Current Affairs – 18 December, 2021
गंगा एक्सप्रेस-वे
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखीअपने संबोधन की शुरुआत प्रधानमंत्री ने काकोरी कांड के क्रांतिकारियों, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान और रौशन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम के कवियों, दामोदर स्वरूप ‘विद्रोही’, राज बहादुर विकल और अग्निवेश शुक्ल को स्थानीय बोली में श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कहा, “कल ही पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान, ठाकुर रौशन सिंह का बलिदान दिवस है। अंग्रेजी सत्ता को चुनौती देने वाले शाहजहांपुर के इन तीनों सपूतों को 19 दिसंबर को फांसी दी गई थी। भारत की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले ऐसे वीरों का हम पर बहुत बड़ा कर्ज है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज जो आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, वो ये दिखाता है कि संसाधनों का सही उपयोग कैसे किया जाता है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “आप लोगों ने भली-भांति यह देखा है कि पहले जनता के पैसे का क्या-क्या इस्तेमाल हुआ। लेकिन आज उत्तर प्रदेश के पैसे को उत्तर प्रदेश के विकास में लगाया जा रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पूरा उत्तर प्रदेश एक साथ बढ़ता है, तो देश आगे बढ़ता है। इसलिए डबल इंजन की सरकार का फोकस उत्तर प्रदेश के विकास पर है। उन्होंने कहा, “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ हम उत्तर प्रदेश के विकास के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने पांच साल पहले की स्थिति की ओर लोगों का ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, “राज्य के कुछ इलाकों को छोडकर, अन्य शहरों और गांव-देहात में बिजली ढूढ़े नहीं मिलती थी। डबल इंजन की सरकार ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश में करीब 80 लाख मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए, बल्कि हर जिले को पहले से कई गुना ज्यादा बिजली दी जा रही है।” उन्होंने कहा कि 30 लाख से अधिक गरीब लोगों को पक्के मकान मिले हैं और यह अभियान शेष सभी पात्र लाभार्थियों को कवर करने के लिए जारी रहेगा। शाहजहांपुर में भी 50 हजार पक्के मकान बने।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब दलितों, वंचितों और पिछड़ों के विकास को इस स्तर पर प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा, “जो भी समाज में पीछे है और पिछड़ा हुआ है, उस तक विकास का लाभ पहुंचाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। यही भावना हमारी कृषि नीति में और किसानों से जुड़ी नीति में भी दिखाई देती है।”
प्रधानमंत्री ने देश की विरासत के साथ-साथ देश के विकास के काम से भी ईर्ष्या करने वाली मानसिकता की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसे संगठन गरीब और आम लोगों को अपने ऊपर निर्भर रखना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “इन लोगों को काशी में बाबा विश्वनाथ का भव्य धाम बनने से दिक्कत है। इन लोगों को अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से दिक्कत है। इन लोगों को गंगा जी के सफाई अभियान से दिक्कत है। यही लोग हैं जो आतंक के आकाओं के खिलाफ सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाते हैं। यही लोग हैं जो भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन को कटघरे में खड़ा कर देते हैं।” उन्होंने राज्य में खराब कानून व्यवस्था की स्थिति की याद दिलाई जो हाल के दिनों में बदलकर बेहतर हुई है। प्रधानमंत्री ने U.P.Y.O.G.I – यूपी प्लस योगी बहुत है उपयोगी– का सूत्र दिया।
