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Current Affair 21 June 2021

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21 June Current Affairs

एम-योग ऐप

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 7वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अपने सम्बोधन के दौरान ‘डब्ल्यूएचओ एम-योग’ ऐप लॉन्च किया। एम-योग ऐप कई भाषाओं में सामान्य योग प्रोटोकॉल पर आधारित, योग प्रशिक्षण और अभ्यास के कई वीडियो उपलब्ध कराएगा। इसे आधुनिक तकनीक और प्राचीन विज्ञान के मेल का एक बेहतरीन उदाहरण बताते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि एम-योग एप, योग को दुनिया भर में फैलाने में मदद करेगा और ‘एक विश्व, एक स्वास्थ्य’ के प्रयासों में योगदान देगा।

पृष्ठभूमि:

आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने संयुक्त रूप से 2019 के मध्य में मोबाइल-योग पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक परियोजना शुरू की थी। इस परियोजना में 2030 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के तहत ‘स्वस्थ रहें, गतिशील रहें’ (बीएचबीएम) की अवधारणा की परिकल्पना की गयी है। ‘स्वस्थ रहें, गतिशील रहें’ (बीएचबीएम) पहल डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में एक वैश्विक साझेदारी है, जो गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली के दायरे में गतिशील स्वास्थ्य (एम-स्वास्थ्य) प्रौद्योगिकी के विस्तार का समर्थन करती है।

उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, डब्ल्यूएचओ और आयुष मंत्रालय ने जुलाई, 2019 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। एम-योग परियोजना चार क्षेत्रों पर केंद्रित है :

(1)       सामान्य तंदुरुस्ती के लिए सामान्य योग प्रोटोकॉल;

(2)       मानसिक स्वास्थ्य और सहनशीलता के लिए योग;

(3)       किशोरों के लिए योग; तथा

(4)       मधुमेह-पूर्व वाले लोगों के लिए योग।

इसके आधार पर, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) द्वारा डब्ल्यूएचओ प्रौद्योगिकी भागीदारों के परामर्श से एक आवश्यक पुस्तिका और मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किए जाने का प्रस्ताव था। पुस्तिका पर काम अंतिम चरण में है और वर्तमान में लॉन्च किया गया ऐप संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाओं में से दो यानी अंग्रेजी और हिंदी में उपलब्ध है। इस कार्य में, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) ने सामान्य योग प्रोटोकॉल पुस्तिकाएं, वीडियो शूट, सामान्य स्वास्थ्य के लिए विभिन्न अवधि (45 मिनट, 20 मिनट और 10 मिनट) के सामान्य योग प्रोटोकॉल तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों के तहत पुस्तिकाओं के संयुक्त राष्ट्र की 6 प्रमुख भाषाओं में अनुवाद और डिजाइन तैयार किये गए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन

विश्व के देशों के स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं पर आपसी सहयोग एवं मानव को स्वास्थ्य सम्बन्धी समज विकसित कराने की संस्था है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्य देश तथा दो संबद्ध सदस्य हैं। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक अनुषांगिक इकाई है। इस संस्था की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को की गयी थी। इसका उद्देश्य संसार के लोगो के स्वास्थ्य का स्तर ऊँचा करना है। डब्यूप्र एचओ का मुख्यालय स्विट्ज़रलैण्ड के जिनेवा शहर में स्थित है। इथियोपिया के डॉक्टर टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस विश्व स्वास्थ्य संगठन के नए महानिदेशक निर्वाचित हुए हैं।

इतिहास

वर्ष 1945 में सैन फ़्रांसिस्को (San Francisco) सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र (United Nation) के गठन के समय ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के निर्माण की कल्पना कर ली गई थी।

वर्ष 1945 में, तीन भौतिकविद चीन की डॉ. ज़ेमंग ज़े, नॉर्वे के कार्ल एवंग तथा ब्राज़ील के गेराल्डो डी पाउलो सोयुज द्वारा समस्त विश्व की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक प्रमुख तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य संगठन की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया था।

