Current Affairs – 12 September, 2021
मध्य प्रदेश में स्थापित मेसर्स सहारा फ्रोज़न फूड्स का शुभारंभ
देश की आज़ादी के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की एक कड़ी के रूप में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा 6 सिंतबर 2021 से 12 सिंतबर 2021 तक फूड प्रोसेसिंग सप्ताह मनाया जा रहा है। जिसके तहत मंत्रालय द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
फूड प्रोसेसिंग सप्ताह के अंतिम दिन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्थापित मेसर्स सहारा फ्रोज़न फूड्स परियोजना का आज शुभारंभ किया।
मेसर्स सहारा फ्रोज़न फूड्स परियोजना की कुल लागत 21.09 करोड़ रुपये है और मंत्रालय द्वारा 10.00 करोड़ रुपये अनुदान स्वरूप दिये गये हैं।
इस परियोजना में फलों व सब्जियों के लिए आईक्यूएफ प्री-प्रोसेसिंग लाइन – 4 मीट्रिक टन/घंटा, डीप फ्रीजर/फ्रोजन स्टोर – 4000 मीट्रिक टन, आधुनिक रैकिंग सिस्टम (स्टैकिंग) – 4000 मीट्रिक टन, हाई रीच मैटेरियल हैंडलिंग- 2 यूनिट्स, पैकिंग मशीन, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर स्टोरेज टैंक आदि इस परियोजना को और उत्कृष्ट व अत्याधुनिक रूप प्रदान करते है। इस प्रसंस्कऱण इकाई द्वारा फ्रोज़न सब्जियां जैसे मटर, गोभी आदि को मुख्य रूप से तैयार किया जाता है।
इस परियोजना द्वारा 700 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा साथ इस परियोजना के माध्यम से इस इलाके के 1000 किसानों को लाभ मिलेगा। देश की आज़ादी के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की एक कड़ी के रूप में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा 6 सिंतबर 2021 से 12 सिंतबर 2021 तक फूड प्रोसेसिंग सप्ताह मनाया जा रहा है। जिसके तहत मंत्रालय द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
मंत्रालय द्वारा इसी क्रम में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में उद्यमियों के सशक्तिकरण के लिए पीएमएफएमई योजना के तहत महाराष्ट्र में स्वयं सहायता समूहों के 1498 सदस्यों के लिए 5.41 करोड़ रुपये सीड कैपिटल के रूप में समुदाय आधारित संगठनों को आज हस्तांतरित किए गए। इसके अतिरिक्त ‘आत्मनिर्भर उद्यम की कहानी’ श्रृंखला में पीएमएफएमई योजना के लाभार्थी व मधुर बेकरी के उद्यमी ‘‘मोहित किशोर खेदीकर’’ की सफलता की कहानी को मंत्रालय के सोशल मीडिया मंचों पर प्रकाशित किया गया। साथ ही खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय एवं उद्योग विभाग, चंडीगढ़, पंजाब द्वारा एक जिला-एक उत्पाद पर बेकरी और कन्फेक्शनरी में व्यापार के अवसरों पर आधारित वेबीनार का आयोजन।
एक जिला एक उत्पाद
यह योजना आगतो की प्राप्ति के संबंध में स्केल के लाभ उठाने, सामान्य सेवाएं प्राप्त करने और उत्पादों के मार्केटिंग के एक जिला एक उत्पाद दृष्टिकोण को अपनाती । इस योजना के लिए ओडीओपी मूल्य श्रृंखला विकास और सपोर्ट अवसंरचना के एकत्रीकरण के लिए रूपरेखा प्रदान करेगा। एक जिले में एक से अधिक ओडीओपी उत्पादों के क्लस्टर हो सकते हैं।
