12 April Current Affairs
डीजीएफटी व्यापार सुविधा ऐप
वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के तहत आयातकों / निर्यातकों तक सूचनाओं की तुरंत पहुंच प्रदान करने के लिए डीजीएफटी का व्यापार सुविधा मोबाइल ऐप लॉन्च किया। उन्होंने यह ऐप ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लांच किया।
इस अवसर पर श्री पीयूष गोयल ने कहा कि बहुत बार व्यापार से संबंधित सरल प्रक्रिया भी बोझिल हो जाती है और वहीं सुविधा एक बटन के स्पर्श के साथ उपलब्ध है। मोबाइल ऐप के साथ हम व्यापार को आसान करना सुनिश्चित करेंगे और उसका अंतरराष्ट्रीय व्यापार में तेजी से विकास होगा। हम कागज रहित, स्वचालित प्रसंस्करण प्रणाली, कारोबारियों के लिए सरल प्रक्रिया, विभागों के बीच डाटा का आदान-प्रदान कर डिजिटल भुगतानों और उसकी स्वीकृति की ओर बढ़ना चाहते हैं।”
श्री गोयल ने कहा कि कोविड-19 के बाद की दुनिया में तकनीक-सक्षम प्रशासन भारत के विकास और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि एकल-खिड़की प्रणाली दृष्टिकोण ने भारत में सेवाओं को तकनीकी के जरिए पहुंचाने में सक्षम बनाया है। इसने अंतिम पायदान पर बैठे लाभार्थी को स्थान आधारित बाधाओं से मुक्त कर दिया है और उसके लिए व्यापार करना आसान कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में प्रगति अर्थव्यवस्था को विकसित करने और प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजार में भारतीय कंपनियों को मजबूत करने में मदद करती है।
डीजीएफटी की पहल की सराहना करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि नया व्यापार सुविधा ऐप सही दिशा में एक कदम है क्योंकि यह विभिन्न व्यापार संबंधी प्रक्रियाओं और पूछताछ के लिए आसान ओमनी-चैनल का एक बटन से उपयोग प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में प्रधानमंत्री के विजन न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन को साकार करता है। डीजीएफटी बिजनेस के लिए ई-सर्टिफिकेट जारी करने, दस्तावेजों को मान्य करने के लिए क्यूआर स्कैन प्रक्रिया कर, एक सच्चा नेतृत्व प्रदान कर रहा है।
यह आयात और निर्यात संबंधित प्रक्रियाओं के लिए लेनदेन की लागत और समय को कम करेगा और पारदर्शिता को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि व्यापार सुविधा मोबाइल ऐप आत्मनिर्भर भारत के विचार का प्रतीक है। यह पारंपरिक सोच में बदलाव का प्रतीक है साथ ही गवर्नेंस को आसान, किफायती और सुलभ बनाता है। श्री गोयल ने कहा कि व्यापार सुविधा ऐप उद्योग 4.0 के लिए तैयार है, यह निम्न सेवाएं प्रदान करता हैः
- रियल-टाइम व्यापार नीतियों की जानकारी, सूचनाएं, आवेदन स्थिति की जानकारी, ट्रैकिंग सहायता अनुरोध
- वस्तुओं के आधार पर निर्यात-आयात नीति और उनके आंकड़ों का अन्वेषण। आईईसी पोर्टफोलियो को ट्रैक करना
- एआई-आधारित 24 घंटे व्यापार संबंधित प्रश्नों के लिए सहायता देना
- डीजीएफटी सेवाएं सभी के लिए सुलभ है
- आपका ट्रेड डैशबोर्ड किसी भी समय और कहीं भी सुलभ है
मंत्री ने कहा कि ‘मोबाइल’ भारत एमएसएमई और विदेशी कंपनियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार के अवसर बनाता है। इसके जरिए भारतीय कंपनियों को गुणवत्ता के प्रति सचेत करेगा और वह लागत के स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेंगे। इसके अलावा, यह 2025 तक 1 लाख करोड़ डॉलर के निर्यात और 5 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि ऐप को और अधिक एडवांस करने के लिए सभी हितधारकों के विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। जिससे तकनीकी परिवर्तन में तेजी आएगी। श्री गोयल ने विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में गवर्नेंस एप विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी और भाषा विशेषज्ञों के साथ जुड़ाव का भी आह्वान किया, जो हमारे नागरिकों की एकता की भावना का भी समर्थन करेगा।
