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Current Affair 11 October 2021

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Current Affairs – 11 October, 2021

इंडियन स्पेस एसोसिएशन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर अंतरिक्ष उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने आज देश के दो महान सपूतों, भारत रत्न जयप्रकाश नारायण और भारत रत्न नानाजी देशमुख की जयंती का उल्लेख किया। उन्होंने दोनों हस्तियों को नमन करते और श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आजादी के बाद के भारत को दिशा देने में इन दोनों महान व्यक्तित्वों की बहुत बड़ी भूमिका रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सबको साथ लेकर, सबके प्रयास से, राष्ट्र में कैसे बड़े-बड़े परिवर्तन आते हैं, इनका जीवन दर्शन हमें आज भी इसकी प्रेरणा देता है।

भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर काम करने वाली सरकारी और निजी कंपनियों को साथ लाने के लिए “इंडियन स्पेस एसोसिएशन” की शुरुआत की गई है। इसमें इसरो के अलावा टाटा, भारती, और एलएंडटी जैसी बड़ी निजी कंपनियां भी शामिल हैं। भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर काम करने वाली सरकारी और निजी कंपनियों को साथ लाने के लिए ‘इंडियन स्पेस एसोसिएशन’ की शुरुआत की गई है। इसमें इसरो के अलावा टाटा, भारती और एलएंडटी जैसी निजी कंपनियां भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर को इस्पा की शुरुआत करते हुए कहा कि इससे “भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को नए पंख मिल गए हैं” उन्होंने यह भी कहा, “75 सालों से भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र पर सरकारी संस्थानों का वर्चस्व रहा है। इन दशकों में भारत के वैज्ञानिकों ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि भारतीय प्रतिभा पर किसी तरह की पाबंदी ना हो, चाहे वो सरकारी क्षेत्र में हो या निजी क्षेत्र में” निजी कंपनियों की बढ़ती भूमिका इस्पा का उद्देश्य अंतरिक्ष क्षेत्र की सरकारी संस्थाओं और निजी कंपनियों को साथ लेकर एक नीतिगत ढांचा तैयार करना है। इसके संस्थापक सदस्यों में एलएंडटी, टाटा समूह की कंपनी नेलको, भारती इंटरप्राइजेज की कंपनी वनवेब, गोदरेज, मैपमाईइंडिया और कई कंपनियां शामिल हैं। भारत में कई दशकों तक इसरो ही अंतरिक्ष क्षेत्र में अकेले काम करती रही लेकिन हाल के सालों में इस क्षेत्र में कई भारतीय और विदेशी निजी कंपनियां भी सक्रिय हुई हैं। जैसे वनवेब 322 सैटेलाइट लॉन्च कर भी चुकी है।

कंपनी की योजना 648 सैटेलाइट लॉन्च करने की है जो धरती से ज्यादा ऊपर नहीं होंगी और संचार व्यवस्था में मदद करेंगी। कंपनी का लक्ष्य है कि 2022 में इनकी मदद से वो भारत और दुनिया भर में तेज गति और कम विलंब वाली इंटरनेट सेवाएं पहुंचा सके। अमेजॉन और स्पेसएक्स जैसी कंपनियां भी इसी तरह की योजनाओं पर काम कर रही हैं। स्पेसएक्स की तो 1,300 सैटेलाइटें लॉन्च भी की जा चुकी हैं। वैश्विक व्यवस्था में भारत पीछे इस समय सैटेलाइट आधारित संचार व्यवस्था का इस्तेमाल कम ही होता है। इसका इस्तेमाल या तो सरकारी संस्थाएं करती हैं या बड़ी निजी कंपनियां लेकिन माना जाता है कि आने वाले सालों में सुदूर इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने में इसका बड़ा योगदान रहेगा। इसरो के मुताबिक वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का मूल्य करीब 360 अरब डॉलर है लेकिन भारत की इसमें सिर्फ दो प्रतिशत की हिस्सेदारी है। इसरो का अनुमान है कि अगर भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र का और विस्तार किया जाए तो देश 2030 तक इस हिस्सेदारी को बढ़ा कर नौ प्रतिशत तक ले जा सकता है।

