यूजर्स ट्वीट को पोस्ट, लाइक और रीट्वीट कर सकते हैं। अपंजीकृत यूजर्स केवल उन पोस्ट को पढ़ सकते हैं। दुनिया भर में ट्विटर के 25 से अधिक कार्यालय हैं। ट्विटर मार्च 2006 में जैक डोर्सी, नोआ ग्लास, बिज़ स्टोन और इवान विलियम्स द्वारा बनाया गया था और जुलाई 2006 में लॉन्च किया गया था।
SOURCE-DANIK JAGRAN
PAPER-G.S.1 PRE
Call your Cop
नागालैंड पुलिस ने आधिकारिक तौर पर 29 नवंबर, 2021 को ‘कॉल योर कॉप’ (Call your Cop) मोबाइल एप्प लॉन्च किया।
मुख्य बिंदु
- इस को कोहिमा में पुलिस मुख्यालय में लॉन्च किया गया।
- यह एप्प संकटग्रस्त लोगों सहित राज्य के सभी नागरिकों को सीधे पुलिस से संपर्क करने में सक्षम बनाएगी।
- यह पहल पूरे देश में पुलिस विभाग के संपूर्ण आधुनिकीकरण के अनुरूप भी है।
- नागालैंड में इस ऐप की लॉन्चिंग सबसे महत्वपूर्ण पहल है, क्योंकि यह पुलिस और जनता को करीब लाने का प्रयास करती है।
एप्प की विशेषताएं
इस एप्प की महत्वपूर्ण विशेषताओं में शामिल हैं- अलर्ट, डायरेक्टरी, SOS, टूरिस्ट टिप्स, नजदीकी पुलिस स्टेशन और सर्च। इस एप्प को किसी भी एंड्राइड फोन में गूगल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
भारत में पुलिस सुधार
भारत में पुलिस सुधारों का उद्देश्य पुलिस संगठनों की संस्कृति, मूल्यों, नीतियों और प्रथाओं को बदलना है। इन सुधारों में पुलिस को अपने लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन और मानवाधिकारों के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करने की परिकल्पना की गई है। भारतीय संविधान में, पुलिस को अनुसूची 7 की राज्य सूची के तहत सूचीबद्ध किया गया है। संविधान के तहत, पुलिस राज्यों द्वारा शासित एक विषय है। इसलिए, 29 राज्यों में से प्रत्येक के पास अपने पुलिस बल हैं। केंद्र को कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्यों की सहायता करने के लिए अपने स्वयं के पुलिस बलों को बनाए रखने की भी अनुमति है। इसलिए, यह सात केंद्रीय पुलिस बलों और कुछ अन्य पुलिस संगठनों जैसे खुफिया कार्य, जांच, अनुसंधान और रिकॉर्डकीपिंग, और विशेष कार्यों के लिए प्रशिक्षण बनाए रखता है।
रुबिरो समिति 1998
1996 में दो पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने एक जनहित याचिका (PIL) में है उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय पुलिस आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए सरकारों को निर्देश देने के लिए न्यायालय से माँग करना। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आयोग की सिफारिशों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया और इस तरह रिबेरो समिति का गठन किया गया। के नेतृत्व में समिति जेएफ रिबेरो, पूर्व पुलिस प्रमुख, 1998 और 1999 में बैठे, और दो रिपोर्टों का उत्पादन किया।
पद्मनाभ समिति 2000
2000 में, सरकार ने पुलिस सुधार पर एक तीसरी समिति का गठन किया, इस बार एक पूर्व केंद्रीय गृह सचिव के नेतृत्व में, के. पद्मनाभैया। इस समिति ने उसी वर्ष अपनी रिपोर्ट जारी की।
मलिमथ समिति 2002-03
मार्च 2003 में प्रस्तुत की गई मलिमथ कमेटी की रिपोर्ट ने बहुत ही कलात्मक ढंग से एक पुनर्गठन और पुनर्निर्मित पुलिस प्रणाली की नींव रखी है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आपराधिक न्याय प्रशासन की पूरी प्रक्रिया की सफलता पूरी तरह से पुलिस संगठन के उचित कामकाज पर विशेष रूप से जांच चरण में निर्भर करती है।
