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Current Affair 19 November 2021

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Current Affairs – 19 November, 2021

कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में लगभग 15 प्रतिशत वृद्धि

कृषि उत्पाद के निर्यात पर अत्य़धिक जोर देते हुए, भारत ने मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 की अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की उसी अवधि की तुलना में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है।

वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय द्वारा जारी त्वरित अनुमानों के अनुसार, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के उत्पादों के कुल  निर्यात में अप्रैल-अक्टूबर 2021 के दौरान पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में अमरीकी डॉलर के रूप में 14.7 प्रतिशत वृद्धि हुई।

एपीईडीए के उत्पादों का कुल निर्यात अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 10,157 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढकर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 11,651 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

निर्यातों में यह वृद्धि कोविड-19 के प्रतिबंधों के वाबजूद हुई है। कृषि उत्पादों के निर्यातों में इस वृद्धि को देश के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात पर जोर देते हुए किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में देखा जा रहा है।

मौजूदा वित्त वर्ष के प्रथम सात माह के दौरान कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में यह महत्वपूर्ण वृद्धि पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में निर्यात में वृद्धि की निरंतरता है।

चावल के निर्यात में 10.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, जो अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 4777.35 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 5278.95 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

त्वरित अनुमानों के अनुसार, ताजे फलों एवं सब्जियों के निर्यात में अमरीकी डॉलर के रूप में 11.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, जबकि मोटे अनाजों से तैयार तथा विभिन्न प्रसंस्कृत सामग्रियों जैसे प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में 29 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल-अक्टूबर 2020-21 में, ताजे फलों एवं सब्जियों का 1374.59 मिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात किया गया था, जो अप्रैल-अक्टूबर 2021-22 में बढ़कर 1534.05 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

भारत ने मौजूदा वित्त वर्ष (2021-22) के प्रथम सात महीने में अन्य मोटे अनाज के निर्यात में 85.4 प्रतिशत की ऊंची छलांग लगाई, जबकि मांस, दूध एवं कुक्कुट उत्पादों के निर्यात में 15.6 प्रतिशत वृद्धि हुई।

अन्य मोटे अनाज का निर्यात अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 274.98 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 509.77 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया और मांस, दूध एवं कुक्कुट उत्पादों का निर्यात अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 1978.6 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 2286.32 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

अप्रैल-अक्टूबर 2021 में काजू के निर्यात में 29.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, क्योंकि अप्रैल-अक्टूबर 2020 में काजू का निर्यात 205.29 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 265.27 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

 

पूंजीगत अनुदान योजना

पूर्वोत्तर सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम सम्मेलन के दूसरे दिन केंद्रीय एमएसएमई मंत्री श्री नारायण राणे ने आज गुवाहाटी में सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सेवा क्षेत्र के लिए ऋण से जुडी विशेष पूंजीगत अनुदान योजना (एससीएलसीएसएस) का शुभारंभ किया। यह योजना सेवा क्षेत्र में उद्यमों की प्रौद्योगिकी संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगी और इसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बिना किसी क्षेत्र विशेष प्रतिबंध के प्रौद्योगिकी के उन्नयन पर संयंत्र और मशीनरी और सेवा उपकरणों की खरीद के लिए संस्थागत ऋण के माध्यम से 25% पूंजीगत अनुदान (सब्सिडी) दिए जाने का प्रावधान है।

श्री राणे ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को सम्मानित भी किया और युवाओं से नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाले बनने के लिए उद्यमिता अपनाने का आग्रह किया। श्री राणे ने युवाओं को आश्वासन दिया कि सफल उद्यमी बनने की उनकी यात्रा में सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र का समावेशी विकास केवल उत्तर-पूर्व के योगदान से ही पूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की अनुकूल नीतियां और एमएसएमई मंत्रालय द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाएं/कार्यक्रम, विशेष रूप से समाज के हाशिए पर खड़े वर्गों के लिए इस क्षेत्र को अपनी पूरी क्षमता का प्रयोग करने में मदद कर रहे हैं।

श्री राणे ने राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) प्रशिक्षण केंद्र, गुवाहाटी के सफल प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा समर्थित प्रदर्शनी केंद्र में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों के स्टालों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां एमएसएमई उद्यमियों, विशेष रूप से महिलाओं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों को अपने कौशल/उत्पाद दिखाने और विकास के नए अवसर पैदा करने और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती हैं।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

 

राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के झांसी में ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ में भाग लिया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने झांसी किले के प्रांगण में आयोजित ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ के एक भव्य समारोह में रक्षा मंत्रालय की कई नई पहलों को राष्ट्र को समर्पित किया। इन परियोजनाओं में एनसीसी पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ भी शामिल है, प्रधानमंत्री को इस संघ के प्रथम सदस्य के रूप में पंजीकृत किया गया। एनसीसी कैडेटों के लिए राष्ट्रीय सिमुलेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ; राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कियोस्क; राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का मोबाइल ऐप; भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए डीआरडीओ द्वारा डिजाइन एवं विकसित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट ‘शक्ति’; हल्का लड़ाकू हेलीकाप्टर और ड्रोन भी इन परियोजनाओं में शामिल है।

प्रधानमंत्री ने झांसी के गरौठा में 600 मेगावाट के अल्ट्रामेगा सौर ऊर्जा पार्क की आधारशिला भी रखी। इस ऊर्जा पार्क का निर्माण 3000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है और यह सस्ती बिजली एवं ग्रिड स्थिरता के दोहरे लाभ प्रदान करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने झांसी में अटल एकता पार्क का भी उद्घाटन किया। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया यह एकता  पार्क 11 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है और लगभग 40,000 वर्गमीटर में फैला हुआ है। इस पार्क में एक पुस्तकालय के साथ-साथ श्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक प्रतिमा भी होगी। इस प्रतिमा का निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार श्री राम सुतार ने किया है, जिन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया था।

इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने वीरता और पराक्रम की प्रतीक रानी लक्ष्मीबाई की जयंती का उल्लेख किया और कहा कि आज झांसी की यह धरती आजादी के भव्य अमृत महोत्सव की साक्षी बन रही है! और आज इस धरती पर एक नया सशक्त और सामर्थ्यशाली भारत आकार ले रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली यानी काशी का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व महसूस होता है। प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व, कार्तिक पूर्णिमा और देव-दीपावली की भी हार्दिक शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने वीरता और बलिदान के इतिहास में योगदान के लिए कई नायकों और नायिकाओं को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह धरती रानी लक्ष्मीबाई की अभिन्न सहयोगी रहीं वीरांगना झलकारी बाई की वीरता और सैन्य कौशल की भी साक्षी रही है। मैं 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की उस अमर वीरांगना के चरणों में भी नमन करता हूं। मैं नमन करता हूँ इस धरती से भारतीय शौर्य और संस्कृति की अमर गाथाएं लिखने वाले चंदेलों-बुंदेलों को, जिन्होंने भारत की वीरता का लोहा मनवाया! मैं नमन करता हूं बुंदेलखण्ड के गौरव, उन वीर आल्हा-ऊदल को, जो आज भी मातृ-भूमि की रक्षा के लिए त्याग और बलिदान के प्रतीक हैं।”

प्रधानमंत्री ने झांसी के सपूत मेजर ध्यानचंद को भी याद किया और खेलों में उत्कृष्टता के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार का नाम बदलकर हॉकी के इस दिग्गज के नाम पर रखने के बारे में बात की।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज एक ओर हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ रही है, तो साथ ही भविष्य में देश की रक्षा के लिए सक्षम युवाओं के लिए जमीन भी तैयार हो रही है। ये 100 सैनिक स्कूल जिनकी शुरुआत होगी, ये आने वाले समय में देश का भविष्य ताकतवर हाथों में देने का काम करेंगे।” उन्होंने कहा,  “हमारी सरकार ने सैनिक स्कूलों में बेटियों के एडमिशन की शुरुआत की है। 33 सैनिक स्कूलों में इस सत्र से गर्ल्स स्टूडेंट्स के एडमिशन शुरू भी हो गए हैं। सैनिक स्कूलों से रानी लक्ष्मीबाई जैसी बेटियाँ भी निकलेंगी जो देश की रक्षा-सुरक्षा, विकास की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठाएंगी।”

एनसीसी पूर्व छात्र संघ के पहले सदस्य के रूप में पंजीकृत प्रधानमंत्री ने साथी पूर्व छात्रों से राष्ट्र की सेवा के लिए आगे आने और हर संभव तरीके से योगदान देने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरे पीछे ये ऐतिहासिक झांसी का किला, इस बात का जीता जागता गवाह है कि भारत कभी कोई लड़ाई शौर्य और वीरता की कमी से नहीं हारा! रानी लक्ष्मीबाई के पास अगर अंग्रेजों के बराबर संसाधन और आधुनिक हथियार होते, तो देश की आज़ादी का इतिहास शायद कुछ और होता।” उन्‍होंने कहा, “लंबे समय से भारत को दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीदार देशों में गिना जाता रहा है। लेकिन आज देश का मंत्र है-मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्‍ड। आज भारत अपनी सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है।” उन्‍होंने कहा कि झांसी इस उद्यम का प्रमुख क्षेत्र बनकर उभरेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ जैसे आयोजन रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का वातावरण तैयार करने में बेहद मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि हमें अपने राष्ट्रीय नायकों और नायिकाओं का इसी तरह भव्य तरीके से गुणगान करने की जरूरत है।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

