CURRENT AFFAIRS – 13th JULY 2021
वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और भूटान के वित्त मंत्री श्री ल्यिन्पो नामगे शेरिंग ने संयुक्त रूप से भूटान में भीम-यूपीआई का शुभारंभ किया
केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने भूटान के अपने समकक्ष माननीय वित्त मंत्री श्री ल्यिन्पो नामगे शेरिंग के साथ संयुक्त रूप से आज दोपहर एक आभासी समारोह में भूटान में भीम-यूपीआई का शुभारंभ किया।इस अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती सीतारमण ने कहा कि भारत की ‘पड़ोस पहले’ नीति के तहत भूटान में ये सेवाएं शुरू की गई हैं। भारत को अपनी इस उपलब्धि पर गर्व है और इसे अपने मूल्यवान पड़ोसी के साथ साझा करते हुए बेहद खुशी महसूस हो रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि भीम – यूपीआई भारत की प्रगति के सबसे उज्ज्वल पड़ावों में से एक है और कोविड -19 महामारी के काल में डिजिटल लेनदेन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पिछले पांच वर्षों में 100 मिलियन से अधिक यूपीआई क्यूआर बनाए गए हैं और वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान भीम – यूपीआई ने 41 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 22 अरब लेनदेन को पूरा करने में योगदान किया है।
भूटान के वित्त मंत्री श्री ल्यिन्पो नामगे शेरिंग ने भूटान में भीम-यूपीआई सेवाओं के शुभारंभ के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध दिनोंदिन मजबूत होते गए हैं।
यह शुरूआत 2019 में भारत के माननीय प्रधानमंत्री के भूटान के राजकीय दौरे के दौरान दोनों देशों द्वारा घोषित प्रतिबद्धता को पूरा करती है। उस यात्रा के बाद, भारत और भूटान एक दूसरे के यहां में रुपे कार्ड की स्वीकृति के अंतर-संचालन को दो चरणों में – पहले चरण में भारत में जारी रुपे कार्डों की भूटान स्थित टर्मिनलों पर स्वीकृति और दूसरे चरण में इन कार्डों की उल्टे क्रम में स्वीकृति – संभव बना चुके हैं।
भूटान में आज भीम-यूपीआई की शुरूआत के साथ दोनों देशों की भुगतान संबंधी अवसंरचना सुचारू रूप से आपस में जुड़ गई हैं और इससे हर साल भूटान की यात्रा करने वाले बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटकों और व्यापारियों को लाभ होगा। यह कदम एक बटन के स्पर्श से कैशलेस लेनदेन के जरिए जीवन – यापन और यात्रा को और अधिक आसान बनायेगा।
भीम-यूपीआई के इस शुभारंभ के क्रम में, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने भीम-यूपीआई का उपयोग करके एक भूटानी ओजीओपी आउटलेट, जोकि भूटान में स्थानीय समुदायों द्वारा जैविक रूप से तैयार किए गए ताजा कृषि उत्पाद बेचता है, से एक जैविक उत्पाद खरीदने के लिए एक लाइव लेनदेन किया।
भूटान अपने क्यूआर के उपयोग के लिए यूपीआई मानकों को अपनाने वाला पहला देश है और भीम ऐप के माध्यम से मोबाइल आधारित भुगतान को स्वीकार करने वाला हमारा पहला निकट पड़ोसी देश है।
परिचय
भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) एक ऐप है जो यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के उपयोग से आपको आसान और त्वरित भुगतान लेनदेन की सुविधा उपलब्ध कराता है. आप मोबाइल नंबर और भुगतान पते के माध्यम से आसानी से सीधे एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में भुगतान कर सकते हैं और राशि प्राप्त कर सकते हैं. उपलब्ध सेवाएं निम्नानुसार हैं:
- राशि भेजना – इस विकल्प के उपयोग से आप वर्चुअल भुगतान पते (वीपीए), खाता संख्या एवं आईएफएससी कोड और क्यूआर स्कैन के माध्यम से किसी को भी राशि भेज सकते हैं.
