Current Affairs – 21 July, 2021
मानव-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल
मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM)” नामक एक निर्देशित मिसाइल, जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।
मुख्य बिंदु
- इस मिसाइल को लॉन्च करने के लिए थर्मल साइट के साथ एकीकृत एक मानव-पोर्टेबल लांचर का उपयोग किया गया था।
- डायरेक्ट अटैक मोड में, इस मिसाइल ने लक्ष्य को प्रभावशाली सटीकता के साथ सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
- DRDO ने एक बयान जारी कर कहा कि जिन मिशन के उद्देश्यों की जांच की जा रही है, उन्हें सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस मिसाइल का अधिकतम और न्यूनतम रेंज के लिए सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।
मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM)
- इस मिसाइल को अत्याधुनिक इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर और एडवांस्ड एवियोनिक्स से सुसज्जित किया गया है।
- यह मानव-पोर्टेबल मिसाइल एक ट्राईपॉड का उपयोग करके लॉन्च की गई है जिसे 15 किलोग्राम से कम वजन के साथ 5 किमी की अधिकतम रेंज के साथ डिजाइन किया गया है।
- आगे निर्देशित उड़ान परीक्षण (Guided Flight Tests) की योजना बनाई जा रही है।
SOURCE-GK TODAY
मिसाइल आकाश-एनजी
- नई पीढ़ी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल
- हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए उच्च स्तरीय गतिशीलता
- भारतीय वायु सेना की हवाई सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ावा
- रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ को बधाई दी
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दिनांक 21 जुलाई, 2021 को ओडिशा के तट के करीब एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सतह से हवा में मार करने वाली नई पीढ़ी आकाश मिसाइल (आकाश-एनजी) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। उड़ान का परीक्षण भूमि आधारित प्लेटफॉर्म से दोपहर करीब 12:45 बजे किया गया, जिसमें मल्टीफंक्शन रडार, कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम और तैनाती विन्यास में भाग लेने वाले लांचर जैसी सभी हथियार प्रणालियां थीं।
मिसाइल प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), हैदराबाद द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के सहयोग से विकसित किया गया है। इस प्रक्षेपण को भारतीय वायु सेना के नुमाइंदों ने देखा। उड़ान डेटा को हासिल करने के लिए आईटीआर ने इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज स्टेशनों को तैनात किया। इन प्रणालियों द्वारा कैप्चर किए गए संपूर्ण उड़ान डेटा से संपूर्ण हथियार प्रणाली के दोषरहित प्रदर्शन की पुष्टि की गई है। परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने तेज और फुर्तीले हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए आवश्यक उच्चस्तरीय गतिशीलता का प्रदर्शन किया।
एक बार तैनात होने के बाद आकाश-एनजी हथियार प्रणाली भारतीय वायु सेना की हवाई सुरक्षा क्षमता में शानदार इज़ाफ़ा करने वाली साबित होगी। उत्पादन एजेंसियों भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने भी परीक्षणों में भाग लिया।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ, बीडीएल, बीईएल, भारतीय वायु सेना और उद्योग को बधाई दी है। रक्षा विभाग के सचिव अनुसंधान एवं विकास विभाग और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह मिसाइल भारतीय वायु सेना को मजबूत करेगी।
SOURCE-PIB
एमपी-एटीजीएम
️ एमपी-एटीजीएम एक कम वज़नी, फायर एंड फॉरगेट मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है
➡️ मिनीएचराइज्ड इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर
➡️ सेना और आत्मनिर्भर भारत के लिए बड़ा प्रोत्साहन
➡️ रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ को बधाई दी
आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने और भारतीय सेना को मजबूत करने की दिशा में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 21 जुलाई, 2021 को स्वदेशी रूप से विकसित कम वजन वाली, फायर एंड फॉरगेट मैन पोर्टेबल एंटीटैंक गाइडेड मिसाइल (एमपी-एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया। मिसाइल को एक मैन पोर्टेबल लॉन्चर थर्मल साइट के साथ एकीकृत कर लॉन्च किया गया था और लक्ष्य एक टैंक की तरह बनाया गया था। मिसाइल ने सीधा हमला किया और लक्ष्य को सटीक रूप से पहचाना। इस परीक्षण ने न्यूनतम रेंज को सफलतापूर्वक सत्यापित किया। मिशन ने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया। मिसाइल का अधिकतम रेंज के लिए पहले ही सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया जा चुका है।
मिसाइल को उन्नत एवियोनिक्स के साथ अत्याधुनिक मिनीएचराइज्ड इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर के साथ रखा गया है। इस परीक्षण के बाद देश स्वदेशी तीसरी पीढ़ी के मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल निर्मित करने के अंतिम चरण में पहुंच गया है।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और उद्योग जगत को बधाई दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने टीम को सफल परीक्षण के लिए बधाई दी।
SOURCE-PIB
भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड
(कॉरपोरेट व्यीक्तियों के लिए दिवाला समाधान प्रक्रिया) अधिनियम, 2016
भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने 14 जुलाई, 2021 को भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (कॉरपोरेट व्यक्तियों के लिए दिवाला समाधान प्रक्रिया) (दूसरा संशोधन) अधिनियम, 2016 को अधिसूचित किया।
संशोधित अधिनियम से दिवाला कार्यवाही में अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी:
क. कॉरपोरेट देनदार (सीडी) दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने से पहले अपना नाम अथवा पंजीकृत कार्यालय का पता बदल सकता है। ऐसे मामलों में हितधारकों को नए नाम या पंजीकृत कार्यालय के पते के साथ तालमेल बिठाने में कठिनाई हो सकती है। परिणामस्वरूप वे सीआईआरपी में भाग लेने में विफल हो सकते हैं। इस संशोधन के तहत सीआईआरपी का संचालन करने वाले दिवाला पेशेवर (आईपी) के लिए यह आवश्यआक होगा कि वे सीडी के वर्तमान नाम एवं पंजीकृत कार्यालय के पते के साथ दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने से दो वर्ष पूर्व तक की अवधि में उसके नाम अथवा पंजीकृत कार्यालय के पते में हुए बदलावों का खुलासा करे और सभी संचार एवं रिकॉर्ड में उसका उल्लेरख करे।
ख. अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) या समाधान पेशेवर (आरपी) सीआईआरपी के संचालन में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सहायता करने के लिए पंजीकृत मूल्यांकनकर्ताओं सहित किसी भी पेशेवर को नियुक्त कर सकता है। संशोधन के तहत यह प्रावधान किया गया है कि आईआरपी/आरपी पंजीकृत मूल्यांकनकर्ताओं के अलावा किसी अन्या पेशेवर को नियुक्त कर सकता है बशर्ते उन्हें लगता हो कि ऐसे पेशेवर की सेवाओं की आवश्यकता है और सीडी के पास ऐसी सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। इस प्रकार की नियुक्तियां एक उद्देश्यपूर्ण और पारदर्शी प्रक्रिया का पालन करते हुए निष्पक्ष आधार पर की जाएंगी। शुल्क के लिए चालान पेशेवर के नाम पर बनेगा और उसके बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा।
ग. आरपी यह पता लगाने के लिए बाध्य है कि क्या सीडी तरजीही लेनदेन, कम मूल्य वाले लेनदेन, जबरन उधारी लेनदेन, खरीद-फरोख्तर में धोखाधड़ी और गलत तरीके से खरीद-फरोख्त जैसे विवादित लेनदेन से संबंधित है। यदि ऐसा है तो वह उचित राहत की मांग के साथ एडजुकेटिंग अथॉरिटी यानी न्यायिक अधिकारी के पास आवेदन दायर करें। इससे न केवल ऐसे लेनदेन में खोए हुए मूल्य की वापसी होगी बल्कि इस प्रकार के लेनदेन को भी हतोत्साहित किया जा सकेगा ताकि सीडी पर दबाव न पड़े। इस प्रकार इससे समाधान योजना के जरिये सीडी के पुनर्गठन की संभावना बढ़ जाती है। प्रभावी निगरानी के लिए इस संशोधन के तहत आवश्यकक किया गया है कि आरपी बोर्ड के इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर ही फॉर्म सीआईआरपी 8 दाखिल करे जिसमें विवादित लेनदेन के संबंध में उसकी राय और निर्धारण का विवरण होता है। आईबीबीआई ने कल जारी एक परिपत्र के जरिये सीआईआरपी 8 के प्रारूप को निर्दिष्ट किया है। इस फॉर्म को 14 जुलाई, 2021 को अथवा उसके बाद चालू या शुरू होने वाले प्रत्येक सीआईआरपी के संबंध में दाखिल करने की आवश्यकता होगी।
