भारत ने ‘लीथ’ के नरम खोल वाले कछुओं के लिए CITIES सुरक्षा को मजबूत करता है
- पनामा बैठक में वन्य जीवों और वनस्पतियों (CITES) की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन के परिशिष्ट-II से परिशिष्ट-I में लीथ के सोफ्टशेल कछुए (निल्सोनिया लेथि) को स्थानांतरित करने के भारत के प्रस्ताव को CITES में पार्टियों के सम्मेलन (CoP) द्वारा अपनाया गया है।
- प्रस्ताव 23 नवंबर 2022 को वन महानिदेशक और विशेष सचिव, MoEFCC श्री चंद्र प्रकाश गोयल द्वारा पेश किया गया था, जब CoP की समिति ने प्रस्ताव पर विचार किया था।
लीथ का सॉफ्टशेल कछुआ:
- लीथ का सॉफ्टशेल कछुआ एक बड़ा ताजे पानी का नरम खोल वाला कछुआ है जो प्रायद्वीपीय भारत के लिए स्थानिक है और यह नदियों और जलाशयों में रहता है।
- प्रजाति पिछले 30 वर्षों में गहन शोषण के अधीन रही है। भारत के भीतर अवैध रूप से इसका शिकार किया गया और इसका सेवन किया गया।
- यह मांस के लिए और इसके कैलीपी के लिए विदेशों में भी अवैध रूप से कारोबार किया गया है। इस कछुआ प्रजाति की आबादी में पिछले 30 वर्षों में 90% की गिरावट का अनुमान है, जिससे कि अब इस प्रजाति को खोजना मुश्किल है।
- इसे IUCN द्वारा ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त‘ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- यह प्रजाति वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची IV में सूचीबद्ध है, जो इसे शिकार के साथ–साथ व्यापार से भी सुरक्षा प्रदान करती है।
- सीआईटीईएस परिशिष्ट-I में इस कछुओं की प्रजातियों का सूचीबद्ध होना यह सुनिश्चित करेगी कि प्रजातियों का कानूनी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं हो।