- राशि प्राप्त करने हेतु अनुरोध – इस विकल्प के उपयोग से आप वर्चुअल भुगतान पते (वीपीए) को प्रविष्ट करते हुए राशि प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा भीम ऐप के माध्यम से, आप मोबाइल नंबर (मोबाइल नंबर भीम ऐप या *99# के साथ पंजीकृत होना चाहिए और खाता लिंक होना चाहिए) का प्रयोग कर राशि अंतरित कर सकते हैं.
- स्कैन एवं पे – इस विकल्प के उपयोग से आप स्कैन एवं पे के माध्यम से क्यूआर कोड को स्कैन कर भुगतान कर सकते हैं और अब अपना क्यूआर जनरेट करें विकल्प भी उपलब्ध है.
- लेनदेन – इस विकल्प के उपयोग से आप पिछले लेन देन तथा लंबित यूपीआई राशि प्राप्ति के अनुरोध (यदि कोई हो) की जांच कर सकते हैं और उसे स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं. आप अस्वीकृत लेनदेन हेतु लेनदेन में जाकर रिपोर्ट इशू (Report issue) पर क्लिक करके शिकायत कर सकते हैं.
- प्रोफाइल – इस विकल्प के उपयोग से आप स्टैटिक क्यूआर कोड एवं बनाए गए भुगतान पते को देख सकते हैं. आप फोन में उपलब्ध विभिन्न मैसेंजर एप्लिकेशन जैसे व्हाट्सप, ईमेल आदि से भी क्यूआर कोड को साझा कर सकते हैं तथा क्यूआर कोड को डाउनलोड भी कर सकते हैं.
- बैंक खाता – इस विकल्प के उपयोग से आप अपने भीम ऐप से लिंक खाते और पिन की स्थिति को देख सकते हैं. आप अपने यूपीआई पिन को सेट कर/ बदल सकते हैं. आप भीम ऐप से लिंक खाते को भी मेनू विकल्प में जाकर चेंज अकाउंट (Change account) पर क्लिक कर बदल सकते हैं. आप अपने लिंक बैंक खाते की शेष राशि को भी “REQUEST BALANCE” पर क्लिक कर देख सकते हैं.
SOURCE-PIB
भारत का सबसे बड़ा सोलर पार्क
एनटीपीसी की 100 फीसदी सहायक कंपनी, एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड को गुजरात के खवाड़ा में कच्छ के रण में 4,750 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा पार्क स्थापित करने के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) से मंजूरी मिल गई है। यह भारत का सबसे बड़ा सोलर पार्क होगा, जिसका निर्माण देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी करेगी।
मंत्रालय ने एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एनटीपीसी आरईएल) को यह मंजूरी 12 जुलाई, 2021 को सोलर पार्क योजना के मोड 8 (अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क) के तहत दी है। एनटीपीसी आरईएल की इस पार्क से व्यावसायिक स्तर पर हरित हाइड्रोजन उत्पन्न करने की योजना है।
अपने हरित ऊर्जा पोर्टफोलियो संवर्द्धन के एक हिस्से के रूप में, भारत की सबसे बड़ी ऊर्जा एकीकृत कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड का लक्ष्य 2032 तक 60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का निर्माण करना है। वर्तमान में, राज्य के स्वामित्व वाली प्रमुख विद्युत कंपनी की 70 विद्युत परियोजनाओं में 66 गीगावॉट की स्थापित क्षमता है। इसके अतिरिक्त 18 गीगावॉट निर्माणाधीन है।
हाल ही में, एनटीपीसी ने आंध्र प्रदेश के सिम्हाद्री ताप विद्युत संयंत्र के जलाशय पर भारत का सबसे बड़ा 10 मेगावाट (एसी) का फ्लोटिंग सोलर भी चालू किया है। वहीं इसके अतिरिक्त 15 मेगावॉट (एसी) अगस्त, 2021 तक चालू किया गया।
इसके अलावा, तेलंगाना स्थित रामागुंडम ताप विद्युत संयंत्र के जलाशय पर 100 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना कार्यान्वयन के अग्रिम चरण में है।
इसके अतिरिक्त, एनटीपीसी आरई लिमिटेड ने हाल ही में केंद्रशासित लद्दाख और लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी) के साथ हरित हाइड्रोजन के उत्पादन और एफसीईवी बसों पर तैनाती के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू पर हस्ताक्षर को लेह में सोलर ट्री और सोलर कार पोर्ट के रूप में एनटीपीसी के पहले सोलर इंस्टॉलेशन के उद्घाटन के साथ भी चिह्नित किया गया था।
सहायक कंपनी एनटीपीसी आरईएल को एनटीपीसी के नवीकरणीय ऊर्जा व्यापार में तेजी लाने के लिए 07 अक्टूबर, 2020 को सम्मिलित किया गया था।
सोलर पार्क क्या है?