इस प्रस्ताव के आधार पर ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (World Health Organization) की स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को वास्तविक 61 सदस्य राष्ट्रों में से 26 सदस्य राष्ट्रों द्वारा दिये गए अनुसमर्थन (ratify) से की गई।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय जेनेवा, स्विट्ज़रलैण्ड (Geneva, Switzerland) में स्थित है, तथा इसके 6 क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं, जो हरारे (अफ्रीका), कोपेनहेगेन (यूरोप), नई दिल्ली (दक्षिण पूर्वी एशिया), वाशिंगटन डी सी (अमेरिका), कायरो (पूर्वी मेडिटेरेनियन) तथा मनीला (पश्चिमी पैसिफिक) क्षेत्रों में स्थित हैं।

इसका प्रशासन विश्व स्वास्थ्य सभा के सदस्यों की देख रेख में किया जाता है। यह सदस्य सभी (वर्ष 2005 तक के आँकड़ों के अनुसार) 192 सदस्य राष्ट्रों द्वारा भेजे गए प्रतिनिधि ही होते हैं। विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा एक कार्यपालक दल का चुनाव किया जाता है, जिस दल में से ही एक व्यक्ति को संगठन के निदेशक (Director- General) के रूप में मनोनीत किया जाता है तथा सभा द्वारा उसका चुनाव अन्तिम रूप से किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के निदेशक का कार्य-काल कुल पाँच वर्ष का होता है।

वर्ष 1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वास्तविक प्राथमिकताओं में मलेरिया (Malaria), मातृ तथा शिशु स्वास्थ्य (Mother and Child Health), ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis), यौन रोग (Venereal Disease), पोषण (nutrition) तथा पर्यावरणीय स्वच्छता (Environmental Sanitation) इत्यादि विषय सम्मिलित थे। इसके अलावा कुछ अतिरिक्त विषय जो संज्ञान में लिए गए थे, वे थे : जन स्वास्थ्य कल्याण प्रशासन, परजैविक तथा विषाणुजनित बीमारियाँ, तथा मानसिक स्वास्थ्य।

विश्व स्वास्थ्य संगठन उन सभी अन्तरराष्ट्रीय स्वच्छता आयोगों के प्रयासों के परिणाम के रूप में सामने आया, जिन्हें 19वीं शताब्दी में संक्रामक रोगों की रोकथाम तथा उपचार हेतु बनाया गया था। जहाँ एक तरफ पूर्व में बनाये गए संगठनों का उद्देश्य किसी संक्रामक रोग को एक विशेष राष्ट्र अथवा क्षेत्र से बाहर रखना होता था, वहीं दूसरी तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन का उद्देश्य किसी संक्रामक बीमारी को जड़ से खत्म करना होता है, फिर चाहे वह विश्व के किसी भी राष्ट्र अथवा भाग में फैली हुई हो।

1947 : WHO ने और 1950 तक एक जन तपेदिक टीका बीसीजी वैक्सीन का उपयोग कर इनकोलेशन ड्राइव के माध्यम से एक महामारी विज्ञान सूचना सेवा की स्थापना की थी।

1955 : मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया गया था, हालाँकि इसे बाद में उद्देश्य में बदल दिया गया था। 1955 में मधुमेह मेलेटस और कैंसर पर अनुसंधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी की पहली रिपोर्ट देखी गई।

1986 : WHO ने एचआईवी / एड्स पर अपना वैश्विक कार्यक्रम शुरू किया। दो साल बाद पीड़ितों के खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए और 1996 में UNAIDS का गठन किया गया।

