अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस– 25 नवंबर
- महिलाओं के प्रति हिंसा और अपराध सभ्य समाज के माथे पर किसी कलंक से कम नहीं। इसी कलंक को मिटाने के लिए हर साल 25 नवंबर को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
- इस आयोजन का उद्देश्य महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा और अपराधों के प्रति संवेदनशील एवं जागरूक बनाना है।
- इस बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने यह चौंकाने वाली जानकारी दी है कि दुनिया में प्रत्येक 11 मिनट में एक महिला या लड़की की हत्या की जा रही है। उन्होंने सरकारों से इसके खिलाफ राष्ट्रीय कार्य योजनाएं बनाने का आह्वान किया है, ताकि इस संकट से निपटा जा सके।
- दुख की बात है कि आधी–आबादी को बड़े पैमाने पर आनलाइन प्रताड़ना–हिंसा का भी सामना करना पड़ता है, जिसमें भ्रामक तथा अभद्र भाषा से लेकर यौन उत्पीड़न से लेकर फोटो का दुरुपयोग इत्यादि शामिल हैं।
- महिलाओं को हिंसा और दुर्व्यवहार की भारी कीमत चुकानी पड़ती है। यह उन्हें उनके बुनियादी अधिकारों और स्वतंत्रता से वंचित करता है। इससे आर्थिक सुधार और सतत विकास में खलल पड़ता है।
भारत में महिलाओं के प्रति हिंसा की स्थिति:
- राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 के मुकाबले 2021 में देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में3 फीसद की वृद्धि हुई है।
- रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली है, जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले सभी 19 महानगरों की श्रेणी में कुल अपराधों के20 प्रतिशत हैं।
- एक अन्य अध्ययन में बताया गया है कि भारत में प्रत्येक तीन में से एक महिला के साथ किसी न किसी तरह की घरेलू हिंसा की जाती है और करीब 21 फीसद महिलाओं के साथ तो बहुत ही गंभीर समस्याएं होती हैं।
- हाल में सामने आए दिल्ली के श्रद्धा वालकर हत्याकांड और आयुषी यादव हत्याकांड ने भारतीय समाज को बुरी तरह झकझोर दिया है।
- महिलाओं के प्रति हिंसा के मामले में भारत विश्व में 33वें स्थान पर है। हालांकि, 2005 में महिलाओं को घरेलू हिंसा से संरक्षण प्रदान करने वाला कानून बनाया गया था, फिर भी महिलाओं के प्रति हिंसा के सामने आते मामले काफी चिंताजनक हैं।