Register For UPSC IAS New Batch

Current Affair 26 July 2021

For Latest Updates, Current Affairs & Knowledgeable Content.

Current Affairs – 26 July, 2021

माईगव

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने माईगव (मेरी सरकार) के उन सभी स्वयंसेवकों और योगदानकर्ताओं की सराहना की है जिन्होंने अपने योगदान से इस मंच को समृद्ध किया है।

माईगव इंडिया के एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा; “माईगव शासन में भागीदारी और हमारी युवा शक्ति की आवाज बनने के एक सबसे बेहतरीन उदाहरण के रूप में मौजूद है।”

आज जब हम माईगव के 7 वर्ष पूरे कर रहे हैं, तो मैं उन सभी स्वयंसेवकों और योगदानकर्ताओं की सराहना करता हूं जिन्होंने अपने योगदान से इस मंच को समृद्ध किया है।

माईगव (MyGov) भारत सरकार का एक पोर्टल है जिसका शुभारंभ 26 जुलाई 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य है नागरिकों को सरकार के साथ जोड़ना तथा राष्ट्र के विकास में हाथ बंटाने के माध्यम के रूप में कार्य करना है।

माईगव भारत सरकार का एक पोर्टल है जिसका शुभारंभ 26 जुलाई 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य है नागरिकों को सरकार के साथ जोड़ना तथा राष्ट्र के विकास में हाथ बंटाने के माध्यम के रूप में कार्य करना है। माईगव नागरिको को अनेक विषयों पर चर्चा एवं विचार-विमर्श में भाग लेने का अवसर देता है तथा अनेक लोगों के साथ विचारों के आदान-प्रदान का मौका देता है। नागरिक इस मंच पर कागजात, केस स्टडी, चित्र, वीडियो और अन्य कार्य योजनाएं अपलोड कर सकते हैं। वे ऐच्छिक रूप से विविध कार्य कर सकते हैं और अपनी प्रविष्टियां जमा करा सकते हैं। अन्य सदस्य और विशेषज्ञ इन कार्यों की समीक्षा करेंगे। अनुमोदित होने पर इन कार्यों की जानकारी उन लोगों को दी जा सकती है जिन्होंने कार्य पूरा किया है तथा माईगव के अन्य सदस्यों को भी इसकी जानकारी दी जा सकती है। राष्ट्रीय सूचना केंद्र -एनआईसी, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग इस पोर्टल का प्रबंधन करेंगे।

जो लोग वि‍चार-वि‍मर्श से आगे बढ़कर जमीनी योगदान देना चाहते हैं उनके लि‍ए माई गवर्नमेंट पोर्टल अनेक अवसर देता है। नागरि‍क वि‍भि‍न्नद कायों के लि‍ए स्वयं आगे बढ़ सकते हैं और अपनी प्रवृष्टिस‍यां दे सकते हैं। फि‍र इन कार्यों की समीक्षा अन्यस सदस्यव तथा वि‍शेषज्ञ करेंगे। मंजूरी के बाद इन कार्यों को पूरा करने वाले लोगों तथा माई गवर्नमेंट के अन्यय सदस्योंअ से साझा कि‍या जाएगा। प्रत्येूक मंजूर कार्यों को पूरा करने के लि‍ए प्रोत्सांहन अंक मि‍लेंगे।इस मंच को स्वूच्छा गंगा, बालि‍का शि‍क्षा, स्वोच्छ‍ भारत, कौशलपूर्ण भारत, डिजि‍टल भारत और रोजगार सृजन जैसे वि‍भि‍न्नन समूहों में बांटा गया है। प्रत्येकक समूह को ऑनलाइन तथा ऑनग्राउंड कार्य दि‍ए गए हैं जि‍से योगदानकर्ता अपने हाथ में लेंगे। इसका उद्देश्य‍ लोगों की भागीदारी के जरि‍ए गुणात्मक परि‍वर्तन लाना है।

SOURCE-PIB

 

कारगिल विजय दिवस

धानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कारगिल विजय दिवस पर हमारे देश की रक्षा करते हुए कारगिल में शहीद हुए सभी वीर योद्धाओं को अपनी श्रद्धांजलि दी है।

एक ट्वीट में, प्रधानमंत्री ने कहा;

“हम उनके बलिदानों को याद करते हैं।

हम उनके पराक्रम को याद करते हैं।

आज, कारगिल विजय दिवस पर हम उन सभी को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने हमारे देश की रक्षा करते हुए कारगिल में अपने प्राणों की आहूति दी। उनकी बहादुरी हमें हर दिन प्रेरणा देती है।

