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Current Affair 20 September 2021

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Current Affairs – 20 September, 2021

फोर्टिफाइड राइस कर्नेल्स (एफआरके) और सामान्य चावल

के लिए एक समान विनिर्देश जारी किए

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले खाद्य एवं सार्वजनिकवितरण विभाग (डीएफपीडी) ने पहली बार फोर्टिफाइड राइस स्टॉक्स की खरीद के मामले में ग्रेड ए के फोर्टिफाइड राइस कर्नेल्स (एफआरके) और सामान्य चावल के लिए एकसमान विनिर्देश जारी किए हैं, जिसमें 1 प्रतिशत एफआरके (डब्ल्यू/डब्ल्यू) को सामान्य चावल के स्टॉक के साथ मिश्रित किया जाना चाहिए।

विभाग ने आगामी खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 के लिए केंद्रीय पूल की खरीद के लिए खाद्यान्नों के एक समान विनिर्देश जारी किए हैं। सामान्य प्रक्रिया के तहत ये निर्देश धान, चावल और ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी जैसे अन्य मोटे अनाजों के लिए जारी किए गए हैं। इन विनिर्देशों में केएमएस 2020-21 के  लिए चावल के एक समान विनिर्देशों के आधार पर टीपीडीएस और अन्यकल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत वितरण के लिए राज्यों को जारी होने वाले चावल के मानक भी शामिल हैं।

राज्य सरकारों से किसानों के बीच एक समान विनिर्देशों का व्यापक प्रचार करने का अनुरोध किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य मिले और भंडार को लेकर किसी भी तरह की अस्वीकृति से बचा जा सके।

सभी राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों और भारतीय खाद्य निगम को सलाह दी गई है कि केएमएस 2020-21 के दौरान खरीद में एक समान विनिर्देश सख्ती से अपनाए जा सकते हैं। यह उल्लेख करना जरूरी है कि किसानों के हित की रक्षा और प्रोत्साहन देने के क्रम में, भारत सरकार ने हरियाणा व पंजाब के संबंध में 26 सितंबर, 2020 से और बाकी देश के लिए 28 सितंबर, 2020 से खरीद खरीद अवधि निर्धारित कर दी है। भारतीय खाद्य निगम और राज्य खरीद एजेंसियों को झंझट मुक्त खरीद और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

फोर्टिफाइड चावल के गुण और उसे बनाने का तरीका फोर्टिफाइड चावल का मतलब ऐसे चावल से है, जिसमें भरपूर मात्रा में पोषकतत्व हों। फोर्टिफाइड चावल में आयरन, विटामिन B-12, फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होता हैं। फोर्टिफाइड चावल में जरुरी पोषक तत्वों विटामिन, खनिज,लवण आदि को क्रतिम तौर पर बढ़ाया जाता है। बिल्कुल वैसे जैसे समुद्री नमक में आयोडिन मिलाकर इसे आयोडाइज्ड बनाया जाता है। फोर्टिफाइड चावल के उत्पादन के लिए लगभग 18.0 लाख एमटी की मासिक ब्लेंडिंग क्षमता के साथ 15 प्रमुख राज्यों में लगभग 3,100 राइस मिलों में ब्लेंडिंग इकाई स्थापित हो गई हैं। भारत में फोर्टिफाइड राइस कर्नेल्स (एफआरके) का उत्पादन सालाना बढ़कर 60,000 एमटी हो चुका है, जो 2018 में 7,250 एमटी था। (इसके अलावा, अतिरिक्त 25,000- 30,000 एमटी प्रति वर्ष बढ़ाने की योजना भी है) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में घोषणा की थी कि भारत सरकार की सभी योजनाओं के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराया जाएगा। साल 2024 तक पूरी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति करनी है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव सुधांशु पांडे ने कहा, “मैं विशेष रूप से इसलिए खुश हूं कि महिला एवं बाल मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग बच्चों और छात्रों की कमजोरियों को देख रहे हैं। उन्होंने इस साल 1 अप्रैल से अपने एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) कार्यक्रमों और मध्याह्न भोजन कार्यक्रमों के लिए फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति करने का फैसला किया है। इसके परिणाम स्वरूप, हमें चावल फोर्टिफिकेशन के एक पूरे इकोसिस्टम के माध्यम से काम करने और खुद को ऐसे काम के लिए तैयार करने का मौका मिला, जो काफी बड़ा था।” पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि “भारत अपनी जनसंख्या के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और पोषण में सुधार के लिए विश्वसनीय कदम उठा रहा है। इसीलिए, अब समय आ गया है कि फोर्टिफिकेशन को देश में कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से उठाए गए कदमों के साथ एकीकृत किया जाए, जिससे पहले से जारी पूरक और आहार विविधीकरण जैसे पोषण सुधार कार्यक्रमों को मजबूत, पूरक और प्रोत्साहन देना संभव होगा।” डब्ल्यूएफपी में न्यूट्रीशियन एंड स्कूल फीडिंग यूनिट की प्रमुख डॉ. शारिका युनुस ने ‘चावल फोर्टिफिकेशन: अवधारणा और प्रक्रिया’ पर बात करते हुए कहा कि देश में एनीमिया अभी भी एक समस्या बनी हुई है। पिछले 10 वर्षों से एनिमिया में जो कमी आई है वो उम्मीद से काफी कम है। फोर्टिफाइड चावल स्वास्थ्य समस्याओं के एक सबसे टिकाऊ समाधान हैं।”