जयप्रकाश नारायण

जयप्रकाश नारायण (11 अक्टूबर, 1902 – 8 अक्टूबर, 1979) (संक्षेप में जेपी) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। इन्दिरा गांधी को पदच्युत करने के लिये उन्होने ‘सम्पूर्ण क्रांति’ नामक आन्दोलन चलाया। वे समाज-सेवक थे, जिन्हें ‘लोकनायक’ के नाम से भी जाना जाता है। 1998 में उन्हें मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मनित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें समाजसेवा के लिए १९६५ में मैगससे पुरस्कार प्रदान किया गया था। पटना के हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखा गया है। दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल ‘लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल’ भी उनके नाम पर है।

नानाजी देशमुख

नानाजी देशमुख (जन्म : 11 अक्टूबर 1916, चंडिकादास अमृतराव देशमुख – मृत्यु : 27 फ़रवरी 2010) एक भारतीय समाजसेवी थे। वे पूर्व में भारतीय जनसंघ के नेता थे। 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी, तो उन्हें मोरारजी-मन्त्रिमण्डल में शामिल किया गया परन्तु उन्होंने यह कहकर कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग सरकार से बाहर रहकर समाज सेवा का कार्य करें, मन्त्री-पद ठुकरा दिया। वे जीवन पर्यन्त दीनदयाल शोध संस्थान के अन्तर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार हेतु कार्य करते रहे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया। अटलजी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये पद्म विभूषण भी प्रदान किया। 2019 में उन्हें भारतरत्न से सम्मानित किया गया।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 12 अक्टूबर, 2021 को 28वें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। वे प्रात: 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वे सम्बोधन भी करेंगे। कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष भी उपस्थित रहेंगे।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के विषय में:

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत 12 अक्टूबर, 1993 को हुआ था। इसका उद्देश्य मानवाधिकारों को प्रोत्साहन देना और उनका संरक्षण करना है। आयोग किसी भी प्रकार के मानवाधिकार हनन का स्वतः संज्ञान लेता है, मानवाधिकारों के हनन के मामलों में पड़ताल करता है, पीड़ितों को मुआवजा देने के लिये लोकाधिकारियों को अनुमोदन करता है, मानवाधिकारों का हनन करने वाले जनसेवकों के खिलाफ कानूनी और अन्य दण्डनीय कार्रवाई करता है।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.2

 

भारत 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित

क्षमता प्राप्त करने के लिए तैयार है : नवीन एवं नवीकरणीय

ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई)

फिक्की के साथ साझेदारी में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने दुबई में आयोजित एक्सपो 2020 में जलवायु और जैव विविधता सप्ताह के दौरान 6 से 8 अक्टूबर, 2021 तक कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्धियों व महत्वाकांक्षाओं, उभरते क्षेत्रों और भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के अवसरों से संबंधित विषय शामिल थे। इसके साथ ही सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) और भारतीय अक्ष्य ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) के कार्यक्रमों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन द्वारा एक सूर्य एक विश्व एक ग्रिड (ओएसओडब्ल्यूओजी) के विषय पर भी एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जो सौर ऊर्जा का लगातार दोहन करने के लिए देशों की सीमाओं के पार आपसी संपर्क को बढ़ावा देता है।

आज एमएनआरई-फिक्की-एसईसीआई कार्यक्रम में विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने जोर देकर कहा कि विश्व परिवर्तन के मुहाने पर है और जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए तत्काल सुधारात्मक कदमों की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि ऊर्जा बदलाव इस दिशा में पहला कदम होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमने अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) में जो वादा किया था, उसमें भारत पहले से ही आगे है। उन्‍होंने कहा, ‘हमारी स्थापित क्षमता का 39 फीसदी हिस्सा पहले से ही गैर-जीवाश्म आधारित स्रोतों से आता है। 2022 तक हम अपने 40 फीसदी के लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे।”

उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि ट्रांसमिशन (पारेषण) एक चुनौती है और इसे स्थापित करने पर काम चल रहा है। श्री आर के सिंह ने कहा, “हम हरित गलियारा चरण 2 शुरू कर रहे हैं और आमतौर पर उन जगहों से नवीकरणीय ऊर्जा निकासी के लिए प्रणाली लगाने के लिए ट्रांसमिशन का विस्तार कर रहे हैं, जहां प्रकाशकीकिरण अधिक है, या हवा की गति अधिक है।”

श्री सिंह ने यह भी कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा का निरंतर न होना पूरे विश्व के लिए एक और चुनौती है, जो इस बात को रेखांकित करता है कि वर्तमान में प्रति यूनिट बैटरी भंडारण अधिक है और इसे कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार बैटरी स्टोरेज के लिए निविदाएंला रही हैं।

