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Current Affair 25 May 2021

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CURRENTS AFFAIRS – 25th MAY 2021

अड्डू शहर

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 2021 में मालदीव के अड्डू शहर में भारत के एक नए वाणिज्य दूतावास को खोलने की मंजूरी दी है।

भारत और मालदीव के बीच प्राचीन काल से ही जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, धार्मिक और व्यापारिक संबंध बने रहे हैं। भविष्य के लिए भारत की दूरगामी सोच में “पड़ोस पहले नीति” और : एसएजीएआर (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रिजन) ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास’ के तहत मालदीव का प्रमुख स्थान है।

अड्डू शहर में नया वाणिज्य दूतावास खोलने से मालदीव में भारत की राजनयिक उपस्थिति और बढ़ेगी और इससे वर्तमान संबंधों और आकांक्षाओं को सुदृढ़ बनाया जा सकेगा।

इस समय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह के नेतृत्व में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध अप्रत्याशित रूप से नए आयाम और ऊंचाइयों को छू रहे हैं।

यह; सबका साथ सबका विकास, की हमारी संवृद्धि और विकास की राष्ट्रीय प्राथमिकता की नीति को आगे बढ़ाने की दिशा में एक और कदम भी है। भारत की राजनयिक उपस्थिति में बढ़ोतरी से भारतीय कम्पनियों को वहां के बाजारों में अपनी पैठ बनाने और भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ाने में भी सहायता मिलेगीI इससे “आत्मनिर्भर भारत” के हमारे लक्ष्यों के अनुरूप घरेलू उत्पादन और रोजगार के अवसरों में वृद्धि पर भी सीधा असर होगा।

SOURCE-PIB

 

पीएमजीकेएवाई

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के अंतर्गत खाद्यान्न के मुफ्त वितरण की योजना से वर्तमान में जारी कोविड महामारी के दौरान लाभार्थियों को बड़ी राहत मिली है।

24 मई, 2021 तक एफसीआई ने सभी 36 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को 48 एलएमटी मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति की है। 5 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, लक्षद्वीप, पुडुचेरी और तेलंगाना ने मई-जून, 2021 के लिए पूरा आवंटन उठा लिया है। 26 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, असम, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दमन दीव डी एंड एन एच, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल ने मई, 2021 के लिए 100 प्रतिशत आवंटन का उठान कर लिया है।

देश में खाद्यान्न की सुगम आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, एफसीआई ने अग्रिम रूप से लॉजिस्टिक की योजना बनाई है। आवंटित सामग्री के उठान के लिए, नियमित रूप से आपूर्ति की गई है जिससे सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में पर्याप्त खाद्यान्न की मौजूदगी बने रहे। मई, 2021 के दौरान, एफसीआई प्रति दिन 44 रैक्स के औसत के साथ 1,062 रैक्स का लदान पहले ही कर चुका है। वर्तमान में केन्द्रीय पूल के तहत, 295 एलएमटी गेहूं और 597 चावल (कुल 892 एलएमटी) खाद्यान्न उपलब्ध है।कोविड महामारी के दौरान, 25 मार्च, 2020 से अभी तक एफसीआई विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत कुल 1062 एलएमटी खाद्यान्न जारी कर चुका है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत, गरीब हितैषी पहल के रूप में भारत सरकार दो महीने (मई-जून, 2021) के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किग्रा की दर से मुफ्त खाद्यान्न का वितरण कर रही है, जिसमें एनएफएसए के तहत 79.39 करोड़ लाभार्थी कवर किए गए हैं। यह आवंटन नियमित रूप से होने वाले एनएफएसए आवंटन के अतिरिक्त है और इस योजना के तहत 79.39 एलएमटी खाद्यान जारी किया जाना है।

SOURCE-PIB

 

National Mission on use of Biomass

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में ‘बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन’ (National Mission on use of Biomass) स्थापित करने की घोषणा की है। खेतों में पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए यह निर्णय लिया गया है।

बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on use of Biomass)

यह मिशन तापीय उर्जा (thermal power) उत्पादन के कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करेगा।

यह देश भर में ऊर्जा परिवर्तन में भी मदद करेगा और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत स्थापित करने के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करेगा।

थर्मल पावर प्लांटों से उच्च कार्बन-न्यूट्रल बिजली उत्पादन प्राप्त करने के लिए को-फायरिंग के स्तर को वर्तमान 5% से बढ़ाकर उच्च स्तर तक किया जाएगा।

यह मिशन बायोमास पेलेट्स और कृषि अवशेषों की आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं को दूर करने के लिए मंच की सुविधा प्रदान करेगा, जिसमें बिजली संयंत्रों को परिवहन भी शामिल है।

यह बायोमास को-फायरिंग में नियामक मुद्दों पर विचार करेगा।

यह मिशन राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme) में भी योगदान देगा।

संचालन समिति (Steering Committee)

इस मिशन का संचालन एक संचालन समिति द्वारा किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता उर्जा सचिव करेंगे, जिसमें सभी हितधारक, पेट्रोलियम और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme – NCAP)

NCAP को सरकार द्वारा पूरे भारत में वायु प्रदूषण की समस्या से व्यापक तरीके से निपटने के लिए लॉन्च किया गया था। यह 2024 तक पार्टिकुलेट मैटर सांद्रता में 20% से 30% की कमी प्राप्त करने का प्रयास करेगा।

SOURCE-GK TODAY

 

CPEC

चीन ने अपनी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना को फिर से आर्थिक पहल करार देते हुए इसका बचाव किया है।

मुख्य बिंदु

CPEC पाकिस्तान के साथ चीन की 60 अरब डॉलर की परियोजना है। जबकि, भारत इस परियोजना का समर्थन नहीं करता है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) क्षेत्र से होकर गुजरती है। चीन ने फिर से भारत के विरोध की अवहेलना करते हुए कहा कि इस परियोजना ने कश्मीर मुद्दे पर उसके सैद्धांतिक रुख को प्रभावित नहीं किया है।

CPEC क्या है?

2013 में शुरू की गई चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शामिल हैं जो पूरे पाकिस्तान में निर्माणाधीन हैं। सीपीईसी परियोजनाएं 2020 तक $62 बिलियन की हैं। पाकिस्तान में आवश्यक बुनियादी ढांचे को तेजी से उन्नत करने और आधुनिक परिवहन नेटवर्क, ऊर्जा परियोजनाओं और विशेष आर्थिक क्षेत्रों का निर्माण करके अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह परियोजना शुरू की गई थी।

भारत इस परियोजना का विरोध क्यों करता है?

भारत सीपीईसी परियोजना का विरोध करता है क्योंकि काराकोरम राजमार्ग (Karakoram Highway) के अपग्रेडेशन का कार्य गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) में हो रहा है जो भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित क्षेत्र है।

भारत ने CPEC पर आपत्ति कब शुरू की?

पिछले उदाहरणों में, भारत ने 1959 और 1979 दौरान काराकोरम राजमार्ग के चीनी निर्माण पर आपत्ति नहीं की थी। भारत ने 2010 के भूकंप के बाद चीन द्वारा काराकोरम राजमार्ग के बड़े अपग्रेडेशन कार्य पर भी आपत्ति नहीं की। विवादित दक्षिण चीन सागर में भारतीय-वियतनामी तेल अन्वेषण परियोजना के बारे में चीन की शिकायत के बाद भारत ने 2011 में गिलगित-बाल्टिस्तान में चीनी निर्माण कार्यों पर आपत्ति शुरू कर दी थी।

SOURCE-DANIK JAGARAN

 

India Biodiversity Awards 2021

हाल ही में, 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (International Day for Biological Diversity) के अवसर पर India Biodiversity Awards 2021 प्रदान किए गए।