नीति के अनुसार, इन सौर पार्क राज्य सरकारों के सहयोग से विकसित किए जाएंगे। भारत सरकार की ओर से कार्यान्वयन एजेंसी सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) होगी। … सौर पार्क सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं के विकास के एक केंद्रित क्षेत्र है।
सौर ऊर्जा
सौर ऊर्जा वह ऊर्जा है जो सीधे सूर्य से प्राप्त की जाती है। सौर ऊर्जा ही मौसम एवं जलवायु का परिवर्तन करती है। यहीं धरती पर सभी प्रकार के जीवन (पेड़-पौधे और जीव-जन्तु) का सहारा है।वैसे तो सौर उर्जा को विविध प्रकार से प्रयोग किया जाता है, किन्तु सूर्य की ऊर्जा को विद्युत उर्जा में बदलने को ही मुख्य रूप से सौर उर्जा के रूप में जाना जाता है। सूर्य की ऊर्जा को दो प्रकार से विद्युत ऊर्जा में बदला जा सकता है। पहला प्रकाश-विद्युत सेल की सहायता से और दूसरा किसी तरल पदार्थ को सूर्य की उष्मा से गर्म करने के बाद इससे विद्युत जनित्र चलाकर सौर ऊर्जा सबसे अच्छा ऊर्जा है। यह भविष्य में उपयोग करने वाली ऊर्जा है।
विशेषताएँ
सौर ऊर्जा : सूर्य एक दिव्य शक्ति स्रोतशान्त व पर्यावरण सुहृद प्रकृति के कारण नवीकरणीय सौर ऊर्जा को लोगों ने अपनी संस्कृति व जीवन यापन के तरीके के समरूप पाया है। विज्ञान व संस्कृति के एकीकरण तथा संस्कृति व प्रौद्योगिकी के उपस्करों के प्रयोग द्वारा सौर ऊर्जा भविष्य के लिए अक्षय ऊर्जा का स्रोत साबित होने वाली है। सूर्य से सीधे प्राप्त होने वाली ऊर्जा में कई खास विशेषताएं हैं। जो इस स्रोत को आकर्षक बनाती हैं। इनमें इसका अत्यधिक विस्तारित होना, अप्रदूषणकारी होना व अक्षुण होना प्रमुख हैं। सम्पूर्ण भारतीय भूभाग पर ५००० लाख करोड़ किलोवाट घंटा प्रति वर्ग मी० के बराबर सौर ऊर्जा आती है जो कि विश्व की संपूर्ण विद्युत खपत से कई गुने अधिक है। साफ धूप वाले (बिना धुंध व बादल के) दिनों में प्रतिदिन का औसत सौर-ऊर्जा का सम्पात ४ से ७ किलोवाट घंटा प्रति वर्ग मीटर तक होता है। देश में वर्ष में लगभग २५० से ३०० दिन ऐसे होते हैं जब सूर्य की रोशनी पूरे दिन भर उपलब्ध रहती है
उपयोग
सौर ऊर्जा, जो रोशनी व उष्मा दोनों रूपों में प्राप्त होती है, का उपयोग कई प्रकार से हो सकता है। सौर उष्मा का उपयोग अनाज को सुखाने, जल उष्मन, खाना पकाने, प्रशीतन, जल परिष्करण तथा विद्युत ऊर्जा उत्पादन हेतु किया जा सकता है। फोटो वोल्टायिक प्रणाली द्वारा सूर्य के प्रकाश को विद्युत में रूपान्तरित करके प्रकाश प्राप्त की जा सकती है, प्रशीलन का कार्य किया जा सकता है, दूरभाष, टेलीविजन, रेडियो आदि चलाए जा सकते हैं, तथा पंखे व जल-पम्प आदि भी चलाए जा सकते हैं। जल का उष्मन
सौर ऊर्जा से गरम जल की प्राप्ति
सौर-उष्मा पर आधारित प्रौद्योगिकी का उपयोग घरेलू, व्यापारिक व औद्योगिक इस्तेमाल के लिए जल को गरम करने में किया जा सकता है। देश में पिछले दो दशकों से सौर जल-उष्मक बनाए जा रहे हैं
SOURCE-PIB
राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी
नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (NARC) रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) मुंबई के साथ पंजीकृत एक कानूनी इकाई बन गई है।
मुख्य बिंदु
- NARC को बैड बैंक भी कहा जाता है।इसे बैंकिंग सिस्टम स्ट्रेस्ड एसेट्स के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन माना जाता है।
- पहले चरण के तहत, NARC को हस्तांतरित करने के लिए 89,000 करोड़ रुपये की राशि के 22 स्ट्रेस्ड खातों की पहचान की गई है।
- इसके साथ, 2 लाख करोड़ रुपये के बैड लोन खातों को इस नए बैड बैंक में ट्रांसफर किया जाएगा।
- SBI से 20,000 करोड़ रुपये के बैड लोन ट्रांसफर करने की उम्मीद है।
- PNB लगभग 8,000 करोड़ रुपये की स्ट्रेस्ड एसेट्स ट्रांसफर करेगा, जबकि,
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया लगभग 7800 करोड़ रुपये का NPA ट्रांसफर करेगा।
NARC
- NARC को 7 जुलाई, 2021 को गठित किया गया था।
- इसकी अधिकृत पूंजी 100 करोड़ रुपये और चुकता पूंजी 6 करोड़ रुपये है।
- NARCL में 16 बैंक, 12 सरकारी और 4 निजी बैंक निवेश करेंगे।
- केनरा बैंक 12% हिस्सेदारी के साथ NARL का एकमात्र प्रायोजक होगा।
- SBI 9.9% के साथ दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक बनने जा रहा है।
- NARC का नेतृत्व एसबीआई के स्ट्रेस्ड एसेट्स विशेषज्ञ पद्मकुमार माधवानी (Padmakumar Madhvan) को प्रबंध निदेशक के रूप में करेंगे।
आवश्यकता
बैंकिंग प्रणाली पर कुल दबाव 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इसलिए, दबाव वाली संपत्तियों और सीमित पूंजी के बोझ तले दबे बैंकों के लिए एनपीए का प्रबंधन करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, सरकार केवल एक सीमित पूंजी प्रदान कर सकती है। इस प्रकार, यह बैड बैंक मॉडल सरकार और बैंकों दोनों को एनपीए के प्रबंधन में मदद करेगा।
SOURCE-GK TODAY
यूके ने भारत को 50 वर्षों में पहली बार सेब का निर्यात किया
यूनाइटेड किंगडम ने 50 वर्षों में पहली बार भारत को सेब का निर्यात किया है।
मुख्य बिंदु
- यूके और भारत के बीच मजबूत व्यापार साझेदारी के संकेत के रूप में, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए यूके के विदेश मंत्री लिज़ ट्रस (Liz Truss) द्वारा सेब के निर्यात का स्वागत किया गया।
- सेब का निर्यात Enhanced Trade Partnership के तहत किया गया था, जिस पर मई, 2021 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने सहमति जताई थी। Enhanced Trade Partnership को Comprehensive Free Trade Agreement (FTA) का पूर्ववर्ती माना जाता है।
- बाद में, ट्रस और वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने औपचारिक रूप से समझौते पर हस्ताक्षर किए, 2030 तक यूनाइटेड किंगडम और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
पृष्ठभूमि
मई 2021 में, यूके सरकार ने यूके-इंडिया एफटीए पर औपचारिक रूप से बातचीत करने से पहले सार्वजनिक और कॉर्पोरेट विचारों की मांग करते हुए 14 सप्ताह की बातचीत शुरू की थी। यूके के अनुसार, वह भारत की 2 ट्रिलियन पाउंड की अर्थव्यवस्था और 1.4 बिलियन उपभोक्ताओं के बाजार के साथ व्यापार करने की बाधाओं को दूर करके व्यापार करना चाहता है। कुछ उपायों में शामिल हैं- व्हिस्की पर 150% तक और ब्रिटिश कारों पर 125% तक के टैरिफ को समाप्त करना।
