CURRENT AFFAIRS – 6th JUNE 2021
परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स
केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘ ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) 2019-20 को जारी करने की स्वीकृति दे दी है। सरकार ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव को उत्प्रेरित करने के लिए 70 मानकों के एक सेट के साथ प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स की शुरुआत की है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पीजीआई पहली बार 2019 में 2017-18 के संदर्भ में प्रकाशित हुआ था।राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पीजीआई 2019-20 इस श्रृंखला में तीसरा प्रकाशन है। पीजीआई की इस कवायद में यह परिकल्पना की गई है कि सूचकांक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को बहुआयामी कार्यक्रम चलाने की दिशा में प्रेरित करेगा जो बहुत वांछित सर्वोत्कृष्ठ शिक्षा परिणामों को लाएगा। पीजीआई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कमी की तरफ इंगित करने में मदद देगा और उसी के अनुसार कार्यक्रम के क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो कि स्कूली शिक्षा प्रणाली सभी स्तरों पर मजबूत है।
पंजाब, चंडीगढ़, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह तथा केरल को 2019-20 के लिए उच्चतम ग्रेड (ए++) प्राप्त हुआ है।
पहले के वर्षों की तुलना में अधिकतर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी ग्रेडिंग को सुधारा है।
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पुड्डुचेरी, पंजाब तथा तमिलनाडु ने समग्र पीजीआई स्कोर में 10 प्रतिशत का सुधार किया है यानी 100 या अधिक अंक।
पीजीआई के कार्यक्षेत्र (डोमेन) एक्सेस में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह ,लक्षद्वीपतथा पंजाब ने 10 प्रतिशत (8 अंक) या अधिक का सुधार किया है।
पीजीआई के डोमेन अवसंरचना और सुविधाओं में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 10 प्रतिशत (15 अंक) या उससे अधिक का सुधार दिखाया है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और ओडिशा ने 20 प्रतिशत या उससे अधिक का सुधार दिखाया है।
पीजीआई के डोमेन इक्विटी में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर तथा ओडिशा ने 10 प्रतिशत से अधिक का सुधार दिखाया है।
पीजीआई के डोमेन गवर्नेंस प्रोसेस में 19 राज्यों तथा केंद्र शासिक प्रदेशों ने 10 प्रतिशत (36 अंक) या उससे अधिक का सुधार दिखाया है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर,पंजाब, राजस्थान तथा पश्चिम बंगाल ने कम से कम 20 प्रतिशत (72 अंक या अधिक) का सुधार दिखाया है।
पहली बार 2019 में पब्लिश हुआ PGI
ग्रेडिंग इंडेक्स राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूली शिक्षा प्रणाली हर स्तर पर मजबूत करने की व्यवस्था में सही स्थिति के आंकलन में मदद करता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 70 पैरामीटर्स के एक सेट के साथ मंजूरी दी है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पीजीआई पहली बार 2019 में 2017-18 के साथ प्रकाशित किया गया था। PGI 2019-20 इस सीरीज का तीसरा पब्लिकेशन है। पीजीआई एक्सरसाइज में परिकल्पना की गई है कि इंडेक्स राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को मल्टी-डायमेंशनल इंटरवेंशन के लिए प्रेरित करेगा।
SOURCE-PIB
‘Enhanced Follow-up List’
ग्लोबल एंटी-टेररिस्ट वॉचडॉग फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ‘Enhanced Follow-up List’ में बनाए रखने का फैसला किया है।
पृष्ठभूमि