एक राज्य में एक से अधिक निकटवर्ती जिले से मिलकर ओडीओपी उत्पादों का एक समूह हो सकता है। विकारी खाद्य पर योजना के केंद्र को ध्यान में रखते हुए, राज्य एक जिले के खाद्य उत्पाद की पहचान करेगा। राज्य सरकार द्वारा आधारभूत अध्ययन किया जाएगा। ओडीओपी उत्पाद विकारी खाद्य कृषि उत्पाद, दाल आधारित उत्पाद और एक खाद्य उत्पाद जो एक जिले और उनके संबंध क्षेत्रों में बड़े स्तर पर उत्पादित जो एक जिले और उनके संबद्ध क्षेत्रों में बड़े स्तर पर उत्पादित होते हैं, हो सकते हैं। इस प्रकार के उत्पादों की इलस्ट्रेटिव सूची में आम, आलू, लिची, टमाटर, किनू, भुजिया, पेठा, पापड़, आचार, मोटा अनाज आधारित उत्पाद, मछली पालन, पॉल्ट्री, मांस और जानवरों का चारा इत्यादि। इसके अलावा/अतिरिक्त इस योजना के तहत कूड़े से कमाई वाले उत्पादों सहित पारम्परिक और नवाचारी उत्पादों को सहायता दी जा सकती है। उदाहरण के लिए शहद आदिवासी क्षेत्रों में छोटे जंगली उत्पादों, हल्दी, आवंला इत्यादि जैसे पारम्परिक भारतीय हर्बल खाने योग्य पदार्थ।
कृषि उत्पादों के लिए सहायता, उनके प्रसंस्करण के साथ-साथ हानि कम करने, उचित परख और भण्डारण तथा विपणन के प्रयासों के लिए होगी।
पूंजी निवेश के लिए मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म इकाईयों को सहायता प्रदान करने के लिए प्राथमिकता उनको दी जाएगी जो ओडीओपी उत्पादों को उत्पादित कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा इकाईयां, जो अन्य उत्पाद उत्पादित कर रही है, को भी सहायता दी जाएगी।
समूहों द्वारा पूंजी निवेश की स्थिति में प्रमुखतया जो ओडीओपी उत्पादों में शामिल हैं, को सहायता दी जाएगी। ऐसे जिलों में अन्य उत्पादों को संसाधित करने वाले समूहों समान केवल उन उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए होगा, जो पर्याप्त तकनीकी वित्तीय और उद्यमशीलता क्षमता के साथ हैं। व्यक्तियों या समूहों के लिए नई इकाईयों को केवल ओडीओपी उत्पादों के लिए समर्थन किया जाएगा।
सामान्य अवसंरचना और विपणन तथा ब्रांडिंग के लिए सहायता केवल ओडीओपी उत्पादों के लिए होगी। राज्य या क्षेत्रीय स्तर पर विपणन और ब्रांडिंग के लिए सहायता की स्थिति में जिलों के उत्पादों को उसी उत्पाद के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता है जिसमें ओडीओपी को भी शामिल किया जा सकता है।
वाणिज्य विभाग कृषि निर्यात नीति के तहत समर्थन के लिए एक क्लस्टर दृष्टिकोण पर कृषि फसलों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और कृषि मंत्रालय भी तुलनात्मक लाभ रखने वाले जिलों में विशिष्ट कृषि उत्पादों के विकास के लिए एक क्लस्टर दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक की जानकारी एमएसएमई मंत्रालय को हस्तांतरित
कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक उल्लेखनीय कदम उठाते हुए, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरणगत इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) ने स्वदेशी रूप से विकसित सेलाइन गार्गल (नमक घोल के गरारे) आरटी-पीसीआर तकनीक जिसका उपयोग कोविड-19 नमूनों के परीक्षण के लिए उपयोग किया जाता है, की जानकारी हस्तांतरित कर दी है। सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर प्रौद्योगिकी सरल, त्वरित, सस्ती, रोगी के अनुकूल और आरामदायक है; यह त्वरित जांच परिणाम भी उपलब्ध कराती है और न्यूनतम बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं को देखते हुए ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के लिए सर्वथा उपयुक्त है।
सीएसआईआर-नीरी ने कहा कि संस्थान द्वारा विकसित नवोन्मेषण समाज की सेवा के लिए ‘राष्ट्र को समर्पित’ किया गया है। इस जानकारी को गैर-विशिष्ट आधार पर केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) को हस्तांतरित कर दिया गया है। यह नवोन्मेषण निजी, सरकारी और विभिन्न ग्रामीण विकास योजनाओं और विभागों सहित सभी सक्षम पार्टियों को वाणिज्यीकरण करने और लाइसेंस प्राप्त करने में समर्थ बनाएगा।