इस एक्सप्रेस-वे के पीछे देश भर में तेज गति से कनेक्टिविटी प्रदान करने की प्रधानमंत्री की प्रेरक दृष्टि है। कुल 594 किलोमीटर की लंबाई वाला छह लेन का यह एक्सप्रेस-वे 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाएगा। मेरठ के बिजौली गांव के निकट से शुरू होकर यह एक्सप्रेस-वे प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव के निकट तक जाएगा। यह मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। काम पूरा होने पर यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी इलाकों को जोड़ने वाला उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा। शाहजहांपुर में इस एक्सप्रेस-वे पर वायुसेना के विमानों के आपात्कालीन टेक ऑफ और लैंडिंग में सहायता के लिए 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी। इस एक्सप्रेस-वे के किनारे पर एक औद्योगिक गलियारा भी बनाने का प्रस्ताव है।
यह एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों को भी गति प्रदान करेगा। यह इस इलाके के सामाजिक-आर्थिक विकास को व्यापक रूप से बढ़ावा देगा।
काकोरी काण्ड
काकोरी काण्ड भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारियों द्वारा ब्रिटिश राज के विरुद्ध भयंकर युद्ध छेड़ने की ईच्छा से हथियार खरीदने के लिये ब्रिटिश सरकार का ही खजाना लूट लेने की एक ऐतिहासिक घटना थी जो ९ अगस्त १९२५ को घटी। इस ट्रेन डकैती में जर्मनी के बने चार माउज़र पिस्तौल काम में लाये गये थे। इन पिस्तौलों की विशेषता यह थी कि इनमें बट के पीछे लकड़ी का बना एक और कुन्दा लगाकर रायफल की तरह उपयोग किया जा सकता था। हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के केवल दस सदस्यों ने इस पूरी घटना को परिणाम दिया था।
क्रान्तिकारियों द्वारा चलाए जा रहे स्वतन्त्रता के आन्दोलन को गति देने के लिये धन की तत्काल व्यवस्था की जरूरत के शाहजहाँपुर में हुई बैठक के दौरान राम प्रसाद बिस्मिल ने अंग्रेजी सरकार का खजाना लूटने की योजना बनायी थी। इस योजनानुसार दल के ही एक प्रमुख सदस्य राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी ने ९ अगस्त १९२५ को लखनऊ जिले के काकोरी रेलवे स्टेशन से छूटी “आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेन्जर ट्रेन” को चेन खींच कर रोका और क्रान्तिकारी पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफाक उल्ला खाँ, पण्डित चन्द्रशेखर आज़ाद व ६ अन्य सहयोगियों की सहायता से समूची लौह पथ गामिनी पर धावा बोलते हुए सरकारी खजाना लूट लिया। बाद में अंग्रेजी सत्ता उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के कुल ४० क्रान्तिकारियों पर सम्राट के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने व यात्रियों की हत्या करने का प्रकरण चलाया जिसमें राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ तथा ठाकुर रोशन सिंह को मृत्यु-दण्ड (फाँसी की सजा) सुनायी गयी। इस प्रकरण में १६ अन्य क्रान्तिकारियों को कम से कम ४ वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम काला पानी (आजीवन कारावास) तक का दण्ड दिया गया था।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1
अग्नि पी
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 18 दिसंबर, 2021 को 1106 बजे ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि पी’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। विभिन्न टेलीमेट्री, रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल स्टेशन और पूर्वी तट के साथ स्थित डाउन रेंज जहाजों ने मिसाइल ट्रेजेक्टरी और मानकों को ट्रैक किया तथा उनकी निगरानी की। इस मिसाइल ने उच्च स्तर की सटीकता के साथ सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा करते हुए अपने लक्ष्य का अनुसरण किया।
अग्नि पी डुअल रिडनडेंट नेविगेशन तथा मार्गदर्शन प्रणाली के साथ एक दो चरणों वाली केनिस्ट्राइज्ड सॉलिड प्रोपेलेंट बैलिस्टिक मिसाइल है। इस दूसरे उड़ान परीक्षण ने प्रणाली में एकीकृत सभी उन्नत प्रौद्योगिकियों के भरोसेमंद प्रदर्शन को साबित किया है।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी और प्रणाली के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त की। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कई अतिरिक्त विशेषताओं के साथ दूसरी विकास उड़ान परीक्षण करने के लिए टीम के प्रयासों की सराहना की तथा एक ही कैलेंडर वर्ष के भीतर लगातार सफलता के लिए बधाई दी।