श्री सिंह ने आगे कहा कि बैटरी भंडारण के लिए उत्पादन संबंधित प्रोत्साहन पहले से ही उपलब्ध है और भंडारण की कीमतों को कम करने के लिए मांग को बढ़ावा देने की जरूरत है।

भारत में हरित हाइड्रोजन के अवसरों पर श्री सिंह ने कहा, “एमएनआरई इलेक्ट्रोलाइजरों के लिए निविदाएं आमंत्रित करेगा और परिशोधन, उर्वरक, पाइपयुक्त प्राकृतिक गैस में हरित हाइड्रोजन खपत के लिए यह अनिवार्य है।”

श्री सिंह ने यह भी कहा कि एसईसीआई ने उम्मीद पैदा करने वाला विकास किया है और इस गति के जारी रहने की आशा है, क्योंकि स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में नए व उभरते क्षेत्रों में तेजी आने वाली है। इसके अलावा उन्होंने एसईसीआई को नए विश्व का ऊर्जा समूह बनने को लेकर अपनी सोच भी को भी व्यक्त किया। भारत ने एक रोमांचक यात्रा शुरू की है और आगे बढ़ रहा है जहां पहले किसी ने काम नहीं किया है और एसईसीआई 2030 तक 450 गीगावाट की महत्वाकांक्षा को पूरा करने की दिशा में काम करना जारी रखेगा।

भारत सरकार में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा ने इस आयोजन के पहले दिन कहा कि ऊर्जा क्षेत्र पूरे विश्व में तीव्र परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और भविष्य नवीकरणीय ऊर्जा का है। उन्होंने आगे कहा, ‘यह एक सामूहिक प्रयास के रूप में होने जा रहा है और हमारा ऊर्जा परिवर्तन समावेशी और न्यायसंगत होगा,जिससे कोई भी पीछे न रहे। हम अपने सभी भागीदारों का भारत में आने व निवेश करने और इस अविश्वसनीय यात्रा में शामिल होने के लिए स्वागत करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2015 में घोषित 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा की 175 गीगावाट स्थापित क्षमता पाने के लक्ष्य देखते हुए, भारत ने 2021 में 100 गीगावाट की उपलब्धि (बड़ी जल विद्युत परियोजना को छोड़कर) को पार कर लिया है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि अब तक भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा की विशाल क्षमता के एक हिस्से का ही दोहन किया है, इसलिए भारत ने 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य 450 गीगावाट तक स्थापित क्षमता का लक्ष्य बढ़ाया है।

इस आयोजन के दूसरे दिन वैश्विक हितधारकों को आमंत्रित करते हुए श्री खुबा ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लाभों को दोहराया और इस बात को रेखांकित किया कि व्यापार करने में सुगमता सुनिश्चित करना भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमने घरेलू और विदेशी निवेशकों को संभालने और उनकी सुविधा के लिए सभी मंत्रालयों में समर्पित परियोजना विकास प्रकोष्ट (पीडीसी) और एफडीआई प्रकोष्ट की स्थापना की है। प्रत्यक्ष स्वचालित (ऑटोमैटिक) के रास्ते से भी 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति है।”

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा : उभरते क्षेत्र और अवसर विषयवस्तु पर श्री खुबा ने अपने प्रमुख भाषण में कहा कि भारत 70 गीगावाट से अधिक अपतटीय पवन क्षमता का दोहन करने के लिए तैयार है। उन्होंने आगे कहा, “भारत ने अब अपनी सौर मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने का निर्णय किया है। हाल ही में भारत सरकार ने उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के विनिर्माण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना शुरू की है। हम अगले पांच वर्षों में 10 गीगावाट सौर पीवी विनिर्माण क्षमता को जोड़ने की उम्मीद करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हरित हाइड्रोजन हमारी अर्थव्यवस्था, विशेषकर हार्ड-टू-डीकार्बोनाइज क्षेत्रों को डीकार्बोनाइज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। भारत कई क्षेत्रों में हरित हाइड्रोजन उत्पादन और इसके उपयोग को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन विकसित कर रहा है।” उन्होंने कहा कि भारत ने शुरुआती तौर पर 2030 तक लगभग 10 लाख टन वार्षिक हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा है।