लाइसेंसधारकों से आसानी से प्रयोग करने योग्य कॉम्पैक्ट किट के रूप में व्यावसायिक उत्पादन के लिए विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने की अपेक्षा की जाती है। महामारी की व्याप्त स्थिति तथा कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सीएसआईआर-नीरी ने देश भर में इसके व्यापक प्रसार के लिए संभावित लाइसेंसधारियों को जानकारी हस्तांतरण करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
सीएसआईआर के बारे में
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), जो विविध विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास ज्ञान आधार के लिए जाना जाता है, एक समकालीन अनुसंधान एवं विकास संगठन है। सीएसआईआर के पास 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 आउटरीच केंद्रों, 3 नवाचार परिसरों और अखिल भारतीय उपस्थिति वाली पांच इकाइयों का एक गतिशील नेटवर्क है। सीएसआईआर की आरएंडडी विशेषज्ञता और अनुभव जून 2021 तक लगभग 4350 वैज्ञानिक और तकनीकी कर्मियों द्वारा समर्थित लगभग 3460 सक्रिय वैज्ञानिकों में सन्निहित है।
सीएसआईआर समुद्र विज्ञान, भूभौतिकी, रसायन, दवाओं, जीनोमिक्स, जैव प्रौद्योगिकी और नैनो प्रौद्योगिकी से लेकर खनन, वैमानिकी, इंस्ट्रूमेंटेशन, पर्यावरण इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के व्यापक स्पेक्ट्रम को कवर करता है। यह सामाजिक प्रयासों से संबंधित कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण तकनीकी हस्तक्षेप प्रदान करता है, जिसमें पर्यावरण, स्वास्थ्य, पेयजल, भोजन, आवास, ऊर्जा, कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मानव संसाधन विकास में सीएसआईआर की भूमिका उल्लेखनीय है।
भारत के बौद्धिक संपदा आंदोलन के अग्रणी, सीएसआईआर आज चुनिंदा प्रौद्योगिकी डोमेन में देश के लिए वैश्विक स्थान बनाने के लिए अपने पेटेंट पोर्टफोलियो को मजबूत कर रहा है। सीएसआईआर ने 2015-20 के दौरान प्रति वर्ष लगभग 225 भारतीय पेटेंट और 250 विदेशी पेटेंट दायर किए। सीएसआईआर के पास 1,132 अद्वितीय पेटेंट का पेटेंट पोर्टफोलियो है, जिसमें से 140 पेटेंट का व्यावसायीकरण किया जा चुका है। सीएसआईआर के पास कई देशों में विदेशों में दिए गए 2,587 पेटेंट हैं। विश्व स्तर पर सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित अनुसंधान संगठनों में अपने साथियों के बीच, सीएसआईआर दुनिया भर में पेटेंट दाखिल करने और हासिल करने में अग्रणी है।
सीएसआईआर ने अत्याधुनिक विज्ञान और उन्नत ज्ञान सीमाओं का अनुसरण किया है। 2019 में, CSIR ने SCI जर्नल्स में 3.714 के औसत प्रभाव कारक के साथ 5009 पेपर प्रकाशित किए।
सीएसआईआर ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए वांछित तंत्र का संचालन किया है, जिससे नए आर्थिक क्षेत्रों के विकास को रेखांकित करते हुए, कट्टरपंथी और विघटनकारी नवाचारों का सृजन और व्यावसायीकरण हो सकता है।
सीएसआईआर मिशन एवं दृष्टि
सीएसआईआर का नया मिशन सीएसआईआर सोसाइटी के अध्यक्ष द्वारा की गई टिप्पणी कि “ऐसा नया सीएसआईआर बनाया जाए जो आधुनिक भारत की अपेक्षाओं को पूरा करे”— से प्रेरित है।
अत: सीएसआईआर का मिशन महज- नए भारत के लिए नए सीएसआईआर का निर्माण करना है।
सीएसआईआर का दृष्टि
“ऐसा विज्ञान करना जो वैश्विक प्रभाव के लिए प्रयास करे, ऐसी प्रौद्योगिकी तैयार करना जो नवोन्मेष आधारित उद्योग को सक्षम बनाए और पराविषयी नेतृत्व को पोषित करे जिसके द्वारा भारत की जनता के लिए समावेशी आर्थिक विकास को उत्प्रेरित किया जा सके”।