डीजीएफटी का नया मोबाइल ऐप निर्यातकों और आयातकों की आसानी के लिए निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करता है-
रियल टाइम व्यापार नीति अपडेट करना और अन्य सूचनाएं उपलब्ध कराना
कहीं भी, किस भी समय आपका ट्रेड डैशबोर्ड
डीजीएफटी द्वारा ऐप में दी गई सभी सेवाओं की पहुंच
वस्तुओं के आधार पर निर्यात-आयात नीति और आंकड़ों का अन्वेषण
व्यापार संबंधित जानकारी के लिए 24 घंटे ऑनलाइन सुविधा
अपने आईईसी पोर्टफोलियो को ट्रैक करें – आईईसी, आवेदन, मंजूरी
आवेदन पर वास्तविक समय पर अलर्ट
रियल टाइम में सहायता अनुरोधों पर कार्रवाई और उन पर नजर रखना
व्यापार नोटिस, सार्वजनिक नोटिस आसानी से साझा करना
SOURCE-PIB
सुशील चन्द्र को भारतीय निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त
राष्ट्रपति ने श्री सुशील चन्द्र को भारतीय निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्त किया। वरिष्ठता के आधार पर वर्तमान में श्री सुशील चन्द्र भारतीय निर्वाचन आयोग में सबसे वरिष्ठ निर्वाचन आयुक्त थे। वर्तमान मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील अरोड़ा के 12 अप्रैल 2021 को मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद से मुक्त होने के बाद 13 अप्रैल 2021 को श्री सुशील चन्द्र मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार ग्रहण करेंगे। इस संबंध में विधि एवं न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग की ओर से एक अधिसूचना जारी कर दी गई है।
SOURCE-PIB
“75” श्रृंखला पेंशन जागरूकता कार्यक्रम
केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (DoNER) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत की आजादी के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में आज “75” श्रृंखला पेंशन जागरूकता कार्यक्रम की शुरूआत की। भारत की आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में आयोजित किए जा रहे “अमृत महोत्सव” के तहत पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, “75” वें वर्ष की विशेषताओं को प्रदर्शित करते हुए कई गतिविधियों का आयोजन करेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को पेंशनभोगियों और वृद्ध नागरिकों के मुद्दे के लिए समर्पित कर इस वर्ष का जश्न मनाने का एक अत्यंत नवीन और रचनात्मक तरीका होगा। उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक मंच के सबसे युवा माध्यमों में से एक के जरिए वृद्ध नागरिकों को संबोधित कर “भारत का अमृत महोत्सव” के वास्तविक सार को मूर्त रूप मिलेगा।
अगले एक वर्ष में परिकल्पित की गई विभिन्न गतिविधियों में आने वाले वर्ष के दौरान सोशल मीडिया पर हर हफ्ते दो ट्वीट के माध्यम से परिवार पेंशनभोगियों के लिए 75 महत्वपूर्ण नियमों की एक श्रृंखला का प्रसार करना शामिल होगा। ये ट्वीट, पेंशन नियमों के विभिन्न पहलुओं और परिवार पेंशनभोगियों सहित सभी वर्गों के पेंशनभोगियों के कल्याण के लिए लाए गए नए सुधारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQs) के रूप में डाले जा रहे हैं।
अन्य “75” संबंधित गतिविधियां, भारत सरकार के 75 कार्यालयों के माध्यम से “भविष्य” (ऑनलाइन पेंशन स्वीकृति मॉड्यूल) पर प्रशिक्षण प्रदान करने से जुड़ी होंगी। इन सभी कार्यालयों में पहले एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा, उसके बाद एक प्रश्न – उत्तर सत्र होगा। ‘भविष्य’ प्रशिक्षण अप्रैल, 2021 से शुरू होगा और केंद्र सरकार के संगठनों में कई सत्रों में दिया जाएगा। देश भर में विभिन्न स्थानों पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के कार्यालय भी इस प्रशिक्षण में शामिल किए जाएंगे।