1988 : ग्लोबल पोलियो उन्मूलन पहल की स्थापना की गई थी।

1998 : डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने बाल अस्तित्व में लाभ पर प्रकाश डाला, [[शिशु मृत्यु दर] में कमी, जीवन प्रत्याशा में वृद्धि और चेचक के रूप में “दस्तों” और पोलियो की दरों में कमी की हालाँकि, उन्होंने स्वीकार किया कि मातृ स्वास्थ्य की सहायता के लिए और अधिक किया जाना था और इस क्षेत्र में प्रगति धीमी थी।

2000 : [[मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स] के संयुक्त राष्ट्र के निर्माण के साथ [स्टॉप टीबी पार्टनरशिप]] बनाया गया था।

2001 : खसरा पहल का गठन किया गया था, और 2007 तक बीमारी से वैश्विक मौतों को 68% तक कम करने का श्रेय दिया गया था।

2002 : ग्लोबल फंड टू फाइट एड्स, ट्यूबरकुलोसिस और मलेरिया उपलब्ध संसाधनों को बेहतर बनाने के लिए तैयार किया गया था

भारत में उपस्थिति : नवम्बर 1949 से

परिचय : विश्वय स्वास्थ्य संगठन, स्वास्थ्य के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेषज्ञ एजेंसी है। यह एक अंतर-सरकारी संगठन है जो आमतौर पर सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के जरिए उनके साथ मिलकर काम करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया में स्वास्थ्य संबंधी मामलों में नेतृत्वय प्रदान करने, स्वास्थ्य अनुसंधान एजेंडा को आकार देने, नियम और मानक तय करने, प्रमाण आधारित नीतिगत विकल्पै पेश करने, देशों को तकनीकी समर्थन प्रदान करने और स्वास्थ्य संबंधी रुझानों की निगरानी और आकलन करने के लिए जिम्मेदार है। भारत के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंट्री कार्यालय का मुख्यालय दिल्‍ली में है और देश भर में उसकी उपस्थिति है। इस कार्यालय के कार्य क्षेत्र का वर्णन इसकी कंट्री को-ऑपरेशन स्ट्रेटजी (सीसीएस) 2012-2017 में दर्ज है।

स्थाइन : नई दिल्‍ली, भारत

फोकस के क्षेत्र : मातृ, नवजात, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य, संचारी रोग नियंत्रण; असंचारी रोग एवं स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारक; सार्वभौम स्वास्थ्य सेवा प्रसार; सतत् विकास और स्वस्थ‍ पर्यावरण; स्वास्थ्य तंत्रों का विकास, स्वास्थ्य सुरक्षा और आपातस्थितियां।

नोडल मंत्रालय : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्यारण मंत्रालय।

SOURCE-PIB & UN

 

फ्लेक्स-फ्यूल इंजन

केंद्र सरकार भारत में कार निर्माताओं के लिए फ्लेक्स-फ्यूल इंजन (flex-fuel engines) वाले वाहनों के उत्पादन को अनिवार्य बनाने की योजना बना रही है।

मुख्य बिंदु

  • यह फैसला 2030 से 2025 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाने की कट-ऑफ तारीख को आगे बढ़ाने के बाद लिया गया था।
  • सरकार जल्द ही ऑटो उद्योग से ग्राहकों को अपनी कारों और दोपहिया वाहनों को चलाने के लिए अधिक लागत प्रभावी ईंधन चुनने का विकल्प प्रदान करने के लिए कहने पर निर्णय लेगी।
  • ब्राजील, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में फ्लेक्स-ईंधन इंजन पहले से ही प्रचलन में हैं। इन देशों में, बहुत सारे वाहन मालिक अपनी कारों के लिए ईंधन के रूप में इथेनॉल का उपयोग करते हैं।
  • क्या होता है फ्लेक्स फ्यूल इंजन?

