Current Affairs – 8 October, 2021
वायुसेना दिवस
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वायुसेना दिवस पर भारतीय वायु सेना के सदस्यों और उनके परिजनों को बधाई दी है।
अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा हैः
“वायुसेना दिवस पर अपने वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को बधाई। भारतीय वायुसेना साहस, परिश्रम और दक्षता का पर्याय है। उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय में मानवतावादी भावना के साथ देश की रक्षा में खुद को प्रतिस्थापित किया है।”
भारतीय वायुसेना (इंडियन एयरफोर्स) भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, एवं वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। इसकी स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को की गयी थी। स्वतन्त्रता (1950 में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) से पूर्व इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था और 1945 के द्वितीय विश्वयुद्ध में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी (1950 में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) के पश्च्यात इसमें से “रॉयल” शब्द हटाकर सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया।
आज़ादी के बाद से ही भारतीय वायुसेना पडौसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार युद्धों व चीन के साथ एक युद्ध में अपना योगदान दे चुकी है। अब तक इसने कईं बड़े मिशनों को अंजाम दिया है जिनमें ऑपरेशन विजय – गोवा का अधिग्रहण, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस व ऑपरेशन पुमलाई शामिल है। ऐसें कई विवादों के अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी सक्रिय हिसा रही है। भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायु सेना के कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य करते है। वायु सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल (ACM), एक चार सितारा कमांडर है और वायु सेना का नेतृत्व करते है। भारतीय वायु सेना में किसी भी समय एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में कभी नहीं होते। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में स्थित है एवं 2006 के आंकडों के अनुसार इसमें कुल मिलाकर 170,000 जवान एवं 1,350 लडाकू विमान हैं जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बडी वायुसेना होने का दर्जा दिलाती है।
भारतीय वायुसेना के मिशन, सशस्त्र बल अधिनियम 1947 के द्वारा परिभाषित किया गया है भारत के संविधान और सेना अधिनियम 1950, हवाई युद्धक्षेत्र में:
“भारत और सहित हर भाग की रक्षा, उसके बचाव के लिए तैयारी और ऐसे सभी कृत्यों के रूप में अपनी अभियोजन पक्ष और इसके प्रभावी वियोजन को समाप्ति के बाद युद्ध के समय में अनुकूल किया जा सकता है।”
इस प्रकार, भारतीय वायु सेना के सभी खतरों से भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा करना, सशस्त्र बलों की अन्य शाखाओं के साथ संयोजन के रूप में भारतीय क्षेत्र और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा प्राथमिक उद्देश्य है। भारतीय वायु सेना युद्ध के मैदान में, भारतीय सेना के सैनिकों को हवाई समर्थन तथा सामरिक और रणनीतिक एयरलिफ्ट करने की क्षमता प्रदान करता है। भारतीय वायु सेना एकीकृत अंतरिक्ष प्रकोष्ठ के साथ दो अन्य शाखाओं भारतीय सशस्त्र बल, अंतरिक्ष विभाग भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ अंतरिक्ष आधारित संपत्तियों के उपयोग प्रभावी ढंग से करने के लिए, सैनिक दृष्टि से इस संपत्ति पर ध्यान देंता है।