जन-सामान्य तथा देश, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और सामाजिक सरोकार सीएसआईआर के मिशन के केन्द्र बिन्दु हैं। राष्ट्र के बढ़ते सपनों और अपेक्षाओं के मद्देनजर सीएसआईआर एवम् अन्य सार्वजनिक निधि प्रदत्त संस्थानों से इसकी उम्मीद निरन्तर बढ़ी है। न सिर्फ वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय विकास गति और उच्च जीवन स्तर की अपेक्षाएं आज जाहिर हैं बल्कि अर्थ व्यवस्था और संवृद्धि के अनेक पुराने मिथक टूटे हैं, जैसे कि विनिर्माण से सेवा में परिवर्तन; पूंजीगत संसाधन; बोझ स्वरूप जनसंख्या को मानव संसाधन रूपी परिसम्पति मानना; राष्ट्रीय आवश्यकताओं का अंतर्राष्ट्रीय अवसर में परिवर्तन इत्यादि। बदले हुए परिदृश्य ने सीएसआईआर को निम्नांकित के प्रति प्रेरित किया है :
- विज्ञान एवम् इंजीनियरी नेतृत्व;
- नवीन प्रौद्योगिकी समाधान;
- मुक्त नवोन्मेष और सर्वोच्च स्रोत;
- पराविषयी क्षेत्रों में प्रतिभा का पोषण करना;
- विज्ञान पर आधारित उद्यमशीलता; और
- विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी अंतराक्षेपण के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन।
SOURCE-PIB
SOURCE-G.S.3
सुब्रमण्यम भारती
तमिलनाडु सरकार ने तेजतर्रार कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्यम भारती की पुण्यतिथि को महाकवि दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।
मुख्य बिंदु
- सुब्रमण्यम भारती की पुण्यतिथि 11 सितंबर को मनाई जाती है।
- वर्ष 2021 में कवि की 100वीं पुण्यतिथि है।
- उनके कार्यों ने देशभक्ति को प्रज्वलित किया और तमिल साहित्य पर अमिट छाप छोड़ी।
- शताब्दी के उपलक्ष्य में अगले एक वर्ष तक राज्य के भारतीयर मेमोरियल हाउस में साप्ताहिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- सरकार स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए राज्य स्तरीय कविता प्रतियोगिता भी आयोजित करेगी और एक लाख रुपये के पुरस्कार के साथ “भारती युवा कवि पुरस्कार” प्रदान किया जाएगा।
- महिला आजीविका मिशन का नाम भी भारतीयर के नाम पर रखा जाएगा। यह योजना ग्रामीण विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित की जाएगी।
मनथिल उरिथि वेन्दम (मन में दृढ़ता)
शताब्दी के उपलक्ष्य में सरकार मनथिल उरिथी वेन्दम पुस्तक लाएगी। इसमें उनकी कविताओं और निबंधों का संकलन शामिल होगा। 10 करोड़ रुपये की लागत से किताबें 37 लाख स्कूली छात्रों में बांटी जाएंगी।
सुब्रह्मण्य भारती, ११ दिसम्बर १८८२ – ११ सितम्बर १९२१) एक तमिल कवि थे। उनको ‘महाकवि भारतियार’ के नाम से भी जाना जाता है। उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई है। वह एक कवि होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल सेनानी, समाज सुधारक, पत्रकार तथा उत्तर भारत व दक्षिण भारत के मध्य एकता के सेतु समान थे।
बनारस प्रवास की अवधि में उनका हिन्दू अध्यात्म व राष्ट्रप्रेम से साक्षात्कार हुआ। सन् १९०० तक वे भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में पूरी तरह जुड़ चुके थे और उन्होने पूरे भारत में होने वाली कांग्रेस की सभाओं में भाग लेना आरम्भ कर दिया था। भगिनी निवेदिता, अरविन्द और वंदे मातरम् के गीत ने भारती के भीतर आजादी की भावना को और पल्लवित किया। कांग्रेस के उग्रवादी तबके के करीब होने के कारण पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती थी।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1 PRE
‘Digital Population Clock’