 

तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि शीघ्र की इन तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

तीन कृषि कानून

  1. किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020

यह अधिनियम किसानों के लिए अधिसूचित कृषि उत्पाद बाजार समिति (APMC) मंडियों के बाहर कृषि बिक्री और विपणन खोलने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। यह अधिनियम अंतर-राज्यीय व्यापार की बाधाओं को दूर करता है और साथ ही कृषि उपज के इलेक्ट्रॉनिक व्यापार के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है। यह सरकार द्वारा नियंत्रित मंडियों के एकाधिकार को तोड़ने का प्रयास करता है और किसानों को सीधे निजी खरीदारों को बेचने की अनुमति देता है।

  1. मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अधिनियम, 2020

यह अधिनियम अनुबंध खेती के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा तैयार करता है। यह किसानों को कंपनियों के साथ लिखित अनुबंध करने और उनके लिए उत्पादन करने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है।

  1. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020

यह अधिनियम आवश्यक वस्तुओं की सूची से दाल, अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, प्याज और आलू को हटा देता है। यह इन खाद्य वस्तुओं के उत्पादन, संचलन, भंडारण और वितरण को नियंत्रणमुक्त करने का प्रयास करता है।

SOURCE-THE HINDU

PAPER-G.S.3

 

गुरु नानक देव जयंती

आज देश भर के सिख समुदाय में गुरु नानक देव की जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को शुभकामनाएं दीं।

गुरु नानक देव

गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे। वे सिख धर्म के पहले गुरु थे। उनका जन्म पाकिस्तान के पंजाब में ननकाना साहिब में हुआ था। उनकी शिक्षाओं का संकलन सिख धर्म की धार्मिक पुस्तक गुरु ग्रन्थ साहिब में किया गया है। उनकी मृत्यु 22 सितम्बर, 1539 को पाकिस्तान के करतारपुर में हुई थी।

सरकार पंजाब में सुल्तानपुर लोधी का विकास भी करेगी, इस स्थान पर गुरु नानक देव ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा व्यतीत किया। इस शहर को विरासत शहर (पिंड बाबे नानक दा) के रूप में स्थापित किया जाएगा। इस स्थान पर एक उच्च क्षमता युक्त टेलिस्कोप भी स्थापित किया जायेगा, इस टेलिस्कोप की सहायता से पाकिस्तान में करतारपुर साहिब को देखा जा सकेगा, उनकी शिक्षाओं का संकलन सिख धर्म की धार्मिक पुस्तक गुरु ग्रन्थ साहिब में किया गया है।।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.1

 

भूमि संवाद

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 16 नवंबर, 2021 को डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम (Digital India Land Record Modernisation Programme -DILRMP) पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।

मुख्य बिंदु

  • इस कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए किया गया।
  • यह कार्यशाला राज्यों को क्षेत्र में एक दूसरे के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और नवीनतम सॉफ्टवेयर विकास के बारे में जानने में सक्षम बनाएगी।

इस कार्यशाला का उद्घाटन ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने किया. उन्होंने इस अवसर पर “राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली (National Generic Document Registration System – NGDRS) पोर्टल और डैशबोर्ड भी लॉन्च किया।

राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली (National Generic Document Registration System – NGDRS)

NGDRS पंजीकरण करने के लिए एक आंतरिक एडवांस्ड सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है।

राष्ट्रीय भूमि प्रबंधन पुरस्कार-2021

राष्ट्रीय भूमि प्रबंधन पुरस्कार-2021 की शुरुआत भूमि संसाधन विभाग द्वारा राज्य सरकारों द्वारा किए गए अच्छे कार्यों की सराहना और प्रोत्साहन करने के लिए की गई थी। विभाग बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर राज्यों की राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग भी प्रदान करेगा।

विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (Unique Land Parcel Identification Numbers – ULPIN)

यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर (ULPIN) लैंड पार्सल के आधार नंबर की तरह है। इस अनूठी प्रणाली में पार्सल के भू-निर्देशांक के आधार पर एक विशिष्ट आईडी तैयार की जाएगी। भूखंडों को यूनिक आईडी दी जाती है। यह प्रणाली 13 राज्यों में लागू की गई है और अन्य 6 राज्यों में इसका प्रायोगिक परीक्षण किया गया है।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.1 PRE

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