इस इंजन की बड़ी बात ये होती है कि इसमें दो तरह के फ्यूल डाले जा सकते हैं। ये सामान्य इंटर्नल कम्ब्यूशन इंजन (ICE) इंजन जैसा ही होता है। इसे एक या एक से अधिक तरह के फ्यूल से चल सकता है। इस इंजन को मिक्स फ्यूल का भी प्रयोग हो सकता है। ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में ऑटोमोबाइल कंपनियां फ्लेक्स-फ्यूल इंजन बनाती हैं।

  • 2023 तक 20% एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य

सरकार ने अगले दो साल में पेट्रोल में 20% एथेनॉल ब्लेंडिंग (सम्मिश्रण) का लक्ष्य रखा है। इससे देश को महंगे कच्चे तेल आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। अभी पेट्रोल में 8.5% एथेनॉल मिलाया जाता है। एथेनॉल का उत्पादन गन्ने से होता है।

  • तीसरा बड़ा तेल आयातक देश है भारत

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है और अपनी मांग का 85 फीसदी हिस्सा विदेशों से मांगता है। भारत में जरूरी लक्ष्य को पूरा करने के लिए करीब 10 अरब लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी।

  • क्या है एथेनाल के फायदे

एथेनॉल के इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनाऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। यह कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन और सल्फर डाइऑक्साइज को भी कम करता है। इसके अलावा एथेनॉल हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को भी कम करता है। एथेनॉल में 35 फीसदी ऑक्सीजन होता है। एथेनॉल फ्यूल को इस्तेमाव करने से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है।

  • क्या है एथेनॉल फ्यूल

एथेनॉल एक प्रकार का फ्यूल है। जिसके इस्तेमाल से प्रदूषण कम होता है। इस फ्यूल से गाड़ियां भी चलाई जा सकती हैं। एतेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है।

SOURCE- DANIK JAGRAN

 

भारत 2020 में FDI का 5वां सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बना

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2020 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 64 बिलियन डालर प्राप्त किए। भारत दुनिया भर में FDI प्रवाह का पांचवां सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बन गया है।

विश्व निवेश रिपोर्ट 2021

“World Investment Report 2021” व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) द्वारा जारी की गयी है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक एफडीआई प्रवाह कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

2020 में FDI प्रवाह, 2019 के 1.5 ट्रिलियन डॉलर से 35% घटकर 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर हो गया है।

दुनिया भर में लॉकडाउन ने मौजूदा निवेश परियोजनाओं और बहुराष्ट्रीय उद्यमों की नई परियोजनाओं को शुरू करने की संभावनाओं को धीमा कर दिया है।

भारत पर अध्ययन

इस रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में FDI 27% बढ़कर 64 अरब डॉलर हो गया है। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) उद्योग में अधिग्रहण से FDI में वृद्धि हुई है। महामारी ने वैश्विक स्तर पर डिजिटल बुनियादी ढांचे और सेवाओं की मांग भी बढ़ा दी है। इसने ICT उद्योग में ग्रीनफील्ड एफडीआई परियोजना के उच्च मूल्यों को जन्म दिया है। इस रिपोर्ट में प्रकाश डाला गया है कि COVID-19 भारत की दूसरी लहर ने देश की समग्र आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया है। FDI बहिर्वाह (FDI outflows) के लिए भारत को दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं में 18वें स्थान पर रखा गया है। इस रिपोर्ट पर प्रकाश डाला गया है कि यूरोपीय संघ (EU) के साथ देश के मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वार्ता को फिर से शुरू करने और अफ्रीका में इसके मजबूत निवेश के समर्थन से भारत से निवेश 2021 में स्थिर हो जाएगा।

SOURCE-GK TODAY

 

हरित हाइड्रोजन पहल

भारत हरित हाइड्रोजन पहल (Green Hydrogen Initiatives) पर दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। यह शिखर सम्मेलन 22 जून, 2021 से शुरू होगा जिसमें ब्रिक्स राष्ट्र शामिल होंगे।

मुख्य बिंदु

यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम अपनी ग्रीन हाइड्रोजन पहलों और विचारों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

