असम के ‘मोइदाम‘ ने यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल का दर्जा पाने के लिए तकनीकी अनिवार्यता की पूरी
- यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता के लिए भारत के एकमात्र नामांकन ‘मोइदाम‘ (शाही परिवार का कब्रिस्तान) ने तकनीकी अनिवार्यता पूरी कर ली है।
- यह जानकारी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 4 मार्च को दी। शर्मा ने बताया कि नामांकन का अगला आकलन अंतरराष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद करेगी।
- उल्लेखनीय है कि ‘मोइदाम‘ (असम के पिरामिड) असम के चराइदेव जिले में अहोम शाही परिवार का कब्रिस्तान है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नामांकन की समीक्षा अंतरराष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद करेगी। शर्मा ने पहले बताया था कि ‘माइदोम‘ को पहली बार अप्रैल 2014 में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल की संभावित सूची में शामिल किया गया था। वर्ष 2019-20 में राज्य सरकार ने चराइदेव पुरातत्व स्थल के संरक्षण और विकास के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रविधान किया था।
- पहले मृतकों को उनके व्यक्तिगत सामान के साथ दफनाया जाता था, लेकिन 18 वीं शताब्दी के बाद अहोम शासकों ने दाह संस्कार की हिंदू पद्धति को अपनाया और हड्डियों और राख को दफन किया जाने लगा।