Current Affairs – 22 September, 2021
“एक्सपोर्टर्स कॉन्क्लेव” कम एग्जीबिशन का उद्घाटन
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ प्रगतिशील भारत की स्वतंत्रता के 75 साल और यहां के लोगों, संस्कृति व उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने और उसकी स्मृति में शुरू की गई भारत सरकार की पहल है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मार्च, 2021 को साबरमती आश्रम, अहमदाबाद से ‘डांडी मार्च’ को हरी झंडी दिखाकर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का शुभारम्भ किया था। यह महोत्सव 15 अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा। आजादी का अमृत महोत्सव का उद्देश्य 2047 में भारत के लिए एक विजन तैयार करना है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के तहत आने वाली एक सांविधिक संस्था एपिडा भारतीय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को प्रोत्साहन देने वाली नोडल एजेंसी है और बागवानी, फूलों की खेती, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, पोल्ट्री उत्पाद, डेयरी व अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात को सुविधाजनक बनाने और प्रोत्साहन देने के लिए जिम्मेदार है।
एपिडा ने वर्चुअल ट्रेड फेयर के आयोजन के लिए वर्चुअल पोर्टलों के विकास, फार्मर कनेक्ट पोर्टल, ई-ऑफिस, होर्टिनेट ट्रेसेबिलिटी सिस्टम, बायर सेलर मीट, रिवर्स बायर सेलर मीट, उत्पाद केंद्रित अभियान आदि के द्वारा कई निर्यात प्रोत्साहन गतिविधियां और पहल की हैं। एपिडा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और राज्यों से निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है।
कर्नाटक की व्यापक निर्यात क्षमताओं के दोहन के क्रम में और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोहों के तहत एपिडा द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत, एपिडा बंगलुरू क्षेत्रीय कार्यालय ने 22 सितंबर, 2021 (बुधवार) को द ललित अशोक, बंगलुरू में “एक्सपोर्टर्स कॉन्क्लेव” कम एग्जिबिशन का आयोजन किया। कार्यक्रम में राज्य के विभागीय अधिकारियों, केन्द्र सरकार की एजेंसियों, निर्यातकों, एफपीओ सहित प्रमुख हितधारकों को मिलाकर लगभग 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में विभिन्न एजेंसियों/ हितधारकों ने लगभग 25 स्टाल लगाए।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.3
पहले हिमालयन फिल्म महोत्सव की शुरुआत
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर 24 सितंबर 2021 को पहले हिमालयन फिल्म महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। पांच दिन की अवधि वाला यह फिल्म महोत्सव लेह-लद्दाख में 24 से 28 सितंबर 2021 तक आयोजित होगा।
फिल्म महोत्सव के उद्घाटन सत्र में शेरशाह फिल्म निर्माता और इसके कलाकार उपस्थित रहेंगे, जिनमें फिल्म निर्देशक श्री विष्णुवर्धन और फिल्म के प्रमुख कलाकार सिद्धार्थ मल्होत्रा शामिल है। शेरशाह फिल्म को दिखाने के साथ इस महोत्सव की शुरुआत होगी।
दर्शकों और सिने प्रेमियों को लुभाने के लिए फिल्म महोत्सव में विभिन्न खंड शामिल हैं।
यह इस प्रकार है:
- पांच दिवसीय फिल्म महोत्सव के दौरान लोकप्रिय फिल्मों की स्क्रीनिंग
इस दौरान समकालीन राष्ट्रीय पुरस्कारों और भारतीय पैनोरमा में चयनित फिल्मों का एक पैकेज प्रदर्शित किया जाएगा। यह स्क्रीनिंग सिंधु संस्कृति ऑडिटोरियम लेह में होगी, जिसमें डिजिटल प्रोडक्शन सुविधाएं हैं।
- कार्यशालाएं, मास्टरक्लास और बातचीत सत्र
इस दौरान विभिन्न प्रकार की कार्यशालाओं और मास्टरक्लास का आयोजन किया जाएगा। जिसमें स्थानीय स्तर के फिल्म निर्माताओं, आलोचकों और तकनीशियनों को आमंत्रित किया जाएगा और उन्हें इस क्षेत्र के ज्ञान एवं कौशल की जानकारी दी जाएगी। यह सत्र फिल्म निर्माण के प्रति लोगों के रचनात्मक रुझान को बढ़ावा देने में एक प्रेरक की भूमिका निभाएगा।