पिछले वर्ष के ‘मन की बात’ का एक अंश भी साझा कर रहा हूं।”

कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के सभी देशवासियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है। भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था जो लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई के दिन उसका अंत हुआ और इसमें भारत विजय हुआ। कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान हेतु यह दिवस मनाया जाता है।

इतिहास

1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भी कई दिन सैन्य संघर्ष होता रहा। इतिहास के मुताबित दोनों देशों द्वारा परमाणु परीक्षण के कारण तनाव और बढ़ गया था। स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देशों ने फरवरी 1999 में लाहौर में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। जिसमें कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का वादा किया गया था। लेकिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों को छिपाकर नियंत्रण रेखा के पार भेजने लगा और इस घुसपैठ का नाम “ऑपरेशन बद्र” रखा था। इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था। पाकिस्तान यह भी मानता है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के तनाव से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में मदद मिलेगी।

प्रारम्भ में इसे घुसपैठ मान लिया था और दावा किया गया कि इन्हें कुछ ही दिनों में बाहर कर दिया जाएगा। लेकिन नियंत्रण रेखा में खोज के बाद और इन घुसपैठियों के नियोजित रणनीति में अंतर का पता चलने के बाद भारतीय सेना को अहसास हो गया कि हमले की योजना बहुत बड़े पैमाने पर किया गया है। इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय नाम से 2,00,000 सैनिकों को भेजा। यह युद्ध आधिकारिक रूप से 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ। इस युद्ध के दौरान 550 सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और 1400 के करीब घायल हुए थे।

SOURCE-PIB

 

जहाज तलवार कटलास एक्सप्रेस 2021

भारतीय नौसेना का जहाज तलवार दिनांक 26 जुलाई 2021 से 06 अगस्त 2021 तक अफ्रीका की ईस्ट कोस्ट पर होने वाले अभ्यास कटलास एक्सप्रेस 2021 में भाग ले रहा है। यह अभ्यास पूर्वी अफ्रीका और पश्चिमी हिंद महासागर में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आयोजित एक वार्षिक समुद्री अभ्यास है। अभ्यास के 2021 के संस्करण में 12 पूर्वी अफ्रीकी देश, यूएस, यूके, भारत और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ), युनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी), इंटरपोल, यूरोयूरोपियन यूनियन नेवल फोर्स (ईयूएनएवीएफओआर), क्रिटिकल मैरीटाइम रूट्स इंडियन ओशन (सीआरआईएमएआरआईओ) और ईयूसीएपी सोमालिया की भागीदारी शामिल है। भारतीय नौसेना अभ्यास में ‘प्रशिक्षक की भूमिका’ में भाग ले रही है।

यह युद्धाभ्यास पूर्वी अफ्रीका के तटीय क्षेत्रों पर केंद्रित है और संयुक्त समुद्री कानून लागू करने की क्षमता का आकलन और सुधार करने, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय नौसेनाओं के बीच अंतरसंचालनीयता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अभ्यास के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना, अन्य भागीदारों के साथ, समुद्री सुरक्षा संचालन के विभिन्न क्षेत्रों में भाग लेने वाले अलग अलग देशों की टुकड़ियों के प्रशिक्षण का कार्य करेगी। समुद्री डोमेन जागरूकता के संबंध में विभिन्न भागीदार देशों के बीच सूचना साझाकरण और सूचना प्रवाह भी इस अभ्यास का एक प्रमुख फोकस है और भारत का सूचना संलयन केंद्र – हिंद महासागर क्षेत्र (आईएफसी-आईओआर) की भागीदारी इसकी प्राप्ति में योगदान देगी।

अभ्यास के अंतर्गत जहाज केन्या के मोम्बासा का दौरा कर रहा है, जिसमें केन्या नौसेना के साथ कई अन्य पेशेवराना बातचीत की भी योजना है। मोम्बासा में रहने के दौरान जहाज कटलास एक्सप्रेस प्रतिभागियों के अलावा केन्या, भारतीय समुदाय और अन्य भागीदारों के साथ दोस्ती प्रगाढ़ बनाने के लिए अनेक कार्यक्रमों की मेज़बानी करेगा।

अफ्रीका के पूर्वी तट और पश्चिमी आईओआर के साथ के देशों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता आईएनएस तलवार की यात्रा से और मजबूत होने जा रही है और यह हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग की दिशा में भारत की घोषित नीति और सागर (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फ़ॉर ऑल इन द रीजन) दृष्टिकोण के अनुरूप है।