FATF ने अक्टूबर, 2020 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा था और तय किया था कि FATF विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपीय संघ से पाकिस्तान को सहायता प्राप्त करने की अनुमति नहीं देगा। भारत ने एफएटीएफ का सदस्य होने के नाते पाकिस्तान को बार-बार वित्तीय अपराधों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF)
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स धन शोधन पर एक अंतरसरकारी संगठन है। इसकी स्थापना 1989 में की गयी थी। इसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष मार्शल बिलिंगसी हैं। इसकी स्थापना का शुरूआती उद्देश्य धन शोधन का सामना करने के लिए नीति निर्माण करना था। वर्ष 2001 में इसके कार्यक्षेत्र में आतंकवादी फंडिंग को भी शामिल किया गया। वर्तमान में इसमें 38 सदस्य देश शामिल हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2021
हाल ही में फ़्रांसिसी लेखक डेविड डिओप (David Diop) ने अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2021 जीता, वे इस पुरस्कार को जीतने वाले पहले फ़्रांसिसी व्यक्ति बन गये हैं। उन्हें उनकी पुस्तक “At Night All Blood is Black” के लिए दिया गया है। इस किताब का अंग्रेजी में अनुवाद एना मोश्कोवाकिस (Anna Moschovakis) द्वारा किया गया है। इस पुरस्कार की इनामी राशि 50,000 पौंड लेखक और अनुवादक के बीच बांटी जाएगी।
मुख्य बिंदु
“At Night All Blood is Black” एक उपन्यास है, जिसमे प्रथम विश्व युद्ध में फ्रांस की ओर से लड़ने वाले सेनेगल के एक सैनिक अल्फ़ा नदियाये (Alfa Ndiaye) पर आधारित है। यह पुस्तक 2018 में फ़्रांसिसी भाषा में प्रकाशित हुई थी, बाद में 2020 में यह अंग्रेजी में प्रकाशित हुई।
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (International Booker Prize)
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार को पहले मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार कहा जाता था। मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार पहली बार वर्ष 2005 में दिया गया था, यह पुरस्कार अंग्रेजी भाषा में अनुदित सर्वश्रेष्ठ पुस्तक को प्रदान किया जाता है और यूके या आयरलैंड में प्रकाशित किया जाता है। इसका उद्देश्य दुनिया भर से अंतरराष्ट्रीय कथा साहित्य के अधिक प्रकाशन और पढ़ने को प्रोत्साहित करना और अनुवादकों के काम को बढ़ावा देना है। इस अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार को वर्ष 2019 तक मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के नाम से जाना जाता था।
बुकर पुरस्कार (Booker Prize)
बुकर पुरस्कार (Booker Prize) और अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (International Booker Prize) दो अलग-अलग पुरस्कार हैं। अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार अंग्रेजी में अनुवाद की गयी पुस्तक व यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड में प्रकाशित पुस्तक के लिए दिया जाता है। जबकि बुकर पुरस्कार अंग्रेजी भाषा में लिखे गये सर्वश्रेष्ठ उपन्यास और यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड में प्रकाशित उपन्यास को दिया जाता है। बुकर पुरस्कार पहली बार वर्ष 1969 में दिया गया था।
SOURCE-GK TODAY
रूसी भाषा दिवस
संयुक्त राष्ट्र हर साल 6 जून को रूसी भाषा दिवस (Russian Language Day) मनाता है। यह यूनेस्को (UNESCO) द्वारा 2010 में स्थापित किया गया था।
6 जून ही क्यों?
अलेक्जेंडर पुश्किन (Aleksandr Pushkin) के जन्म दिवस पर रूसी भाषा दिवस मनाया जाता है। वह एक रूसी कवि थे और उन्हें आधुनिक रूसी साहित्य का जनक माना जाता है।
एलेक्ज़ेंडर पुश्किन (Aleksandr Pushkin)
उन्होंने अपनी पहली कविता तब प्रकाशित की जब वह 15 वर्ष के थे। उनका जन्म मास्को में हुआ था। पुश्किन की सबसे प्रसिद्ध कविता ‘ओड टू लिबर्टी’ (Ode to Liberty) थी जिसके कारण उनका निर्वासन हुआ।
संयुक्त राष्ट्र भाषा दिवस (UN Language Days)
