प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY-G) का प्रदर्शन
- ग्रामीण क्षेत्रों में “सभी के लिए आवास” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, ग्रामीण विकास मंत्रालय 1 अप्रैल, 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY-G) लागू कर रहा है, ताकि बुनियादी सुविधाओं के साथ 2.95 करोड़ पक्के घरों के निर्माण में सहायता प्रदान की जा सके।
योजना के क्रियान्वयन में देरी के कारण:
- कोविड-19 महामारी के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की अवधि के दौरान, पीएमएवाई-जी के तहत घरों के निर्माण सहित सभी निर्माण गतिविधियां भी प्रभावित हुईं, जिससे पीएमएवाई–जी घरों के निर्माण की गति धीमी हो गई।
- इसके अलावा:
- पीएमएवाई-जी के स्टेट नोडल खाते को राज्य के खजाने से केंद्र और राज्य के हिस्से को जारी करने में देरी,
- लाभार्थियों की अनिच्छा के मामले,
- प्रवासन,
- मृत लाभार्थियों के विवादित उत्तराधिकार के मामले,
- राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा सामान्य/विधानसभा/पंचायत चुनावों के समय भूमिहीन लाभार्थियों को भूमि के आवंटन में देरी और
- निर्माण सामग्री की अनुपलब्धता आदि के कारण भी देरी हुई है।
- इसलिए, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोध पर पीएमएवाई–जी को पूरा करने की समय–सीमा मार्च, 2022 से बढ़ाकर मार्च, 2024 कर दी गई है।
पीएमएवाई–जी योजना के तहत लक्ष्य का निर्धारण:
- पीएमएवाई-जी के तहत 2.95 करोड़ घरों के निर्माण के अनिवार्य लक्ष्य के मुकाबले, मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 2.94 करोड़ घरों का लक्ष्य आवंटित किया है।
- इनमें से, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने लाभार्थियों को 2.85 करोड़ घर स्वीकृत किए हैं और 2.22 करोड़ घर 24.03.2023 तक पहले ही बन चुके हैं।
योजना के तहत लाभार्थियों का निर्धारण कैसे किया जाता है?
- पीएमएवाई-जी के तहत लोगों को लाभ पाने के लिए पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय, पीएमएवाई–जी के तहत लाभार्थियों की पहचान सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) -2011 के तहत निर्धारित आवास वंचन मापदंडों और बहिष्करण मानदंडों के आधार पर की जाती है। उस आधार पर कुल 95 करोड़ का लक्ष्य तय किया गया था।
- SECC, 2011 डेटाबेस से घरों की स्वत: उत्पन्न प्राथमिकता सूची राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को ग्राम सभाओं द्वारा सत्यापन के लिए एक अपीलीय प्रक्रिया के बाद प्रदान की गई थी। इस प्रकार SECC डेटाबेस के माध्यम से उपलब्ध कराए गए पात्र लाभार्थियों की संख्या वर्तमान में2.08 करोड़ (लगभग) है।
- इसके बाद, सरकार ने उन लाभार्थियों की पहचान करने के लिए आवास+ सर्वेक्षण किया, जो 2011 एसईसीसी के तहत छूटे होने का दावा करते थे और इस प्रकार संभावित लाभार्थियों की एक अतिरिक्त सूची तैयार की।
- PMAY-G के समग्र लक्ष्य और SECC 2011 के माध्यम से उपलब्ध लाभार्थियों के बीच अंतर को भरने के लिए आवास+ डेटा का उपयोग किया जा रहा है। आवास+ सूची से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 87 लाख (लगभग) घरों का लक्ष्य आवंटित किया गया है।