2024 तक पूरे देश पीडीएस मिलेगा फोर्टिफाइड चावल देश में 7 राज्य पहले ही फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू कर चुके हैं। पायलट योजना के तहत अगस्त, 2021 तक 2.47 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा चुका है। फोर्टिफाइड चावल के उत्पादन के लिए लगभग 18.0 लाख एमटी की मासिक ब्लेंडिंग क्षमता के साथ 15 प्रमुख राज्यों में लगभग 3,100 राइस मिलों में ब्लेंडिंग इकाई स्थापित हो गई हैं। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) जैसी नियामकीय एजेंसी के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल के लिए मानक तय कर दिए गए हैं। इसी प्रकार, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से फोर्टिफाइड चावल के उत्पादन में एकरूपता के उद्देश्य से एक्सट्रूडर और ब्लेंडिंग मशीनों के लिए एक मानक तय करने का अनुरोध किया गया है। डब्ल्यूसीडी में संयुक्त सचिव पल्लवी अग्रवाल ने अपने संबोधन के दौरान टिकाऊ आहार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पोषण माह के तहत राज्यों/ केंद्र शाषित प्रदेशों के साथ मिलकर पूरे महीने के दौरान, विशेष रूप से पोषण जागरूकता पर गतिविधियों की एक श्रृंखला के आयोजन की योजना बनाई है। ये जागरूकता गतिविधियां विशेष रूप से जमीनी स्तर पर की जाएंगी।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.2

 

राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2019

सैन्य नर्सिंग सेवा की उप महानिदेशक ब्रिगेडियर एस वी सरस्वती को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने एक वर्चुअल समारोह में नर्स प्रशासक के रूप में ब्रिगेडियर एस वी सरस्वती के सैन्य नर्सिंग सेवा में अपार योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया। राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार ऐसा सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है, जिसे किसी नर्स को उनकी निःस्वार्थ सेवा और असाधारण कार्यकुशलता के लिए प्रदान किया जाता है।

ब्रिगेडियर सरस्वती आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाली हैं और उन्होंने 28 दिसंबर, 1983 को सैन्य नर्सिंग सेवा में कार्य करना शुरू किया था। उन्होंने सैन्य नर्सिंग के क्षेत्र में साढ़े तीन दशक से अधिक समय तक सेवा की है और विशेष रूप से पेरीओपरेटिव (सर्जरी के बाद) नर्सिंग में उनका योगदान रहा है। एक प्रसिद्ध ऑपरेशन थिएटर नर्स के रूप में ब्रिगेडियर सरस्वती ने 3,000 से अधिक जीवनरक्षक तथा आपातकालीन सर्जरी में सहायता की है और अपने करियर में बहुत से रेजीड़ेंट, ऑपरेशन रूम नर्सिंग प्रशिक्षुओं एवं सहायक कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने कार्डियक सर्जरी के लिए रोगी शिक्षण सामग्री और इम्प्रोवाइज्ड ड्रेप किट तथा घाव में टांके लगाने की पैकिंग तैयार की है।

ब्रिगेडियर एस वी सरस्वती ने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सैन्य नर्सिंग सेवाओं का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने सैनिकों के लिए विभिन्न आउटरीच गतिविधियों का संचालन भी किया है और बेसिक लाइफ सपोर्ट में हजार से अधिक सैनिकों तथा परिवारों को प्रशिक्षित किया है। ब्रिगेडियर ने कांगो में विभिन्न अखिल भारतीय सैन्य अस्पतालों और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक बलों में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। सैन्य नर्सिंग सेवा में उप महानिदेशक की वर्तमान नियुक्ति को संभालने से पहले उन्होंने नैदानिक व प्रशासनिक नियुक्तियों के विभिन्न स्तरों पर कार्य किया है।