भारतीय वायु सेना भारतीय सशस्त्र बलों की अन्य शाखाओं के साथ साथ आपदा राहत कार्यक्रमो में प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री गिराने, खोज एवं बचाव अभियानों, आपदा क्षेत्रों में नागरिक निकासी उपक्रम में सहायता प्रदान करता है। भारतीय वायु सेना ने 2004 में सुनामी तथा 1998 में गुजरात चक्रवात के दौरान प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए राहत आपरेशनों के रूप में व्यापक सहायता प्रदान की। भारतीय वायु सेना अन्य देशों की राहत कार्यक्रमों में भी सहायता प्रदान करता है, जैसा की उसने ऑपरेशन रेनबो (Rainbow) के रूप में श्रीलंका में किया।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2
राष्ट्रव्यापी नदी तटीय कार्यक्रम
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री, श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने आज सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक गढ़मुक्तेश्वर, उत्तर प्रदेश के बृजघाट में नदी तटीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ठीक उसी समय, उत्तराखंड, उड़ीसा, त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ जैसे अन्य 4 राज्यों ने भी राष्ट्रव्यापी नदी तटीय कार्यक्रम का शुभारंभ में हिस्सा लिया।
उत्तराखंड में चंडी घाट, गंगा नदी, हरिद्वार में कुल 1 लाख मछली के बच्चों का पालन किया गया।
त्रिपुरा में खोई नदी, तेलियामुरा, गोमती नदी, उदयपुर, धलाई नदी, कमालपुर और देव नदी, दशमीघाट नामक 4 स्थलों पर कुल 1.85 लाख मछली के बच्चों का पालन।
छत्तीसगढ़ में 1.5 लाख मछली के बच्चों का पालन कार्यक्रम मिरौनी बैराज, महानदी में उड़ीसा के मुंदुली, कटक में 1.5 लाख मछली के बच्चों का पालन किया गया।
पीएमएमएसवाई योजना के अंतर्गत विशेष गतिविधि के रूप में “नदी तटीय कार्यक्रम” की शुरूआत भूमि और जल का विस्तार, गहनता, विविधता और उत्पादक उपयोग के माध्यम से मछली उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए की गई है। मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन मंत्रालय ने पूरे देश में नदी तटीय कार्यक्रम को लागू करने के लिए राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद को पीएमएमएसवाई के केंद्रीय क्षेत्र घटक के अंतर्गत नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया है। बढ़ती हुई मानवीय आबादी के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन की आवश्यकता के कारण मछली की मांग में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी हो रही है। किफायती और पर्यावरण के दृष्टिकोण से उपयुक्त रूप से, मत्स्य संसाधनों का सतत उपयोग और संरक्षण को बढ़ावा देना समय की मांग बन चुकी है। नदी तटीय कार्यक्रम ऐसी ही एक गतिविधि है जो चिरस्थायी मत्स्य पालन, आवास क्षरण में कमी, जैव विविधता का संरक्षण, सामाजिक-आर्थिक लाभों को अधिकतम और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का आकलन कर सकती है। हालाँकि, नदी तटीय कार्यक्रम पारंपरिक मत्स्यपालन, पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता और अंतर्देशीय समुदायों का व्यापार और सामाजिक सुरक्षा के उन्नयन को भी सुनिश्चित करती है।
इस कार्यक्रम को ज्यादा मछली पकड़ने, मछुआरों की आजीविका को बेहतर करने और नदी की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए प्रोग्राम किया गया है, क्योंकि वे भोजन के रूप में जैविक अवशेषों को लेते हैं, मुख्य रूप से कम हुए मछली स्टॉक को उपर उठाने और पालन किए गए मछली प्रजातियों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए।