SOURCE-PIB

 

हाइड्रोजन, फ्यूल सेल और ऊर्जा संग्रह एवम संरक्षण के
पदार्थों पर सार-संग्रह जारी

हाइड्रोजन फ्यूल सेल और ऊर्जा संग्रह एवं संरक्षण के पदार्थों पर वैज्ञानिकों, उद्योग, जन उपयोगी सेवाओं, आरएंडडी प्रयोगशालाओं एवं शैक्षणिक समुदाय से जुड़े अन्य हितधारकों के द्वारा जारी शोध गतिविधियों से जुटाई गयी जानकारियों पर तीन सार-संग्रह जारी किये गये।

हाइड्रोजन एवं फ्यूल सेल (एचएफसी 2018), मटिरियल फॉर एनर्जी स्टोरेज (एमईएस 2018), और मटिरियल फॉर एनर्जी कंज़र्वेशन एंड स्टोरेज प्लेटफॉर्म (एमईसीएसपी 2017) नाम के इन तीन सार संग्रह को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा के द्वारा जारी किया गया।

कार्बन पर नियंत्रण के लिये हमारे ऊर्जा के विकल्पों में अक्षय ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग करना ही भारत का नीतियों का उद्देश्य है। जबकि कार्बन पर नियंत्रण के लिये अलग अलग समय के आधार पर कई रास्ते मौजूद हैं, नवीकरणीय ऊर्जा से मिलने वाली हाइड्रोजन को सबसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोत माना जाता है।

स्वच्छ ऊर्जा के उभरते परिदृश्य में हाइड्रोजन के महत्व को ध्यान में रखते हुए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने कुछ साल पहले ही पायलट रूप में एक छोटा आरएंडडी कार्यक्रम शुरू किया था जिसे भविष्य में राष्ट्रीय जरूरतों और प्राथमिकताओं के अनुसार विस्तार दिया जा सकता है। इस कार्यक्रम के तहत अब तक हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था से संबंधित तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों, उत्पादन, भंडारण और उपयोग में उनतीस परियोजनाओं को मदद दी गयी है। ये सभी परियोजनाएं वर्तमान में कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इस कार्यक्रम को अब नेशनल हाइड्रोजन मिशन के अनुरूप विस्तार के साथ उसकी प्राथमिकताओं और विशेष आरएंडडी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये सटीक और मिशन के साथ बारीकी से जोड़ा जा सकता है।

पदार्थों की खोज और विकास पूरे ऊर्जा तकनीक पोर्टफोलियो, ऊर्जा उत्पादन एवं संग्रह से वितरण और अंतिम इस्तेमाल तक को प्रभावित करती है। पदार्थ हर स्वच्छ ऊर्जा नवाचार की नींव है: आधुनिक बैटरी, सोलर सेल, लो एनर्जी सेमीकंडक्टर, थर्मल स्टोरेज, कोटिंग, रुपांतरण के लिये उत्प्रेरक, कार्बन डाईऑक्साइड काअभिग्रहण और इस्तेमाल। संक्षेप में नये पदार्थ दुनिया भर को कम कार्बन के भविष्य में ले जाने के लिये आधारशिलाओं में एक का निर्माण करते हैं। नये पदार्थों को खोजने और विकसित करने की प्रक्रिया में वर्तमान में काफी समय, प्रयास और खर्च लगता है। हर नये खोजे गये अणु को कृत्रिम प्रक्रिया के जरिये ऊंची लागत के साथ 10 से 20 साल तक सिम्युलेशन, संश्लेषण और लक्षणों की जानकारियों से गुजारा जाता है। हालांकि पदार्थों की खोज और विकास एक बड़े बदलाव के करीब हैं, जो डिजाइन, अधिकतम उपयोगऔरनये पदाथों की खोज का वक्त 10 गुना कम कर एक या दो साल कर सकता है।

पदार्थों की खोज से जुड़ी चुनौतियों और संभावनाओं की पहचान कर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने अपनी स्वच्छ ऊर्जा रिसर्च पहल के तहत मटिरियल फॉर एनर्जी स्टोरेज (एमईएस 2018) और मटिरियल फॉर एनर्जी कंज़र्वेशन एंड स्टोरेज प्लेफार्म (एमईसीएसपी 2017) पर एक विषयगत अनुसंधान और प्रौद्योगिकी कार्यक्रम शुरू किया। अब तक इस कार्यक्रम के तहत 26 प्रोजेक्ट को मदद दी गयी और डीएसटी, भारत सरकार द्वारा स्थापित चार एमईसीएसपी केंद्र, आईआईटी दिल्ली, आईआईएससी बैंगलोर, एनएफटीडीसी हैदराबाद और आईआईटी बॉम्बे में केन्द्रित हैं।