- प्रतियोगिता खंड- लघु और वृत्तचित्र फिल्म प्रतियोगिता
प्रतियोगिता खंड में लघु फिल्मों और लघु वृत्तचित्रों को आमंत्रित किया गया है। इस श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फिल्मों के लिए पुरस्कार फिल्म निर्देशक, प्रोड्यूसर, सर्वश्रेष्ठ छायांकन, सर्वश्रेष्ठ संपादन और सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए है।
यह फिल्म महोत्सव उपरोक्त आयोजनों के अलावा दर्शकों के विभिन्न रुझानों को पूरा करने का प्रयास करेगा।
- फूड फेस्टिवलः लद्दाख के विशिष्ट मौसम और भौगोलिक स्थितियों की वजह से यहां के विभिन्न क्षेत्रों के व्यंजन अद्वितीय है। फिल्म महोत्सव स्थल पर ही पांच दिनों के फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमः लद्दाख की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने के लिए संस्कृति विभाग के सहयोग से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
- संगीत महोत्सवः लद्दाख के उभरते युवा संगीतकारों को उनकी प्रस्तुति देने के लिए इस फिल्म महोत्सव में आमंत्रित किया गया है।
भारत का हिमालयी क्षेत्र अपने अनूठे प्राकृतिक सौंदर्य से विश्व भर के फिल्म निर्माताओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस क्षेत्र की विशिष्ट भौगोलिक विशेषता, यहां के स्थानीय लोग, पारम्परिक हुनर एवं कौशल तथा स्थानीय रोजगार से जुड़ी गतिविधियों पर व्यापक स्तर पर डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है। इस संदर्भ में फिल्म महोत्सव स्थानीय फिल्म निर्माताओं को उनकी कहानियां व्यापक तौर पर बताने का एक मौका प्रदान करता है।
पिछले दो दशकों में यहां के स्वतंत्र फिल्म उद्योग ने काफी प्रगति की है और फिल्म निर्माता स्थानीय भाषाओं में फिल्में बना रहे हैं। इसी अवधि में इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण भी हुआ है, जो ऑडियो-विजुअल क्षेत्र के विकास के लिए एक आवश्यक शर्त है। विभिन्न क्षेत्रों में हुए विकास से भारत में बनी एक लोकप्रिय फिल्म लद्दाख में तो पहुंच जाती है, लेकिन इस क्षेत्र की अनेकों कहानियां अभी भी बताने के लिए है, खासकर स्थानीय फिल्म निर्माताओं के नजरिए से इन्हें सामने लाया जाना बाकी है। इस संदर्भ में यह आयोजन फिल्म कार्यशालाओं, मास्टरक्लास और बातचीत सत्रों के आयोजन से उभरते एवं अपनी पहचान बना चुके, फिल्म निर्माताओं को आवश्यक कौशल एवं नेटवर्क संबंधी अवसर प्रदान करेगा।
हिमालयन फिल्म फेस्टिवल में हिमालयी क्षेत्र के फिल्म निर्माताओं को एक साथ लाकर उन्हें संस्थागत रूप देने की कल्पना की गई है। जिससे हिमालयी क्षेत्रों में फिल्म निर्माण में बेहतर नतीजे सामने आएंगे। इस पांच दिवसीय फिल्म महोत्सव के दौरान हिमालयी क्षेत्रों और देश के अन्य राज्यों में बनी फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1
खनिज उत्पादन सूचकांक
जून, 2021में खनन और उत्खनन क्षेत्र के खनिज उत्पादन का सूचकांक (आधार: 2011-12 = 100) 105.5 पर, जून, 2020 के स्तर की तुलना में 23.1 प्रतिशत अधिक था। अप्रैल-जून, 2020-21 की अवधि के लिए संचयी वृद्धि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 27.4 प्रतिशत बढ़ी है।
जून, 2021 में महत्वपूर्ण खनिजों का उत्पादन स्तर था: -कोयला 510 लाख टन, लिग्नाइट 34 लाख टन, प्राकृतिक गैस (प्रयुक्त) 2714 मिलियन घन मीटर, पेट्रोलियम (कच्चा) 25 लाख टन, बॉक्साइट 1739 हजार टन, क्रोमाइट 322 हजार टन , मैंगनीज अयस्क 208 हजार टन, जस्ता (सांद्र) 118 हजार टन, फॉस्फोराइट 110 हजार टन, चूना पत्थर 330 लाख टन, लौह अयस्क 224 लाख टन, सीसा (सांद्र) 29 हजार टन, तांबा (सांद्र) 10 हजार टन, सोना 41 किलोग्राम और हीरा 10 कैरेट।
