सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) का FCRA लाइसेंस हुआ सस्पेंड
- केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए ‘पब्लिक पॉलिसी थिंक टैंक’ सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) का फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) लाइसेंस निलंबित कर दिया है। पिछले साल सितंबर में सीपीआर और ऑक्सफैम इंडिया पर इनकम टैक्स सर्वे के बाद लाइसेंस की जांच चल रही थी।
- विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत दिए गए लाइसेंस के निलंबन के साथ, सीपीआर विदेश से कोई धन प्राप्त नहीं कर पाएगा।
एनजीओ को गृह मंत्रालय के साथ होना चाहिए पंजीकृत:
- कानून के अनुसार, विदेशी धनराशि हासिल करने वाले सभी एनजीओ को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होता है।
- एफसीआरए के तहत रजिस्टर्ड एनजीओ को आदेश की सूचना दिए जाने की तारीख से एक साल के अंदर संशोधन आवेदन दायर किया जा सकता है। गृह मंत्रालय ने पिछले साल सितंबर में सभी गैर–सरकारी संगठनों (एनजीओ) के एफसीआरए पंजीकरण की वैधता को 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया था।
सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR):
- सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) 1973 से भारत के अग्रणी सार्वजनिक नीति से जुड़े थिंक टैंकों में से एक है।
- सीपीआर एक गैर–लाभकारी, गैर–पक्षपातपूर्ण, स्वतंत्र संस्थान है जो अनुसंधान करने के लिए समर्पित है जो उच्च गुणवत्ता वाली छात्रवृत्ति, बेहतर नीतियों और भारत में जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों के बारे में अधिक मजबूत सार्वजनिक चर्चा-परिचर्चा में योगदान देता है।