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, भारती प्रवीण पवार ने 10 सितंबर, 2021 को “Digital Population Clock” का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- मंत्री ने जनसंख्या, मानव पूंजी और सतत विकास पर संगोष्ठी की भी अध्यक्षता की।
- दिल्ली विश्वविद्यालय के अंदर आर्थिक विकास संस्थान में Digital Population Clock का उद्घाटन किया गया।
- कार्यक्रम के दौरान, एक HMIS Brochure या Ready Reckoner भी लॉन्च किया गया।
जनसंख्या अनुसंधान केंद्र (Population Research Centres – PRCs)
मंत्री ने समसामयिक मुद्दों पर अनुसंधान करने में जनसंख्या अनुसंधान केंद्रों द्वारा निभाई गई भूमिका को नोट किया क्योंकि सार्वजनिक वस्तुओं के वितरण और पहुंच में जनसंख्या का अनुमान महत्वपूर्ण है।
जनसंख्या घड़ी (Population Clock) का उद्देश्य
यह युवा पीढ़ी में जागरूकता बढ़ाने और भारत की जनसंख्या का मिनट दर मिनट अनुमान प्रदान करने के लिए जनसंख्या घड़ी (Population Clock) लांच की गई है। यह कुल प्रजनन दर, शिशु मृत्यु दर के साथ-साथ मातृ मृत्यु दर पर भी डेटा कैप्चर करेगी। अनुसंधान करने में मदद करेगा।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1 PRE
प्रवासियों के संरक्षकों
प्रवासियों के संरक्षकों का चौथा सम्मेलन (Conference of the Protectors of Emigrants) 10 सितंबर, 2021 को आयोजित किया गया।
मुख्य बिंदु
- यह दिन उत्प्रवास अधिनियम, 1983 के अधिनियमन की तिथि से मेल खाता है।
- इस अवसर पर, विदेश राज्य मंत्री श्री वी. मुरलीधरन संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने कोविड-19 महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम किया है।
- उन्होंने कहा कि यह दुनिया में उन अवसरों के लिए तैयारी करने का सही समय है जो सावधानी से सामान्य स्थिति में लौट रहे हैं। उनके अनुसार, प्रवासियों के संरक्षक (Protectors of Emigrants – POEs) को नीले कॉलर वाले श्रमिकों के प्रवास की सुविधा प्रदान करनी चाहिए और उन्हें सर्वोत्तम संभव सुरक्षा और कल्याण प्रदान करना चाहिए।
प्रवासियों के संरक्षक का महत्व
प्रवासियों के संरक्षक नए गंतव्यों और अवसरों के बारे में युवाओं और श्रमिकों को सूचित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह निम्न के आधार पर जागरूकता बढ़ाता
है :
- गतिशीलता और साझेदारी पर भारत और यूके के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
- 14 क्षेत्रों में निर्दिष्ट कुशल श्रमिकों पर भारत और जापान के बीच MOC
- भारत और पुर्तगाल के बीच कुशल जनशक्ति गतिशीलता पर अनुमोदन
प्रवासियों के संरक्षक को कैसे संरक्षित किया जा सकता है?
प्रवासी भारतीय बीमा योजना (PBBY), भारतीय समुदाय कल्याण कोष (ICWF), पूर्व प्रस्थान अभिविन्यास प्रशिक्षण (PDoT) और eMigrate प्लेटफॉर्म जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को अपग्रेड और परिष्कृत करके POE को संरक्षित किया जा सकता है।
ई-माइग्रेट सिस्टम
यह एक ऑनलाइन मंच है जो प्रवासियों के संरक्षक कार्यालयों, भारतीय मिशनों, पासपोर्ट कार्यालयों, आप्रवासन ब्यूरो और अन्य को एकीकृत करता है और विदेशी रोजगार को नियंत्रित करता है। इसकी लोकप्रियता बढ़ाने और इसे सरल और प्रोत्साहन देने के लिए इस मंच को कई उपायों द्वारा मजबूत किया जा रहा है। यह मंच अब सभी देशों के लिए खोल दिया गया है ताकि पूर्वी एशिया, यूरोप और अन्य देशों में नए प्रवासन गलियारों को मान्यता दी जा सके।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.2