सैनिकों और उनके परिवारों के लिए नर्सिंग पेशे में उनकी सराहनीय और विशिष्ट सेवा के सम्मान में, उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंगइचीफ कमेंडेशन (2005), संयुक्त राष्ट्र मेडल (एमओएनओसी)2007) और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन (2015) से भी सम्मानित किया गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वर्ष 2020 को नर्स और मिडवाइफ वर्ष घोषित किया है। वर्ष 2020 में फ्लोरेंस नाइटिंगेल की 200वीं जयंती भी है, जिनके नाम पर ये पुस्कार दिया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल नाइटिंगेल का जन्म लंदन में हुआ था और उन्होंने नर्सिंग के जरिए लोगों की सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया था। फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1973 में भारत सरकार द्वारा नर्सों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों को सम्मानित करने के लिए की गई थी।12 मई अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.1 PRE

 

वैश्विक नवाचार सूचकांक-2021

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की वैश्विक नवाचार सूचकांक 2021 रैंकिंग में भारत 2 स्थान ऊपर 46 वें स्थान पर आ गया है। भारत पिछले कई वर्षों में वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) की रैंकिंग  में लगातार सुधार कर रहा है। भारत इस रैंकिंग में 2015 में 81 से 2021 में 46 स्थान पर आ गया है। कोविड महामारी के कारण पैदा हुए अभूतपूर्व संकट के खिलाफ हमारी लड़ाई में नवाचार सबसे आगे रहा है, और यह देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा, जैसा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत आह्वान में निहित है।

विशाल ज्ञान पूंजी, जीवंत स्टार्ट-अप ईकोसिस्टम और सार्वजनिक तथा निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए अद्भुत काम के कारण जीआईआई रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है। परमाणु ऊर्जा विभाग; विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग; जैव प्रौद्योगिकी विभाग और अंतरिक्ष विभाग जैसे वैज्ञानिक विभागों ने राष्ट्रीय नवाचार ईकोसिस्टम को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

नीति आयोग विभिन्न क्षेत्रों, जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत आदि में नीति नेतृत्व में नवाचार लाने हेतु राष्ट्रीय प्रयासों को अनुकूल सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। भारत नवाचार सूचकांक, का नवीनतम संस्करण है, जिसे पिछले साल नीति आयोग द्वारा जारी किया गया था, जिसे भारत के सभी राज्यों में नवाचार के विकेंद्रीकरण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है। नीति आयोग द्वारा वैश्विक रैंकिंग में भारत की स्थिति की निगरानी और मूल्यांकन पर निरंतर जोर दिया गया है, जिसमें जीआईआई भी शामिल है।

जैसे-जैसे हम जीवन और आजीविका को बचाने और राष्ट्रीय आर्थिक विकास प्रक्षेपवक्र को आकार देने की दिशा में आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे ही जीआईआई-2021 सभी देशों के लिए उनकी नवाचार क्षमताओं और तत्परता का आकलन करने के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ बिंदु होगा, जो आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने में एक लंबी दूरी तय करेगा।

वैश्विक नवाचार सूचकांक, दुनिया भर की सरकारों के लिए अपने-अपने देशों में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों का आकलन करने का आधार है। पिछले कुछ वर्षों में, वैश्विक नवाचार सूचकांक ने खुद को विभिन्न सरकारों के लिए एक नीति उपकरण के रूप में स्थापित किया है और उन्हें मौजूदा स्थिति को प्रदर्शित करने में मदद की है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) भी एक नवाचार संचालित अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत की यात्रा के पथ प्रदर्शक के रूप में आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष, नीति आयोग, सीआईआई और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के साथ साझेदारी में, 21-22 सितंबर, 2021 के दौरान वर्चुअल माध्यम से वैश्विक नवाचार कॉन्क्लेव की मेजबानी कर रहा है।

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के बारे में :

इसकी स्थापना 14 जुलाई 1967 को हुई थी। इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है। डब्ल्यूआईपीओ बौद्धिक संपदा की जानकारी के लिये विश्वसनीय वैश्विक संदर्भ स्रोत का काम करता है। भारत डब्ल्यूआईपीओ का सदस्य है और डब्ल्यूआईपीओ द्वारा प्रशासित कई संधिओं के लिए पार्टी है।

