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कॉलेजियम की ओर से दोहराई गईं 10 सिफारिशें सरकार ने लौटाईं

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कॉलेजियम की ओर से दोहराई गईं 10 सिफारिशें सरकार ने लौटाईं

  • न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर सरकार और न्यायपालिका में चल रही खींचतान के बीच सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा दोहराई गई 10 सिफारिशें पुनर्विचार के लिए कॉलेजियम को वापस भेज दी हैं। इस मामले को स्पष्ट करते हुए सरकार ने यह भी कहा कि ऐसा पहले भी हो चुका है।
  • सरकार ने 9 फरवरी को राज्यसभा में दिए एक लिखित जवाब में बताया कि पूर्व में ऐसे उदाहरण हैं, जब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सरकार के विचारों से सहमति जताते हुए अपनी दोहराई गई सिफारिशों को वापस ले लिया था। ये जानकारी कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में दी है

  • यह शायद पहला मौका होगा जब केंद्र सरकार ने कहा कि उसने कॉलेजियम द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति की दोहराई गई सिफारिशों को पुनर्विचार के लिए वापस भेजा है और ऐसा पहले भी हो चुका है। अभी तक यही माना जाता है कि अगर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम अपनी सिफारिश दोहराता है तो सरकार को उसकी नियुक्ति करनी चाहिए

न्यायपालिका में पदों में रिक्तियां:

  • कानून मंत्री ने बताया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में सिर्फ उनकी नियुक्ति करती है, जिनके नामों की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की जाती है। उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति सहयोगात्मक और एकीकृत प्रक्रिया है। इसमें कार्यपालिका और न्यायपालिका दोनों शामिल हैं। अगर कोई मतभेद होता है तो उसे परस्पर सामंजस्य से निपटाया जाता है।
  • रिजिजू ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इस समय न्यायाधीशों के दो पद खाली हैं। उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 337 पद खाली हैं

न्यायपालिका में आरक्षण लागू नहीं:

  • कानून मंत्री ने द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा के सवाल के जवाब में बताया कि न्यायपालिका में आरक्षण लागू नहीं है, लेकिन कॉलेजियम से कहा गया है कि वह नियुक्ति के लिए नामों की संस्तुति करते समय उन वर्गों का ध्यान रखे, जिनका प्रतिनिधित्व नहीं है। इनमें महिलाएं, पिछड़ा वर्ग व अन्य भी शामिल हों।

सुप्रीम कोर्ट में 69 हजार केस लंबित:

  • रिजिजू ने बताया कि 25 उच्च न्यायालयों में कुल 59,87,477 केस लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट में 69,511 मुकदमे लंबित हैं
  • सबसे ज्यादा 10.30 लाख मुकदमे इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबित हैं, जो कि देश का सबसे बड़ा हाई कोर्ट हैसिक्किम हाई कोर्ट में सबसे कम 171 केस लंबित हैं।
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