इसी तरह “75” के नियम के अनुसार, 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ सरकारी पेंशनभोगियों और परिवार पेंशनभोगियों के लिए पेंशन जागरूकता नियमों पर एक ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित की जाएगी। मई, 2021 से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश भर में ऑनलाइन कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी। इसमें ज्यादा से ज्यादा शहर शामिल किए जाएंगे और कार्यशालाएं क्षेत्रवार भी आयोजित की जाएंगी। “75” की इसी भावना के साथ, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग 75 “अनुभव” लेखों का डिजिटल प्रकाशन करेगा जिसमें वे लेख भी शामिल होंगे जो पहले से ही सम्मानित या चयनित किए जा चुके हैं। यह गतिविधि जून, 2021 से शुरू की जाएगी।
SOURCE-PIB
आहार क्रांति
आहार क्रांति मिशन” का लक्ष्य पोषक संतुलित आहार की ज़रूरत और सभी स्थानीय फलों और सब्ज़ियों तक पहुंच कायम करने की ज़रूरत को समझना है।
विज्ञान भारती (विभा) तथा ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट एंड टैक्नोक्रैट्स फोरम (जीआईएसटी) ने मिलकर “उत्तम आहार-उत्तम विचार” के लक्ष्य को लेकर यह मिशन शुरू किया है।
“आहार क्रांति आंदोलन” का उद्देश्य भारत और पूरे विश्व के सामने पेश ढेर सारी भूख और बहुत सारी बीमारियों की समस्या का समाधान तलाशना है। अध्ययनों में पाया गया है कि भारत उपभोग से दो गुना ज्यादा कैलोरी का उत्पादन करता है लेकिन फिर भी देश में बहुत से लोग अभी भी कुपोषित हैं। इस अजीबो-गरीब मसले की जड़ यह है कि हमारे समाज के किसी भी तबके में पोषण के संबंध में जागरूकता का अभाव है।
मौजूदा कोविड-19 महामारी के समय में पोषक संतुलित आहार की और भी ज्यादा ज़रूरत है। एक स्वस्थ शरीर ही ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता और उच्च सहनशक्ति से इस संक्रमण का मुकाबला कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र ने भी 2021 को “अंतरराष्ट्रीय फल एवं सब्ज़ी वर्ष” घोषित किया है जो “आहार क्रांति मिशन” के सर्वथा अनुरूप है। फल एवं सब्ज़ियां हमारे संतुलित आहार का एक बड़ा और अभिन्न हिस्सा हैं। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य # 3 जो मनुष्य के कल्याण पर ज़ोर देते हैं, उनमें कहा गया है कि “सभी के लिए और सभी उम्र के लोगों के लिए स्वस्थ जीवन और कल्याण सुनिश्चित करें।“ यह लक्ष्य भी आहार क्रांति को और सार्थक बनाता है। आहार और कल्याण अविभाज्य जोड़ीदार हैं।
भारत के पास आयुर्वेद का अनूठा ज्ञान है। यही समय है जब आयुर्वेद आधारित पोषण के इस समृद्ध ज्ञान को अभ्यास में लाना ज़रूरी है। यह आंदोलन इस दिशा में भी कार्य करेगा।
यह आंदोलन भूख की विकराल समस्या का समाधान करने के लिए लोगों को अपने पारंपरिक भारतीय खानपान को, स्थानीय फलों और सब्ज़ियों की उपचार की शक्ति को और इस तरह संतुलित आहार के चमत्कार को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। यह पोषणयुक्त संतुलित आहार – “उत्तम एवं संतुलित आहार” – के रूप में स्थानीय फलों और सब्ज़ियों पर लोगों का ध्यान केन्द्रित करेगा।
इस कार्यक्रम में अध्यापकों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जो इस संदेश को छात्रों, उनके माध्यम से उनके परिवारों और अंतत समाज तक पहुंचाने का काम करेंगे। इसी तरह की रणनीति पोलियो के उन्मूलन के लिए भी अपनाई गई थी और यह काफी सफल रही थी।
विज्ञान भारती और ग्लोबल साइंटिस्ट एंड टैक्नोक्रैट्स फोरम का लक्ष्य आहार क्रांति को पूरे विश्व के लिए एक मॉडल बनाना है। भारत सदियों से विश्वगुरु या विश्व का नेता रहा है और आहार तथा पोषण के मामले में उसने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में बहुत से अभिनव प्रयास किए हैं। यह नया अभियान भी उसी श्रृंखला की एक कड़ी है।
