अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस: 10 दिसंबर
- अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस अवसर पर वक्तव्य देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी के बीच न्याय की धारणा के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता और करूणा मानवाधिकारों को बढ़ावा देने की कुंजी है।
- राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि अगर हम उन लोगों के स्थान पर स्वंय की कल्पना करें, जिन्हें मानव से भी कम आंका जाता है, तो यह हमारी आंखें खोल देगा और हमें सही कार्य करने के लिए विवश करेगा।
- 10 दिसंबर को नई दिल्ली में 74वें मानवाधिकार दिवस समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह स्वर्णिम नियम है कि “दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप स्वंय के लिए चाहते हैं।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा पिछले वर्ष की गई पहलों के बारे में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता के प्रसार के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
- वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व के सामने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर राष्ट्रपति ने कहा कि चुनौतियां बहुत हैं और लोगों को मानवाधिकारों की अवधारणा को फिर से परिभाषित करने के लिए मजबूर कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को फिर से प्रकृति के साथ सम्मान का व्यवहार करना सीखना चाहिए। यह न केवल एक नैतिक कर्तव्य है, बल्कि मानव के अस्तित्व के लिए भी आवश्यक है।
- उल्लेखनीय है कि मानवाधिकार दिवस हर वर्ष 10 दिसंबर को मनाया जाता है। 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव अधिकारों की रक्षा के लिए इसी दिन साझा मानक मानदंड के रूप में अपनाया और घोषित किया था।
- इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस का विषय है- ‘सभी के लिए गरिमा, स्वतंत्रता और न्याय‘।