अपराधों की जांच के अलावा, कानून और व्यवस्था बनाए रखने का काम भी पुलिस का है।
पुलिस अधिनियम मसौदा समिति 2005
2005 में, सरकार ने भारत के लिए एक नए पुलिस अधिनियम का मसौदा तैयार करने के लिए एक समूह रखा। इसकी अध्यक्षता की थीसोली सोराबजी (पूर्व महान्यायवादी)। समिति ने 2006 के अंत में केंद्र सरकार को एक मॉडल पुलिस अधिनियम प्रस्तुत किया ।
प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ 2006 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश
1996, प्रकाश सिंह (के पूर्व प्रमुख असम पुलिस तथा उत्तर प्रदेश पुलिस और बाद में महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल) ने पहल की जनहित याचिका (PIL) में है भारत का सर्वोच्च न्यायालय, अदालत ने भारत भर के पुलिस बलों में सुधार के उपायों की जांच करने और कानून के समुचित शासन को सुनिश्चित करने के लिए भारत भर में सुरक्षा में सुधार करने के उपायों की जांच करने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस सुधारों पर विभिन्न रिपोर्टों का अध्ययन किया। अंत में, 2006 में, न्यायमूर्ति की एक पीठ सभरवाल, न्याय सीके ठक्कर और न्यायमूर्ति पीके बालासुब्रमण्यन ने राज्य सरकारों को पुलिस बल में कई सुधारों को लागू करने का आदेश दिया। भारत में पुलिस को पेशेवर बनाने के लिए आवश्यक कई उपायों की पहचान की गई :
- एक मध्य या उच्च रैंकिंग पुलिस अधिकारी को हर दो साल में अधिक बार स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए।
- राज्य सरकार पुलिस बल को किसी को नियुक्त करने के लिए नहीं कह सकती, न ही क्या वे महानिदेशक चुन सकते हैं राज्य पुलिस का।
- जांच और गश्त के लिए अलग-अलग विभाग और कर्मचारी होने चाहिए, जिसमें निम्नलिखित शामिल होंगे:
- नीतियों और दिशा के लिए एक राज्य सुरक्षा आयोग।
- एक पुलिस स्थापना बोर्ड, जो पुलिस अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के चयन, पदोन्नति और स्थानांतरण का फैसला करेगा।
- एक पुलिस शिकायत प्राधिकरण, पुलिस के कदाचार के आरोपों में पूछताछ करने के लिए।
मॉडल पुलिस अधिनियम, 2006 मॉडल पुलिस अधिनियम, 2006
केंद्र सरकार ने पुलिस अधिनियम, 1861 को प्रतिस्थापित करने वाले एक नए मॉडल पुलिस कानून का मसौदा तैयार करने के लिए 2005 में पुलिस अधिनियम मसौदा समिति (अध्यक्ष: सोली सोराबजी) की स्थापना की। समिति ने 2006 में मॉडल पुलिस अधिनियम प्रस्तुत किया, जो सभी को प्रसारित किया गया था। 2006 में राज्य। 17 राज्यों (असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मेघालय, मिजोरम, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड) ने नए कानून पारित किए और अपने मौजूदा संशोधन किए इस नए मॉडल कानून के प्रकाश में कानून।
पुलिस बलों का आधुनिकीकरण
पुलिस बलों का आधुनिकीकरण (MPF) योजना 1969-70 में शुरू की गई थी। तब से, पिछले कुछ वर्षों में इसमें कई संशोधन हुए हैं। इसके तहत किये गये प्रमुख सुधार इस प्रकार हैं :
- आधुनिक हथियारों की खरीद
- लॉजिस्टिक्स समर्थन
- पुलिस बलों की गतिशीलता
- पुलिस वायरलेस का अपग्रेडेशन
- राष्ट्रीय उपग्रह नेटवर्क
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.2