2020-21 के दौरान फेज-1 कार्यक्रम के रूप में, एनएफडीबी ने तीन प्रमुख नदी प्रणालियों गंगा और उसकी सहायक नदियों, ब्रह्मपुत्र और बराक नदी की सहायक नदियों और महानदी और अन्य नदियों को लक्षित किया है। तदनुसार, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तराखंड और बिहार जैसे नदी बेल्ट की लंबाई पर ध्यान केंद्रित करने वाले छह प्रमुख अंतर्देशीय राज्यों का चयन मछली के बच्चों का पालन करने के लिए लक्षित स्थलों के साथ किया गया है। एनएफडीबी ने पीएमएमएसवाई की कार्य योजना 2020-21 के अंतर्गत राज्यों को 97.16 लाख मछली के बच्चे का पालन करने के लिए कुल 2.81 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।
उपर्युक्त उद्देश्यों को लक्षित करते हुए, राज्य द्वारा प्रजनन प्रोटोकॉल और मानक उपायों का पालन किया गया है जो देशी मछली प्रजातियों के बच्चों का नदियों में पालन करने के लिए आवश्यक हैं, जो मछली उत्पादन को बढ़ाने, आश्रित मछुआरों की आजीविका में सुधार लाने और नदी प्रणाली में एक स्वस्थ वातावरण उत्पन्न करने में सहायता प्रदान करेगा। नदी तटीय कार्यक्रम के लिए सुझाए गए मछली के बच्चों का आकार 80-100 मिमी है, क्योंकि चयनित राज्य में मछली के बच्चे पालन कार्यक्रम के लिए बेहतर आकार तक पहुंच चुके हैं। इसलिए, एनएफडीबी ने मत्स्यपालन विभाग के मार्गदर्शन में 6 राज्यों के सहयोग से आज राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम की शुरूआत की गई है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
आईएफएससीए की वैश्विक फिनटेक हैकथॉन
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) और गिफ्ट सिटी ने 7 अक्टूबर, 2021 को भारतीय समय के अनुसार सुबह 11.30 बजे आईएफएससीए की वैश्विक फिनटेक हैकथॉन श्रृंखला आई-स्प्रिंट’21 की शुरुआत की। श्रृंखला का पहला स्प्रिंट ‘‘स्प्रिंट01: बैंकटेक’’ बैंकिंग क्षेत्र के लिए फिनटेक पर केन्द्रित है।
आईएफएससीए भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्रों (आईएफएससी) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के विकास और विनियमन के लिए एक एकीकृत प्राधिकरण है। आईएफएससी में बैंकिंग, बीमा, प्रतिभूतियों और फंड प्रबंधन के स्पेक्ट्रम में वित्तीय प्रौद्योगिकियों (फिनटेक) की पहल को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाता है। इस संदर्भ में, आई-स्प्रिंट’21 के बैनर तले इन क्षेत्रों में हैकथॉन की एक श्रृंखला की योजना बनाई गई है। यह हैकथॉन बैंकिंग क्षेत्र पर केंद्रित आई-स्प्रिंट श्रृंखला के तहत पहला है और एक नियामक द्वारा समर्थित अपनी तरह का अकेला है। यह वर्चुअल संचालित किया जाएगा और दुनिया भर से पात्र फिनटेक के लिए खुला होगा।
केन्द्रीय बजट 2020-21 में वित्त मंत्री द्वारा गिफ्ट आईएफएससी में ‘‘वर्ल्ड क्लास फिनटेक हब’’ का समर्थन करने की घोषणा के बाद, आईएफएससीए ने अक्टूबर 2020 में “रेगुलेटरी सैंडबॉक्स” के लिए एक रूपरेखा पेश की थी, जो फिनटेक संस्थाओं को एक सीमित समय-सीमा के लिए वास्तविक ग्राहकों के सीमित सेट के साथ एक जीवंत वातावरण में अभिनव फिनटेक समाधानों के साथ प्रयोग करने में लचीलापन की सुविधाओं और लोचशीलताओं की अनुमति देता है। इस हैकथॉन के फाइनलिस्ट को आईएफएससीए रेगुलेटरी/इनोवेशन सैंडबॉक्स में सीधे प्रवेश की अनुमति होगी।
स्प्रिंट01: बैंकटेक को आईएफएससीए और गिफ्ट सिटी द्वारा नीति आयोग के सहयोग से संयुक्त रूप से होस्ट किया गया है। आईसीआईसीआई बैंक, एचएसबीसी बैंक, आईक्रिएट, जोन स्टार्टअप और इन्वेस्ट-इंडिया हैकथॉन के साझेदार हैं।
हैकाथॉन का उद्देश्य है:
- आईएफएससीए और गिफ्ट आईएफएससी को फिनटेक इकोसिस्टम से जोड़ना,
- गिफ्ट आईएफएससी में बैंकिंग इकाइयों के लिए व्यावसायिक समस्याओं को हल करना और
- गिफ्ट आईएफएससी में बैंकिंग इकाइयों के लिए खुदरा व्यापार को बढ़ावा देना।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने प्रमुख उधार दर – रेपो दर – को लगातार 8वीं बार 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। रिवर्स रेपो रेट भी 3.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखी गई है। छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा करते हुए, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का पूर्वानुमान 9.5 प्रतिशत लगाया गया है।