विजेता

कृषि एवं पारिस्थितिकी विकास संस्थान (KRAPAVIS) ने ‘जैविक संसाधनों के सतत उपयोग’ श्रेणी के तहत पुरस्कार जीता।

शाजी एन.एम. (Shaji N.M.), जिन्हें केरल का ‘ट्यूबर मैन’ भी कहा जाता है, ने ‘पालतू प्रजातियों के संरक्षण’ की व्यक्तिगत श्रेणी में पुरस्कार जीता।

नागालैंड में Khonoma Nature Conservation & Tragopan Sanctuary (KNCTS) ने ‘जैविक संसाधनों के सतत उपयोग’ श्रेणी के तहत पुरस्कार जीता।

India Biodiversity Awards

India Biodiversity Awards पहल पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से 2012 में राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (National Biodiversity Authority) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) शुरू की गई थी। यह जैव विविधता संरक्षण, जैविक संसाधनों के सतत उपयोग और शासन के लिए जमीनी स्तर से उत्कृष्ट मॉडलों को मान्यता और सम्मान देती है।

KRAPAVIS ने पुरस्कार क्यों जीता?

KRAPAVIS ने जल संचयन संरचनाओं, पुनर्भरण कुओं और जल तालिकाओं को बहाल करने में समुदायों को समर्थन देने के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता। इसने ओरान में स्थानीय किस्मों के लाखों पेड़ लगाने में भी मदद की।

शाजी का योगदान

शाजी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया क्योंकि उन्होंने अपने खेत में लगभग 200 कंद फसलों जैसे ग्रेटर यम, एलीफैंट फूट यम, शकरकंद, चीनी आलू और कोलोकेशिया का संरक्षण किया। उन्हें उनके योगदान के लिए सात बार राज्य पुरस्कार मिल चुके हैं।

KNCTS को क्यों सम्मानित किया गया?

KNCTS की स्थापना 11 दिसंबर 1998 को हुई थी। इस अभयारण्य को इसलिए सम्मानित किया गया क्योंकि यह खोनोमा क्षेत्र में जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करता है, जिसमें कई स्थानिक पौधों और जानवरों का निवास है।

महाराष्ट्र ने 14 किलों के लिए विश्व धरोहर स्थल के टैग की मांग की

महाराष्ट्र सरकार ने विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) का टैग पाने के लिए राज्य के 14 किलों के लिए एक अस्थायी सीरियल नामांकन तैयार किया है और इसे सबमिट किया है।

वे किले कौन से हैं?

महाराष्ट्र में शिवनेरी किला, रायगढ़ किला, तोरणा किला, राजगढ़ किला, लोहागढ़, मुल्हेर किला, अंकाई टंकई किला, साल्हेर किला, रंगना किला, कासा किला, सिंधुदुर्ग किला, अलीबाग किला, सुवर्णदुर्ग और खंडेरी किला सहित 14 स्थानों को सूचीबद्ध किया गया है। यह सभी स्थल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। वे या तो पेशवा शासन से संबंधित हैं या मराठों और मुगलों के बीच लड़ाई से सम्बंधित हैं। कुछ किलों ने मराठा सेनानियों के लिए नौसेना या सेना के ठिकानों के रूप में भी काम किया।

किलों को कैसे नामांकित किया गया?

यूनेस्को ने संस्कृति मंत्रालय के माध्यम से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeology Survey of India) द्वारा अग्रेषित किलों की अस्थायी नामांकन सूची को स्वीकार कर लिया है। अब, राज्य सरकार को स्थलों के महत्व को सूचीबद्ध करते हुए यूनेस्को को एक विस्तृत अंतिम नामांकन सूची प्रस्तुत करनी है।

विश्व धरोहर स्थल क्या हैं?

विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा दिए गए कानूनी संरक्षण के साथ क्षेत्र हैं। इन स्थानों को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा प्रशासित किया जाता है ।

इन साइटों को कैसे नामित किया जाता है?