SOURCE-PIB
एरियल हेनरी
हैती (Haiti) में उथल-पुथल के बीच एरियल हेनरी (Ariel Henry) को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है।
मुख्य बिंदु
राष्ट्रपति जोवेनेल मोइस (Jovenel Moise) की हत्या से हैती में उथल-पुथल मच गई थी। इस उथल-पुथल के बीच देश ने एरियल हेनरी को अपना नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है।
एरियल हेनरी (Ariel Henry)
एरियल हेनरी एक न्यूरोसर्जन और पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं। उनकी हत्या से कुछ दिन पहले देश के राष्ट्रपति द्वारा उन्हें प्रधानमंत्री बनने के लिए चुना गया था। वह देश का नेतृत्व तब तक करेंगे जब तक कि सितंबर के महीने में देश में होने वाले चुनावों के माध्यम से एक नए राष्ट्रपति की नियुक्ति नहीं हो जाती।
राष्ट्रपति जोवेनल मोइसे की हत्या (Assassination of President Jovenel Moise)
राष्ट्रपति जोवेनेल मोइस की हत्या अभी भी एक रहस्य बनी हुई है। आधी रात को हुए इस हमले में मोइस की पत्नी भी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। अब तक, हैती पुलिस ने बताया है कि अब तक कम से कम 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें स्थानीय पुलिस अधिकारी, हैतियन-अमेरिकी और कोलंबियाई शामिल हैं।
SOURCE-GK TODAY
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज
सरकार द्वारा नोएडा में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज (Indian Institute of Heritage) की स्थापना की जाएगी। यह देश में अपनी तरह का पहला संस्थान होगा।
मुख्य बिंदु
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज (Indian Institute of Heritage) की स्थापना की जाएगी और यह देश की समृद्ध विरासत पर ध्यान केंद्रित करेगा और राष्ट्र के सांस्कृतिक पहलुओं पर शिक्षा प्रदान करेगा।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज में ऑफर किए जाने वाले कोर्स
यह संस्थान छात्रों को निम्नलिखित विषयों में पीएचडी के साथ-साथ परास्नातक पाठ्यक्रम भी प्रदान करेगा।
- पाण्डुलिपिविज्ञान (Manuscriptology)
- संग्रहालय विज्ञान (Museology)
- पुरातत्त्व (Archaeology)
- निवारक संरक्षण (Preventive Conservation)
- संरक्षण (Conservation)
- अभिलेखीय अध्ययन (Archival Studies)
- पुरालेख और मुद्राशास्त्र (Epigraphy and Numismatics)
- कला का इतिहास (History of Arts)
भारतीय विरासत संस्थान की स्थापना
निम्नलिखित संस्थानों को एकीकृत करके इस संस्थान को डीम्ड विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया जाएगा:
- पुरातत्व संस्थान (Institute of Archaeology)
- सांस्कृतिक संपत्ति के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला (National Research Laboratory for Conservation of Cultural Property)
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र का अकादमिक विंग (Academic Wing of Indira Gandhi National Centre for the Arts)
- कला, संरक्षण और संग्रहालय के इतिहास के राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान (National Museum Institute of History of Art, Conservation and Museology)
- अभिलेखीय अध्ययन के स्कूल (School of Archival Studies)
SOURCE-DANIK JAGARAN
विश्व शतरंज दिवस
हर साल 20 जुलाई को विश्व शतरंज दिवस मनाया जाता है। यह दिवस वर्ष 1924 में पेरिस में अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) की स्थापना की तिथि को भी चिह्नित करता है।
शतरंज
पांचवीं शताब्दी में शतरंज का आविष्कार भारत में हुआ था और इसका नाम “चतुरंगा” रखा गया था। शतरंज सबसे पुराने खेलों में से एक है और यह एक बहुत ही लोकप्रिय खेल है जो विश्व स्तर पर खेला जाता है। शतरंज रणनीति, रणनीति के साथ-साथ दृश्य स्मृति (visual memory) जैसे कौशल विकसित करने में मदद करता है।
विश्व शतरंज दिवस (World Chess Day)
इस साल के शतरंज दिवस में FIDE की 97वीं वर्षगांठ है। FIDE 20 जुलाई, 1924 को स्थापित किया गया था। 1966 में 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस की शुरुआत हुई थी। FIDE का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के लुसाने में है।