यह मिशन एक साथ विभिन्न आयामों में काम करेगा। उद्देश्य के तौर पर यह बेहतर जागरूकता, बेहतर पोषण और बेहतर कृषि को प्रोत्साहित करेगा। इसका संदेश पाठ्यक्रम के तहत –“पोषण क्या और क्यों” के रूप में प्रसारित किया जाएगा या फिर खेल खेल में या निर्देश के तौर पर दिया जाएगा। और इसका कथ्य आनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह तथा हिंदी और अंग्रेज़ी के अलावा सभी स्वदेशी भाषाओं में मुहैया कराया जाएगा ताकि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।
हालांकि इस मिशन की शुरूआत विज्ञान भारती और ग्लोबल साइंटिस्ट एंड टैक्नोक्रैट्स फोरम ने की है लेकिन कई अन्य संस्थाओं ने भी उनसे हाथ मिलाया है और अपनी विशेषज्ञता तथा संसाधन मुहैया कराने की सहमति जताई है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाला सीएसआईआर का प्रवासी भारतीय एकैडेमिक एंड साइंटिफिक संपर्क (प्रभास) कई केंद्रीय और राज्य सरकारों के मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ इस दिशा में काम कर रहा है। इस मिशन के आगे बढ़ने के बाद कई अन्य संगठन भी इससे जुड़ जाएंगे।
SOURCE-PIB
UAE ने पहली महिला अंतरिक्ष यात्री के नाम की घोषणा की
नोरा अल मातरोशी (Noura al Matroushi) को UAE की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में नामित किया गया है।
यूएई की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री (First Female Astronaut of UAE)
4000 अन्य आवेदकों में से यूएई की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में नोरा अल मातरोशी को चुना गया है। उन्हें भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों के लिए नासा (NASA) के साथ प्रशिक्षित किया जायेगा। नोरा को मोहम्मद अल-मुल्ला (Mohammed al-Mulla) के साथ कार्य करेंगी। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को टेक्सास के ह्यूस्टन में स्थित नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर से प्रशिक्षित किया जायेगा।
नोरा अल मातरोशी (Noura al Matroushi)
नोरा का जन्म 1993 में हुआ था। उनके पास संयुक्त अरब अमीरात विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री है। वह वर्तमान में National Petroleum Construction Company में एक इंजीनियर के रूप में काम कर रही है। उन्होंने कंपनी के युवा परिषद की उपाध्यक्ष के रूप में काम किया है। नोरा अमेरिकन सोसाइटी ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स की सदस्य भी हैं।
यूएई की अंतरिक्ष योजना
UAE के पास निकट भविष्य में कोई मानवयुक्त मिशन नहीं है। हालांकि, UAE ने 2024 में मानव रहित अंतरिक्ष मिशन को चंद्रमा पर भेजने की योजना बनाई है। इसके अलावा, यूएई ने 2020 में मंगल ग्रह के लिए “अमल सैटेलाइट” (Amal Satellite) लॉन्च किया था।
अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाला पहला यूएई का अंतरिक्ष यात्री
2019 में, हज्जा अल-मंसूरी (Hazza al-Mansoori) अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाले यूएई के पहले अंतरिक्ष यात्री तय। उन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) में आठ दिन बिताए।
अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाली पहली मुस्लिम महिला
नोरा अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाली पहली अरब महिला हैं। हालांकि, अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाली पहली मुस्लिम महिला अनुषे रायसन (Anousheh Raissyan) थीं। वह अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाली पहली ईरानी महिला भी थीं। वह एक ईरानी अमेरिकी दूरसंचार उद्यमी है।
SOURCE-G.K.TODAY
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम
भारत सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme on Artificial Intelligence) शुरू करने जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में उच्च मूल्य डेटा सेट की पहचान की जाएगी। फिर इन आंकड़ों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंट्रोल फ्रेमवर्क के तहत रखा जाएगा। यह फ्रेमवर्क उपयुक्त इकाइयों तक पहुंच प्रदान करेगा। यह डेटा की सुरक्षा और इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत, विभिन्न मॉडलों में डेटा का उपयोग करने के लिए परिवर्तनकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक केंद्र (Centre for Transformational Artificial Intelligence) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल के लिए उपलब्ध कराया जायेगा।
भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया 2.0 (Digital India 2.0) लॉन्च करने की योजना बनाई है। इससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा।
डिजिटल इंडिया 2.0 (Digital India 2.0)
डिजिटल इंडिया 0 का मुख्य उद्देश्य साइबर सुरक्षा, डिजिटल सेवा और बुनियादी ढांचे को अगले स्तर तक ले जाना है।
डिजिटल इंडिया 0 के तहत, भारत सरकार स्वदेशी साइबर सुरक्षा उत्पादों और मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास करेगी।
इसका उद्देश्य डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को और मज़बूत करना है।
डिजिटल इंडिया 0 के तहत एक राष्ट्रव्यापी एंटरप्राइज आर्किटेक्चर (Nationwide Enterprise Architecture) स्थापित किया जायेगा।
योजनाओं में MSMEs की भूमिका
डिजिटल इंडिया 0 और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम दोनों को इस तरह से लागू किया जाएगा कि वे संबंधित क्षेत्रों में MSMEs और स्टार्टअप का समर्थन करें।
इसे हासिल करने के लिए MSME मंत्रालय 1,000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित करेगा। यह फंड इन कंपनियों को पूँजी तक पहुँच प्रदान करेगा।
इस क्षेत्र में स्टार्टअप की मदद के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग डिजिटल उत्पाद कोष (Digital Product Fund) स्थापित करेगा। इस फंड को इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर के माध्यम से स्टार्टअप में निवेश किया जाएगा।
मानव अंतरिक्ष उड़ान का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
हर साल, मानव अन्तरिक्ष उड़ान का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Human Space Flight) 12 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन 1961 में यूरी गगारिन (Yuri Gagarin) की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है।
पृष्ठभूमि
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने अप्रैल, 2011 में 12 अप्रैल को मानव अन्तरिक्ष उड़ान का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। इसका उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने में अंतरिक्ष के योगदान की फिर से पुष्टि करना है।
12 अप्रैल ही क्यों?
1957 में, पहले मानव निर्मित पृथ्वी उपग्रह स्पुतनिकI को बाहरी अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था। 12 अप्रैल, 1961 को, यूरी गगारिन पृथ्वी की सफलतापूर्वक परिक्रमा करने वाले पहले व्यक्ति बने थे। इससे बाहरी अंतरिक्ष के लिए मानवीय प्रयास खुले।
UNOOSA (United Nations Office for Outer Space Affairs)
बाहरी अंतरिक्ष मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (United Nations Office for Outer Space Affairs) वह कार्यालय है जो बाहरी अंतरिक्ष में शांतिपूर्ण उपयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है। संयुक्त राष्ट्र के इस दिवस को मनाने के कार्यक्रम UNOOSA द्वारा आयोजित किए जाते हैं। UNOOSA का उद्देश्य बाहरी अंतरिक्ष के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
अन्य अवलोकन
इस दिन को सोवियत संघ में कॉस्मोनॉटिक्स दिवस (Cosmonautics Day) के रूप में मनाया जाता है। 2001 से अमेरिका इस दिन को “विश्व अंतरिक्ष पार्टी” (World Space Party) के रूप में मना रहा है।
SOURCE-G.K.TODAY