पूर्वोत्तर राज्यों के और इलाकों से हटाया गया AFSPA
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी कदम से उत्तर–पूर्वी राज्यों में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और विकास में तेजी आयी है।
- वर्ष 2014 की तुलना में, वर्ष 2022 में उग्रवादी घटनाओं में 76% की कमी आई है।
- उसी प्रकार इस अवधि में सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की मृत्यु में क्रमश: 90% और 97% की कमी आई है।
- पूर्वोत्तर में बेहतर सुरक्षा का हवाला देते हुए, 25 मार्च 2023 को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र ने असम, नागालैंड और मणिपुर में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (AFSPA) के तहत ‘अशांत क्षेत्रों‘ के अधिकार क्षेत्र को और कम करने का फैसला किया है।
- गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार के लगातार प्रयासों से पूर्वोत्तर भारत में सुरक्षा की स्थिति में अभूतपूर्व सुधार हुआ है और एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए केंद्र ने दशकों के बाद अप्रैल, 2022 से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत नागालैंड, असम और मणिपुर में अशांत क्षेत्रों को कम कर दिया था। 25 मार्च को एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, 1 अप्रैल, 2023 से इन तीन राज्यों में AFSPA के तहत अशांत क्षेत्रों को और कम किया जा रहा है।
- प्रधानमंत्री मोदी जी पूरे उत्तर-पूर्व क्षेत्र को उग्रवाद मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं, इस संबंध में केंद्र सरकार राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ लगातार बातचीत करती रही है।
उत्तर–पूर्व क्षेत्र में AFSPA की स्थिति:
- मोदी सरकार द्वारा सुरक्षा स्थिति में सुधार के कारण AFSPA के अंतर्गत अशांत क्षेत्र अधिसूचना को त्रिपुरा से 2015 में और मेघालय से 2018 में पूरी तरह से हटा लिया गया था।
- उल्लेखनीय है कि संपूर्ण असम में वर्ष 1990 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना लागू है। नवीनतम निर्णय के साथ, 1 अप्रैल 2023 से AFSPA अब असम के केवल आठ जिलों तक ही सीमित रहेगा।
- मणिपुर (इंफाल नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर) में AFSPA के अधीन अशांत क्षेत्र घोषणा वर्ष 2004 से चली आ रही थी। केंद्र सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 6 जिलों के 15 पुलिस स्टेशन क्षेत्र को04.2022 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना से बाहर किया गया था और अब 1 अप्रैल 2023 से AFSPA के अधीन अशांत क्षेत्र अधिसूचना को 4 अन्य थाना क्षेत्रो से हटाते हुए, कुल 7 जिलों के 19 पुलिस थानों से हटाया जा रहा है।
- सम्पूर्ण नागालैंड में ‘अशांत क्षेत्र’ अधिसूचना वर्ष 1995 से लागू है। केन्द्र सरकार ने इस सन्दर्भ में गठित कमेटी की चरणबद्ध तरीके से AFSPA हटाने की सिफारिश को मानते हुए04.2022 से 7 जिलों के 15 पुलिस स्टेशनों से अशांत क्षेत्र अधिसूचना को हटाया गया था और अब 1 अप्रैल 2023 से AFSPA के अधीन अशांत क्षेत्र अधिसूचना को 3 अन्य थाना क्षेत्र से हटाते हुए,कुल 8 जिलों के 18 पुलिस थानों से हटाया जा रहा है।