इस ऑनलाइन कार्यक्रम की मेजबानी भारत के सबसे बड़े बिजली उत्पादक NTPC द्वारा की जाएगी।

  • इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के सर्वश्रेष्ठ नीति निर्माता और प्रमुख हितधारक ऊर्जा मिश्रण में हाइड्रोजन के भविष्य पर विचार-विमर्श और चर्चा करेंगे।
  • यह शिखर सम्मेलन समग्र ऊर्जा नीति ढांचे में हाइड्रोजन को एकीकृत करने वाले विचारों पर पैनल चर्चा का गवाह बनेगा।

हाइड्रोजन

हाइड्रोजन की खोज 1766 में हेनरी केवेण्डिस ने की थी। इन्होने इसे लोहा पर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया से प्राप्त किया था तथा ज्वलनशील वायु नाम था। 1883 में लैवाशिए ने इसका नाम हाइड्रोजन रखा क्योकि यह ऑक्सीजन के साथ जलकर जल बनाती है

यह आवर्त सारणी का सबसे पहला तत्व है जो सबसे हल्का भी है। ब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तारों तथा सूर्य का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन से बना है। इसके एक परमाणु में एक प्रोट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन होता है। इस प्रकार यह सबसे सरल परमाणु भी है। प्रकृति में यह द्विआण्विक गैस के रूप में पाया जाता है जो वायुमण्डल के बाह्य परत का मुख्य संघटक है। हाल में इसको वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकने के लिए शोध कार्य हो रहे हैं। यह एक गैसीय पदार्थ है जिसमें कोई गंध, स्वाद और रंग नहीं होता है। यह सबसे हल्का तत्व है (घनत्व 0.09 ग्राम प्रति लिटर)। हाइड्रोजन बहुत निम्न ताप पर द्रव और ठोस होता है

उपस्थिति

असंयुक्त हाइड्रोजन बड़ी अल्प मात्रा में वायु में पाया जाता है। ऊपरी वायु में इसकी मात्रा अपेक्षाकृत अधिक रहती है। सूर्य के परिमंडल में इसकी प्रचुरता है। पृथ्वी पर संयुक्त दशा में यह जल, पेड़ पौधे, जांतव ऊतक, काष्ठ, अनाज, तेल, वसा, पेट्रालियम, प्रत्येक जैविक पदार्थ में पाया जाता है। अम्लों का यह आवश्यक घटक है। क्षारों और कार्बनिक यौगिकों में भी यह पाया जाता है।

हाइड्रोजन के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

हाइड्रोजन जो जीवाश्म ईंधन से उत्पन्न होता है उसे ग्रे हाइड्रोजन (grey hydrogen) कहा जाता है और जो कार्बन कैप्चर और भंडारण विकल्पों के साथ जीवाश्म ईंधन से उत्पन्न होता है उसे नीला हाइड्रोजन (blue hydrogen) कहा जाता है। दूसरी ओर, ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) पूरी तरह से अक्षय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त होता है।

ग्रीन हाइड्रोजन के लाभ

ग्रीन हाइड्रोजन पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि इसके उपयोग से शून्य उत्सर्जन होता है। यह एक स्वच्छ जलने वाला अणु है जो लोहा और इस्पात, रसायन और परिवहन जैसे क्षेत्रों को डीकार्बोनाइज कर सकता है। ग्रीन हाइड्रोजन स्वच्छ विद्युत गतिशीलता की ओर परिवर्तन में भी मदद करेगा और ऊर्जा भंडारण के लिए खनिजों और दुर्लभ-पृथ्वी तत्व-आधारित बैटरी पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा।

गुण

हाइड्रोजन वायु या ऑक्सीजन में जलता है। जलने का ताप ऊँचा होता है। ज्वाला रंगहीन होती है। जलकर यह जल (H2O) और अत्यल्प मात्रा में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड (H2O2) बनाता है। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण में आग लगाने या विद्युत्‌ स्फुलिंग से बड़े कड़ाके के साथ विस्फोट होता है और जल की बूँदें बनती हैं।