FTA का उद्देश्य
भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement – FTA) यूके की सेवा कंपनियों को भारतीय बाजार में व्यापार करने और अंतर्राष्ट्रीय सेवा केंद्र के रूप में यूके की स्थिति को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था।
भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2019 में यूके और भारत के बीच व्यापार लगभग 23 बिलियन पाउंड था। दोनों देश रोडमैप 2030 टाइमलाइन के तहत व्यापार मूल्य को दोगुना करना चाहते हैं। वित्तीय वर्ष 2021 में यूके को भारत का माल निर्यात 6.4% घटकर 8.2 बिलियन डॉलर हो गया है। आयात भी 26.17% घटकर 4.95 बिलियन डॉलर हो गया। भारत यूके में दूसरा सबसे बड़ा निवेशक है जबकि यूके भारत में दूसरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला G20 निवेशक रहा है।
सेब
सेब एक फल है। सेब का रंग लाल या हरा होता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे मेलस डोमेस्टिका (Melus domestica) कहते हैं। इसका मुख्यतः स्थान मध्य एशिया है। इसके अलावा बाद में यह यूरोप में भी उगाया जाने लगा। यह हजारों वर्षों से एशिया और यूरोप में उगाया जाता रहा है। इसे एशिया और यूरोप से उत्तरी अमेरिका बेचा जाता है। इसका ग्रीक और यूरोप में धार्मिक महत्व है।
व्युत्पत्ति
यह भारत के उत्तरी प्रदेश हिमाचल में पैदा होता है, इसमे अनेक विटामिन होते हैं। यह जायदा तर उत्तर भारत मै होता है
इतिहास
इसके बारे में पता लगाने का श्रेय सिकंदर महान को दिया जाता है। वह मध्य एशिया में जब आया तब उसने इस फल के बारे में जाना और उसी के कारण यूरोप में भी सेब के कई प्रजातियाँ मौजूद है
सांस्कृतिक पहलू
युरोपीय बुतपरस्ती
नॉर्स, इंग्लैंड में इस फल को देवताओं द्वारा दिया गया उपहार मानते हैं। यह इंग्लैंड में जर्मन लोगों के शुरुआती समय में बने कब्र में पाया गया। जो एक प्रतीक के रूप में बनाया जाता था।
SOURCE-THE HINDU
बिटकॉइन हार्डवेयर वॉलेट
स्क्वायर (Square) के हार्डवेयर प्रमुख, जेसी डोरोगुस्कर (Jesse Dorogusker) ने हाल ही में घोषणा की कि कंपनी एक हार्डवेयर वॉलेट और क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के लिए सेवा शुरू करने जा रही है। क्रिप्टो सिक्के को मुख्यधारा में लाने के लिए यह निर्णय लिया गया था।
हार्डवेयर वॉलेट क्या है?
हार्डवेयर वॉलेट एक विशेष प्रकार का क्रिप्टोकरेंसी स्टोरेज है जो हार्डवेयर डिवाइस में यूजर्स की निजी क्रिप्टो कुंजी को बनाए रखता है और सुरक्षित करता है। जब यूजर्स ब्लॉकचेन के साथ इंटरैक्ट करते हैं तो यह वॉलेट सुरक्षा और उपयोगिता प्रदान करता है। यह यूजर्स को एक साथ कई ब्लॉकचेन पर काम करने की अनुमति देता है। यूजर्स एक ही डिवाइस पर बिटकॉइन, ईथेरियम और ऑल्ट कॉइन का प्रबंधन कर सकते हैं।
डेटा कैसे एक्सेस किया जा सकता है?