गवर्नर दास ने कहा, “समिति ने टिकाऊ आधार पर विकास को पुनर्जीवित करने और बनाए रखने के लिए उदार रुख को जारी रखने तथा अर्थव्यवस्था पर पड़े कोविड-19 के दुष्प्रभाव को कम करना जारी रखने का भी फैसला किया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि मुद्रास्फीति लक्ष्य के अंदर बनी रहे।”
गवर्नर ने महामारी की शुरुआत के बाद से अर्थव्यवस्था की वृद्धि और रिकवरी के लिए आरबीआई द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 6 महीनों में ओपन मार्केट ऑपरेशंस के माध्यम से वित्तीय प्रणाली में 2.37 लाख करोड़ रुपये की तरलता डाली है। यह पूरे वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 3.1 लाख करोड़ रुपये की तरलता डालने के परिपेक्ष्य में है।
छोटे व्यवसायों और असंगठित क्षेत्रों की मदद करने के लिए अतिरिक्त उपायों की घोषणा की। इन घोषणाओं में शामिल हैं :
- तत्काल भुगतान सेवा लेनदेन की दैनिक सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना, ग्राहक सुविधा को बढ़ाने के लिए, तत्काल घरेलू फंड ट्रांसफर सातों दिन चौबीसों घंटे सक्षम करना।
- छोटे वित्त बैंकों के लिए 10,000 करोड़ रुपये की ऑन-टैप स्पेशल लिक्विडिटी लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशंस को 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ाना।
- कम या दुर्लभ इंटरनेट एक्सेस वाले क्षेत्रों के लिए ऑफ़लाइन मोड में खुदरा डिजिटल भुगतान समाधानों के लिए अखिल भारतीय रूपरेखा की शुरुआत।
- तत्काल भुगतान सेवा लेनदेन की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ा कर 5 लाख रुपये की जाएगी।
- भुगतान स्वीकृति बुनियादी ढांचे की पहुंच का विस्तार करने के लिए सभी मौजूदा और नई भुगतान प्रणाली टचप्वाइंट की भौगोलिक–टैगिंग।
- फिनटेक इकोसिस्टम को और गति प्रदान करने के लिए आरबीआई की नियंत्रण व्यवस्था में नया धोखाधड़ी रोकथाम समूह।
- राज्यों के लिए उन्नत तरीके और साधन अग्रिम सीमा और उदारीकृत ओवरड्राफ्ट उपायों की निरंतरता को 31 मार्च, 2022 तक बनाए रखना।
- गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को दिए जाने वाले बैंक ऋणों का वर्गीकरण प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में 31 मार्च, 2022 तक बनाए रखना।
- आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने के लिए एनबीएफसी के लिए उच्च ग्राहक इंटरफेस वाली आंतरिक लोकपाल योजना।
2021-22 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 5.3% अनुमानित
दूसरी तिमाही – 5.1 प्रतिशत
तीसरी तिमाही – 4.5 प्रतिशत
चौथी तिमाही – 6.1 प्रतिशत
वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही – 5.2 प्रतिशत
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद 9.5% बढ़ने का अनुमान
दूसरी तिमाही – 7.9 प्रतिशत
तीसरी तिमाही – 6.8 प्रतिशत
चौथी तिमाही – 6.1 प्रतिशत
वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही – 17.2 प्रतिशत
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
भारत ‘High Ambition Coalition for Nature and People
में शामिल हुआ
भारत आधिकारिक तौर पर 7 अक्टूबर, 2021 को “High Ambition Coalition for Nature and People” में शामिल हो गया है।
मुख्य बिंदु
- भारत नई दिल्ली में फ्रांसीसी और भारतीय सरकार के बीच आयोजित समारोह में इस गठबंधन में शामिल हुआ।
- “High Ambition Coalition (HAC) for Nature and People” 70 से अधिक देशों का एक समूह है जो 30×30 की रक्षा के लिए वैश्विक लक्ष्य को अपनाने को प्रोत्साहित करता है।
