चीन का रक्षा बजट 250 अरब डॉलर के करीब होने के संकेत

चीन का रक्षा बजट 250 अरब डॉलर के करीब होने के संकेत

  • चीन ने चालू वर्ष के लिए अपना रक्षा बजट बढ़ाने के संकेत दिए हैं। इसके लिए उसने जटिल सुरक्षा चुनौतियों को कारण बताया है। चीन ने यह संकेत संसद सत्र शुरू होने से ठीक पहले दिया। विदित हो कि विश्व में अमेरिका के बाद चीन सुरक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाला देश है

  • नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के सत्र की शुरुआत से पूर्व उसके प्रवक्ता वांग चाओ ने 2022 के 230 अरब डालर के रक्षा बजट में बढ़ोतरी के संकेत दिए। 2022 में 2021 के रक्षा बजट की तुलना में 7.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। इस लिहाज से चीन का 2023 का रक्षा बजट 250 अरब डॉलर के करीब जा सकता है। प्रवक्ता ने कहा है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में यह रक्षा बजट विश्व में सबसे कम होगा।
  • रक्षा बजट में यह बढ़ोतरी यूक्रेन युद्ध, ताइवान की ओर से खड़ी हो रही चुनौतियों, दक्षिण चीन सागर विवाद और भारत के चल रहे सीमा विवाद से उपजी चुनौतियों के बीच होगी
  • प्रवक्ता ने रक्षा बजट की धनराशि की जानकारी नहीं दी है। विश्व में चीन से ज्यादा केवल अमेरिका का रक्षा बजट है जो 816.7 अरब डॉलर का है। भारत का रक्षा बजट 70 अरब डॉलर का है जो दोनों देशों की तुलना में काफी कम है।

बेल्ट एंड रोड अभियान (BRI) पर लग रहे आरोप:

  • चीनी संसद की राजनीतिक मामलों की समिति के प्रवक्ता गुओ वीमिन ने चीन के बेल्ट एंड रोड अभियान (बीआरआइ) पर लग रहे आरोपों को खारिज किया है। कहा कि इस अभियान के जरिये विकासशील देशों को कर्ज के जाल में फंसाने के आरोप आधारहीन हैं।
  • चीन ने अपनी सफाई में कहा कि वह किसी भी परियोजना के लिए कर्ज देने से पहले सारी शर्तें और उससे जुड़े फायदेनुकसान स्पष्ट कर देता है। इसके बाद संबंधित देश पर निर्भर करता है कि वह विकास योजनाओं से जुड़ी परियोजना को स्वीकार करे या नहीं।
  • चीन ने इस अभियान के तहत अभी तक 151 देशों और 32 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ 200 से ज्यादा परियोजनाओं के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
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