भारत में जुलाई से मौजूद है बीएफ-7 वेरिएंट, पर चीन जैसी नहीं दिखी संक्रामकता
- दुनिया में कोरोना की नई लहर को देखते हुए भारत में विशेषज्ञों की नजर अगले एक महीने पर होगी। पिछले तीन साल के कोरोना लहर के पैटर्न के आधार पर इसके 35 दिन के भीतर भारत पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि यह आशा भी जताई जा रही है कि इस नई लहर का भारत पर उतना प्रभाव नहीं दिखेगा, जितना चीन और जापान जैसे देशों में हैं, लेकिन सरकार पूरी तैयारी रखना चाहती है।
- कोरोना की लहर के पिछले तीन साल के पैटर्न का खुलासा करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड, जैसे पूर्वी एशियाई देशों से शुरू होता है। उसके बाद यूरोप, फिर उत्तरी अमेरिका और बाद में दक्षिण अफ्रीका में पहुंचता है। भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे दक्षिण एशियाई देशों में यह लहर सबसे अंत में आता है।
- चीन में संक्रमण की मूल वजह माने जाने वाले ओमिक्रोन के वेरिएंट बीएफ-7 के भारत में अनुभवों का हवाला देते हुए इसके कारण चौथी लहर की आशंका से इनकार कर रहे हैं।
- दरअसल, भारत में यह वेरिएंट सबसे पहले जुलाई में देखा गया था और अभी तक इसके केवल चार मामले सामने हैं।
- चाइना नेशनल हेल्थ कमीशन के अनुसार इस वेरिएंट से संक्रमित व्यक्ति 16 नए लोगों को संक्रमित कर रहा है, जो इसके अत्यधिक संक्रामक होने का प्रमाण देता है, लेकिन भारत में इसकी संक्रामता देखने को नहीं मिली है।
- एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया में कोरोना की नई लहर के पीछे ओमिक्रोन के ही वेरिएंट को देखा जा रहा है, जबकि भारत में एक साल पहले ओमिक्रोन वेरिएंट की वजह से तीसरी लहर आई थी।
- बड़े पैमाने पर टीकाकरण और डेल्टा व ओमिक्रोन वेरिएंट की वजह से भारत के लिए लोगों में हाईब्रीड इम्युनिटी विकसित होने का दावा भी किया जा रहा है, जो संक्रमण को रोकने में मददगार साबित हो रहा है।