HAC के सदस्य
HAC सदस्यों में वर्तमान में वैश्विक उत्तर और दक्षिण के देशों का मिश्रण शामिल है। HAC के सदस्यों में एशिया, अफ्रीका, यूरोपीय और लैटिन अमेरिकी देश शामिल हैं। भारत ब्रिक्स ब्लॉक से HAC में शामिल होने वाली पहली उभरती अर्थव्यवस्था बन गया है।
जैव विविधता बैठक (Biodiversity Meeting)
भारत की घोषणा एक उच्च स्तरीय जैव विविधता बैठक की पृष्ठभूमि में की गई थी जिसकी मेजबानी चीन करेगा। यह वर्चुअल मीटिंग 11 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक होगी। इस बैठक में “जैव विविधता संधि” के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा होगी, जिसे 2022 में अंतिम रूप दिया जाना है।
पृष्ठभूमि
High Ambition Coalition for Nature and People में शामिल होने का भारत का लक्ष्य जनवरी 2021 में पेरिस में “वन प्लैनेट समिट” में शुरू किया गया था। COP15 के उद्घाटन पर, भारत में फ्रांस के राजदूत (इमैनुएल लेनिन) ने कहा कि भारत के उच्च महत्वाकांक्षा गठबंधन में शामिल होना एक वास्तविक गेम चेंजर होगा। यह कदम बहुपक्षीय प्रयासों को बढ़ावा देगा, क्योंकि भारत जैव विविधता संरक्षण के लिए एक प्रमुख देश है।
गठबंधन का उद्देश्य
HAC गठबंधन का लक्ष्य 2030 तक दुनिया की कम से कम 30% भूमि और महासागर की रक्षा के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय समझौते को बढ़ावा देना है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.3
विश्व बैंक ने ‘Shifting Gears: Digitization and Services-Led
Development’ रिपोर्ट जारी की
विश्व बैंक की रिपोर्ट “Shifting Gears: Digitization and Services-Led Development” के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8.3% की वृद्धि होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- इस रिपोर्ट के अनुसार, अगले वित्तीय वर्ष में भारत की आर्थिक संभावनाएं कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण की गति और कृषि और श्रम सुधारों के सफल कार्यान्वयन से निर्धारित होंगी।
- भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून तिमाही) में “एक महत्वपूर्ण आधार प्रभाव, घरेलू मांग को सीमित नुकसान और मजबूत निर्यात वृद्धि” की पृष्ठभूमि में 1% की वृद्धि हुई।
- वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में, देशव्यापी कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण भारत की GDP में 4% की कमी आई थी।
आर्थिक सुधार पर विश्व बैंक
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक सुधार असमान रहा है। 2021 में मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में तेजी से सुधार हुआ। लेकिन कम कुशल व्यक्ति, स्वरोजगार करने वाले लोग, महिलाएं और छोटी फर्में पीछे रह गईं।
भारत कैसे रिकवरी करेगा?
इस रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 में रिकवरी की सीमा इस बात पर निर्भर करेगी कि घरेलू आय कितनी तेजी से रिकवर होती है और अनौपचारिक क्षेत्र और छोटी फर्मों में गतिविधि सामान्य हो जाती है।
रिकवरी की सीमा से जुड़े जोखिमों में शामिल हैं- वित्तीय क्षेत्र के तनाव का बिगड़ना, टीकाकरण में मंदी, उच्च मुद्रास्फीति आदि।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1PRE
साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार
तंजानिया के उपन्यासकार अब्दुलरजाक गुरनाह (Abdulrazak Gurnah) को साहित्य का नोबेल पुरस्कार 2021 प्रदान किया गया।
मुख्य बिंदु
अब्दुलरजाक गुरनाह को “उपनिवेशवाद के प्रभाव” और संस्कृतियों और महाद्वीपों के बीच की खाई में शरणार्थियों के भाग्य के करुणामय विवरण के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
अब्दुलरजाक गुरनाह कौन हैं?