ऐसे स्थलों को यूनेस्को द्वारा इसके सांस्कृतिक, ऐतिहासिक या वैज्ञानिक महत्व के लिए नामित किया गया है। विश्व धरोहर स्थल का टैग प्राप्त करने के लिए, साइटों के पास कुछ अद्वितीय विशेषता होनी चाहिए जिसे भौगोलिक और ऐतिहासिक रूप से पहचाना जा सके। जून 2020 तक, 167 देशों में 1,121 विश्व धरोहर स्थल मौजूद हैं। चीन और इटली ऐसे देश हैं जहां विरासत स्थलों की संख्या सबसे अधिक (55) है।

SOURCE-INDIAN EXPRESS

 

एना : 2021

नेशनल हरिकेन सेंटर, मियामी के अनुसार, बरमूडा में बारिश के कारण उपोष्णकटिबंधीय तूफान एना अटलांटिक महासागर में उत्तर-पूर्व की ओर आ रहा है। इस प्रकार, इस अटलांटिक तूफान से भूमि को कोई नुकसान नहीं होगा और जल्द ही समाप्त हो जाएगा।

मुख्य बिंदु

एना तूफ़ान बरमूडा से करीब 435 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित था। इसमें 75 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम निरंतर हवा थी। एना 2021 में अटलांटिक में पहला नामित तूफान था, भले ही तूफान का मौसम अभी शुरू नहीं हुआ है। तूफान का मौसम आमतौर पर 1 जून से शुरू होता है।

अटलांटिक तूफान (Atlantic Hurricane)

अटलांटिक तूफान, जिसे उष्णकटिबंधीय तूफान भी कहा जाता है, अटलांटिक महासागर में बनने वाला एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात है। यह आमतौर पर जून और नवंबर के महीनों में बनता है। तूफान केवल उनके स्थान के आधार पर चक्रवात या आंधी से अलग होता है। अटलांटिक महासागर और उत्तर-पूर्वी प्रशांत महासागर में तूफान (Hurricane), उत्तर-पश्चिमी प्रशांत महासागर में आंधी (typhoon), जबकि दक्षिण प्रशांत महासागर या हिंद महासागर में चक्रवात (cyclone) आता है।

बरमूडा कहाँ है?

बरमूडा (Bermuda) उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित एक ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र (British Overseas Territory) है। इसके पास केप हेटेरस के पूर्व-दक्षिण पूर्व में फैले 1,035 किमी का क्षेत्र है, उत्तरी कैरोलिना बरमूडा में 181 द्वीप हैं। हैमिल्टन इसकी राजधानी है। यह द्वीप आंतरिक रूप से स्वशासी है और इसका स्वयं का संविधान और मंत्रिमंडल है। बरमूडा के सबसे बड़े उद्योग अपतटीय बीमा, पुनर्बीमा और पर्यटन हैं।

CCoV-HuPn-2018 कोरोनावायरस

CCoV-HuPn-2018 कोरोनावायरस, कुत्तों में इसकी उत्पत्ति के साथ, मलेशिया में 2017-2018 में निमोनिया से पीड़ित रोगियों में पाया गया था। इस अध्ययन के अनुसार, यह मनुष्यों में आठवां कोरोनावायरस रोग हो सकता है। हालांकि, यह वर्तमान में महामारी के जोखिम पैदा नहीं करता है।

मामला क्या है?

शोधकर्ताओं ने पूर्वी मलेशियाई राज्य सरवाक (Sarawak) के एक अस्पताल में निमोनिया के 301 रोगियों के नेज़ल स्वाब (nasal swab) के नमूनों का परीक्षण किया था। 5 साल से कम उम्र के बच्चों के नमूनों सहित आठ नमूनों में कैनाइन कोरोनावायरस (canine coronavirus) के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया था। CCoV-HuPn-2018 नाम का एक नया स्ट्रेन इसकी जीनोमिक सीक्वेंसिंग में पाया गया, जिसमें कोरोनावायरस जैसी समान विशेषताएं थीं, जो बिल्लियों और सूअरों में संक्रमण पैदा करती हैं। हालांकि, यह ज्यादातर संक्रमित कुत्तों से मिलता जुलता है।