SOURCE-PIB

 

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन

26 जुलाई, 2021 को शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने घोषणा की कि भारत सरकार एक राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (National Research Foundation – NRF) स्थापित करने के लिए योजना बना रही है।

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) की स्थापना के लिए बजट

5 साल की अवधि में NRF के लिए कुल प्रस्तावित परिव्यय के रूप में 50,000 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की गई है।

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (National Research Foundation – NRF)

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) एक संरचना है जिसमे उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान एवं के विकास को कनेक्ट किया जायेगा। NRF की स्थापना के प्राथमिक उद्देश्यों में से एक उन संस्थानों (कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, आदि) में अनुसंधान क्षमताओं और परिणामों की सुविधा और वृद्धि है जहां वर्तमान में अनुसंधान क्षमता विकसित हो रही है।

शिक्षा मंत्रालय

पूर्व में इसे मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के रूप में जाना जाता था, और यह मंत्रालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के देशव्यापी कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है। धर्मेंद्र प्रधान इस विभाग के वर्तमान केंद्रीय मंत्री हैं।

SOURCE-GK TODAY

 

निशिया

13 वर्षीय जापानी स्केटबोर्डर मोमीजी निशिया (Momiji Nishiya) ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता। वह ओलंपिक खेलों में जापान की और से अब तक की सबसे कम उम्र की स्वर्ण पदक विजेता बन गयी हैं।

मुख्य बिंदु

  • निशिया ने 26 जुलाई को महिलाओं की स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।
  • जापान के युटो होरीगोम ने पुरुषों की प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता।
  • निशिया ने सिर्फ 13 साल की उम्र में भी ब्राजील की रेसा लील को पराजित किया।
  • कांस्य पदक जीतने वाली जापान की फुना नाकायमा की उम्र 16 साल है।
  • लील और निशिया दोनों अपने-अपने देशों ब्राजील और जापान के लिए सबसे कम उम्र के पदक विजेता हैं।

सबसे कम उम्र का स्वर्ण पदक विजेता कौन है?

मार्जोरी गेस्ट्रिंग (Marjorie Gestring) ओलंपिक के सबसे कम उम्र की स्वर्ण पदक विजेता हैं। 1936 के बर्लिन खेलों में उन्होंने महिला डाइविंग प्रतियोगिता में अपना दबदबा बनाया था। उस दौरान वह सिर्फ 13 साल 268 दिन की थीं।

SOURCE-DANIK JAGARAN

 

टोक्यो ओलंपिक में शामिल किये गये चार नए खेल

टोक्यो ओलंपिक में चार नए खेलों को शामिल किया गया है। वे खेल हैं : कराटे, स्केटबोर्डिंग, सर्फिंग और सपोर्ट क्लाइम्बिंग हैं।

कराटे

मार्शल आर्ट 1970 के दशक से, ओलंपिक समावेश के लिए एक उम्मीदवार रहा है, लेकिन आयोजक इस खेल को स्वीकार करने के लिए कभी भी सहमत नहीं हुए।

तीन दिवसीय प्रतियोगिता निप्पॉन बुडोकन में आयोजित की जाएगी और इसमें तीन भार वर्गों में प्रतिभाशाली कुमाइट प्रतियोगी शामिल होंगे।टेलीविजन और फिल्मों में इसकी पुनरुत्थान की लोकप्रियता के कारण, दर्शक इस खेल का आनंद लेने की उम्मीद कर रहे हैं।

स्केटबोर्डिंग

स्केटबोर्ड की शुरुआत आयोजकों द्वारा युवा दर्शकों को आकर्षित करने के लिए की गई थी। दर्शक हाई-फ्लाइंग स्टंट और ट्रिक्स देख सकेंगे।इसमें भाग लेने वाले प्रतियोगी 12 से 47 वर्ष के बीच के हैं।

सर्फ़िंग

आठ दिन की अवधि में कम से कम तीन दिन की प्रतियोगिता होगी। वर्ष 1995 से, इंटरनेशनल सर्फिंग एसोसिएशन इस खेल को शामिल करने के लिए पैरवी कर रहा है, और यह टोक्यो 2020 ओलंपिक में पदार्पण कर रहा है।