  • WIPO का पूरा नाम World Intellectual Property Organization यानी विश्व बौद्धिक संपदा संगठन है।
  • यह संयुक्त राष्ट्र की सबसे पुरानी एजेंसियों में से एक है।
  • इसका गठन 1967 में रचनात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और विश्व में बौद्धिक संपदा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिये किया गया था।
  • इसके तहत वर्तमान में 26 अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ आती हैं।
  • WIPO का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है।
  • प्रत्येक वर्ष 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस मनाया जाता है।
  • अभी 191 देश इसके सदस्य हैं, जिनमें संयुक्त राष्ट्र के 188 सदस्य देशों के अलावा कुक द्वीपसमूह, होली सी और न्यूए (Niue) शामिल हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश इसके सदस्य बन सकते हैं, लेकिन यह बाध्यकारी नहीं है।
  • फिलिस्तीन को इसमें स्थायी पर्यवेक्षक का दर्जा मिला हुआ है तथा लगभग 250 NGO और अंतर-सरकारी संगठन इसकी बैठकों में बतौर आधिकारिक पर्यवेक्षक शामिल होते हैं। भारत 1975 में WIPO का सदस्य बना था।

आइये, अब एक नज़र डालते हैं इस संगठन के अब तक के सफर पर…

  • औद्योगिक संपदा के संरक्षण के लिये पेरिस अभिसमय (1883): विभिन्न देशों में बौद्धिक कार्यों के संरक्षण के लिये पहला कदम, जिसमें ट्रेडमार्क, औद्योगिक डिज़ाइन आविष्कार के पेटेंट शामिल थे।
  • साहित्यिक और कलात्मक कार्यों के संरक्षण के लिये बर्न अभिसमय (1886): इसमें उपन्यास, लघु कथाएँ, नाटक, गाने, ओपेरा, संगीत, ड्राइंग, पेंटिंग, मूर्तिकला और वास्तुशिल्प कृतियाँ शामिल हैं।
  • मैड्रिड समझौता (1891): यहाँ से अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा फाइलिंग सेवा की शुरुआत हुई।
  • BIRPI की स्थापना (1893): बौद्धिक संपदा संरक्षण हेतु पेरिस और बर्न अभिसमय पर अमल करने के लिये बनाए गए दो सचिवालयों को मिलाकर BIRPI (United International Bureaux for the Protection of Intellectual Property) की स्थापना हुई।
  • BIRPI बना WIPO (1970): सदस्य देशों का नेतृत्व करने वाले एक अंतर-सरकारी संगठन के रूप में WIPO की स्थापना की गई।
  • UN में शामिल हुआ WIPO (1974): WIPO ने वर्ष 1974 से संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी के तौर पर काम करना शुरू किया।
  • पेटेंट कोऑपरेशन ट्रीटी सिस्टम की शुरुआत (1978): इस संधि के तहत एक अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट आवेदन दाखिल कर एक साथ कई देशों में आविष्कार के संरक्षण का प्रयास किया जा सकता है।
  • मध्यस्थता केंद्र की स्थापना (1994): यह केंद्र निजी पक्षों के बीच अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक विवादों को हल करने में सहायता के लिये वैकल्पिक विवाद समाधान सेवाएँ प्रदान करता है।

WIPO के कार्य

  • हर पल बदलती दुनिया में संतुलित अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा नियमों को बनाने के लिये यह एक नीतिगत मंच का काम करता है।
  • विभिन्न देशों की सीमाओं के पार बौद्धिक संपदा संरक्षण और विवादों को हल करने के लिये वैश्विक सेवाएँ देना भी इसके कार्यों में शामिल है।
  • बौद्धिक संपदा प्रणालियों को आपस में जोड़ने और ज्ञान साझा करने के लिये तकनीकी आधारभूत संरचना बनाना भी WIPO के ज़िम्मे है।
  • सभी सदस्य देशों को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के लिये बौद्धिक संपदा का उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिये सहयोग और क्षमता निर्माण कार्यक्रम चलाना।
  • WIPO बौद्धिक संपदा की जानकारी के लिये विश्वसनीय वैश्विक संदर्भ स्रोत का काम करता है।

SOURCE-PIB

PAPER-G.S.3

 

एक पहल अभियान

कानून और न्याय मंत्रालय ने 17 सितंबर, 2021 को घर-घर न्याय दिलाने के लिए “एक पहल ड्राइव” (Ek Pahal Drive) नामक एक अखिल भारतीय विशेष अभियान शुरू किया है।