परमाणु क्षमता से युक्त बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि पी’ का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा तट के पास स्थित ए पी जे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। यह अग्नि श्रेणी की मिसाइलों की नई पीढ़ी की एडवांस मिसाइल है। जो सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर के बीच है।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
इसरो (ISRO) निजी भागीदारी के साथ एक SSLV विकसित कर रहा है
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) निजी भागीदारी के साथ एक Small Satellite Launch Vehicle (SSLV) विकसित करने की प्रक्रिया में है। इस उपग्रह को 2022 की पहली तिमाही में लॉन्च किया जाएगा।
मुख्य बिंदु
- यह SSLV 500 किलोमीटर की कक्षा में 500 किलोग्राम की पेलोड क्षमता प्रदान करेगा।
- इस SSLV का विकास अपने अंतिम चरण में है।
- इस SSLV की पहली विकासात्मक उड़ान 2022 की पहली तिमाही के दौरान लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है।
- सरकार ने इस परियोजना को विकसित करने के लिए 169 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
निजी क्षेत्र का योगदान
निजी उद्योग SSLV विकास परियोजना के लिए हार्डवेयर और संरचनाओं को साकार करने में मदद कर रहा है, जिनमें शामिल हैं :
- सॉलिड मोटर केस
- नोजल सब-सिस्टम
- अंतर-चरण संरचनाएं
- एक्चुएटर मोटर्स
Small Satellite Launch Vehicle (SSLV)
SSLV एक छोटा-लिफ्ट लॉन्च वाहन है, जिसमें 600 किलोग्राम का पेलोड निम्न पृथ्वी की कक्षा (500 किमी पर) या 300 किलोग्राम पेलोड सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा (500 किमी) तक पहुंचाने की क्षमता है। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस यान का डिजाइन 21 दिसंबर, 2018 को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC), थुंबा में पूरा किया गया।
वाहन का उद्देश्य
SSLV को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) की तुलना में कम कीमत और उच्च प्रक्षेपण दर पर व्यावसायिक रूप से छोटे उपग्रहों को लॉन्च करने के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है।
SOURCE-THE HINDU
PAPER-G.S.3
वीरा रानी अब्बक्का
उल्लाल वीरा रानी अब्बक्का उत्सव समिति ने हाल ही में दिसंबर 2021 में वीरा रानी अब्बक्का महोत्सव के दौरान वीरा रानी अब्बक्का पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया।
मुख्य बिंदु
- यह पुरस्कार 21 दिसंबर, 2021 को एक उपलब्धि हासिल करने वाली महिला को प्रदान किया जाएगा।
- इस पुरस्कार में नकद और अवार्ड पैनल शामिल हैं।
- 21 दिसंबर को वीरा रानी अब्बक्का उत्सव की रजत जयंती भी है।
- उल्लाल नगर पालिका परिसर में 21 दिसंबर को उत्सव मनाया जाएगा।
किसे सम्मानित किया जाएगा?
वीरा रानी अब्बक्का पुरस्कार उस महिला को दिया जाएगा जिसने अनुसंधान और संस्कृति में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। यह पुरस्कार तुलु पृष्ठभूमि वाली महिला को दिया जाएगा, जिसने खेल, कला, समाज सेवा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में पर्याप्त उपलब्धि हासिल की है।
रानी अब्बक्का चौटा (Rani Abbakka Chowta)
रानी अब्बाका चौटा उल्लाल की पहली तुलुवा रानी थीं। उन्होंने 16वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पुर्तगालियों से लड़ाई लड़ी। रानी चौटा वंश से संबंधित थीं, जिन्होंने तटीय कर्नाटक (तुलु नाडु) के कुछ हिस्सों पर शासन किया था। राजवंश की राजधानी पुट्टीगे थी। उल्लाल का बंदरगाह शहर उनकी सहायक राजधानी थी। उल्लाल को रणनीतिक रूप से रखा गया था, जिसके कारण पुर्तगालियों ने इसे पकड़ने के कई प्रयास किए। लेकिन रानी ने चार दशकों से अधिक समय तक उनके हमलों का मुकाबला किया। उनकी बहादुरी के कारण उन्हें अभय रानी के नाम से जाना जाने लगा।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस
प्रतिवर्ष 18 दिसम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 4 दिसम्बर 2000 को प्रस्ताव 55/93 को पारित करके की थी। इसका उद्देश्य प्रवासियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
मुख्य बिंदु
यह ऐसा पहला समझौता है जिसमें अंतर्राष्ट्रीय प्रवास से सम्बंधित सभी पहलुओं पर सभी देशों ने चर्चा करके हामी भरी है। हालांकि अमेरिका इसमें शामिल नहीं है। इसमें प्रवास सम्बन्धी समस्याओं से निपटने के लिए 23 उद्देश्य निश्चित किये गए हैं।
पृष्ठभूमि
वर्तमान में विश्व भर में लगभग 25 करोड़ से अधिक प्रवासी हैं, वे विश्व की कुल जनसँख्या का 3% हिस्सा हैं। परन्तु वैश्विक सकल घरेलु उत्पाद में उनका योगदान 10% है। इससे उनके मूल देश के विकास में भी काफी वृद्धि होती है। इस समझौते की शुरुआत 2017 में ही शुरू हो गयी थी जब संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने ‘New York Declaration for Refugees and Migrants’ पर सहमती प्रकट की थी।
भारत में प्रवास
COVID-19 संकट के साथ, भारत में प्रवासन बढ़ गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार, प्रवासियों की संख्या 45.6 करोड़ थी। यह देश की आबादी का लगभग 38% है। 2001 में, प्रवासी आबादी 31.5 करोड़ थी। 2001 और 2011 के बीच प्रवासी आबादी में 18% की वृद्धि हुई है।
भारत में, अंतर-राज्य प्रवास के प्रमुख कारण विवाह है। पुरुषों की तुलना में महिला प्रवास अधिक है। 39% पुरुषों की तुलना में 83% महिलाएं विवाह के कारण इससे ज्यादा प्रभावित हैं।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1PRE
भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस
18 दिसम्बर, 2018 को भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जाता है। भारत में प्रतिवर्ष अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों के बारे जागरूकता फैलाने के लिए अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 18 दिसम्बर को मनाया जाता है। इस दिवस के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर सेमिनार, सम्मेलन तथा इवेंट्स का आयोजन किया जाता है।
भारत में अल्पसंख्यक
- भारत में प्रमुख अल्पसंख्यक वर्ग में मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध , पारसी तथा जैन हैं।
- भारत में अल्पसंख्यकों की संख्या कुल जनसँख्या का 19% हिस्सा हैं।
- जम्मू-कश्मीर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड तथा लक्षद्वीप कुछ एक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहाँ पर अधिसूचित अल्पसंख्यक वर्ग बहुल (majority) हैं।
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की गयी थी।
- अल्पसंखयकों के साथ धर्म, भाषा, राष्ट्रीय तथा नस्ल के आधार पर भेदभाव पर रोक लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 18 दिसम्बर, 1992 को “राष्ट्र, नस्ल, धर्म तथा भाषा के आधार पर लोगों के अधिकारों की घोषणा” को जारी किया था।
अल्पसंख्यकों के लिए योजनाएं
अल्पसंख्यक मंत्रालय वर्तमान में भारत में अल्पसंख्यकों के लिए निम्नलिखित योजनाओं को लागू कर रहा है :
- प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, मेरिट-कम-मीन्स आधारित योजना: छात्रों के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए।
- मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय फैलोशिप योजना।
- नया सवेरा : यह योजना अल्पसंख्यक आबादी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मुफ्त कोचिंग कक्षाएं प्रदान करती है।
- पढ़ो परदेस : तह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को ब्याज पर सब्सिडी प्रदान करती है।
- नई रोशनी: अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित महिलाओं में नेतृत्व के गुणों का विकास।
- नयी उड़ान : यूपीएससी, एसएससी और एसपीएससी प्रीलिम्स क्लियर करने वाले छात्रों के लिए सहायता।
- सीखो और कमाओ : युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम।
- प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम
- जियो पारसी: भारत में घटती पारसी आबादी को समाहित करने के लिए।
- उस्ताद
- नई मंजिल
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.1 PRE