सपोर्ट क्लाइम्बिंग

हाल के वर्षों में चढ़ाई (climbing) नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है और इसलिए यह टोक्यो 2020 ओलंपिक में अपनी एक और शुरुआत कर रहा है।

SOURCE-GK TODAY

 

रुद्रेश्वर मंदिर

रुद्रेश्वर मंदिर (Rudreswara Temple) जो तेलंगाना राज्य के मुलुगु जिले के पालमपेट में स्थित है, को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है। 25 जुलाई, 2021 को यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 44वें सत्र में यह निर्णय लिया गया। रुद्रेश्वर मंदिर (इसे रामप्पा मंदिर भी कहा जाता) को भारत सरकार द्वारा यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल टैग, 2019 के लिए प्रस्तावित किया गया था।

रुद्रेश्वर मंदिर (Rudreswara Temple)

  • 1213 ई. में काकतीय साम्राज्य के शासन काल में रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण कराया गया था।
  • इस मंदिर का निर्माण काकतीय राजा गणपति देव के सेनापति रेचारला रुद्र ने करवाया था।
  • रामलिंगेश्वर स्वामी इस मंदिर के पीठासीन देवता हैं।
  • इस मंदिर को रामप्पा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जिसका नाम मूर्तिकार के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 40 वर्षों तक इस मंदिर में काम किया।
  • काकतीयों के शासनकाल के दौरान बने मंदिर परिसरों की एक अलग शैली, सजावट और तकनीक है।

COVID-19 महामारी के कारण, यूनेस्को की वर्ष 2020 की विश्व धरोहर समिति (WHC) की बैठक आयोजित नहीं की जा सकी और इसलिए, ऑनलाइन बैठकों के माध्यम से 2020 और 2021 के नामांकन पर चर्चा की गई। ये बैठकें अभी चल रही हैं। विश्व धरोहर समिति में 21 सदस्य हैं, चीन इस समिति का वर्तमान अध्यक्ष है।

SOURCE-GK TODAY

 

ग्रीन सोहरा वनीकरण अभियान

25 जुलाई, 2021 सोहरा (चेरापूंजी) में ग्रीन सोहरा वनीकरण अभियान (Green Sohra Afforestation Campaign) गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लांच किया गया था। वृक्षारोपण और वनीकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस अभियान के लिए दिया गया नारा “Evergreen Northeast” था। यह अभियान असम राइफल्स और मेघालय द्वारा चलाया जाएगा।

मुख्य बिंदु

  • चेरापूंजी में, अमित शाह ने गुवाहाटी पहुंचने से पहले दो महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया।
  • उन्होंने हरित सोहरा वनीकरण अभियान और ग्रेटर सोहरा जलापूर्ति योजना का उद्घाटन भी किया।
  • चेरापूंजी (स्थानीय रूप से इसे सोहरा के नाम से जाना जाता है) में पूरे वर्ष वर्षा होती थी, लेकिन विकास के नाम पर क्षेत्र में की गई अंधाधुंध कटाई के कारण यह कम हो गया है।
  • अमित शाह ने ग्रेटर सोहरा जलापूर्ति योजना का भी उद्घाटन किया।

ग्रीन सोहरा वनीकरण अभियान (Green Sohra Afforestation Campaign)

वृक्षारोपण अभियान के लिए असम राइफल्स चेरापूंजी के पूरे इलाके को गोद लेगी। इस क्षेत्र के कुल भूमि क्षेत्रों का 80% और उससे अधिक लंबे समय तक पेड़ लगाने के लिए तैयार किया गया है और शेष क्षेत्रों का उपयोग नर्सरी, सजावटी पौधों और पशु चारा के लिए किया जाएगा। ईको-टूरिज्म से राज्य के स्थानीय लोगों को भी लाभ होगा।

ग्रेटर सोहरा जलापूर्ति योजना (Greater Sohra Water Supply Scheme)

जल जीवन मिशन पहल के तहत उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय और राज्य सरकार ने नल के माध्यम से हर घर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। राज्य के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले कुछ परिवारों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना एक चुनौती है जिसे पूरा किया जाएगा।

SOURCE-GK TODAY

Any Doubts ? Connect With Us.

Join Our Channels

For Latest Updates & Daily Current Affairs

Related Links

Connect With US Socially

Request Callback

Fill out the form, and we will be in touch shortly.

Call Now Button