मुख्य बिंदु

  • टेली-लॉ (Tele-Law) के तहत बड़े पैमाने पर पंजीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है।
  • यह अभियान न्याय विभाग और नालसा (NALSA) द्वारा शुरू किया गया था।
  • यह अभियान भारत में नागरिकों के लिए न्याय तक पहुंच की आकांक्षा को साकार करना चाहता है।

प्रस्तावना में न्याय

भारत के संविधान की प्रस्तावना में न्याय को भारतीय नागरिकों के लिए प्रथम सुपुर्दगी के रूप में मान्यता दी गई है। एक सफल और जीवंत लोकतंत्र वह है जहां हर नागरिक को न केवल गारंटीकृत न्याय मिले, बल्कि जहां न्याय समान हो। यह सिद्धांत राज्य के लिए एक ऐसा वातावरण बनाने का आदेश देता है जहां न्याय-वितरण को एक संप्रभु कार्य के बजाय नागरिक-केंद्रित सेवा के रूप में देखा जाता है।

एक पहल अभियान (Ek Pahal Drive)

न्याय विभाग ने 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के लांच पर 5480 हितग्राहियों का पंजीयन लॉगिन किया गया। इस लॉगिन ड्राइव ने लाभार्थियों के दैनिक औसत पंजीकरण की तुलना में 138% की वृद्धि दर्ज की। CSCs पर क्षेत्रीय भाषाओं में 25,000 से अधिक बैनर प्रदर्शित किए गए।

टेली कानून का महत्व

टेली लॉ, पैनल वकीलों द्वारा लाभार्थियों को पूर्व-मुकदमा सलाह या परामर्श प्रदान करता है। यह माध्यम 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 633 जिलों में 50,000 ग्राम पंचायतों में 51,434 सामान्य सेवा केंद्रों को कवर करके एक विशाल नेटवर्क का उपयोग करता है।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.1 PRE

 

अर्थशॉट पुरस्कार

17 सितंबर, 2021 को पर्यावरण पुरस्कार (Environment Prize/Earthshot Prize) के लिए दो भारतीय परियोजनाओं का चयन किया गया है।

मुख्य बिंदु

  • चयनित परियोजनाओं में से एक है- सौर ऊर्जा से चलने वाली आयरनिंग कार्ट परियोजना (Solar-Powered Ironing Cart Project) जिसे तमिलनाडु की एक 14 वर्षीय छात्रा द्वारा डिजाइन किया गया है।
  • दूसरी परियोजना है- दिल्ली के एक उद्यमी द्वारा विकसित कृषि अपशिष्ट पुनर्चक्रण अवधारणा (Agricultural Waste Recycling Concept)।
  • पर्यावरण पुरस्कार के लिए दुनिया भर से सैकड़ों नामांकन में से कुल 15 फाइनलिस्ट चुने गए हैं।

पर्यावरण पुरस्कार (Environment Prize/Earthshot Prize)

पहला पर्यावरण पुरस्कार, जिसे अर्थशॉट पुरस्कार कहा जाता है, 2020 में ब्रिटेन के प्रिंस विलियम (ड्यूक ऑफ कैम्ब्रिज) और डेविड एटनबरो द्वारा लॉन्च किया गया था। यह पुरस्कार 2021 से 2030 तक हर साल पांच विजेताओं को दिया जाता है। विजेताओं को उनके समाधान के लिए चुना जाता है या जो पर्यावरण की काफी मदद करते हैं। यह रॉयल फाउंडेशन, इंग्लैंड द्वारा दिया जाता है। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के समर्थन से पांच अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार दिया जाता है। विजेताओं का चयन अर्थशॉट पुरस्कार परिषद द्वारा किया जाता है जो छह महाद्वीपों में फैली एक वैश्विक टीम है।

सौर ऊर्जा से चलने वाली आयरनिंग कार्ट परियोजना (Solar-Powered Ironing Cart Project)

इस परियोजना को विनीशा उमाशंकर (Vinisha Umashankar) द्वारा विकसित किया गया है। उन्होंने ‘क्लीन अवर एयर’ कैटेगरी में जगह बनाई।

कृषि अपशिष्ट पुनर्चक्रण अवधारणा (Agricultural Waste Recycling Concept)

इस परियोजना को ताकाचर द्वारा विकसित किया गया है और विद्युत मोहन द्वारा सह-स्थापित किया गया है। इसे इसकी सस्ती, छोटे पैमाने की, पोर्टेबल तकनीक के लिए “क्लीन अवर एयर कैटेगरी” में नामांकित किया गया है। यह परियोजना फसल अवशेषों को बिक्री योग्य जैव उत्पादों में परिवर्तित करती है।

SOURCE-GK TODAY

PAPER-G.S.3

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