श्री खुबा ने कहा कि भारत का 450 गीगावाट का महत्वाकांक्षी लक्ष्य 2030 तक 221 बिलियन (अरब) अमेरिकी डॉलर के निवेश के अवसर को खोलता है। उन्होंने आगे कहा कि यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत विकास में एक दीर्घावधि निवेश होगा। श्री खुबा ने कहा, “मैं विश्व के साझेदार देशों और व्यापार जगत के प्रमुख कारोबारियों को आमंत्रित करता हूं कि इस अभूतपूर्व यात्रा में शामिल हों और हमारे साथ आएं।”

भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में सचिव श्री इंदु शेखर चतुर्वेदी ने कहा कि भारत में वर्तमान अक्षय ऊर्जा की क्षमता में बढ़ोतरी काफी हद तक अनुकूल लोकनीति का परिणाम है और इसे प्राप्त करने में निजी क्षेत्र ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारत के आरई क्षेत्र में सामान्य निवेश माहौल व निवेशकों के लिए अवसरों के नए उभरते क्षेत्रों के विषय पर श्री चतुर्वेदी ने कहा कि मंत्रालय व्यापार सुधारों को आसान बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है और मुद्दों का समाधान लगातार किया जा रहा है। अन्य उपायों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा की निविदा से संबंधित सुव्यवस्थित दिशा निर्देश और विवादों के समाधान करने की व्यवस्था शामिल है, जिसके कारण इस क्षेत्र ने पिछले सात वर्षों में लगभग 70 बिलियन अमेरिकी का निवेश आया है।

श्री चतुर्वेदी ने निवेशकों के लिए उभरते अवसरों के तीन नए क्षेत्रों- हरित हाइड्रोजन, अपतटीय पवन और सौर पीवी विनिर्माण को सूचीबद्ध किया। वहीं, अनिवार्य खरीद दायित्वों का उद्देश्य उर्वरक, पेट्रोलियम परिशोधन और शहरी गैस वितरण जैसे क्षेत्रों में हरित हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ाना है।

उन्होंने कहा कि अपतटीय पवन में अगले कुछ वर्षों तक घरेलू और विदेशी कारोबारियों से सरकार को समर्थन और निवेश की जरूरत होगी। श्री चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि सौर मॉड्यूल विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना के तहत लगभग 55 गीगावाट क्षमता की निविदा प्राप्त हुई हैं। इस निवेश की एक बड़ी रकम को पॉलीसिलिकॉन मॉड्यूल और वफर-इनगॉट्स के उत्पादन के लिए लगाया जाएगा।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

 

बाइल बेस्ड ई-वोटिंग प्रणाली

तेलंगाना राज्य चुनाव आयोग ने “मोबाइल बेस्ड ई-वोटिंग सिस्टम” को ड्राई रन करने की योजना बनाई है।

मुख्य बिंदु

  • इस प्रणाली का विकास भारत में कोविड-19 महामारी के बीच चुनाव कराने की आवश्यकता से निर्देशित है।
  • यह प्रणाली, सफल होने पर, घर से स्मार्टफोन का उपयोग करके वोट करने की सुविधा प्रदान करेगी।
  • ड्राइ रन तेलंगाना के खम्मम जिले में 20 अक्टूबर को होगा।
  • यह भारत की पहली स्मार्टफोन आधारित ई-वोटिंग प्रक्रिया होगी।

पंजीकरण प्रक्रिया

मतदाता 8 से 18 अक्टूबर के बीच स्मार्टफोन एप्लिकेशन का उपयोग करके ड्राई रन के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग

मोबाइल आधारित ई-वोटिंग प्रणाली वैध मतदाता के तीन-कारक प्रमाणीकरण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करेगी। सिस्टम मतदाता के नाम को आधार से मिलाएगा, व्यक्तिगत जीवंतता का पता लगाएगा और लगभग 20 साल पुराने रिकॉर्ड वाले EPIC डेटाबेस का उपयोग करके छवि का मिलान करेगा।

ब्लॉकचेन (डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर) तकनीक

इस तकनीक का उपयोग गैर-पहचान और एन्क्रिप्टेड वोटों को अपरिवर्तनीय रिकॉर्ड के रूप में बनाए रखने के लिए सुरक्षित करने के लिए किया गया है।