हाइड्रोजन अच्छा अपचायक है। लोहे के मोर्चों को लोहे में और ताँबे के आक्साइड को ताँबे में परिणत कर देता है। यह अन्य तत्वों के साथ संयुक्त हो यौगिक बनाता है। क्लोरीन के साथ क्लोराइड, (HCl), नाइट्रोजन के साथ अमोनिया (NH3) गंधक के साथ हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S), फास्फोरस के साथ फास्फोन (PH3) ये सभी द्विअंगी यौगिक हैं। इन्हें हाइड्राइड या उदजारेय कहते है।

हाइड्रोजन एक विचित्र गुणवाला तत्व है। यह है तो अधातु पर अनेक यौगिकों से धातुओं सा व्यवहार करता है। इसके परमाणु में केवल एक प्रोटॉन और एक इलेक्ट्रॉन होते हैं। सामान्य हाइड्रोजन में 0.002 प्रतिशत एक दूसरा हाइड्रोजन होता है जिसको भारी हाइड्रोजन की संज्ञा दी गई है। यह सामान्य परमाणु हाइड्रोजन से दुगुना भारी होता है। इसे ‘ड्यूटीरियम’ (D) कहते हैं और इसका उत्पत्ति होता है जब हाइड्रोजन (उदजन) को एक अधिक न्यूट्रॉन मिलते है और ऐसे ड्यूटेरियम को हाइड्रोजन का एक समस्थानिक कहते है। ऑक्सीजन के साथ मिलकर यह भारी जल (D2O) बनाता है। हाइड्रोजन के एक अन्य समस्थानिक का भी पत लगा है। इसे ट्रिशियम (Tritium) कहते हैं और इसका उत्पत्ति होता है जब ड्यूटीरियम को एक अधिक न्यूट्रॉन मिलते है। सामान्य हाइड्रोजन से यह तिगुना भारी होता है।

उपयोग

हाइड्रोजन के अनेक उपयोग हैं। हेबर विधि में नाइट्रोजन के साथ संयुक्त हो यह अमोनिया बनता है जो उर्वरक के रूप में व्यवहार में आता है। तेल के साथ संयुक्त होकर हाइड्रोजन वनस्पति तेल (ठोस या अर्धठोस वसा) बनाता है। खाद्य के रूप में प्रयुक्त होने के लिए वनस्पति तेल बहुत बड़ी मात्रा (mass scale) में बनती है। अपचायक के रूप में यह अनेक धातुओं के निर्माण में काम आता है। इसकी सहायता से कोयले से संश्लिष्ट पेट्रोलियम भी बनाया जाता है। अनेक ईधंनों में हाइड्रोजन जलकर ऊष्मा उत्पन्न करता है। ऑक्सीहाइड्रोजन ज्वाला का ताप बहुत ऊँचा होता है। वह ज्वाला धातुओं के काटने, जोड़ने और पिघलाने में काम आती है। विद्युत्‌ चाप (electric arc) में हाइड्रोजन के अणु के तोड़ने से परमाण्वीय हाइड्रोजन ज्वाला प्राप्त होती है जिसका ताप 3370° सें. तक हो सकता है।

हल्का होने के कारण गुब्बारा और वायुपोतों में हाइड्रोजन प्रयुक्त होता है तथा इसका स्थान अब हीलियम ले रहा है।

SOURCE-THE HINDU

 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

हर साल दुनिया भर में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, इसका उद्देश्य योग के लाभ के बारे में जागरूकता फैलाना है और लोगों को अपने स्वास्थ्य के परत सचेत करना है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पहली बार वर्ष 2015 में मनाया गया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य योग का अभ्यास करने के लाभों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है।

