आईएनएस विक्रांत और विक्रमादित्य पर तैनात होंगे ‘मेड इन इंडिया’ फायर फाइटिंग बॉट– भारतीय नौसेना
- रक्षा क्षेत्र में देश ‘मेड इन इंडिया’ के तहत एक बड़ी सफलता हासिल करने जा रहा है। जल्द ही विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य सहित सबसे बड़े युद्धपोतों पर स्वदेशी अग्निशमन बॉट तैनात होने वाले हैं।
- नौसेना के वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने ‘मेड इन इंडिया’ परियोजना के तहत समुद्री बल में की गई पहल के बारे में चर्चा की।
- उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ब्लू–ग्रीन लेजर जैसी गेम–चेंजिंग तकनीकों को शामिल करने पर भी काम कर रही है, जिसके जरिए पानी के नीचे के जहाजों और वस्तुओं का पता लगाने में मदद मिलेगी।
आईएनएस विक्रांत:
- आईएनएस विक्रांत भारत द्वारा बनाया गया पहला स्वदेशी और सबसे बड़ा जहाज है जिसमें भारतीय नौसेना के लिए स्वदेशी डिजाइन और विमान वाहक शामिल हैं।
- आईएनएस विक्रांत का नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर से लिया गया है जिसका इस्तेमाल वर्ष 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में किया गया था।
- इस जहाज की लंबाई और चौड़ाई क्रमशः 262 मीटर और 62 मीटर निर्दिष्ट करती है। इसकी विस्थापित क्षमता 45,000 टन है जो 28 समुद्री मील की डिज़ाइन गति के साथ विस्थापित करता है।
आईएनएस विक्रमादित्य:
- आईएनएस विक्रमादित्य, 44,500 टन भार वाला, 284 मीटर लम्बा एवं 60 मीटर ऊँचा युद्धपोत है।
- भारतीय नौसेना पोत विक्रमादित्य भारतीय नौसेना का सबसे लम्बा दूसरा सबसे विशाल युद्धपोत है।
- आईएनएस विक्रमादित्य पूर्व सोवियत विमान वाहक ‘एडमिरल गोर्शकोव’ का नया नाम है, जो भारत द्वारा हासिल किया गया है।
ब्लू–ग्रीन लेजर:
- लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (LiDAR) पर आधारित ब्लू–ग्रीन लेजर तकनीक जहाज या विमान से पनडुब्बी तक संचार स्थापित करने के लिए किया जाता है।
- यह तकनीक एक डूबी हुई पनडुब्बी और सतह के जहाज या एक विमान के बीच संचार प्रदान करेगी और इस प्रकार पनडुब्बी की गोपनीयता बनाए रखेगी।
स्रोत: दैनिक जागरण