अब्दुलरजाक गुरनाह का जन्म वर्ष 1948 में हुआ था। वह हिंद महासागर में ज़ांज़ीबार द्वीप पर पले-बढ़े। बाद में वह 1960 के दशक में एक शरणार्थी के रूप में इंग्लैंड पहुंचे। उन्होंने केंट विश्वविद्यालय, कैंटरबरी में अंग्रेजी और उत्तर औपनिवेशिक साहित्य के प्रोफेसर के रूप में काम किया। उनके 10 उपन्यास और कई लघु कथाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं।
उनका काम शरणार्थी के व्यवधान के विषय के इर्द-गिर्द घूमता है। भले ही स्वाहिली उनकी पहली भाषा थी, फिर भी उन्होंने अंग्रेजी को अपना साहित्यिक उपकरण बनाया।
2020 साहित्य का नोबेल पुरस्कार
2020 साहित्य का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी कवि लुईस ग्लक को दिया गया था, जो येल विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर हैं। उन्हें उनकी अचूक काव्य आवाज के लिए सम्मानित किया गया।
SOURCE-INDIAN EXPRESS
“The State of Climate Services 2021: Water” रिपोर्ट
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने 5 अक्टूबर, 2021 को “The State of Climate Services 2021 : Water” शीर्षक से अपनी नई रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- WHO के अनुसार, जलवायु परिवर्तन से बाढ़ और सूखे जैसे पानी से संबंधित खतरों का खतरा बढ़ जाता है।
- जलवायु परिवर्तन से पानी की कमी से प्रभावित लोगों की संख्या भी बढ़ेगी।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में, दुनिया भर में 6 बिलियन लोगों के पास प्रति वर्ष कम से कम एक महीने पानी की अपर्याप्त पहुंच थी।
- यह संख्या 2050 तक 5 अरब से अधिक होने की उम्मीद है।
- इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, यह स्थिति और भी खराब होती जा रही है क्योंकि पृथ्वी पर केवल 5 प्रतिशत पानी ही उपयोग योग्य है और ताजा पानी उपलब्ध है।
- पिछले 20 वर्षों में पानी से संबंधित खतरे बढ़ गए हैं।
- पिछले दो दशकों की तुलना में 2000 के बाद से बाढ़ से संबंधित आपदाओं में 134% की वृद्धि हुई है। हालांकि, इसी अवधि के दौरान सूखे की संख्या और अवधि में 29% की वृद्धि हुई है।
- अफ्रीका में लगभग दो अरब लोग पानी की कमी वाले देशों में रहते हैं। उन्हें पीने के सुरक्षित पानी और साफ-सफाई की कमी का सामना करना पड़ता है।
सूखे से होने वाली मौतें
इस रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि सूखे से संबंधित अधिकांश मौतें अफ्रीका में हुई हैं। इस प्रकार, अफ्रीकी क्षेत्र में सूखे के लिए और अधिक मजबूत चेतावनी प्रणाली की आवश्यकता है। अधिकांश बाढ़ से संबंधित मौतें और आर्थिक नुकसान एशिया में देखे गए।
तापमान का प्रभाव
इस रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ते तापमान के परिणामस्वरूप वैश्विक और क्षेत्रीय वर्षा में परिवर्तन हो रहा है। इससे वर्षा के पैटर्न के साथ-साथ कृषि मौसम में भी बदलाव आएगा।
WMO की सिफारिशें
WMO के मुताबिक देशों को एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन और सूखा और बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली में निवेश बढ़ाना चाहिए। WMO ने देशों से बुनियादी हाइड्रोलॉजिकल वैरिएबल के लिए डेटा एकत्र करने की क्षमता में अंतर को भरने का भी आग्रह किया है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.3