भारत की सांस्कृतिक विरासत का होगा और विस्तार, प्राचीन DNA और BSL 3 लैब हुआ लॉन्च
- तमिलनाडु के मंत्री थंगम थेनारासु ने 22 नवंबर को कामराज विश्वविद्यालय (MKU) में प्राचीन डीएनए (DNA) और बीएसएल-3 (BSL-3) प्रयोगशालाओं का अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।
- सभी प्राचीन वस्तुएं जो पहले फ्लोरिडा की एक प्रयोगशाला में भेजी जाती थीं, अब भारत में जांच की जा सकती हैं। ये भारत के लिए एक बड़ा विकास है।
- जानकारी के लिए बता दें कि ये भारत की तीसरी प्रयोगशाला है।
- प्रयोगशाला प्रभारी कुमारसन ने कहा कि “पहले सारी पढ़ाई लखनऊ की प्रयोगशाला में होती थी लेकिन अब हम सब कुछ यहां बड़ी आसानी के साथ कर सकते हैं। इस लैब के माध्यम से छात्र बहुत कुछ सीख सकते हैं और नौकरी के अवसर भी प्राप्त कर सकते हैं। हम डीएनए के अलावा प्रोटीन और जैव रसायन का भी विश्लेषण कर रहे हैं।”
- प्राचीन डीएनए प्रयोगशाला का मुख्य उद्देश्य तमिलनाडु की पुरातात्विक खुदाई से डीएनए डेटा उत्पन्न करना और उसका विश्लेषण करना है।
- लखनऊ में शिकागो विश्वविद्यालय और बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइंसेस प्रयोगशाला स्थापित की गई है।