मनरेगा के तहत मजदूरी दरों में 2-10% की सीमा में बढ़ोतरी
- केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 के तहत अकुशल शारीरिक श्रमिकों के लिए नई मजदूरी दरों को अधिसूचित किया है।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 की धारा 6 की उपधारा (1) के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित मजदूरी दरें 1 अप्रैल से प्रभावी होंगी।
- अधिसूचना के अनुसार, नरेगा मजदूरी की उच्चतम दर – 357 रुपये प्रति दिन – हरियाणा के लिए निर्धारित की गई है, जबकि सबसे कम – 221 रुपये प्रति दिन – छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए निर्धारित की गई है।
- हालांकि, सबसे अधिक वृद्धि राजस्थान में दर्ज की गई है, जहां 2023-24 के लिए नरेगा मजदूरी दर 10.39 प्रतिशत बढ़कर 255 रुपये प्रति दिन हो गई है। राजस्थान के बाद बिहार और झारखंड का स्थान है, जिन्होंने 8.57 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
- एनआरईजीएस मजदूरी में सबसे कम वृद्धि गोवा द्वारा दर्ज की गई है, जहां दर में 2.22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है – 2022-23 में 315 रुपये से 2023-24 के लिए 322 रुपये प्रति दिन।
मनरेगा के तहत मजदूरी की दरें कैसे तय की जाती हैं?
- मनरेगा, 2005 की धारा 6 की उपधारा (1) के तहत, केंद्र ग्रामीण नौकरी गारंटी योजना के तहत काम करने वाले अकुशल शारीरिक श्रमिकों के लिए राज्यवार मजदूरी दर तय करता है।
- नरेगा मजदूरी दरें कृषि श्रमिक़ों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बदलाव के अनुसार तय की जाती हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति में वृद्धि को दर्शाता है।