जून, 2020 की तुलना में जून, 2021 के दौरान उत्पादन में सकारात्मक वृद्धि दिखाने वाले महत्वपूर्ण खनिजों में शामिल हैं: क्रोमाइट (130.3 प्रतिशत), मैग्नेसाइट (121.4 प्रतिशत),लौह अयस्क (82.8 प्रतिशत), तांबा (सांद्र) (27.8 प्रतिशत), प्राकृतिक गैस (यू) (20.6 प्रतिशत), लिग्नाइट (13.2 प्रतिशत) और नकारात्मक वृद्धि दिखाने वाले अन्य महत्वपूर्ण खनिजों का उत्पादन है: पेट्रोलियम (कच्चा) (-1.8 प्रतिशत), जस्ता (सांद्र) (-3.4 प्रतिशत), सीसा (सांद्र) (-9.6 प्रतिशत), फॉस्फोराइट (-32.6 प्रतिशत), सोना (-70.7 प्रतिशत) और हीरा (-99.4 प्रतिशत)।
भारत के प्रमुख खनिज उत्पादक राज्य की सूची–
भारत के प्रमुख खनिज-संसाधन
खनिज-पदार्थ प्राप्ति स्थान
पेट्रोलियम असम (डिग्बोई, सूरमा घाटी), गुजरात (खम्भात, अंकलेश्वर) महाराष्ट्र (बॉम्बे हाई)
लौह-अयस्क ओडिशा (सोनाई, क्योंझर, मयूरभंज), झारखंड (सिंहभूम, हजारीबाग, पलामू, धनबाद), छत्तीसगढ़ (बस्तर, दुर्ग, रायपुर, रायगढ़, बिलासपुर), मध्य प्रदेश (जबलपुर), कर्नाटक (बेलारी, चिकमंलुर, चीतल दुर्ग) महाराष्ट्र (रत्नागिरि, चांदा), तमिलनाडु (सलेम, तिरुचिरापल्ली), गोव
मैंगनीज ओडिशा (सुन्दरगढ़, सम्बलपुर, बोलंगीर, क्योंझर, कालाहांडी, कोरापुट), महाराष्ट्र (नागपुर और भंडारा), मध्य प्रदेश के (बालाघाट, छिंदवाड़ा), कर्नाटक (शिमोगा, बेलारी, चित्रदुर्ग, बीजापुर), आन्ध्र प्रदेश (श्रीकाकूलम), गुजरात (पंचमहल, बड़ौदा), झारखंड (सिंहभूम) एवं राजस्थान (बांसवाड़ा)
कोयला झारखंड (धनबाद, सिंहभूम, गिरिडीह), पश्चिम बंगाल (रानीगंज, आसनसोल), छत्तसीगढ़ (रायगढ़), ओडिशा (देसगढ़ तथा तलचर), असम (माकूम, लखीमपुर), महाराष्ट्र (चांदा), तेलंगाना (सिंगरेनी) मेघालय, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश (नामचिक, नामफुक)
ताँबा झारखंड (सिंहभूम, हजारीबाग), राजस्थान (खेतड़ी, झुंझुनू, भीलवाड़ा, अलवर एवं सिरोही), महाराष्ट्र (कोल्हापुर), कर्नाटक (चीतल दुर्ग हासन, रायचूर), मध्य प्रदेश (बालाघाट), आन्ध्रप्रदेश (अग्नि गुंडल)
बॉक्साइट ओडिशा, झारखंड (कोडरमा, हजारीबाग), बिहार (गया, एवं मुंगेर), महाराष्ट्र (नागपुर, भंडारा तथा रत्नागिरी), राजस्थान (अजमेर, शाहपुर), आन्ध्र प्रदेश (नेल्लोर)
अभ्रक आन्ध्र प्रदेश (नेल्लोर जिला), झारखंड (पलामू), गुजरात (खेड़ा), मध्य प्रदेश (कटनी, बालाघाट, जबलपुर), छत्तीसगढ़ (बिलासपुर) राजस्थान
सोना कर्नाटक (कोलार तथा हट्टी की खान), आन्ध्र प्रदेश (रामगिरि खान, अनन्तपुर), तेलंगाना (वारंगल), तमिलनाडु (नीलगिरी एवं सलेम), झारखंड (हीराबुदनी खान सिंहभूम)
हीरा मध्यप्रदेश (मझगावाँ खान, पन्ना जिला)
जस्ता राजस्थान (उदयपुर), ओडिशा, जम्मू-कश्मीर (उत्पादन में द्वितीय स्थान)
यूरेनियम झारखंड (राँची, हजारीबाग, सिंहभूम)
मैग्नेजाइट उत्तराखंड, राजस्थान, तमिमलनाडु, आन्ध्र प्रदेश
चाँदी राजस्थान (जवार खान) कर्नाटक (चित्रदुर्ग, बेलारी), आ. प्रा. (कुडप्पा गुटूर), झारखंड (संथालपरगना, सिंहभूम)।
थोरियम पाइराइट्स राजस्थान (पाली, भीलवाड़ा
क्रोमाइट झारखंड एवं ओडिशा
टंगस्टन राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक
सीसा झारखंड, राजस्थान।
लिग्नाइट तमिलनाडु, राजस्थान
टिन छत्तीसगढ
भारत में खनिजों के सर्वेक्षण, पूवेक्षण एवं अन्वेषण के कार्य जिओलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (मुख्यालय कोलकाता), भारतीय खान ब्यूरो (मुख्यालय नागपुर) तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (मुख्यालय-देहरादून), खनिज अन्वेषण निगम लि. (मुख्यालय-नागपुर), राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (मुख्यालय हैदराबाद), राष्ट्रीय एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड और विभिन्न राज्यों के खदान एवं भूविज्ञान विभाग करते हैं। भारत के शीर्ष पाँच खनिज उत्पादक राज्य क्रमश: ओडिशा, राजस्थान, आन्ध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं झारखंड हैं।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1