थीम : Yoga For Wellness

इस वर्ष की थीम वैश्विक महामारी के समय योग के महत्व पर केंद्रित है। चूंकि दुनिया भर के अधिकांश देश लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन कर रहे हैं, कई आर्थिक गतिविधियां रुक गई हैं, जो नौकरी की असुरक्षा, आर्थिक रूप से आदि के कारण तनाव के परिणामस्वरूप व्यक्तियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।

अनिश्चितता के इस समय में स्वास्थ्य में सुधार के साधन के रूप में, योग के ऐसे लाभ हैं जो किसी व्यक्ति को मानसिक शान्ति, लचीलेपन और फिटनेस को बढ़ाकर तनाव से निपटने में मदद कर सकते हैं। इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न ऑनलाइन संसाधनों के माध्यम से घर से योग सीखा और अभ्यास किया जा सकता है।

पृष्ठभूमि

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र के उद्घाटन के दौरान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के विचार के लिए प्रस्ताव रखा था। संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर, 2014 में प्रस्ताव पारित किया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित कर दिया। पहला योग दिवस 2015 में राजपथ, नई दिल्ली में मनाया गया था। इसने 35,985 लोगों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा योग सत्र होने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।

योग क्या है?

योग एक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई। योग शब्द संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है जुड़ना। योग शरीर और चेतना के एकीकरण का प्रतीक है। योग में 84 शास्त्रीय आसन हैं जैसे ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन आदि।

व्यस्त जीवन शैली के कारण पिछले कुछ दशकों में शारीरिक निष्क्रियता दुनिया भर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक बन गई है क्योंकि यह गैर-संचारी रोगों जैसे मधुमेह, हृदय रोग आदि का कारण बनती है। योग शारीरिक गतिविधि से अधिक है, यह न केवल अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है लेकिन दिन-प्रतिदिन के जीवन को संतुलित बनाए रखने में भी मदद करता है।

SOURCE-GK TODAY

  

हाइड्रोजन टास्क फोर्स

US India Strategic Partnership Forum (USISPF) के अनुसार, भारत और अमेरिका ने “Strategic Clean Energy Partnership (SCEP)” के तहत एक हाइड्रोजन टास्क फोर्स शुरू किया है जो भारत के ऊर्जा सुरक्षा प्रयासों को बढ़ावा देगा।

भारत-अमेरिका हाइड्रोजन टास्क फोर्स (US-India Hydrogen Task Force)

  • यह कार्य बल (task force) अमेरिका के ऊर्जा विभाग, केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) और USISPF द्वारा लांच किया गया था।
  • यह उद्योग और सरकारी हितधारकों का प्रतिनिधित्व करेगा और प्रौद्योगिकी की स्थिति का आकलन करेगा, नवीन नीति विकल्पों का अध्ययन करेगा और सिफारिशें करेगा।
  • यह कार्य बल डीकार्बोनाइजिंग, उच्च प्रदूषणकारी औद्योगिक क्षेत्रों और एक हरित और स्वच्छ ग्रह को प्राप्त करने के लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करेगा।
  • यह दोनों देशों के बीच केंद्रित सार्वजनिक, निजी सहयोग को मजबूत करेगा और हाइड्रोजन ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के तीव्र विकास और तैनाती के लिए रास्ता बनाएगा।
  • यह निजी क्षेत्र के इनपुट को एकीकृत करने के उद्देश्य से नवीनतम तकनीक लाने और हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और तैनात करने के लिए व्यावसायिक मॉडल अपनाने के उद्देश्य से उद्योगों और शिक्षाविदों को एक साथ लाने लाएगा।

टास्क फोर्स का उद्देश्य

किफायती हाइड्रोजन समाधान प्राप्त करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करने के उद्देश्य से यूएस-इंडिया हाइड्रोजन टास्क फोर्स का गठन किया गया है। यह कम या शून्य-कार्बन हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों और तैनाती को बढ़ाकर ऊर्जा सुरक्षा और लचीलापन बढ़ाने का प्रयास करेगा।

SOURCE-GK TODAY

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