TSEC eVote एप्प

यह स्मार्टफोन एप्लिकेशन अंग्रेजी और तेलुगु दोनों भाषाओं का समर्थन करते हुए एक न्यूनतम डिजाइन दृष्टिकोण का अनुसरण करता है। इसमें ट्यूटोरियल वीडियो के लिए एक विस्तृत सहायता अनुभाग और नागरिकों की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर शामिल है। यह एक सुरक्षित मोबाइल एप्लिकेशन है जो किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को रोकेगा। इस सिस्टम का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक विशिष्ट नागरिक पंजीकरण प्रक्रिया के लिए एक डिवाइस आईडी और फोन नंबर को बांधता है। वोटिंग के दौरान सिर्फ उसी डिवाइस का इस्तेमाल किया जा सकता है।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.1 PRE

 

फॉरवर्ड एक्शन प्लान

भारत और यूनाइटेड किंगडम ने अपने 2030 रोडमैप के तहत ‘बिजली और स्वच्छ परिवहन, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित वित्त और हरित ऊर्जा अनुसंधान पर फॉरवर्ड एक्शन प्लान’ पर समझौता किया है।

मुख्य बिंदु

“फॉरवर्ड एक्शन प्लान” पर तीसरी “India-UK Energy for Growth Partnership – Ministerial Energy Dialogue”, “संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP-26)” की पृष्ठभूमि में चर्चा की गई, जो 31 अक्टूबर से ग्लासगो में शुरू होने वाली है।

बैठक के दौरान हुई प्रमुख चर्चा

  • दोनों देशों ने ‘फॉरवर्ड एक्शन प्लान’ पर विचार-विमर्श किया और सहमति व्यक्त की। इस कार्य योजना में ऊर्जा भंडारण, स्मार्ट ग्रिड, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन हाइड्रोजन, बैटरी स्टोरेज और अक्षय ऊर्जा में निवेश जुटाने की आवश्यकता जैसे कई विषय शामिल हैं।
  • इस कार्य योजना पर भारत और यूके की “हरित ऊर्जा के लिए विश्व बैंक” स्थापित करने की संभावना तलाशने की योजना की पृष्ठभूमि में सहमति व्यक्त की गई थी।
  • यूके ने पहले भी हरित और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में सार्वजनिक और निजी निवेश के लिए 2 बिलियन डॉलर के पैकेज की घोषणा की थी। इसने हरित हाइड्रोजन पर भारत के साथ सहयोग करने की अपनी योजना भी व्यक्त की।

ग्रीन हाइड्रोजन

यह इलेक्ट्रोलाइज़र द्वारा पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करके उत्पादित किया जाता है जो पवन और सौर जैसे नवीकरणीय ऊर्जा से बिजली द्वारा संचालित होता है। यह भारत में ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक गेम चेंजर हो सकता है और आयात को कम करने में मदद कर सकता है। भारत वर्तमान में अपने तेल का 85% और गैस की मांग का 53% आयात करता है।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.3

 

अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस

हर साल, यूनिसेफ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर को मनाया जाता है।

यह दिन पूरी दुनिया में लड़कियों के महत्व, शक्ति और क्षमता का जश्न मनाता है। यह दिन लड़कियों की आवश्यकताओं और उनके सामने आने वाली समस्याओं पर भी प्रकाश डालता है।

सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal)

सतत विकास लक्ष्य 5 का लक्ष्य 2030 तक लैंगिक समानता हासिल करना है। महिलाएं पुरुषों की तुलना में 2.6 गुना अधिक अवैतनिक और घरेलू काम करती हैं। 2019 के सतत विकास सूचकांक के उपाय में कहा गया है कि लैंगिक समानता 129 देशों में 17 SDG में से 14 के अनुरूप है।

इतिहास

दिन की शुरुआत कनाडा में प्लान इंटरनेशनल के रूप में हुई। इसकी शुरुआत एक NGO ने की थी। बाद में NGO ने संयुक्त राष्ट्र से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस दिन को चिह्नित करने का अनुरोध किया।

भारत

भारत अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस और राष्ट्रीय बालिका दिवस दोनों मनाता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को हर साल मनाया जाता है।

राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day)

यह देश में गिरते बाल लिंग अनुपात के मुद्दे पर जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। इसका उद्देश्य बालिकाओं के मूल्यांकन में सकारात्मक वातावरण बनाना है। इसकी शुरुआत 2008 में हुई थी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ – भारत सरकार ने 2015 में योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य देश में हर बालिका को शिक्षा प्रदान करना है। यह बाल लिंग अनुपात में गिरावट के मुद्दे को भी संबोधित करता है। योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी सुरक्षा करना है।

यह योजना त्रि-मंत्रालयी प्रयास है। इसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, मानव संसाधन विकास और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।

SOURCE-GK TODAY

PAPER G.S.1 PRE

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