भारतीय शतरंज खिलाड़ियों की विश्व रैंकिंग
2021 में पुरुष वर्ग में चार भारतीय खिलाड़ी दुनिया के शीर्ष 100 खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिसमें विश्वनाथन आनंद विश्व स्तर पर 16वें स्थान पर हैं। महिला वर्ग में, भारत के पास दुनिया के शीर्ष 100 खिलाड़ियों में सात खिलाड़ी हैं, जिसमें कोनेरू हम्पी तीसरे स्थान पर हैं।
SOURCE-GK TODAY
बीटा टाइटेनियम मिश्र धातु
भारत के रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) द्वारा एक उच्च शक्ति टाइटेनियम मिश्र धातु विकसित की गई है। इस मिश्र धातु को एयरोस्पेस संरचनात्मक फोर्जिंग में अनुप्रयोगों के लिए विकसित किया गया है।
टाइटेनियम मिश्र धातु (Titanium Alloy)
टाइटेनियम मिश्र धातु अपनी लचीलापन, उच्च शक्ति, फ्रैक्चर मजबूती के कारण अद्वितीय हैं जो इसे विभिन्न विमान संरचनात्मक अनुप्रयोगों (aircraft structural applications) के लिए फायदेमंद बनाते हैं।
इसके अलावा इस मिश्र धातु की स्टील की तुलना में इसके बेहतर संक्षारण प्रतिरोध (corrosion resistance) के कारण अपेक्षाकृत कम जीवनकाल लागत है, जो इसे विमान संरचनात्मक अनुप्रयोगों के लिए बहुत फायदेमंद बनाती है।
DRDO ने कहा है कि इस मिश्र धातु का इस्तेमाल विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है जिसमें स्लैट और फ्लैप ट्रैक, लैंडिंग गियर और लैंडिंग गियर में ड्रॉप लिंक आदि शामिल हैं।
इस मिश्र धातु के साथ निकट भविष्य में प्रतिस्थापित (replace) किए जा सकने वाले 15 से अधिक इस्पात घटकों की पहचान वैमानिकी विकास एजेंसी (Aeronautical Development Agency – ADA) द्वारा की गई है।
मिश्र धातु की संरचना (Composition of the Alloy)
इस उच्च शक्ति मिश्र धातु, Ti-10V-2Fe-3Al में आयरन, वैनेडियम और एल्युमिनियम है। डिफेंस मेटलर्जिकल रिसर्च लेबोरेटरी (DMRL) ने इस उच्च शक्ति वाले टाइटेनियम मिश्र धातु को विकसित किया है
SOURCE-GK TODAY
भारत का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट
भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी IOC (Indian Oil Corporation) मथुरा में अपनी रिफाइनरी में देश का पहला ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ प्लांट बनाएगी। यह निर्णय ऊर्जा के स्वच्छ रूपों की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए भविष्य की तैयारी की दृष्टि से लिया गया है।
मुख्य बिंदु
- यह परियोजना भारत की पहली हरित हाइड्रोजन इकाई होगी।
- इससे पहले, प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन का उपयोग करने वाली ‘ग्रे हाइड्रोजन’ उत्पादन परियोजनाओं की घोषणा की गई है।
- IOC द्वारा कई हाइड्रोजन उत्पादन इकाइयां स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है।
- हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाली बसें सड़कों पर चल रही हैं, इसलिए हाइड्रोजन पावर प्लांट लगाना जरूरी है।
हाइड्रोजन प्लांट के प्रकार
- हाइड्रोजन नवीनतम चर्चा है क्योंकि यह एक स्वच्छ ईंधन है लेकिन इसके निर्माण से कार्बन उप-उत्पादों उत्पन्न होते हैं और यह ऊर्जा-गहन (energy-intensive) है।
- कोयले के गैसीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से ब्राउन हाइड्रोजन (brown hydrogen) का निर्माण होता है जबकि इस प्रक्रिया से कार्बन अपशिष्ट बाहर निकल जाता है।
- ब्लू हाइड्रोजन कार्बन कैप्चर का उपयोग करता है।
- परम स्वच्छ हाइड्रोजन संसाधन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन है और यह हाइड्रोजन ईंधन बनाने के लिए अक्षय ऊर्जा का उपयोग करता है।
- हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन भी कहा जाता है।
भारत में स्वच्छ ऊर्जा का महत्व
पूर्वानुमान बताते हैं कि भारतीय ईंधन की मांग 2040 तक 250 मिलियन टन के मुकाबले 400-450 मिलियन टन तक पहुंच जाएगी और इसलिए, सीएनजी, एलएनजी, इथेनॉल और बायोडीजल में निवेश करना महत्वपूर्ण होगा।
IOC
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) एक सरकारी स्वामित्व वाली गैस और तेल कंपनी है जिसकी स्थापना वर्ष 1959 में हुई थी। इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है और इसके वर्तमान अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य हैं।
SOURCE-THE HINDU