आनुवंशिक उत्परिवर्तन (Genetic Mutation)

इस वायरस में एक आनुवंशिक विलोपन (genetic deletion), या उत्परिवर्तन (mutation) भी शामिल था जो किसी भी कैनाइन कोरोनावायरस में नहीं पाया गया था, यह SARS-COV और SARS-COV-2 जैसे मानव उपभेदों में मौजूद था।

Severe Acute Respiratory Syndrome Coronavirus 2 (SARS-CoV-2)

यह वायरस COVID-19 (Coronavirus Disease 2019) और सांस की अन्य बीमारी का कारण बनता है। यह एक सकारात्मक-सेंस सिंगल-स्ट्रैंडड RNA वायरस है। यह मनुष्यों में संक्रामक है। SATS-CoV-1 में इसका उत्तराधिकारी, जिसके कारण 2002-2004 SARS का प्रकोप हुआ था। इसकी उत्पत्ति जूनोटिक है और यह आनुवंशिक रूप से बैट कोरोनावायरस (bat coronavirus) के समान है।

2002-2004 सार्स प्रकोप (2002–2004 SARS Outbreak)

यह एक महामारी थी जिसमें severe acute respiratory syndrome (SARS) शामिल था, जो severe acute respiratory syndrome coronavirus (SARS-CoV-1) के कारण हुआ था। यह प्रकोप पहली बार नवंबर 2002 में चीन में देखा गया था।

SOURCE-GK TODAY

 

क्यासानूर वन रोग

हाल ही में, शोधकर्ताओं ने क्यासानूर वन रोग (KFD) के तेजी से निदान के लिए अत्यधिक संवेदनशील होने के लिए एक नया point-of-care test खोजा है, जो भारत में एक नई सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या और चुनौती के रूप में उभर रहा है।

प्वाइंटऑफकेयर टेस्ट

ICMR-National Institute of Virology द्वारा यह पॉइंट-ऑफ-केयर टेस्ट विकसित किया गया है। यह KFD के निदान (diagnosis) के लिए फायदेमंद होगा, जिसे मंकी फीवर (monkey fever) भी कहा जाता है। यह बुखार आमतौर पर दूरदराज के क्षेत्रों में फैलता है जहां सैंपल हैंडलिंग और प्रयोगशाला परीक्षण सुविधाओं की कमी होती है। इस प्रकार, पॉइंट-ऑफ-केयर टेस्ट रोगी को जल्दी से प्रबंधित करेगा और वायरस के आगे प्रसार को नियंत्रित करेगा।

क्यासानूर वन रोग (Kyasanur Forest Disease) क्या है?

यह रोग कीट-जनित वायरल रक्तस्रावी बुखार (tick-borne viral haemorrhagic fever) है जो भारत के दक्षिण-पश्चिमी भाग के लिए स्थानिक है। यह फ़्लैविविरिडे (Flaviviridae) परिवार के एक वायरस के कारण होता है। KFD वायरस के भंडार के रूप में कार्य करते हुए, संक्रमित हार्ड टिक (infected hard ticks) के काटने से मनुष्यों में वायरस फैलता है।

KFD वायरस (KFDV)

यह एक विशिष्ट फ्लेविवायरस (flavivirus) है जिसका व्यास 40-60 nm है। KFDV के जीनोम में सिंगल-स्ट्रैंडेड और पॉजिटिव-सेंस RNA के 10,774 न्यूक्लियोटाइड होते हैं जो सिंगल पॉलीप्रोटीन को एनकोड करते हैं। KFDV का जीनोम अलखुरमा हेमोरेजिक फीवर वायरस (Alkhurma Hemorrhagic Fever Virus) के समान है, जो सऊदी अरब में पाया गया था।

यह वायरस कैसे फैलता है?

KFD वायरस के लिए बंदर मुख्य मेजबान (hosts) हैं।

SOURCE-GK TODAY

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