सांकेतिक भाषा दिवस
नई दिल्ली स्थित भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी), जो कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के भीतर एक स्वायत्त निकाय है, कल डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर, 15 जनपथ, नई दिल्ली में ‘सांकेतिक भाषा दिवस’ मनाएगा।
जब से संयुक्त राष्ट्र ने 23 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के रूप में घोषित किया है, आईएसएलआरटीसी ने इस दिवस को हर साल मनाया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनता को भारतीय सांकेतिक भाषाओं और सुनने में अक्षम रहने वाले व्यक्तियों की सूचना और संचार तक पहुंच के महत्व के बारे में जागरूक करना है। सांकेतिक भाषा न केवल लोगों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, बल्कि यह सुनने में रहने वाले अक्षम व्यक्तियों के लिए रोजगार के सृजन और व्यावसायिक प्रशिक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
इस कार्यक्रम के दौरान, भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र ‘भारतीय सांकेतिक भाषा यात्रा’ के बारे में एक वृत्तचित्र प्रस्तुत करेगा और चौथी भारतीय सांकेतिक भाषा प्रतियोगिता 2021, जो कि सुनने में अक्षम रहने वाले छात्रों के लिए आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय स्तर की एक प्रतियोगिता है, के विजेताओं की घोषणा भी करेगा। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री द्वारा भारत के विभिन्न हिस्सों से आने वाले कुछ विजेताओं के साथ उनके अनुभव साझा करने के लिए सीधी बातचीत करने की भी संभावना है।
आईएसएलआरटीसी ने पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को भारतीय सांकेतिक भाषा (डिजिटल प्रारूप) में रूपांतरण कराने के उद्देश्य से 6 अक्टूबर, 2020 को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे ताकि इन पाठ्यपुस्तकों को सुनने में अक्षम रहने वाले बच्चों के लिए सुलभ बनाया जा सके। पहली कक्षा से लेकर पांचवीं कक्षा तक की पाठ्यपुस्तकों के रूपांतरण की इस परियोजना का पहला चरण पूरा हो चुका है और इस कार्यक्रम के दौरान इन पाठ्यपुस्तकों की ई-सामग्री का शुभारंभ किया जाएगा।
SOURCE-PIB
PAPER-G.S.1 PRE
COP-26 और हरित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण
भारत पार्टियों के सम्मेलन (COP-26) से पहले विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों को हरित प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण और वित्तपोषण पर अपनी बात पर बल दे रहा है।
मुख्य बिंदु
- संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (UNFCCC) में COP 26 नवंबर, 2021 में ग्लासगो में आयोजित किया जायेगा।
- हरित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (green technology transfer) को आगामी जलवायु वार्ताओं के लिए एक महत्वाकांक्षी परिणाम प्राप्त करने की कुंजी के रूप में देखा जाता है।
जलवायु परिवर्तन की दिशा में भारत के प्रयास
- भारत नियमित रूप से बल दे रहा है कि विकसित देशों को 2009 में किए गए 100 अरब डॉलर की सहायता के अपने वादे को पूरा करना चाहिए। भारत विकसित देशों को शमन की उनकी जिम्मेदारी और विकासशील देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के बारे में याद दिलाता रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ बैठक
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ बैठक के दौरान, भारतीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि COP-26 को कम लागत पर हरित प्रौद्योगिकियों के पैमाने, दायरे और गति और हरित प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण में जलवायु वित्त पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- भारतीय मंत्री ने जलवायु परिवर्तन वार्ता में किसी भी सफल परिणाम के लिए UNFCCC प्रक्रिया के सिद्धांतों को बनाए रखने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
