अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष -2023 बाजरा को वैश्विक स्तर पर पौष्टिक अनाज के रूप में स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगा
- केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम)-2023 बाजरा के वैश्विक उत्पादन को बढ़ाने, कुशल प्रसंस्करण और फसल चक्रण का बेहतर उपयोग करने तथा खाद्य बास्केट के एक प्रमुख घटक के रूप में बाजरे को स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगा।
- श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम) घोषित किया गया है।
- बाजरा सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन और खनिजों का भंडार है।
- अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष, खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए बाजरे के योगदान में जागरूकता फैलाएगा, बाजरे का उत्पादन निरंतर करने और इसकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए हितधारकों को प्रेरित करेगा और अनुसंधान तथा विकास कार्यों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ध्यान आकर्षित करेगा।
- एशिया और अफ्रीका बाजरे के प्रमुख उत्पादन और उपभोग करने वाले क्षेत्र हैं। भारत, नाइजर, सूडान और नाइजीरिया बाजरा के प्रमुख उत्पादक देश हैं।
- ज्वार और प्रोसो बाजरा (सामान्य बाजरा) क्रमशः 112 और 35 देशों में सबसे ज्यादा उगाए जाने वाले बाजरा हैं। ज्वार और पर्ल बाजरा 90 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्र और उत्पादन को कवर करते है। शेष उत्पादन में रागी (फिंगर मिलेट्स), चीना (प्रोसो मिलेट्स), फॉक्सटेल मिलेट्स (कांगनी) और अन्य गैर–पृथक बाजरा शामिल हैं।
- भारत बाजरा का प्रमुख उत्पादक देश है जिसमें ज्वार, बाजरा, रागी और छोटे बाजरा के साथ–साथ कंगनी, कुटकी या छोटा बाजरा, कोडोन, गंगोरा या बार्नयार्ड, चीना और ब्राउन टॉप शामिल हैं।
- पिछले 5 वर्षों की अवधि में, हमारे देश में71 से 18 मिलियन टन से बाजरा का उत्पादन हुआ जिसमें 2020-21 उच्चतम उत्पादन का वर्ष रहा है।
- वर्ष 2021-22 के लिए चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार, भारत में बाजरे का उत्पादन लगभग 16 मिलियन टन हुआ है, जो राष्ट्रीय खाद्यान्न बास्केट का लगभग 5 प्रतिशत है। इसकी बाजार में हिस्सेदारी सबसे ज्यादा62 मिलियन टन है, इसके बाद 4.23 मिलियन टन के साथ ज्वार का उत्पादन दूसरे स्थान पर है।