संयुक्त राष्ट्र भाषा दिवस सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषावाद जश्न मनाने के लिए फरवरी 2010 में शुरू किया गया। संयुक्त राष्ट्र भाषा दिवस संगठन की छह आधिकारिक भाषाओं को बढ़ावा देते हैं। संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाएँ अंग्रेजी, अरबी, चीनी, स्पेनिश, रूसी और फ्रेंच हैं। वे निम्नलिखित तिथियों पर मनाये जाते हैं :
- अरबी-दिसंबर 18
- अंग्रेजी-अप्रैल 23
- चीनी-अप्रैल 20
- फ्रेंच-मार्च 20
- रूस- 6 जून
एंडेम्निटी
कई दिनों से ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि भारत सरकार वैश्विक दवा कंपनी फ़ाइज़र और मॉडेर्ना को वैक्सीन के निर्यात के लिए एंडेम्निटी दे सकती है।
इसका मतलब ये है कि अगर इन कंपनियों की वैक्सीन लगाने से किसी व्यक्ति पर दुष्प्रभाव होते हैं तो वो भारत में उन पर मुक़दमा नहीं कर सकेगा।
रिपोर्टों के मुताबिक फ़ाइज़र और मॉडेर्ना ने भारत के लिए अपनी वैक्सीन के निर्यात के लिए एंडेम्निटी की शर्त रखी है।
इस मामले में केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बताया कि किसी विदेशी या भारतीय वैक्सीन निर्माता को ‘हर्जाने से क्षतिपूर्ति से क़ानूनी संरक्षण’ देने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
इस साल दिसंबर के अंत तक अपनी समूची बालिग आबादी का टीकाकरण करने की घोषणा करने वाला भारत इस समय वैक्सीन की भारी किल्लत का सामना कर रहा है। ये लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत को रोजाना औसतन 86 लाख लोगों को टीके लगाने होंगे।
इन्हीं हालात में भारत सरकार ने फ़ाइज़र और मॉडेर्ना की वैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए मंज़ूरी दी है। हालांकि अभी दोनों ही कंपनियों की वैक्सीन भारत नहीं पहुंची है।
फ़ाइज़र भारत को कितने डोज़ देगा अभी ये जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है। यदि भारत सरकार और फ़ाइज़र के बीच सब कुछ ठीक रहा तो फाइज़र जुलाई से अक्तूबर के बीच भारत को वैक्सीन निर्यात कर सकती है।
भारत सरकार और फ़ाइज़र के बीच होने वाले अनुबंध के एंडेम्निटी क्लॉज़ में क्या है, ये अभी सार्वजनिक नहीं है। फ़ाइज़र के एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा है कि “फ़ाइज़र भारत में अपनी वैक्सीन उपलब्ध करवाने के लिए भारत सरकार से बातचीत कर रही है। चूंकि अभी बातचीत चल ही रही है, इसलिए हम इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दे सकते हैं।”
क्या होता है एंडेम्निटी क्लॉज़?
एंडेम्निटी का सीधा-सीधा मतलब होता है हानि से सुरक्षा यानी अगर किसी कंपनी को अपने किसी प्रॉडक्ट के लिए एंडेम्निटी हासिल है तो उससे कोई हानि होने पर उस पर मुक़दमा दायर नहीं किया जा सकता।
दो पक्षों के बीच क़ानूनी अनुबंधों में यदि इंडेमनिटी क्लॉज भी शामिल है तो इसका मतलब ये है कि सुरक्षा प्राप्त पक्ष किसी तीसरे पक्ष को होने वाली हानि की भरपाई नहीं करेगा।
लेकिन इसे ऐसे समझ सकते हैं कि यदि फ़ाइज़र (पहला पक्ष) की भारत में (दूसरा पक्ष) वैक्सीन लगाने से किसी भारतीय नागरिक (तीसरा पक्ष) को कोई दुष्प्रभाव होता है तो तीसरा पक्ष यानी आम लोग फ़ाइज़र पर भारत में कोई मुक़दमा नहीं कर सकेंगे। यानी फ़ाइज़र की वैक्सीन को भारत में क़ानूनी सुरक्षा प्राप्त होगी।
उधर, डॉक्टर पॉल ने शुक्रवार को कहा, “सैद्धांतिक रूप से विदेशी वैक्सीन निर्माताओं को ये उम्मीद है कि उन्हें ‘हर्जाने से क्षतिपूर्ति से क़ानूनी संरक्षण’ दिया जाना चाहिए। उनकी दलील है कि दुनिया भर में उन्हें ये क़ानूनी संरक्षण दिया जा रहा है।”
“हमने दूसरे देशों और विश्व स्वास्थ्य संगठन से इसकी पुष्टि करने के लिए कहा है। ये सच है कि उन्होंने इस तरह के कानूनी संरक्षण के बाद ही वैक्सीन की आपूर्ति की है. ये बात हकीकत लगती है। कुछ कंपनियों ने इसके लिए आग्रह किया है और हम उनके साथ बात कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।”
SOURCE-BBC NEWS