- इस बैठक के दौरान, जलवायु संकट से निपटने के लिए वित्त, शमन और अनुकूलन पर महत्वपूर्ण जलवायु कार्रवाइयों पर भी चर्चा की गई।
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (United Nations Framework Convention on Climate Change – UNFCCC)
UNFCCC को “जलवायु प्रणाली के साथ मानवीय हस्तक्षेप” का मुकाबला करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संधि के रूप में स्थापित किया गया था। यह वातावरण में ग्रीनहाउस गैस सांद्रता को स्थिर करके आंशिक रूप से स्थापित किया गया था। पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCED) या 1992 में पृथ्वी शिखर सम्मेलन में 154 राज्यों द्वारा संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसका मुख्यालय बॉन में है।
SOURCE-GK TODAY
PAPER-G.S.3
SDG Progress Award
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को “SDG Progress Award” से सम्मानित किया गया है।
मुख्य बिंदु
- यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित Sustainable Development Solutions Network (SDSN) द्वारा प्रदान किया गया।
- उन्हें गरीबी को समाप्त करने, ग्रह की रक्षा के साथ-साथ सभी के लिए शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सम्मानित किया गया।
- यह आयोजन सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों (Millennium Development Goals – MDG) को प्राप्त करने के बाद सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals – SDG) की अगुवाई में राष्ट्र की सफलता की एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति थी।
सतत विकास समाधान नेटवर्क (Sustainable Development Solutions Network – SDSN)
SDSN की स्थापना 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के तत्वावधान में प्रमुख अर्थशास्त्री और विकास रणनीतिकार प्रोफेसर जेफरी डी. सैक्स द्वारा की गई थी। इस मंच का उद्देश्य वैश्विक वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञता को जुटाना है ताकि सतत विकास के लिए व्यावहारिक समाधान को बढ़ावा दिया जा सके और विकास प्रदर्शन के लिए देश-विशिष्ट प्रतिस्पर्धात्मकता का आकलन किया जा सके।
सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals – SDGs)
SDG 17 परस्पर जुड़े वैश्विक लक्ष्यों का संग्रह है जिन्हें “सभी के लिए बेहतर और अधिक सतत भविष्य प्राप्त करने का खाका” के रूप में डिजाइन किया गया है। ये लक्ष्य 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित किए गए थे और इन्हें 2030 तक हासिल करने का इरादा है।
SOURCE-THE HINDU
PAPER-G.S.1 PRE
विश्व अल्जाइमर दिवस
विश्व अल्जाइमर दिवस 21 सितंबर को दुनिया भर में बीमारी, सामान्य लक्षणों और जोखिम कारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
मुख्य बिंदु
- अल्जाइमर रोग एक प्रचलित प्रकार का मनोभ्रंश (dementia) है जो धीरे-धीरे स्मृति हानि और संज्ञानात्मक क्षमता (cognitive capacity) के नुकसान का कारण बनता है।
- यह दिन अल्जाइमर रोग के कारण और गंभीरता के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
- कुछ देशों में यह दिन पूरे महीने मनाया जाता है।
अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s Disease)
अल्जाइमर रोग एक अपक्षयी मस्तिष्क की स्थिति (degenerative brain condition) है जो धीरे-धीरे स्मृति और संज्ञानात्मक क्षमताओं को खराब करती है। यह वृद्ध लोगों में मनोभ्रंश का सबसे आम कारण है। यह स्थिति एक प्रगतिशील बीमारी है जिसके कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं बिगड़ती हैं और मर जाती हैं।
Alzheimer Disease International
Alzheimer Disease International की स्थापना 1984 में %