हार्डवेयर वॉलेट पर, रिकवरी वाक्यांश या पासवर्ड या कुंजी के साथ सब कुछ बैकअप और एक्सेस किया जा सकता है। हार्डवेयर एक छोटे, पोर्टेबल, प्लग-इन डिवाइस के रूप में है जो यूजर्स को क्रिप्टोकरेंसी को कहीं से भी एक्सेस करने की अनुमति देता है।
क्रिप्टोकरेंसी कैसे स्टोर की जाती है?
क्रिप्टोकरेंसी को वॉलेट के हार्डवेयर में ही स्टोर नहीं किया जाता है। लेकिन इसे ब्लॉकचेन में स्टोर किया जाता है। वॉलेट यूजर्स को पोर्टेबल तरीके से एक्सेस करने की अनुमति देता है। यह एक क्रेडिट कार्ड की तरह है जो किसी भी एटीएम या स्वाइपिंग प्लेटफॉर्म से खाते तक पहुंच सकता है।
वॉलेट के फायदे
हार्डवेयर वॉलेट पूरे साइबरस्पेस में बेहद सुरक्षित हैं क्योंकि यह एक हार्डवेयर डिवाइस है। वॉलेट कुंजी या एक्सेस को शेष इंटरनेट से अलग करता है। इस प्रकार, यह ऑनलाइन हमलों से सुरक्षित है।
यह वॉलेट कैसे काम करता है?
यूजर्स को बस डिवाइस को सिस्टम में प्लग-इन करना होता है और इसे अपने पिन कोड से अनलॉक करना होता है। इसके साथ, यूजर सिस्टम पर लेनदेन के साथ आगे बढ़ सकते हैं। लेन-देन करने के बाद, डिवाइस की स्क्रीन पर इसकी पुष्टि हो जाती है। डिवाइस पर स्टोर किए गये अद्वितीय डिजिटल हस्ताक्षर (unique digital signature) के बिना ब्लॉकचेन तक नहीं पहुंचा जा सकता है
SOURCE-GK TODAY
आषाढ़ी बीज
कच्छी नव वर्ष हर साल आषाढ़ महीने के दूसरे दिन मनाया जाता है। 2021 में, यह 12 जुलाई को मनाया गया।
मुख्य बिंदु
- यह हिंदू नव वर्ष गुजरात के कच्छ क्षेत्र में मनाया जाता है।
- विक्रम संवत 2078 की शुरुआत 12 जून, 2021 से कच्छ क्षेत्र में हुई।
- गुजरात के अन्य हिस्सों में, हिंदू नव वर्ष दिवाली के बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष 1 के दिन मनाया जाता है।
- कच्छी नव वर्ष एक पारंपरिक उत्सव है और घरों में मनाया जाता है।
- इस अवसर पर भगवान् गणेश, देवी लक्ष्मी और अन्य क्षेत्रीय देवताओं की पूजा की जाती है।
कच्छी नव वर्ष का महत्व
- यह त्योहार गुजरात के कच्छ क्षेत्र में बारिश की शुरुआत का प्रतीक है।
- आषाढ़ी बीज के दौरान, वातावरण में नमी की जांच की जाती है ताकि यह अनुमान लगाया जा सके कि आने वाले मानसून में कौन सी फसल बेहतर होगी।
महाराष्ट्र का आषाढ़ी एकादशी उत्सव (Ashadhi Ekadashi Festival in Maharashtra)
आषाढ़ी एकादशी महाराष्ट्र राज्य में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है। यह आम तौर पर पंढरपुर में मनाया जाता है जहां भक्त इस त्योहार को मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं। यह धार्मिक जुलूस हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष के दौरान आयोजित किया जाता है। आषाढ़ के ग्यारहवें दिन को महान एकादशी माना जाता है। इसे “शयनी एकादशी” के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन, दिन भर उपवास किया जाता है और भक्त विशाल जुलूस में पंढरपुर जाते हैं। यह जुलूस अलंदी में शुरू होता है और पंढरपुर में गुरु पूर्णिमा पर समाप्त होता है।
SOURCE-PIB